1524
posts
प्रत्यक्षतः दैनिक जीवन मे मित्रता क दीवार केँ ढाहल जा सकैत
DrLakshman Jha Parimal
प्रथम संवाद में अपने से श्रेष्ठ को कभी मित्र नहीं कहना , हो
DrLakshman Jha Parimal
मेरे लिखने से भला क्या होगा कोई पढ़ने वाला तो चाहिए
DrLakshman Jha Parimal
शासक सत्ता के भूखे हैं
DrLakshman Jha Parimal
मंज़िल को पाने के लिए साथ
DrLakshman Jha Parimal
लिखें और लोगों से जुड़ना सीखें
DrLakshman Jha Parimal
लिखू आ लोक सँ जुड़ब सीखू, परंच याद रहय कखनो किनको आहत नहिं कर
DrLakshman Jha Parimal
के श्रेष्ठ छथि ,के समतुल्य छथि आ के आहाँ सँ कनिष्ठ छथि अनुमा
DrLakshman Jha Parimal
अकिंचित ,असहाय और निरीह को सहानभूति की आवश्यकता होती है पर अ
DrLakshman Jha Parimal
छोटे बच्चों की ऊँची आवाज़ को माँ -बाप नज़रअंदाज़ कर देते हैं पर
DrLakshman Jha Parimal
দারিদ্রতা ,রঙ্গভেদ ,
DrLakshman Jha Parimal
ক্ষেত্রীয়তা ,জাতিবাদ
DrLakshman Jha Parimal
है हमारे दिन गिने इस धरा पे
DrLakshman Jha Parimal
फेसबुक पर सक्रिय रहितो अनजान हम बनल रहैत छी ! आहाँ बधाई शुभक
DrLakshman Jha Parimal
केना बुझब मित्र आहाँ केँ कहियो नहिं गप्प केलहूँ !
DrLakshman Jha Parimal
बुझलहूँ आहाँ महान छी मुदा, रंगमंच पर फेसबुक मित्र छी!
DrLakshman Jha Parimal
जनैत छी हमर लिखबा सँ
DrLakshman Jha Parimal
मात -पिता पुत्र -पुत्री
DrLakshman Jha Parimal
गाछ सभक लेल
DrLakshman Jha Parimal
बड्ड यत्न सँ हम
DrLakshman Jha Parimal
यहाँ तो मात -पिता
DrLakshman Jha Parimal
वृक्ष किसी को
DrLakshman Jha Parimal
बहुत यत्नों से हम
DrLakshman Jha Parimal
“ बधाई आ शुभकामना “
DrLakshman Jha Parimal
देश हमरा श्रेष्ठ जगत में ,सबका है सम्मान यहाँ,
DrLakshman Jha Parimal
देश हमर अछि श्रेष्ठ जगत मे ,सबकेँ अछि सम्मान एतय !
DrLakshman Jha Parimal
दिव्य ज्योति मुखरित भेल ,ह्रदय जुड़ायल मन हर्षित भेल !पाबि ले
DrLakshman Jha Parimal
एक युवक की हत्या से फ़्रांस क्रांति में उलझ गया ,
DrLakshman Jha Parimal
तौलकर बोलना औरों को
DrLakshman Jha Parimal
लेखनी को श्रृंगार शालीनता ,मधुर्यता और शिष्टाचार से संवारा ज
DrLakshman Jha Parimal
कौन कहता है आक्रोश को अभद्रता का हथियार चाहिए ? हम तो मौन रह
DrLakshman Jha Parimal
سب کو عید مبارک ہو،
DrLakshman Jha Parimal
“ ......... क्यूँ सताते हो ?”
DrLakshman Jha Parimal
गुरु स्वयं नहि कियो बनि सकैछ ,
DrLakshman Jha Parimal
“ इन लोगों की बात सुनो”
DrLakshman Jha Parimal
जब असहिष्णुता सर पे चोट करती है ,मंहगाईयाँ सर चढ़ के जब तांडव
DrLakshman Jha Parimal
यहाँ तो सब के सब
DrLakshman Jha Parimal
दोस्ती ना कभी बदली है ..न बदलेगी ...बस यहाँ तो लोग ही बदल जा
DrLakshman Jha Parimal
कौन पढ़ता है मेरी लम्बी -लम्बी लेखों को ?..कितनों ने तो अपनी
DrLakshman Jha Parimal
हास्य का प्रहार लोगों पर न करना
DrLakshman Jha Parimal
जनाजे में तो हम शामिल हो गए पर उनके पदचिन्हों पर ना चलके अपन
DrLakshman Jha Parimal
अर्जुन धुरंधर न सही ...एकलव्य तो बनना सीख लें ..मौन आखिर कब
DrLakshman Jha Parimal
हमें यह ज्ञात है, आभास है
DrLakshman Jha Parimal
पहले एक बात कही जाती थी
DrLakshman Jha Parimal
हम वर्षों तक निःशब्द ,संवेदनरहित और अकर्मण्यता के चादर को ओढ़
DrLakshman Jha Parimal
बहुत से लोग तो तस्वीरों में ही उलझ जाते हैं ,उन्हें कहाँ होश
DrLakshman Jha Parimal
हर हाल में खुश रहने का सलीका तो सीखो , प्यार की बौछार से उज
DrLakshman Jha Parimal
कहीं और हँसके खुशियों का इज़हार करते हैं ,अपनों से उखड़े रहकर
DrLakshman Jha Parimal
आँखों से भी मतांतर का एहसास होता है , पास रहकर भी विभेदों का
DrLakshman Jha Parimal
मौनता विभेद में ही अक्सर पायी जाती है , अपनों में बोलने से
DrLakshman Jha Parimal