*प्रणय* 3794 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 76 *प्रणय* 5 Dec 2022 · 1 min read ■ तेवरी / कक्का ■ तेवरी / कक्का (ठेठ देशी ठाठ की एक ग़ज़ल) 【प्रणय प्रभात】 ■ गेहूँ संग गुड़ लइयो कक्का! कल बंगले पे अइयो कक्का।। ■ होइहि वहि जो राम रचि राखा।... Hindi 1 165 Share *प्रणय* 5 Dec 2022 · 1 min read ■ दैनिक लेखन स्पर्द्धा / मेरे नायक ◆कविता◆ ■ मेरे_नायक_मेरे_राम 【प्रणय प्रभात】 कुल आठ याम बस एक नाम मम कर्म राम मम धर्म राम मम गेह राम मम नेह राम आभास राम विश्वास राम मम आस राम... Hindi · Daily Writing Challenge 1 3 379 Share *प्रणय* 5 Dec 2022 · 6 min read ■ धर्म चिंतन / सत्यान्वेषण समय की पुकार #सत्यान्वेषण_समय_की_पुकार ■ परम आवश्यक है अर्थ के अनर्थ का प्रतिकार ★ ताकि सत्य जाए समाज के समक्ष 【प्रणय प्रभात】 कुछ दिनों पूर्व व्यासपीठ पर आसीन एक कथावाचक धार्मिक चैनल पर... Hindi 1 398 Share *प्रणय* 5 Dec 2022 · 2 min read ■ त्वरित टिप्पणी / बेपरवाह ई-मीडिया #त्वरित_टिप्पणी- ■ शब्द प्रयोग और बेपरवाह ई-मीडिया ◆ अब तय हों भूमिका की हदें 【प्रणय प्रभात】 "शब्द ब्रह्म होते हैं, जिनका नाद कालजयी होता है।" टिल को ताड़ और राई... Hindi 1 191 Share *प्रणय* 5 Dec 2022 · 1 min read ■ देशी_ग़ज़ल / दरबारी_होगा #देशी_ग़ज़ल ■ अखबारी_होगा। 【प्रणय प्रभात】 ◆ जो बन्दा दरबारी होगा। वो औरों से भारी होगा।। ◆ बेशक़ खेल दिखाए जमूरा। डमरू-दार मदारी होगा।। ◆ कब होंगे अभिमन्यु सुरक्षित। कब तक... Hindi 1 223 Share *प्रणय* 4 Dec 2022 · 2 min read ■ व्यंग्य / एक न्यूज़ : जो उड़ा दी फ्यूज.. #व्यंग्य- ■ समाचार बोले तो गुर्दा-फाड़ स्पर्द्धा.... 【प्रणय प्रभात】 समाचार अब समाचार नहीं चीत्कार बन चुके हैं। चीत्कार भी निरीह जनता नहीं न्यूज़ एंकर या मैदानी रिपोर्टर की। मंशा तिल... Hindi · Daily Writing Challenge 1 317 Share *प्रणय* 4 Dec 2022 · 1 min read ■ कटाक्ष / कोरी क़वायद #कैसी_रही_सलाह...? 【प्रणय प्रभात】 ■ एक नागरिक- "सर! तीन बार जनसुनवाई में आवेदन दे आया। कोई निराकरण नहीं हुआ। क्या करूं...?" ■ मेरा जवाब- "चौथी बार फिर से देकर आओ अपना... Hindi 1 686 Share *प्रणय* 4 Dec 2022 · 1 min read ■ मौजूदा हाल.... ■ सियासत के तीन सवाल 【प्रणय प्रभात】 ■ पहला आलाकमान के लिए:- "जो बिना आलाकमान बने बेनागा भाला-कमान चला रहा है। वो आगे भी उसके रिमोट से क्या खाक़ चलेगा?"