*प्रणय* 3790 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 73 Next *प्रणय* 26 Dec 2022 · 2 min read #लघु_व्यंग्य- #लघु_व्यंग्य- ■ दौरे-हाज़िर, वक़्त नाज़िर….! ★ हाल विकराल, लोग बेहाल 【प्रणय प्रभात】 “चोर-चोर मौसेरे भाई”, “चोर के भाई गिरहकट”, “हमाम में सारे नंगे” और ”सैंया भए कोतवाल तो डर काहे... Hindi 1 476 Share *प्रणय* 26 Dec 2022 · 4 min read ■ एक आलेख : भर्राशाही के खिलाफ ■ मध्यप्रदेश में... भारी पड़ सकती है "लूट की छूट" ★ नंगई व दबंगई पर आमादा है बिजली कम्पनी ★ गिरोह की तरह बर्ताव कर रहा है मैदानी अमला ★... Hindi 1 145 Share *प्रणय* 25 Dec 2022 · 1 min read ■ आदरांजलि ■ असली सेंटा हमारे पेरेंट्स 【प्रणय प्रभात】 हमारी संस्कृति हमे एक दिन के देवदूत से प्रभावित होने की अनुमति नहीं देती। वो हमें जन्म और जीवन देने वाले उन अभिभावकों... Hindi 1 166 Share *प्रणय* 24 Dec 2022 · 1 min read ■ आज का विचार ■ बुद्धिमता... (प्रणय प्रभात) "मौजूदा समय की कड़वी चुनौतियों की अनदेखी कर मुगालतों में जीना बुद्धिमता नहीं। विवेकशील वो है जो झूठे विशेषणों में उलझ कर पर-निंदक व आत्म-मुग्ध बने... Hindi · Daily Writing Challenge 1 423 Share *प्रणय* 24 Dec 2022 · 1 min read ■ आज की ग़ज़ल- #ग़ज़ल- ■ छटपटाने के लिए...! 【प्रणय प्रभात】 ★ दो क़दम का फ़ासला है बस मिटाने के लिए। एक काँधा चाहिए गर सर टिकाने के लिए।। ★ बन सके जो दूरियों... Hindi 1 190 Share *प्रणय* 24 Dec 2022 · 1 min read #व्यंग्य :-- #व्यंग्य :-- ■ खयाल नेकी का... 【प्रणय प्रभात】 एक रोज़ दिल में नेक सलाह देने का ख़याल आया। मैंने अपने अज़ीज़ पड़ौसी को जा कर समझाया। लोग आपके घर की... Hindi 1 275 Share *प्रणय* 24 Dec 2022 · 1 min read ■ हम धनुर्धर.... ■ कोदंड प्रेमी 【प्रणय प्रभात】 एकलव्य, अर्जुन से नाता है। शर-संधान हमे भी आता है।। अस्त्रायुध दुनिया मे लाखों हों। हमको बस कोदंड सुहाता है।। Hindi 1 173 Share *प्रणय* 24 Dec 2022 · 1 min read ■ बेशर्म सियासत #मन्तव्य- प्रदर्शित ऐसा करते हैं मानो ख़ुद ही दूध के धुले हैं। बाक़ी सब कीचड़ में लथपथ हैं। जबकि असलियत यह है कि आज के दौर में भरमार जयचंदों की... Hindi 1 415 Share *प्रणय* 23 Dec 2022 · 2 min read 😊 झण्डू चालीसा 😊 😊 झण्डू चालीसा 😊 【प्रणय प्रभात】 ** दोहा :-- "नेकउ इज्जत ना बची, फिर भी नहीं मलाल। घूमत सीना तान के, जय-जय गुरु घंटाल।। बेच दई है लाज सब, छोड़... Hindi 1 134 Share *प्रणय* 23 Dec 2022 · 2 min read ■ लघुकथा / प्रेस कॉन्फ्रेंस #लघुकथा ■ प्रेस कॉन्फ्रेंस 【प्रणय प्रभात】 बड़े से हॉल में ख़ासी गहमा-गहमी थी। मौक़ा था एक धनकुबेर द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस का। दो-पकोड़े और चार-चार बिस्किट्स वाली पेपर-प्लेट्स एक तरफ... Hindi 1 112 Share *प्रणय* 23 Dec 2022 · 1 min read ■ क़तआ (मुक्तक) ■ बदले हुए दौर में.... ख़तरा दुश्मनों से कम दोस्तों से ज़्यादा है। बाहर वालों से नहीं, घर वालों से है। पराए एक बार रहम कर भी दें। अपने शायद... Urdu 1 306 Share *प्रणय* 23 Dec 2022 · 1 min read 😊 बस एक पंच (Punch) #काव्यात्मक_व्यंग्य ■ प्रपंच नहीं, बस एक पंच 【प्रणय प्रभात】 “ कामयावी के लिए, सार्वजनिक क्षेत्र में आओ। श्वान और श्रगाल की तरह गर्दन ऊपर उठाओ। एक सुर में अलापो, आसमान... Hindi 1 144 Share *प्रणय* 23 Dec 2022 · 1 min read ■ मील का पत्थर मंज़िल की दूरी की उलटी गिनती का परिचायक "मील का पत्थर" यात्री की ऊर्जा व आस बढ़ाता है। विराम की अनुमति नहीं देता। #प्रणय_प्रभात Hindi 2 382 Share *प्रणय* 23 Dec 2022 · 1 min read ■ जय_हो 😊 जय हो उस ढोंग की जो 24X7 आपके आभा-मंडल को आलोकित किए हुए है। # प्रणय_प्रभात Hindi 1 284 Share *प्रणय* 22 Dec 2022 · 1 min read ■ संवेदनशीलता इंसान में इंसानियत ही न हो तो काहे का इंसान? संवेदना और करुणा सर्वोच्च मानवीय गुण है। वैसे भी हमारी सनातन संस्कृति दया की प्रबल पक्षधर है, जिससे हम बाल्यकाल... Urdu 1 305 Share *प्रणय* 22 Dec 2022 · 1 min read ■ आज का शेर हर रिश्ते का नाम हो, ज़रूरी नहीं। कोई रिश्ता अनाम भी होता है। #प्रणय_प्रभात Urdu 1 194 Share *प्रणय* 22 Dec 2022 · 1 min read ■ आज का दोहा ■ मन्तव्य- पारिवारिक व सामाजिक मानसिकता का परिवर्तन बदलते देश काल और वातावरण का परिचायक होता है। सोच की बदलती दिशा भावी दशा में आमूल-चूल बदलाव को भी इंगित करती... Hindi 1 237 Share *प्रणय* 22 Dec 2022 · 1 min read ■ शब्दों संसार ■ रोचक सा विश्लेषण ■ मनोरंजक सा खेल 【प्रणय प्रभात】 शब्दों का अपना एक अलग संसार है। तमाम शब्द एक समान अर्थ के बाद भी अपने मायने बदल सा लेते... Hindi 1 193 Share *प्रणय* 22 Dec 2022 · 1 min read ■ मुक्तक / दुर्भाग्यपूर्ण दृश्य ■ नए युग मे.... 【प्रणय प्रभात】 नेह, त्याग, ममता को आख़िर बदले में संत्रास मिला। उर्मिल को निज तप के बदले खंडित सा विश्वास मिला। कलयुग में सेवा के बदले... Hindi 1 224 Share *प्रणय* 22 Dec 2022 · 1 min read ■ आज का शेर ■ मन्तव्य- किसी के भी साथ कुछ बुरा करने वालों को अपने तयशुदा हश्र के लिए ख़ुद तैयार रहना चाहिए ताकि मनमर्जी वाले जीवन का अंजाम भी कम से कम... Hindi 1 404 Share *प्रणय* 22 Dec 2022 · 1 min read ■ नैसर्गिक न्याय #लघुकथा- ■ मकड़ी की भूख.... 【प्रणय प्रभात】 उसकी भुझ एक एक कर सबको निगलती जा रही थी। उसका बुना जाल लगातार बढ़ता जा रहा था। जो एक दिन उसे ही... Hindi 1 200 Share *प्रणय* 22 Dec 2022 · 1 min read ■ एक दोहा आज का यह दोहा उन स्वार्थी संबंधों के नाम है, जिनकी उम्र बहुत कम होती है। मतलब के रिश्तों में कहाँ कोई दम होती है? #प्रणय_प्रभात Hindi 1 188 Share *प्रणय* 22 Dec 2022 · 1 min read ■ चेतावनी ■ आज की बात : चेतावनी के साथ.... समय रह्ते जाग जाओ। समय से पहले चिर-निद्रा में सोने का इरादा न हो तो। इसीलिए लिखा है:- "कोई लाश भी न... Hindi 1 206 Share *प्रणय* 22 Dec 2022 · 1 min read ■ दिल की बात : आपके साथ #व्यंग्य ■ दिल की बात< दिमागों के साथ 【प्रणय प्रभात】 "मदांध नामचीनों पर मरने वालों! नाम तो अपना भी चीन तक है। सच्चे भारतीय जो हैं आखिर। अगर चाहे जहाँ... Hindi 1 541 Share *प्रणय* 22 Dec 2022 · 1 min read ■ आज की अपील अपने ज़रा से मज़े के लिए अपनों और औरों के लिए मुसीबत