Ranjana Mathur Language: Hindi 458 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 7 Next Ranjana Mathur 27 Mar 2018 · 2 min read मैं कविता हूँ "विश्व कविता दिवस" पर मेरे हृदय के सुरों को शब्दमाला में गूंथने वाली साहित्य जगत में मेरी सबसे चहेती विधा "कविता" को मेरी सस्नेह भेंट समर्पित है --- मुझे पहचानिए... Hindi · कविता 557 Share Ranjana Mathur 27 Mar 2018 · 1 min read भाव विभोर बन गयी मैं तो श्याम दीवानी करूं मैं प्रभु तेरी भक्ति अपार। ईशमय हो गया ये संसार प्रभुमय हो गया ये संसार। यमुना तीरे तेरी बाट देखती जल बीच अपना... Hindi · गीत 383 Share Ranjana Mathur 27 Mar 2018 · 2 min read क्या आज भी पुस्तकें हमारी मित्र हैं? ? "किताबी कीड़ा " जी हाँ बचपन में मुझे मेरी बहनें और सहेलियाँ इसी नाम से पुकारा करती थीं। मेरा ही नहीं हमारी आयु वर्ग के सभी लोग उन दिनों पुस्तकों... Hindi · लेख 1 1 236 Share Ranjana Mathur 27 Mar 2018 · 1 min read राम नाम की महिमा श्री राम जय राम जय जय राम हर सुख दुख में लूं तेरा ही नाम। तू ही है मेरा जीवन दाता तू ही हमारा भाग्य विधाता तू ही बनाए मेरे... Hindi · कविता 341 Share Ranjana Mathur 27 Mar 2018 · 2 min read हिन्दी साहित्य मंदिर की सरस्वती आज महान् कवयित्री महादेवी वर्मा जी के जन्मदिन पर महान् लेखिका के जीवन पर कुछ पंक्तियाँ लिखने का एक तुच्छ सा प्रयास - - - दिवस था वह २६ मार्च... Hindi · कविता 245 Share Ranjana Mathur 6 Feb 2018 · 2 min read मुन्नी का सपना "निकाल पैसे मुझे दे वरना ".... "सारे पैसे तुम्हें दारू के लिए कैसे दे दूँ। अनाज पानी ईंधन कहां से लाऊँ" ...... माँ मार खाते हुए सिसक कर धीरे से... Hindi · लघु कथा 563 Share Ranjana Mathur 6 Feb 2018 · 1 min read कुछ करो सुधार ????? भले कर्म अनमोल हैं बन्धु, बुरे कर्म सब मिट्टी-धूल। प्रभु के हाथ सब लेखा-जोखा, वह सब कर लेता है "वसूल"।। ????? नेकी का तुम सदा साथ दो, बदी को... Hindi · गीत 290 Share Ranjana Mathur 6 Feb 2018 · 1 min read ? माँ तुझे नमन ? तू इस धरा पर बिखरा अप्रतिम प्यार है। तेरी ममता की छाया में पला संसार है। मेरी रग-रग में बसा तेरा दुलार है। तेरी बांहों में समाई हुई है सारी... Hindi · कविता 252 Share Ranjana Mathur 6 Feb 2018 · 2 min read ?आंखें ? " सूरत और सीरत" जी हाँ इन दोनों को ही सर्वाधिक प्रभावित करने वाली अहम किरदार है हमारी आंखें। आंखें यानि नयन, चक्षु, नेत्र, अंखियाँ, नैना, निगाहें और न जाने... Hindi · लेख 326 Share Ranjana Mathur 6 Feb 2018 · 1 min read जीवन का मर्म मानव जीवन मिला रे प्राणी कर नेकी कर कुछ सत्कर्म परोपकार करने में ओ बंधु न करना तू जरा भी शर्म। अरे भला करके दुखियों का तू कर ले कुछ... Hindi · कविता 529 Share Ranjana Mathur 6 Feb 2018 · 1 min read मित्रता एक वटवृक्ष मेरे दृष्टिकोण से अच्छे और सच्चे दोस्तों का मिलना सौभाग्य की बात होती है। मित्रता वह वटवृक्ष है जिसके तले दो प्राणी दोस्त के रूप में पारस्परिक स्नेहिल अपनत्व की... Hindi · लेख 1 262 Share Ranjana Mathur 6 Feb 2018 · 1 min read गज़ल जिन्दगी ऊपर वाले की सौगात होती है उसकी मर्जी से ही दिन व रात होती है। चांद तो एक ही होता है नीले नभ के तले संग-संग सितारों ही की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 223 Share Ranjana Mathur 30 Dec 2017 · 1 min read