... Hindi 1 178 Share *प्रणय* 4 Dec 2022 · 3 min read ■ आलेख / दारुण विडम्बना ■ बदलते मायने और हमारे अपराध 【प्रणय प्रभात】 महाकवि तुलसीदास ने श्री रामचरित मानस जी के किष्किंधा कांड के समापन से पूर्व शरद ऋतु के सौंदर्य का वर्णन किया। जिसे... Hindi 1 174 Share *प्रणय* 4 Dec 2022 · 4 min read ■ विशेष_आलेख / कूनो की धरा किसकी...? #विशेष_आलेख #आवश्यक_है_अन्वेषण ■ "कूनो" की पावन भूमि ऋषि कण्व की या फिर कणाद की....? ◆ प्रधानमंत्री चाहें तो संभव रहस्योद्घाटन ◆ "कूनो" के नाम मे छिपा एक अबूझ रहस्य ◆... Hindi 1 1 149 Share *प्रणय* 4 Dec 2022 · 2 min read ■ आलेख / हमारी पहचान ■ #हमारी_पहचान ★ सनातन संस्कृति और गोत्र परम्परा 【प्रणय प्रभात】 सनातम धर्म चिरंतन है और इसकी संस्कृति शाश्वत। जो "वसुधैव कुटुम्बकम" का पुनीत संदेश अनादिकाल से देती आई है। सनातन... Hindi 1 255 Share *प्रणय* 4 Dec 2022 · 1 min read ■ लघुकथा / क्लोनिंग ■ लघुकथा / क्लोनिंग 【प्रणय प्रभात】 बेहद अकड़ैल, अशिष्ट था साबूलाल। इकलौते सपूत के तौर पर मिली पुश्तैनी संपत्ति और सरकारी नौकरी ने बेहूदगी के करेले को नीम चढ़ा बना... Hindi 1 139 Share *प्रणय* 4 Dec 2022 · 1 min read ■ लघुकथा / #भड़ास #लघुकथा / #भड़ास ★प्रणय प्रभात★ सोशल मीडिया के मंच पर पिनपिना रहे थे द्वारिकानाथ। बिना नाम लिए कोस रहे थे किसी हडपखोर को। पता चला कि स्टेंडर्ड के चक्कर में... Hindi 1 146 Share *प्रणय* 4 Dec 2022 · 1 min read ■ बदलती कहावत..... #एक_और_प्रयोग:- 【प्रणय प्रभात】 ■ पुरखे कहते आए- "घर का जोगी जोगड़ा, आन गांव का सिद्ध।" ■ मैंने भी जोड़ दिया- "उन्हें गरुड़ क्या भाएगा? जिन्हें भा रहा गिद्ध।।" बन गया... Hindi 1 139 Share *प्रणय* 4 Dec 2022 · 3 min read ★ संस्मरण / गट-गट-गट-गट कोका-कोला 😊 #मेरे_संस्मरण- ■ जब मैं छोटा बच्चा था ★ गट-गट-गट-गट कोका-कोला 😊 【प्रणय प्रभात】 आज मैं आपको उस दौर की एक दास्तान सुनाने जा रहा हूँ, जब मैं महज 5 साल... Hindi 1 202 Share *प्रणय* 4 Dec 2022 · 1 min read ■ गीत / कहाँ अब गाँव रहे हैं गाँव? #गीत कहाँ अब गाँव रहे हैं गाँव? 【प्रणय प्रभात】 कड़ी धूप है शहर सरीखी, नहीं बची है छाँव। कहाँ अब गाँव रहे हैं गाँव? कहाँ अब गाँव रहे हैं गाँव??... Hindi 1 402 Share *प्रणय* 4 Dec 2022 · 3 min read ■ याद न जाए बीते दिनों की... #मेरे_संस्मरण ■ एक हुआ करती थी खटिया 【प्रणय प्रभात】 बात 1970 के दशक की है। जब बेड-फेड जैसे आइटम केवल दहेज में आया करते थे। गांव, कस्बों से शहर तंक... Hindi 1 495 Share *प्रणय* 4 Dec 2022 · 2 min read ■ सुझाव / समय