की वजह न बनें। थोड़ा सा सबक़ बीते दिनों की विभीषिका से भी लें। #प्रणय_प्रभात Hindi 1 206 Share *प्रणय* 22 Dec 2022 · 1 min read ■ ईश्वरीय संकेत 👉 बीती रात, निकला दिन 【प्रणय प्रभात】 बीते 21 दिसंबर को खगोलीय स्थिति के अनुसार साल का एक अहम दिन था। खगोल-विज्ञानियों की गणना के अनुसार यह साल का सबसे... Hindi 1 194 Share *प्रणय* 21 Dec 2022 · 3 min read ■ कविता / रामभक्तों के लिए ■ एक शाश्वत कविता ◆ जो पूछ रहे हैं राम कौन.....? ◆ जो पूछ रहे हैं राम कहाँ.....? 【प्रणय प्रभात】 अँधियारे के अभ्यस्तों को, उजियारा दर्पण दिखलाएं। जो पूछ रहे... Hindi 1 176 Share *प्रणय* 21 Dec 2022 · 1 min read ■ बातों बातों में... #व्यंग्य ■ समझ जाइए बस! 【प्रणय प्रभात】 आज सुबह-सुबह एक मित्रनुमा सज्जन का कॉल आया। उसकी शिकायत थी कि, “बहुत दिनों से मुलाक़ात नहीं हुई।” मेरा सहज जवाब था- “हाँ!... Hindi 1 398 Share *प्रणय* 21 Dec 2022 · 1 min read ■ आज का रोचक शोध 😝 ■ नकारात्मकता : एक चुम्बक 【प्रणय प्रभात】 नकारात्मकता के थोथे विरोध का प्रदर्शन भले ही सारी दुनिया करे, मगर सच इससे सर्वथा उलट है। शोध करेंगे तो पाएंगे कि... Hindi 1 194 Share *प्रणय* 21 Dec 2022 · 1 min read ■ सकारात्मक चिंतन 👉 अहम दिन : विशेष संदेश 【प्रणय प्रभात】 आज 21 दिसंबर है। जो खगोलीय स्थिति के अनुसार साल का एक अहम दिन है। आज साल का सबसे छोटा दिन और... Hindi 1 334 Share *प्रणय* 21 Dec 2022 · 1 min read ■ क़तआ / किरदार 👉 क़तआ / किरदार 【प्रणय प्रभात】 "तेरे किरदार के हैं पहलू दो, अब यकीं बन चुका है अंदाज़ा। ख़ास के वास्ते अलग खिड़की, आम के वास्ते है दरवाज़ा।।" #प्रभात_प्रणय Urdu · Daily Writing Challenge 2 238 Share *प्रणय* 21 Dec 2022 · 1 min read ■ कटाक्ष / दरवाज़ा #कटाक्ष- "खुशनसीब तो हो तुम कि तुम्हें खुला मिल गया हमारे दिल का दरवाजा। वर्ना इसमें ना तो कोई एण्ट्रियां और ना ही बजें कोई घण्टियां। ऐरा-गैरा-नत्थू-खैरा समझ रखा है... Hindi · Daily Writing Challenge 185 Share *प्रणय* 21 Dec 2022 · 2 min read 🌀 ■ फ़ेसबुकी फ़जीता 🌀 #व्यंग्य- 🌀 ■ फ़ेसबुकी फ़जीता 🌀 【प्रणय प्रभात】 हे तात...!! ★ तुम अपनी पिछली पोस्ट की बेक़ड्री और दुर्गति का लेशमात्र पश्चाताप न करो और यह मानकर धैर्य धारण करो... Hindi 1 161 Share *प्रणय* 20 Dec 2022 · 1 min read ■ मुक्तक / एक आह्वान... आज का आह्वान उन महानायकों से जो अपने भविष्य के चक्कर मे शौर्यपूर्ण अतीत को विस्मृत किए बैठे हैं। #प्रणय_प्रभात Hindi 1 281 Share *प्रणय* 20 Dec 2022 · 1 min read ■ समयोचित सलाह ■ मन्तव्य- पहले समर्थ, सशक्त बनो, फिर कोई बड़ा काम करो। बिना तैयारी प्रतिरोध या निषेध आपदा को आमंत्रित करने है। #प्रणय_प्रभात Hindi 1 164 Share *प्रणय* 20 Dec 2022 · 1 min read ■ मुक्तक / नेक सलाह ■ मन्तव्य- जो नश्वर है वो कदापि शाश्वत नहीं हो सकता। केवल धन के लिए आत्मसम्मान को गिरवी रख देने वाले मूल्यहीन चाटुकार इस सत्य से जितनी जल्दी परिचित हो... Hindi · Daily Writing Challenge 1 277 Share *प्रणय* 20 Dec 2022 · 1 min read ■ गीत -/ पल-पल..... #गीत ■ पल-पल..... 