विधा-वर्ण पिरामिड अभिलाषा ?????? हे दाता मन ने हमेशा ही स्नेह तलाशा साथ हों अपने यही है अभिलाषा। ?????? ऐ मेरे वतन तुझे न दूं कभी हताशा तुझ पे मिटूं मैं यही... Hindi · कविता 382 Share Ranjana Mathur 30 Dec 2017 · 1 min read ?? हाइकू ?? ? बुलंद सोच मजबूत हौसले ऊंची उड़ान। ? वादे के पक्के करते वही हैं जो देते जुबान। ? वतन पर न्योछावर है सब होंगे कुर्बान। ? जो चली हवा देखो... Hindi · हाइकु 293 Share Ranjana Mathur 28 Dec 2017 · 1 min read ? मीत मेरे ? ??? साथी तेरे लिए ही मैंने सारी दुनिया ठुकराई, मगर कभी तुझसे ओ मितवा न की बेवफाई। ??? सदा रहूंगी साथ तेरे ये कसम है मैंने खाई, दूर न जाऊँगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 234 Share Ranjana Mathur 18 Dec 2017 · 1 min read पंछी पिंजरे का पिंजरे में इक कैद था पंछी साथी था उसका आजाद। किन्तु सदा करता तैनाती बड़ा ही जुल्मी था सय्याद। साथी देता उसे दिलासा दिल छोटा मत करना तू। इक दिन... Hindi · कविता 375 Share Ranjana Mathur 14 Dec 2017 · 1 min read बदनाम क्यूँ ???? ये किस्सा जिन्दगी में हमने आम होते देखा है। हमने अच्छाइयों को नाकाम होते देखा है। शोहरतें उनको मिलीं जिनका न ईमान कोई सच्चे लोगों को हमने बदनाम होते देखा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 575 Share Ranjana Mathur 13 Dec 2017 · 1 min read ??मानव का दम?? ???? वीर हैं हम दमदार हैं हम, है हमारे बाहुबल में दम। हम न हारेगें मेहनत से, खुद हारेगा हम ही से श्रम। कुछ और नहीं मानव हैं हम।। ????... Hindi · कविता 310 Share Ranjana Mathur 8 Dec 2017 · 1 min read मेरा भगवान् इतनी ताकत मिली है मुझको रब की रहमत में। साथ खड़ा मिलता है वो मेरी हर मुसीबत में। कहो मिलता है भला क्या बदी और नफरत में क्यूँ न भर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 391 Share Ranjana Mathur 8 Dec 2017 · 1 min read ज़िद्दी मन नादां इंसान उड़ता न हौसलों की उड़ान न फहराता एवरेस्ट पर तिरंगा न छूता वह चांद न होती किसी लक्ष्य की सिद्धि यदि न होता यह मानव मन जिद्दी ।... Hindi · कविता 498 Share Ranjana Mathur 29 Nov 2017 · 1 min read शायद स्वप्न हो पूरा मात पिता के चरण दबाएं सुख पाएं आशीष कमाएं। दिव्यांगों को राह दिखाएं बांह पकड़ मंजिल पहुंचाएं। राह के पत्थर उठा कर फेंकें मार्ग के कंटक उखाड़ डालें। रोती अंखियों... Hindi · कविता 515 Share Ranjana Mathur 28 Nov 2017 · 1 min read न जाने क्यों उफ ये कारी बदरिया.... ऐसे मुझको क्यूँ रिझाए। देख इसे क्यूँ बार बार मुझे.... अपना कोई याद आए। झांकना भी चाहे मन.... यादों के झरोखों में। बह गये वो प्यारे... Hindi · गीत 624 Share Ranjana Mathur 25 Nov 2017 · 1 min read तू है शक्ति नारी वह शक्ति है बढ़ाती जो हर कुल हर वंश। त्याग मयी यह मूर्ति देकर अपने तन का अंश। करो प्रयत्न कि तुम्हारी ओर से कभी न उसको कोई दंश।... Hindi · कविता 488 Share Ranjana Mathur 21 Nov 2017 · 2 min read अन्तर्मन सहज मेरा दिल सहता है या इसकी एक विवशता है कभी किसी ने न समझा मेरा अन्तर्मन क्या कहता है। कोख से प्रादुर्भाव हुआ तो परख जांच पड़ताल हुई। जन्मदात्री... Hindi · कविता 1 1 396 Share Ranjana Mathur 21 Nov 2017 · 1 min read गज़ल न ही रवा कहिए न ही सज़ा कहिए जो हो रहा है वो उसकी रज़ा कहिए। हम तो हैं जी रहे रहमो करम पर उसके जिन्दगी को