की मांग ■ सोशल_मीडिया ■ समय की मांग : कुछ प्रावधान ★ जो बनाएं सोशल प्लेटफॉर्म पर अनुशासन 【प्रणय प्रभात 】 सोशल मीडिया की भूमिका और महत्ता आज किसी से छिपी हुई... Hindi 1 222 Share *प्रणय* 4 Dec 2022 · 5 min read ■ अनूठा_प्रसंग / तुलसी और रहीम जब दो महाकवियों ने रचा एक अनूठा दोहा ■ प्रणय प्रभात ■ हिंदी साहित्य में एक दोहा ऐसा भी है जो दो महाकवियों के बीच मानसिक जुगलबंदी की देन है।... Hindi 1 1k Share *प्रणय* 4 Dec 2022 · 1 min read ■ टिप्पणी / शब्द संकेत #प्रसंगवश_टिप्पणी- ■ बोलती है हिस्ट्री ऑफ द मिस्ट्री- 【प्रणय प्रभात】 ★ युवती का नाम- "श्रद्धा" ★ युवती का ठिकाना- "संस्कृति अपार्टमेंट" ★ युवती का गुनाह- "लिव इन रिलेशनशिप" ★ युवती... Hindi 1 228 Share *प्रणय* 3 Dec 2022 · 1 min read ■ ग़ज़ल / अब मेटी नादानी देख...! #ग़ज़ल ■ अब मेटी नादानी देख...! 【प्रणय प्रभात】 ★ हर सूरत अंजानी देख। तू घर की वीरानी देख।। ★ हुशियारी दिखला बैठा। अब मेरी नादानी देख।। ★ अपने ऐब छुपाकर... Hindi 1 164 Share *प्रणय* 3 Dec 2022 · 2 min read ■ अन्वेषण_विश्लेषण ■ बात में कुछ बात होना चाहिए...! ★ वाकचातुर्य बनाम वाचालता ★ प्रसंग में केबीसी के दो एपीसोड 【प्रणय प्रभात】 "बातन हाथी पाहिये, बातन हाथी पाय" एक पुरानी कहावत है।... Hindi 2 140 Share *प्रणय* 3 Dec 2022 · 1 min read ■ चिंतापूर्ण चिंतन ■ ऐसे होगा तो कैसे होगा न्याय.....? 【प्रणय प्रभात】 ★ अपराधी की मौखिक स्वीकारोक्ति को न्यायालय में मान्यता नहीं। ★ 14 दिन से अधिक की रिमांड देने में अनुचित आनाकानी।... Hindi 1 248 Share *प्रणय* 3 Dec 2022 · 1 min read ■ चर्चित कविता का नया संस्करण #न्यू_वर्ज़न ■ कलम आज उनकी जय बोल...! 【प्रणय प्रभात】 "कलम आज उनकी जय बोल। कलम आज उनकी जय बोल। जिनके बलबूते कर पाए, बिना बॉल के गोल।। कलम आज उनकी... Hindi 1 252 Share *प्रणय* 3 Dec 2022 · 1 min read ■ काव्यात्मक विचार ■ क्या आपको पता है फ़र्क़.....? 【प्रणय प्रभत】 क्या आपको पता है फ़र्क़...? * भूख और उपवास में? * प्रशंसा और उपहास में? * घात और विश्वास में? * सोच... Hindi 2 295 Share *प्रणय* 3 Dec 2022 · 1 min read ■ दैनिक लेखन स्पर्द्धा के अन्तर्गय पिता मेरे लिए.....!! (प्रभात प्रणय) मैं अपने पिता को याद नहीं करता कभी नहीं, कभी भी नहीं। और क्यों करूं याद? याद भी उन्हें, जिन्हें कभी भूला ही नहीं, जो... Hindi · Daily Writing Challenge 1 245 Share *प्रणय* 3 Dec 2022 · 3 min read ■ सामयिक व्यंग्य / गुस्ताखी माफ़ #प्रसंगवश ■ ना मुद्दा...