Minal Aggarwal 1149 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 8 Next Minal Aggarwal 20 Jan 2022 · 1 min read इस दरख्त के तने से निकलती डालियों को इस दरख्त के तने को सख्त रहने देना इससे निकलती डालियों को नरम जीते जी इन्हें नरम रहने देना दरख्त के तने से जब होंगी जुदा तो खुद ब खुद... Hindi · कविता 1 209 Share Minal Aggarwal 20 Jan 2022 · 1 min read कोई भुतहा कहानी ऐसा फंदा कसा है उसके गले में कि मरने तो बेशक नहीं पर खुद के सिवाय वह उसे किसी और के लिए जीने नहीं दे रही नस नस में बदमाशी... Hindi · कविता 456 Share Minal Aggarwal 19 Jan 2022 · 1 min read नींद नहीं आती शनील की चादर पर मलमल के तकिये पर भी अब तो मुझे नींद नहीं आती रेशम के धागे से नाजुक ख्वाब थे मेरे वह जो टूटे हैं तो अब नींद... Hindi · कविता 200 Share Minal Aggarwal 19 Jan 2022 · 1 min read मेरी स्मृतियों के पटल से कहां गये कहां गये तुम कहां चले गये मेरी स्मृतियों के पटल से पर कहीं चले मत जाना गर जाओ तो फिर संग मुझे भी ले जाना। मीनल सुपुत्री श्री... Hindi · कविता 143 Share Minal Aggarwal 18 Jan 2022 · 1 min read एक बहुत ही सुंदर सा खिलौना कभी बन जाऊंगी मैं भी मिट्टी पर अभी तो सोना हूं अभी हंसना है मुझे जीना है मुझे खेलना है मुझे एक फूल सा खिलना है मुझे सुबह जगना है... Hindi · कविता 2 2 445 Share Minal Aggarwal 18 Jan 2022 · 1 min read यह रिश्ता अजीब है वह न करीब है न दूर है समझ नहीं आता क्या नाम दूं इस रिश्ते को पर यह रिश्ता अजीब है यूं तो खत्म हो जायेगी मेरी दुनिया गर किसी... Hindi · कविता 1 1 435 Share Minal Aggarwal 18 Jan 2022 · 1 min read घर घर नहीं रहते घर वह पहले वाले घर नहीं रहते किसी के जाने के बाद बचे खुचे लोग फिर नहीं सम्भलते किसी के जाने के बाद यूं तो देखने वालों को लगता है... Hindi · कविता 200 Share Minal Aggarwal 17 Jan 2022 · 1 min read जिनसे पूरी उम्मीद होती है जिनसे कोई उम्मीद नहीं होती वह कभी कभी उम्मीद बंधाने चले आते हैं जिनसे पूरी उम्मीद होती है वह तो अक्सर ही उसे थोड़ा नहीं सारे का सारा तोड़ देते... Hindi · कविता 1 224 Share Minal Aggarwal 17 Jan 2022 · 1 min read वंचित तेरी बगिया के एक पेड़ की डाली पर एक फूल महका वह बगिया तेरी थी पेड़ भी तेरा उसकी डाल भी तेरी फूल भी तेरा उसकी महक भी तेरी मेरा... Hindi · कविता 244 Share Minal Aggarwal 17 Jan 2022 · 1 min read जिन्दगी रहते भी जीवन मेरे रहते हुए भी चल रहा जिनका सरलता से, सहजता से और हंसी खुशी जिनकी जिन्दगी में मैं अब भी नहीं शामिल कहने को तो उनसे सबसे करीबी खून... Hindi · कविता 207 Share Minal Aggarwal 16 Jan 2022 · 1 min read तुम्हारी आत्मा तुम्हारी देह अब नहीं दिखती पर तुम्हारी आत्मा तो इतनी पावन थी कि अमर होगी ही यहीं कहीं मेरे आसपास टहल रही होगी ही मुझे छूने की कोशिश करती होगी... Hindi · कविता 308 Share Minal Aggarwal 16 Jan 2022 · 1 min read एक लकीर की तरह यहां से वहां वहां से यहां बस एक लकीर की तरह खींचते हुए सीधे सीधे जरा सी अपनी बनाई जगह में ही चलते रहते हुए अपने बंधे हुए विचारों में... Hindi · कविता 212 Share Minal Aggarwal 16 Jan 2022 · 