【प्रणय प्रभात】 तेरा तो बस आज है प्यारे! दुनिया का है कल। बीतता है पल-पल हर पल। बीतता है पल-पल हर पल।। ◆ वो तेरा है ये... Hindi · Daily Writing Challenge 1 222 Share *प्रणय* 20 Dec 2022 · 6 min read ■ आलेख / संकीर्णता से उबरने की छटपटाती साहित्य नगरी #आलेख ■ महाकवि मुक्तिबोध की जन्म-स्थली श्योपुर ◆ जहां साहित्य का अर्थ है मात्र तुकबंदी ◆ विमर्श और विविध विधाएं गौण ◆ संरक्षण व सहयोग का है अकाल 【प्रणय प्रभात... Hindi 1 127 Share *प्रणय* 19 Dec 2022 · 4 min read ■ संस्मरण / यात्रा वृत्तांत ■ महके बाल और भन्नाई खोपड़ी ◆ बहती नहर के किनारे एक यात्रा (ग्राम-सोईं कलां से किलोरच) ◆ ऊबड़-खाबड़ पगडंडी और ट्रैक्टर-ट्रॉली की सवारी ◆ भुलाए नहीं भूलते जीवन के... Hindi · Daily Writing Challenge 1 176 Share *प्रणय* 19 Dec 2022 · 1 min read ■ व्यंग्य / समझाइश #व्यंग्य :- ■ समझाइश_सत्तारूढ़ों_को 【प्रणय प्रभात】 "आसमान की ओर मुंह किए दिन-रात एक सुर में रोते रहें। सियार, लोमड़ी और भेड़िये लामबंद होते हों तो होते रहें। भूले से भी... Hindi 170 Share *प्रणय* 19 Dec 2022 · 1 min read ■ कटाक्ष / कथनी विरुद्ध करनी पर ■ पालते रहो रेवड़ीखोर यानि फोकटी परजीवियों की भीड़। आत्मनिर्भरता की झूठी दुहाई देते हुए। मुफ्तखोर नहीं बचे तो आपकी जयकार कौन करेगा? #प्रणय_प्रभात Hindi 1 270 Share *प्रणय* 19 Dec 2022 · 1 min read ■ कैसे हो भरोसा? उस पर, जिसका चित्त ही स्थिर न हो। जो किसी एक का रह ही न सके। #प्रणय_प्रभात Hindi 1 139 Share *प्रणय* 19 Dec 2022 · 2 min read ◆ संस्मरण / अक्षर ज्ञान ■ यादों की खिड़की- ■ पुण्य स्मरण प्रथम गुरु का ◆अक्षर ज्ञान और फक्को बुआ जी ◆विद्यार्थी जीवन की पहली मित्र 【प्रणय प्रभात】 आज अपने शैशव की स्मृतियों से आपको... Hindi 1 240 Share *प्रणय* 19 Dec 2022 · 1 min read ■ छोटी सी कविता ■ लघु_कविता यह न हो पाएगा हम से। बस...!! #प्रणय_प्रभात Hindi 1 560 Share *प्रणय* 19 Dec 2022 · 1 min read ■ आज का शेर यहां भी होशियारी। मीठा-मीठा गप्प, कड़वा-कड़वा थू। Hindi 1 188 Share *प्रणय* 19 Dec 2022 · 1 min read ■ आज का शेर वैसा हो जैसा दिखता है, वो अपनी तस्वीर में। #प्रणय_प्रभात Hindi 2 333 Share *प्रणय* 19 Dec 2022 · 1 min read ■ दोहा / इन दिनों... संगठित गिरोह बनाने को बेताब सभी असंगठित। मंशा ठगबंधन कर मंशाएं पूरी करने की। #प्रणय_प्रभात Hindi 3 191 Share *प्रणय* 19 Dec 2022 · 1 min read ■ आज के नुस्खे अप्रतिम सौंदर्य के दो कामयाब टोटके उनके लिए, जिन्हें अपनी वास्तविक सूरत पर कतई भरोसा नहीं। #प्रणय_प्रभात Hindi 1 213 Share *प्रणय* 18 Dec 2022 · 1 min read ■ पैग़ाम : पड़ौसी को।। ■ फिर तांडव पे बाध्य न कर! 【प्रणय प्रभात】 चीन चील है माना लेकिन, हिन्द नहीं गौरैया सुन ले। झूठमूठ का भ्रम मत पाले, सुन ले छोटे भैया सुन ले।।... Hindi 1 189 Share *प्रणय* 18 Dec 2022 · 1 min read ■ एक ही खटका।। ■ मन्तव्य- मन में चोर बैठा हो तो गिरता हुआ सूखा पत्ता भी अपनी खड़क से डरा देता है। यही हाल मुखौटों के पीछे जीने वालों का है, जो अपनी... Hindi 1 269 Share Previous Page 73 Next