ना माद्दा, एक से बढ़ कर एक 【प्रणय प्रभात】 "मुद्दों का अभाव कोशिश का माद्दा खत्म कर देता है।' पता नहीं यह सच हमारे देश के राजनेताओं... Hindi 1 210 Share *प्रणय* 3 Dec 2022 · 3 min read ■ "पराई आस" पर सदैव भारी "आत्म-विश्वास" ★ "परजीवी" किसलिए बनना? ★ मानस को मानसमय करिए 【प्रणय प्रभात】 मानव प्रजाति पर परजीविता का कलंक वैश्विक महामारी के 32 माह की देन नहीं। वस्तुतः यह एक प्रवृत्ति है,... Hindi 1 137 Share *प्रणय* 3 Dec 2022 · 1 min read ■ कविता / कहता. अगर बोल पाता तो....! ■ कहता. अगर बोल पाता तो....! 【प्रणय प्रभात】 बंद करो यह रोना-गाना, घड़ियाली आँसू टपकाना। बेमतलब का शोर मचाना, जबरन का माहौल बनाना। बंद करो फौरन लफ़्फ़ाज़ी, बंद करो सब... Hindi 1 170 Share *प्रणय* 2 Dec 2022 · 2 min read ■ संस्मरण / "अलविदा" #भावपूर्ण_संस्मरण अलविदा रमा के देव 😢😢😢 ■ मेरी स्मृति में क़ैद एक अमर किरदार ■ अंतिम प्रणाम अनूठे प्रेमरोगी को) 【प्रणय प्रभात】 1982 में बनी फ़िल्म प्रेमरोग हमारे शहर में... Hindi 1 190 Share *प्रणय* 2 Dec 2022 · 1 min read ■ सामयिक सवाल /- दोषी आख़िर कौन...? #एक_सवाल- दोषी आख़िर कौन...? 【प्रणय प्रभत】 "कोई कीट-पतंगा ख़ुद चल कर किसी छिपकली के मुँह पर मंडराए और छिपकली उसे अपना निवाला बनाए तो कोई समझदार सोच-समझकर बताए कि दोष... Hindi 2 312 Share *प्रणय* 2 Dec 2022 · 1 min read ■ ग़ज़ल / बात बहारों की...!! ■ ग़ज़ल / बात बहारों की...!! 【प्रणय प्रभात】 ★ बेशुमार चोटें खाई हैं कई क़रारों की। जगह कहां है इस दिवार में और दरारों की? ★ चप्पे-चप्पे पर पतझड़ की... Hindi 1 144 Share *प्रणय* 2 Dec 2022 · 1 min read ■ ग़ज़ल / बिखर गया होगा...।। #ग़ज़ल ■ बिखर गया होगा...।। 【प्रणय प्रभात】 ★ अपनी हद से गुज़र गया होगा। दिल था छोटा सा भर गया होगा।। ★ उस की बस्ती में रोशनी कम है। चाँद... Hindi 1 339 Share *प्रणय* 2 Dec 2022 · 1 min read ■ गीत- / बित्ते भर धरती, मुट्ठी भर अम्बर...! #गीत- ■ बित्ते भर धरती, मुट्ठी भर अम्बर...! 【प्रणय प्रभात】 ★ कुछ दिन अदला-बदली कर लें हम अपने अरमानों की। मुझको धरती की चाहत है, तुझको चाह उड़ानों की। दे... Hindi 1 210 Share *प्रणय* 2 Dec 2022 · 1 min read ■ ग़ज़ल / बदनाम हो गया.....! 【आज #इंदौर_समाचार में प्रकाशित ग़ज़ल】 #ग़ज़ल :-- ■ बदनाम हो गया.....! 