1 min read यह मोतियों की माला भी कभी सफेद कभी काला तो कभी एक रंगीन मोती यह मोतियों की माला भी बड़ी ही विचित्र है क्या अच्छा होता एक से ही मोती धारण करती यह भी तरह... Hindi · कविता 1 1 346 Share Minal Aggarwal 15 Jan 2022 · 1 min read एक बोर फिल्म सी जीवन की किताब का पन्ना मुझे अब नहीं पलटना इस कहानी के आगे और इसका अंत क्या होना है नहीं जानना कोई इच्छा नहीं रही अब तक भी जो कहानी... Hindi · कविता 1 1 236 Share Minal Aggarwal 15 Jan 2022 · 1 min read ख्वाहिशें बेल बनकर रात को सपने जागते हैं अरमान सोते हैं कभी कभी सपने सोते हैं अरमान जाग जाते हैं ख्वाहिशें बेल बनकर एक उम्मीदों की शाखाओं से भरे पेड़ के सीधे आसमान... Hindi · कविता 1 1 227 Share Minal Aggarwal 15 Jan 2022 · 1 min read उन्हें हमारी याद तो आई सारी उम्र बीतने पर आई फिर भी चलो एक बार ही सही उन्हें हमारी याद तो आई मुलाकात तो फिर भी न हुई उन्होंने मेरे बिखरे सामान को टटोला कहीं... Hindi · कविता 317 Share Minal Aggarwal 14 Jan 2022 · 1 min read वह दिल ही क्या दिल पत्थर का है या है धातु का या है ही नहीं वह दिल ही क्या जो अपनों को मौत की नींद सुलाये और जो हों गैर उन्हें सिर झुकाकर... Hindi · कविता 251 Share Minal Aggarwal 14 Jan 2022 · 1 min read गुलशन के बीच रहकर भी गुलशन के बीच रहकर भी जो गुलशन की बात न करे गुल, गुलशन और गुलफाम से इश्क, मोहब्बत और प्यार न करे तो ऐसे जाहिल इंसान का तो इस दुनिया... Hindi · कविता 268 Share Minal Aggarwal 13 Jan 2022 · 1 min read जीवन की यात्रा जीते जी अपने जीवन की यात्रा थोड़ी बहुत तो समझ आ रही है मरने के बाद न जाने क्या होगी जीवन रहते जीवन न रहते हुए भी यात्रा तो निरंतर... Hindi · कविता 388 Share Minal Aggarwal 13 Jan 2022 · 1 min read विष का एक सागर इसका दिल तो विष का एक सागर है अमृत की चाहे जितनी बूंदे भी इसमें घोल दो इसपर कोई असर नहीं होगा यह नाग बहुत विषैला है यह अपना जीवन... Hindi · कविता 193 Share Minal Aggarwal 12 Jan 2022 · 1 min read एक आखिरी पल बीता हुआ पल कुछ और था यह पल आज का अभी का कुछ और है आने वाला पल भी कुछ और होगा यकीनन अब जो है वह तो नहीं होगा... Hindi · कविता 455 Share Minal Aggarwal 12 Jan 2022 · 1 min read एक कंचे की गोली में एक कंचे की गोली में यह नीला आसमान बंद कर लूं इस नीले आकाश की नील चिरैया बन जाऊं फिर मैं कभी तो जो मेरे जी में आये अपने मन... Hindi · कविता 250 Share Minal Aggarwal 12 Jan 2022 · 1 min read कांच की लकीर है कांच की लकीर है एक दर्पण में कैद कोई तस्वीर है इसे जिन्दगी मिले या फिर मौत यह फिर इसकी तकदीर है। मीनल सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज... Hindi · कविता 155 Share Minal Aggarwal 11 Jan 2022 · 1 min read कांच चुभाता दरिया कितने पत्थर मार रहा है फिर भी वह दर्पण नहीं टूट रहा दूर से लग रहा एक दर्पण पास जाकर देख ले पारे का एक तपता हुआ बहता हुआ सब... Hindi · कविता 247 Share Minal Aggarwal 11 Jan 2022 · 1 min read इंतजार की घड़ियां इंतजार की घड़ियां खत्म ही नहीं हो रही जब तक तुम आओगे मेरे पास मैं तो अंदर अंदर भीतर भीतर से घुल घुलकर पिघल चुकी