Ranjana Mathur Language: Hindi 458 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 6 Next Ranjana Mathur 24 Dec 2018 · 1 min read भक्ति की शक्ति हे सृष्टा तेरी शक्ति ने, किया सदा जग का उद्धार। कृपा है तेरी अपरिमित, तेरी भक्ति की शक्ति है अपार।। जब-जब कष्ट भक्त पर आया, तूने बेड़ा पार लगाया। कण-कण... Hindi · कविता 1k Share Ranjana Mathur 24 Dec 2018 · 1 min read संकल्प विशाल पंडाल में लोगों की भीड़..."साथियों! भिक्षावृत्ति हमारे समाज का अभिशाप है".... "कई शिक्षित बेरोजगार भिक्षावृत्ति की ओर प्रवृत्त हैं। ऐसा व्यक्ति सामने आने पर हमें सही मार्गदर्शन देने का... Hindi · लघु कथा 488 Share Ranjana Mathur 24 Dec 2018 · 2 min read बर्थडे गिफ्ट बंटी प्रतिदिन स्कूल या बाहर कहीं आते जाते अपने उस हम उम्र बच्चे राजू को देखा करता था जो आते जाते बस एकटक बंटी की... Hindi · लघु कथा 1 1 293 Share Ranjana Mathur 24 Dec 2018 · 1 min read लघुकथा - गुरु दक्षिणा उसे सरकारी अस्पताल में कस्टमर काउंटर पर कार्य करते देख वृद्ध रामनाथ जी चौंक पड़े। "अरे! यह तो मेरा स्टूडेंट रहा है। चलो मिल लेता हूँ। वह भी खुश होगा... Hindi · लघु कथा 572 Share Ranjana Mathur 24 Dec 2018 · 3 min read भूल नहीं पाएंगे (सत्य घटना का रेखाचित्र) बात कुछ वर्ष पूर्व की सर्दी के मौसम की ही है। मेरे दो जुडवां बेटे हैं इनमें से एक बेटे की कोई प्रतियोगी परीक्षा थी। परीक्षा... Hindi · लघु कथा 344 Share Ranjana Mathur 21 Dec 2018 · 1 min read ओ माँ!! छल प्रपंच झूठ बेईमानी, है यह ज़माना दावों का। माँ का प्यार दावों से रहित है , पावन पुंज वह भावों का। वैद्य हकीम रोग को हटाएं, कर उपयोग दवाओं... Hindi · कविता 244 Share Ranjana Mathur 20 Dec 2018 · 1 min read ग़ज़ल इब्तिदा ए इश्क अब होने लगी खुशनुमा सी जिन्दगी होने लगी। ढूंढती नज़्रें हमेशा ही तुझे हर इबादत बंदगी होने लगी। शबनमी इस नूर के जलवे बड़े तिश्नगी दीदार की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 233 Share Ranjana Mathur 20 Dec 2018 · 1 min read ग़ज़ल ?? गुल चमन में खिलखिला रहे हैं फिर याद तेरी दिला रहे हैं। ?? जो दिल हमारा हुआ करे थे वो दिल हमारा जला रहे हैं। ?? जो थे मिरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 227 Share Ranjana Mathur 20 Dec 2018 · 1 min read बचपन डंगा डोली पकड़म पकड़ाई तू भाग कर छिप जा मैं आई। आओ कबड्डी खो खो खेलें नदी पहाड़ के भी मजे ले लें। पोसंपा भई पोसंपा डाकिए ने क्या किया।... Hindi · कविता 493 Share Ranjana Mathur 20 Dec 2018 · 1 min read ग़ज़ल ? नहीं है होश ख़ुद का अब तेरा दीदार होते ही हुए मग़रूर तेरी ग़ज़ल का अश'आर होते ही। ? तुझे देखा तुझे चाहा तिरी ही की इबादत है न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 266 Share Ranjana Mathur 5 Dec 2018 · 2 min read लघुकथा - सपनों का आशियाना सोनी अंकल के मकान निर्माण का कार्य तेज गति से चल रहा है । हम सब छोटे बच्चों की टोली इसी फिराक में हैं कि कब शाम हो कब काम... Hindi · लघु कथा 1 447 Share Ranjana Mathur 5 Dec 2018 · 1 min read "रैन"पर हाइकु का प्रयास---- ?? रैन कहानी मयंक की रवानी भोर सुहानी। ?? उदित रवि पदचाप भोर की मुदित मन। ?? ब्रह्म मुहूर्त प्रफुल्लित प्रकृति उजली भोर। ?? भोर लालिमा है प्रदीप्त क्षितिज रंग... Hindi · हाइकु 280 Share Ranjana Mathur 5 Dec 2018 · 1 min read