【प्रणय प्रभात】 ★ दिल का क़त्ले-आम हो गया। अपना काम तमाम हो गया।। ★ ज़ालिम ने बस खेल किया... Hindi 1 166 Share *प्रणय* 2 Dec 2022 · 1 min read ग़ज़ल / ये दीवार गिराने दो....! #ग़ज़ल ■ ये दीवार गिराने दो....!! 【प्रणय प्रभात 】 ★ अपने कद की लंबाई की बातें छोड़ो जाने दो। ख़ुद के पैरों में सर होगा सूरज सर पे आने दो।।... Hindi 1 193 Share *प्रणय* 2 Dec 2022 · 5 min read ■ एक यात्रा वृत्तांत / संस्मरणR #यादों_का_झरोखा :- ■ पहली बारात के हम बाराती ★ यात्रा एक, अनुभव अनेक 【प्रणय प्रभात】 बात 1985 की है। जब मैं पहली बार खुद के बूते किसी बारात का हिस्सा... Hindi 1 215 Share *प्रणय* 2 Dec 2022 · 1 min read ■ सामयिक चिंतन ■ आज प्रसाद जी होते तो....! 【प्रणय प्रभात】 कालजयी कृति "कामायनी" के प्रणेता महान कवि श्रद्धेय श्री "जयशंकर प्रसाद" जी ने कभी कहा था- "नारी तुम केवल श्रद्धा हो, विश्वास... Hindi 1 303 Share *प्रणय* 2 Dec 2022 · 2 min read धार्मिक_आलेख / तुलसी का दास्य भाव - ■ दास्य भाव के सर्वोच्च प्रतीक गोस्वामी तुलसीदास ! 【प्रणय प्रभात】 एक प्रेरक वक्ता के रूप में लगभग दो दशक तक सक्रिय रहा। ईश कृपा से एक हज़ार के... Hindi 1 209 Share *प्रणय* 2 Dec 2022 · 1 min read ■ #ग़ज़ल / अक़्सर बनाता हूँ....! ■ अक़्सर बनाता हूँ.....!! 【प्रणय प्रभात】 ★ अजब फ़ितरत है मेरी, मोम को पत्थर बनाता हूँ। मैं कागज़ के सिपाही काट कर लश्कर बनाता हूँ।। ★ तक़ाज़ा वक़्त का जैसा... Hindi 2 166 Share *प्रणय* 2 Dec 2022 · 1 min read ■ एक_स्तुति ■ देवाधिदेव महादेव के नाम : देश की ओर से 【प्रणय प्रभात】 हे प्रलयंकर, हे शिवशंकर हे आशुतोष, औघड़दानी। हे महारुद्र, हे महाकाल हे महादेव, हे वरदानी।। हे शूलपाणि, डमरुधारी... Hindi 1 181 Share *प्रणय* 2 Dec 2022 · 3 min read ■ आलेख / अनुभूत और अभोव्यक्त ■ भारत, भारतीयता और भाषा के वैश्विक संवाहक हमारे प्रवासी भारतीय ◆ बीती रात किया इस सच का अनुभव 【प्रणय प्रभात】 बीती रात क़रीब 9:00 बजे मोबाइल बजा। स्क्रीन पर... Hindi 2 170 Share *प्रणय* 1 Dec 2022 · 3 min read ■ "पराई आस" पर सदैव भारी "आत्म-विश्वास" ★ "परजीवी" किसलिए बनना? ★ मानस को मानसमय करिए 【प्रणय प्रभात】 मानव प्रजाति पर परजीविता का कलंक वैश्विक महामारी के 32 माह की देन नहीं। वस्तुतः यह एक प्रवृत्ति है,... Hindi 1 176 Share *प्रणय* 1 Dec 2022 · 2 min read इमोजी है तो सही यार...! ■ इमोजी है तो सही यार...! सुबह हो दोपहर हो या फिर शाम। हमारे पास काम हो या पूरा आराम, हम जैसे जड़वत भी चेतनता का सुबूत देते हैं, समस्त... Hindi 1 259 Share Previous Page 76