होंगी एक ठोस आकार से... Hindi · कविता 214 Share Minal Aggarwal 11 Jan 2022 · 1 min read इस पेड़ का तना इस पेड़ का तना टेढ़ा है तभी सबको सहारा दे रहा है खुद को सम्भाल रहा है सबको सम्भाल रहा है कहीं बिल्कुल सीधा तना खड़ा होता तो कभी का... Hindi · कविता 157 Share Minal Aggarwal 10 Jan 2022 · 1 min read इन राहों पर यह रास्ता साफ क्यों नहीं है इस पर यह कंकड़, मिट्टी, पत्थर, धूल और गंदगी कहां से उड़कर आ जाते हैं मैं तो रोज बिछाती हूं इन राहों पर फूल... Hindi · कविता 1 247 Share Minal Aggarwal 10 Jan 2022 · 1 min read आंसू भी मुस्कान भी आंख में आंसू भी चेहरे पर मुस्कान भी यह हंस रहे हो कि रो रहे हो इसे मैं हंसना मानूं या रोना मैं समझ नहीं पा रही मैं देख पा... Hindi · कविता 671 Share Minal Aggarwal 10 Jan 2022 · 1 min read एक इन्द्रधनुष सा लहराया एक इन्द्रधनुष सा अभी अभी मेरी पलकों की कनखियों के किनारों पर लहराया किसी नई भोर का एक सुंदर स्वप्न जो तुम्हारे साथ बुना था वह याद आया न सूरज... Hindi · कविता 1 544 Share Minal Aggarwal 9 Jan 2022 · 1 min read मेले से लौट रहे हैं लोग मेले से अपने घरों को लौट रहे हैं अब लोग खुश हैं चेहरों पर मुस्कान है पर शरीर में थोड़ी थोड़ी दिनभर जो की मस्ती बातें भागदौड़ उसकी थोड़ी बहुत... Hindi · कविता 347 Share Minal Aggarwal 9 Jan 2022 · 1 min read यह आंखें पथरा जायेंगी इस दुनिया के लोग जो जिन्दा हैं उनका इंतजार नहीं करते और मेरे प्यार के पागलपन की हद देखो मैं जो मर चुके उनका भी इंतजार करती हूं मुझे उम्मीद... Hindi · कविता 444 Share Minal Aggarwal 9 Jan 2022 · 1 min read वह औरत वह औरत अपना सिर हिलाती है चेहरा घुमाती है तो उसके कान में लटकी बाली भी हिल जाती है चूमना चाहती है वह उसके बालों को कानों को गालों को... Hindi · कविता 255 Share Minal Aggarwal 8 Jan 2022 · 1 min read इसने लोहे को पीट पीटकर इसने लोहे को पीट पीटकर कुछ तो बना ही दिया किसी काम का नहीं था इससे पहले यह लोहे का एक टुकड़ा इसे किसी के काम आने योग्य कुछ उपयोगी... Hindi · कविता 1 165 Share Minal Aggarwal 8 Jan 2022 · 1 min read निष्कर्ष दुनिया के सारे सुख मिलने पर भी यह आदमी खुश नहीं तो यह खुश आखिरकार होगा कैसे यह जीवन भर कभी खुश होगा नहीं यह निष्कर्ष मैंने निकाल लिया क्योंकि... Hindi · कविता 2 367 Share Minal Aggarwal 8 Jan 2022 · 1 min read नींद हो तो नींद हो तो एक गोद के छोटे बच्चे जैसी हो कोई चिंता नहीं कोई बाधा नहीं न खुद की न दुनिया की कोई सुध नहीं न सपने हैं न याद... Hindi · कविता 1 243 Share Minal Aggarwal 7 Jan 2022 · 1 min read भगवान के मंदिर में रोज जब भी मुंह खोले झूठ बोले जब भी हाथ उठाये दूसरों को मार लगाये फिर भी पैर कांपते नहीं कलेजा मुंह को आता नहीं जब भगवान के मंदिर में रोज... Hindi · कविता 1 172 Share Minal Aggarwal 7 Jan 2022 · 1 min read इस पल में जो अच्छे समय में ही नहीं पूछ रहा वह बुरा समय आने पर कहां पूछेगा लेकिन अभी से क्यों सोचा जाये कि आने वाला समय बुरा ही होगा व्यर्थ की... Hindi · कविता 181 Share Minal Aggarwal 7 Jan 2022 · 1 min read इन गलियों की तरह ही वह राह चलता राहगीर