वर्ण पिरामिड - दामन ??? क्यों नारी दामन कलुषित है आंका जाता नहीं कोई दोष पावन सदा नारी। ??? है माँ का दामन आशीषों की शीतल छाया करती संतान साक्षात्कार प्रभु से। ??? रंजना... Hindi · कविता 314 Share Ranjana Mathur 5 Dec 2018 · 1 min read अतीत किसका नहीं अतीत जगत में अतीत तो है सदा का मीत चाहे जग से छुड़ा लो पीछा या तुम भागो वर्तमान से पर न कभी मुक्ति पा सकते तुम अपने... Hindi · कविता 333 Share Ranjana Mathur 5 Dec 2018 · 1 min read मनहरण घनाक्षरी जन्नत ये जिन्दगी है मोहब्बत बंदगी है प्यार में रवानगी है आप जब से मिले। फूल दामन में दिए कांटे ख़ुद झेल लिए बाग़ तूने पैदा किए फूल प्यार के... Hindi · घनाक्षरी 289 Share Ranjana Mathur 5 Dec 2018 · 1 min read रिश्ते हो जाता है हृदय तार-तार सुन अन्तर्वेदना का करुण क्रंदन रोम-रोम में एक चुभती-गड़ती है अदृश्य अनछुई-सी पीर जो मिली अपनों से न ही व्यक्त की जा सके छिप भी... Hindi · कविता 278 Share Ranjana Mathur 5 Dec 2018 · 1 min read कह मुकरियां मन अलसाया नयना सोए जब तक उसके दरस न होए उस बिना तनिक रहा नहीं जाय ऐ सखि साजन! न सखि चाय। बरसता पानी या हो धूप साथ है तेरा... Hindi · कविता 225 Share Ranjana Mathur 5 Dec 2018 · 1 min read ग़ज़ल जो महलों में है जन्मा झोंपड़ी का दर्द जाने क्या। हैं धन की गर्मियांँ जिनको हवाएं सर्द जाने क्या। पगों में चुभते कांटे औ भरे हैं धूल से चेहरे ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 408 Share Ranjana Mathur 3 Dec 2018 · 1 min read दरियादिली इस दिवाली याद आई वह लड़की दीये बेचने वाली याद है उसका भोला मुखड़ा आंखें कुछ समझाती करुणा अन्तर्मन की आकर उसके होठों पर थम जाती किया उसे जब उस... Hindi · कविता 351 Share Ranjana Mathur 3 Dec 2018 · 1 min read ग़ज़ल 2212 1222 2121 22 रोते रहा करेंगे तुम्हें न कुछ कहेंगे। हम तो वफा करेंगे तेरी जफा सहेंगे। अश्फ़ाक तू हमारा तेरा ही है सहारा। तेरे बिना तो सांसें अब... Hindi · कविता 1 412 Share Ranjana Mathur 3 Dec 2018 · 2 min read लघु कथा - मिलावट मोती बहुत बीमार चल रहा है। तपेदिक है उसे। काफी समय से मजदूरी पर न जा पाने के कारण घर की माली हालत खस्ता चल रही है। वैसे मोती सेठ... Hindi · लघु कथा 1 358 Share Ranjana Mathur 3 Dec 2018 · 1 min read नकाब नकाब साधु के मुखौटे में शैतान ईश्वर बन कर खड़ा हुआ वेद पुराणों में था जो वर्णित वह कलियुग आ खड़ा हुआ। ईमान धर्म सब बने धूल मिट्टी संस्कार पग... Hindi · कविता 259 Share Ranjana Mathur 3 Dec 2018 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल ज़िन्दगी जीने का सिलसिला तो चले साथ ख़ुशियाँ न हों इब्तिला तो चले। चलने का ही दूजा नाम है ज़िन्दगी मैं अगर थक गया काफ़िला तो चले। ऐसी भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 190 Share Ranjana Mathur 2 Dec 2018 · 1 min read "चाँद" चाँद की चाँदनी........ सुनाए शीतलता की रागिनी। चाँद का रूप........... निखारे निशा का स्वरूप। चाँद का राग........... बिखेरे प्रेम का अनुराग। चाँद का रंग........... खिलाए सृष्टि का अंग-अंग। चाँद के... Hindi · कविता 1 467 Share Ranjana Mathur 2 Dec 2018 · 1 min read उत्साह उत्साह है इक प्यारी आशा निरुत्साह है मात्र निराशा। जिंदादिली से जीना है ही उत्साह की सही परिभाषा। यदि जीवन में तेरे है उमंग तो सब संसार है तेरे संग।... Hindi · कविता 1 546 Share Ranjana Mathur 2 Dec 2018 · 1 min read "तर्पण " शीर्षक पर कुछ हाइकू ???? करो तर्पण आत्माएँ पितरों की पाएंगी तृप्ति ???? माह क्वांर का आ गये कनागत तर्पण कर ???? पितृ पाएंगे सादर श्रद्धांजलि तर्पण द्वारा ???? हरेक पुत्र देता स्नेह सम्मान... Hindi · हाइकु 211 Share Ranjana Mathur 2 Dec 2018 · 1 min read आज कल बदली बदली फिज़ाएं क्यूँ हैं आजकल बेरुखी की हवाएँ क्यूँ हैं आजकल दिल में नफरतें भरी प्यार की है कमी बढ़ रही अब जफ़ाएं क्यूँ हैं आजकल। अपने भी कर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 256 Share Ranjana Mathur 2 Dec 2018 · 3 min read कैसे हो संस्कारों का हस्तांतरण?? हमें खूब अच्छी तरह से याद है कि मां हर बार होली या दीपावली आने के पांच या सात दिन पहले से ही पकवान बनाने का शगुन कर लेती थीं।... Hindi · लेख 393 Share Ranjana Mathur 2 Dec 2018 · 1 min read आपको तो बस बहाना चाहिए इन निगाहों को बहाना चाहिए। आँसुओं को अब ठिकाना चाहिए। रोकने से भी न जो ठहरे कहीं बात पर खुद को मिटाना चाहिए। वो इक गुलशन खिल चमका था यहाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 429 Share Ranjana Mathur 2 Dec 2018 · 1 min read सुहाग मेरे भारत की पावन नारी नारियों में श्रेष्ठ कहाती है ये अपने सुहाग की खातिर यम से भी लड़ जाती है। मांँ पार्वती ने सती रूप में पति अपमान न... Hindi · कविता 349 Share Ranjana Mathur 2 Dec 2018 · 1 min read कलम संग दवात का नाता कोरे कागज पर कभी कलम से लफ्ज़ थिरकते थे डूब डूब कर दवातों में स्याही संग निखरते थे। कागज़ संग कलम की दोस्ती बड़ी ही पुरानी है बिन कलम के... Hindi · कविता 1k Share Ranjana Mathur 18 Nov 2018 · 1 min read माँ ये माँ की दुआ का असर है ग़म क्या है मुझे ना ख़बर है। देखे जिस जगह सिर्फ ख़ुदा माँ की उस जगह भी नज़र है। जिसके सिर पर न... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 25 1k Share Ranjana Mathur 11 May 2018 · 1 min read थाह नहीं तेरा यह गांभीर्य, लिए है कितनी गहराई? है किसी को भी यह आभास नहीं। मांँ कहलाना हे वसुंधरे, क्या होता है आसान कभी? जगत् माता निज उर पर, तू सहिष्णुता... Hindi · कविता 250 Share Ranjana Mathur 11 May 2018 · 2 min read पछतावा लघुकथा ?पछतावा ? आज साहूकार रामधन व भोलाराम पक्के मित्र हैं।जरूरतमंदों की मदद व गरीबों से ब्याज न लेना अब रामधन अपना धर्म मानता है। किसी समय धूर्तता के लिए... Hindi · लघु कथा 484 Share Ranjana Mathur 11 May 2018 · 1 min read रोया किसान बंजर हो गयी धरती सारी हृदय हुआ तार तार है। फट पड़ा मांँ वसुधा का उर शुष्क भूमि दरार ही दरार है। न सरकारें करती चिन्ता न प्रकृति की कृपा... Hindi · कविता 1 436 Share Ranjana Mathur 11 May 2018 · 1 min read परिणय पहले मिलन फिर प्रणय का सामंजस्य के निर्णय का। प्रेम संपूरित जीवन का यह बन्धन है परिणय का। विवाह बंधन ईश उपहार साक्षी क्यों बने यह संसार बने साक्ष्य क्यों... Hindi · कविता 480 Share Ranjana Mathur 24 Apr 2018 · 1 min read व्यथा औरत की संभालूंगी मैं खुद को खुद कोई कोशिश नहीं करना मुझे मजबूर इतना तुम बदलने पे नहीं करना। गरीबी होती अपने आप में खुद एक बीमारी इसे तुम दूर करने की... Hindi · कविता 373 Share Ranjana Mathur 24 Apr 2018 · 1 min read हुई सुबह मधुर बयार चिड़ियों की चहक कोमल उष्ण रवि की रश्मियां छायी मंद-मंद शीतलता पादप पुष्प पर तितलियों