ऊपर वाले की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 286 Share Ranjana Mathur 15 Nov 2017 · 2 min read === खुशी === खुशी एक ऐसा अनोखा एहसास है जो व्यक्ति की आंतरिक इच्छा से जुड़ा होता है। यदि मन में उमंग है /ललक है/ जीने की चाह है /उत्साह है तो चारों... Hindi · लेख 610 Share Ranjana Mathur 12 Nov 2017 · 1 min read "क्योंकि तू एक माँ है" चाहे तन से झुक जाए तू लेकिन कभी मन होगा न कम। तू न करेगी कभी शिकायत चाहे निपूत हों क्यों न हम। मांँ विशाल है माँ अथाह है तेरे... Hindi · कविता 569 Share Ranjana Mathur 11 Nov 2017 · 1 min read कर्म - पोटली भौतिक सुख की उच्चाकांक्षा और अप्राप्य को प्राप्य में न बदल पाना है असंतोष। नश्वरता से शाश्वत में जाने की खुशी का नाम है आत्म संतोष। अंतिम विदाई में न... Hindi · कविता 266 Share Ranjana Mathur 7 Nov 2017 · 1 min read ** स्तुति ** अति रमणीक है हृदय का उपवन अधिष्ठाता जिसके प्रभु स्वयं आप। अन्तर्मन की वाणी तुम सुनते नहीं सुनते तुम मिथ्या आलाप। यदि हूँ मैं पथभ्रमित तो दाता दो परमेश्वर तुम... Hindi · कविता 505 Share Ranjana Mathur 5 Nov 2017 · 5 min read ====उनका जीवन भी हो खुशहाल==== "मेरे बेरंग सूने संसार का रंगों से क्या वास्ता"?? यह कोई फिल्मी संवाद नहीं बल्कि एक घिसा पिटा वाक्य है जो या तो हमारे देश की हर उस अभागिन जिसका... Hindi · लेख 298 Share Ranjana Mathur 1 Nov 2017 · 1 min read ==हमने यह सोचा है == आज हमने मन में ऐसा कुछ ठाना है हर रूठे को मनाना है हर रोते को हंसाना है कुछ हंसना है कुछ हंसाना है दिलों के फासलों को मिटाना है... Hindi · कविता 210 Share Ranjana Mathur 1 Nov 2017 · 1 min read **सर्दी के मौसम में ** आ गयी ठंड गुलाबी वाली निकाले स्वेटर रजाई निकाली तरह माल खाने के दिन हैं आए घी गुड़ से भर गयी है थाली आ गयी ठंड गुलाबी वाली गजक रेवड़ी... Hindi · कविता 492 Share Ranjana Mathur 12 Oct 2017 · 2 min read ===बेटी=== उसके मिट जाने के भय से जब मां के भीग गये कपोल। कोख में सिमटी नन्ही के भी मोती टपके गोल गोल। भीतर कुछ हलचल होती है जब बेटी की... Hindi · कविता 544 Share Ranjana Mathur 12 Oct 2017 · 1 min read *****मन बावरा *** मन बावरा मन चंचल मन बावरा पंछी दूर दूर तक सैर कराए। पल में यहां तो पल में वहां पंख लगा कर उड़ता जाए। कभी तो लेकर यह उड़ जाता... Hindi · कविता 3k Share Ranjana Mathur 12 Oct 2017 · 1 min read अहोई अष्टमी की हार्दिक बधाई हे अहोई माता दे ऐसा भाग्य हर सुहागन पाए अटल सौभाग्य। हे अहोई माता दे वरदान हर माता पाए संतान। हर एक गोद भरी रहे घर बगिया हरी भरी रहे।... Hindi · कविता 522 Share Ranjana Mathur 10 Oct 2017 · 1 min read काश हम सदा रहते बच्चा वो बीता कल कहां गया ओ बचपन तू लौट के आ मुझ को उन यादों में बुला। खेलकूद के कदम घर में रखना माँ की गोदी में सिर रखना। माँ... Hindi · कविता 427 Share Ranjana Mathur 10 Oct 2017 · 1 min read माँ का नहीं है कोई विकल्प बिन माँ का रोता है नन्हा बच्चा जब माँ की याद देती है रुला। रात आती है मां की लोरी लेकर निंदिया की गोदी में जाती है सुला। माँ है... Hindi · कविता 549 Share Ranjana Mathur 9 Oct 2017 · 1 min read ==अबकी बार यूं दीवाली मनाते हैं == आओ मनाएँ ऐसे अबकी दीवाली आओ मनाएँ ऐसे अबकी दीवाली। घर की सफाई तो सब करते हैं घर में खुशियों के रंग सब भरते हैं। सब मिल सफाई करें गली... Hindi · कविता 376 Share Ranjana Mathur 8 Oct 2017 · 1 min read ?