भी सड़क से मुड़ गया सड़क से जुड़ी एक गली में गली बंद थी या खुली वह न जाने कहां गया मुझे तो इन बंद होती... Hindi · कविता 221 Share Minal Aggarwal 6 Jan 2022 · 1 min read चांद तक चांद तक मुझे जाना है पर उसे मेरे पास नहीं आना है कैसे चलेगा आखिरकार यह रिश्ता उसे मुझसे दूर भागना है मुझे उसके पास जाना है। मीनल सुपुत्री श्री... Hindi · कविता 1 1 381 Share Minal Aggarwal 6 Jan 2022 · 1 min read गुलाबी परतों में गुलाबी परतों में लिपटी एक गुलाबी गुलाब के फूल की महक कह रही हो खुद से जैसे आज मुझे अपनी मदहोशी में डूबना है दर्पण को तोड़ना है उसे एक... Hindi · कविता 167 Share Minal Aggarwal 5 Jan 2022 · 1 min read पहला दिन आज वर्ष का पहला दिन है आज इस माह का पहला दिन है आज इस सप्ताह का पहला दिन है आज मेरा मेरी खुशियों से मुलाकात का पहला दिन है... Hindi · कविता 221 Share Minal Aggarwal 5 Jan 2022 · 1 min read निरंतरता सूरज आज की शाम डूबता है तो अगली सुबह उगता भी तो है यह उगना फिर डूबना फिर उगने का सिलसिला निरंतर चलता तो है फिर किसी की मृत्यु पर... Hindi · कविता 251 Share Minal Aggarwal 5 Jan 2022 · 1 min read मेरे दिल को आजकल यह क्या हो गया मेरे दिल को आजकल कि सारी कायनात इसी में पलने लगी सारी दुनिया इसी में चलने लगी इससे बाहर झांकू तो लगता अब कुछ और नहीं... Hindi · कविता 167 Share Minal Aggarwal 4 Jan 2022 · 1 min read इस कायनात के रंग चुराकर इस कायनात के रंग चुराकर मुझे अपने चित्र की रचना करनी है यह प्रकृति एक जादूगर है तो मैं भी कुछ कम नहीं मैं भी तो इसका ही एक अंश... Hindi · कविता 196 Share Minal Aggarwal 4 Jan 2022 · 1 min read यह मौसम की मार है या सर्द हवायें कर देती खामोश मेरे लबों को बेरुखा कर देती मेरे तन को बेजान कर देती मेरे बालों को कोहरे की चादर से ढक देती मेरे मन के द्वार... Hindi · कविता 335 Share Minal Aggarwal 4 Jan 2022 · 1 min read वो लम्हें काश वो लम्हें खुशनुमा मेरी जिन्दगी के लौटकर वापिस मेरे पास आ सकते काश जो बीत गया उसे हम वापिस पा सकते काश तुम इतनी जल्दी एक याद न बनते... Hindi · कविता 1 1 183 Share Minal Aggarwal 3 Jan 2022 · 1 min read एक फूल अधखिला सा मैं जिन्दा हूं पर पूरी तौर पर नहीं मैं मर गई हूं पर पूरी तौर पर नहीं यह जीवन मुझे लग रहा है एक फूल अधखिला सा जो सूरज की... Hindi · कविता 194 Share Minal Aggarwal 3 Jan 2022 · 1 min read क्या से क्या कभी बर्फ की एक शिला हो जाती हूं कभी आग सा तपता एक रेगिस्तान का दरिया हो जाती हूं मैं एक जगह ही बैठी बैठी ठहरी ठहरी एक सोच के... Hindi · कविता 1 1 173 Share Minal Aggarwal 3 Jan 2022 · 1 min read एक टूटे हुए दर्पण के टुकड़ों में जो चले गये यह दुनिया छोड़कर उन्हें मैं खुद में जिन्दा कैसे रखूं एक टूटे हुए दर्पण के टुकड़ों में मुझे अपने चेहरे दिख रहे बेहिसाब मैं खुद को न... Hindi · कविता 219 Share Minal Aggarwal 2 Jan 2022 · 1 min read यह खंजर अपने लिए कामयाबी की दुआ दूसरों के लिए बदहाली की चेहरे पर आशीर्वाद देते हुए मुस्कुराहट है पर आंखों से नफरत के तीर चल रहे हैं जो सीधे मेरे दिल... Hindi · कविता 1 1 311 Share Previous Page 8 Next