का डेरा कुसुम सुवासित महका उपवन भोर की बेला मन प्रफुल्लित हृदय है... Hindi · कविता 1 290 Share Ranjana Mathur 24 Apr 2018 · 1 min read हो जा तू अमर तू भारत माता का सपूत वीर सिपाही बनकर संवर। नहीं समय तू व्यर्थ गंवाना कलियों संग-संग बन भ्रमर। भारत माता पुकार रही है मेरे लाल कस ले तू कमर। उतर... Hindi · कविता 476 Share Ranjana Mathur 24 Apr 2018 · 1 min read यात्रा वृत्तांत (मेरी अविस्मरणीय सर्वप्रिय यात्रा) ०४ मई २००३ को अजमेर से चलकर पूजा एक्सप्रेस ट्रेन द्वारा हम सपरिवार ०५ मई को अपरान्ह १२ बजे के करीब जम्मू पहुंचे। वहां से बस... Hindi · लेख 256 Share Ranjana Mathur 24 Apr 2018 · 1 min read *डमरू-घनाक्षरी* (३२ वर्ण लघु बिना मात्रा के ८,८,८,८ पर यति प्रत्येक चरण में ) (१) नभ गरजत जल, छम छम बरसत, टप टप पड़ पड़, जल भर घर तर। बरबस जल... Hindi · घनाक्षरी 253 Share Ranjana Mathur 24 Apr 2018 · 1 min read ये मेरा गांव है वो गोबर की लीपी ठंडी झोंपड़ी के मजे छत पर जिसकी थे खपरैल सजे। गइयों का शुद्ध दूध छाछ दही खाना बैलगाड़ी की घंटियों का मीठा गुनगुनाना वो खुली-खुली सी... Hindi · गीत 369 Share Ranjana Mathur 24 Apr 2018 · 1 min read ग़ज़ल-क्यूं बागों को खंगाला जा रहा है गुनाह हमी पे डाला जा रहा है क्यूँ बागों को खंगाला जा रहा है। कली है नाज से पाली उसी के ख़ियाबाँ को न पाला जा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 337 Share Ranjana Mathur 24 Apr 2018 · 1 min read कला जीने की जिन्दगी जीने की भी कला चाहिए। मर के भी याद आए वो अदा चाहिए । दो निवाले भी जिसके हलक न पड़े। स्वाद छप्पन भोगों का वो जानता। तुम अगर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 232 Share Ranjana Mathur 24 Apr 2018 · 2 min read ऐ मेरे वतन के लोगों.. ....… आज के विषय गद्य लेखन पर कवि प्रदीप जी पर मेरी प्रस्तुति। ऐ मेरे वतन के लोगों - - - - - मैंने इस महान कवि की जन्म स्थली पर... Hindi · लेख 1 529 Share Ranjana Mathur 24 Apr 2018 · 1 min read कृत संकल्प महान राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जी की ४४ वीं पुण्यतिथि पर कोटि-कोटि नमन वन्दन। मेरे श्रद्धांजलि शब्द रूपी प्रसून अर्पित हैं--- ?कृत संकल्प ? जो सीमा पर प्रहरी बनकर खड़े... Hindi · कविता 513 Share Ranjana Mathur 28 Mar 2018 · 1 min read आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी महान मूर्धन्य विद्वान से सुसज्जित हुआ हिन्दी साहित्य का प्रांगण। जब १९अगस्त सन् १९०७ को दुबे का छपरा ग्राम बलिया में पुत्र जन्मा अनमोल ज्योति जी के आंगन। आचार्य हजारी... Hindi · कविता 1 1k Share Ranjana Mathur 28 Mar 2018 · 1 min read बेटी यदि बेटा है आज का सूरज है तो बेटी है कल का संसार, बेटे के ही बराबर बेटी को भी जीने का है अधिकार। माँ भी नारी बहन भी नारी,... Hindi · कविता 1 441 Share Ranjana Mathur 28 Mar 2018 · 1 min read घर बोलती उसकी हरेक दीवार-ओ-दर है फकत ईंट पत्थर से होता न घर है। केवल चार दीवारों के भीतर बनाए गए कमरों का नाम नहीं घर है। कोने-कोने में रहती है... Hindi · कविता 203 Share Ranjana Mathur 27 Mar 2018 · 1 min read नव वर्ष चैत्र नवरात्रि प्रथमा शुभ दिवस है माँ का शुभ प्रवेश स्थापित कलश है नूतन वर्षाभिनन्दन है हिन्दू नव वर्ष आगमन पर सभी को वन्दन है सनातन नव संवत्सर २०७५ आज... Hindi · कविता 238 Share Previous Page 6 Next