अयोध्या में दीवाली ? हुआ-हुआ खुशियों का सवेरा बीत गयी रात तम की काली सिया राम के पड़े शुभ चरण हुई नगरिया में खुशहाली दीप जल उठे जगमग-जगमग हुई अयोध्या में दीवाली। नष्ट हुए... Hindi · कविता 325 Share Ranjana Mathur 8 Oct 2017 · 1 min read घर केवल चार दीवारों के भीतर बनाए गए कमरों का नाम नहीं है घर। कोने कोने में रहती है जहाँ जिन्दगी पग पग पर मिलती है जहाँ खुशी। हर पल खिलखिलाती... Hindi · कविता 334 Share Ranjana Mathur 7 Oct 2017 · 1 min read /// माँ जैसा कोई नहीं /// घर के कोने कोने में बसा एहसास है मां तेरे भीतर ही ईश्वर का वास है मां। अंधेरी रात में दिये का उजाला है मां रेगिस्तान में शीतल जल का... Hindi · कविता 726 Share Ranjana Mathur 7 Oct 2017 · 1 min read #)) माँ तुम याद आती हो ((# जब-जब चमकती है बारिश में बिजलियाँ माँ तुम याद आती हो। जब-जब बजती हैं कांच की चूड़ियाँ माँ तुम याद आती हो। जब-जब बनती हैं चूल्हे पर रोटियाँ माँ तुम... Hindi · गीत 739 Share Ranjana Mathur 7 Oct 2017 · 1 min read ]]]]] नारी तू पृथ्वी की धुरी है [[[[[ नारी तू पृथ्वी की धुरी है नारी तू जग की संचालिका है। नारी तू संस्कृति की संवाहिका है। नारी तू सभ्यता की समृद्धिका है। नारी तू समाज की संयोजिका है।... Hindi · कविता 1 1 672 Share Ranjana Mathur 5 Oct 2017 · 1 min read == मां सरस्वती तेरी जय==  तू ही स्वर की दाता है, तू ही वर्णों की ज्ञाता। तू ही है मां बुद्धि विधाता, तू वाणी की अधिष्ठात्री। तू ही भोर तू ही रात्रि, तेरे आगे... Hindi · कविता 312 Share Ranjana Mathur 4 Oct 2017 · 3 min read ?कच्ची है माटी जैसी चाहे गढ़िए? प्रायः यह देखा गया है कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से लेकर अभी तक भारतवासियों के ऊपर से अंग्रेज़ी भाषा व पाश्चात्य तौर तरीकों का भूत उतरा नहीं बल्कि सर... Hindi · लेख 425 Share Ranjana Mathur 3 Oct 2017 · 1 min read ? हृदय की वीणा के सुर ? न मुझमें कुछ मेरा प्रियतम, न तुझमें कुछ तेरा। दो श्वासें एकसार हो गईं, वीणा ने सुर साथ बिखेरा। विवाह की पावन वेदी पर, थामा था तुमने हाथ मेरा। आओ... Hindi · मुक्तक 328 Share Ranjana Mathur 3 Oct 2017 · 1 min read ? पिता के जन्मदिवस पर ? छोटे हैं हम, अबोध हैं हम, सम्मुख आप के नादान हैं। आपसे पाया हमने जीवन आप हमारे लिए ईश्वर समान हैं। आप के स्नेहिल बड़प्पन का, करते बहुत - बहुत... Hindi · कविता 1 2k Share Ranjana Mathur 1 Oct 2017 · 1 min read ?किरणें लाई हैं संदेशा ? प्रथम रश्मि आ गई रवि की'हमको यह समझाने। भूल पुराना सोच नया तू, मैं आई नव मार्ग दिखाने। दुखड़ा छोड़ दे बीते कल का सोच नया कुछ अगले पल का।... Hindi · मुक्तक 286 Share Ranjana Mathur 30 Sep 2017 · 1 min read # राहें # राहों से सीखा मैंने अकेले ही आगे बढ़ना। मंजिल पर पहुंच कर ही रुकना ठहरना। बीच में कहीं न रुकना न बहकना। रास्ते में खुश रहना चहकना। पूरे सफर भर... Hindi · कविता 416 Share Ranjana Mathur 30 Sep 2017 · 1 min read =* * चमके किस्मत का तारा * *= हाथों की लकीरों पर न करो अंधा विश्वास कभी-कभी ये कर देती हैं भविष्य का नाश। इंसान की किस्मत की ये लकीरें बन जाती हैं कई बार दिमाग की जंजीरें।... Hindi · कविता 587 Share Previous Page 7 Next