डी. के. निवातिया Language: Hindi 387 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 8 डी. के. निवातिया 6 Aug 2016 · 1 min read नशा………१ नशा………१ नशा दौलत का जब सर चढकर बोलता है हर एक शै: को कागजी टुकडो से तोलता है कर देता है कत्ल जहन से सब जज्बातो का इंसानियत को भी... Hindi · मुक्तक 2 556 Share डी. के. निवातिया 6 Aug 2016 · 1 min read नशा……………२ नशा……………२ नशा शराब का हो तो दिमाग के पट खोलता है दिल मे दबे राजो को बडी आसानी से खोलता है जुटा नही सकता जो हिमम्त दो लफ़्ज कहने की... Hindi · मुक्तक 4 586 Share डी. के. निवातिया 6 Aug 2016 · 1 min read नशा……………३ नशा……………३ नशा इश्क का हो तो मुहबब्त से दामन जोडता है, जुबान बंद होती है मगर नजरो से बहुत कुछ बोलता है आबाद हुआ तो ठीक है, वरना इस बेरहम... Hindi · मुक्तक 557 Share डी. के. निवातिया 6 Aug 2016 · 1 min read नशा……………..४ नशा……………..४ नशा जवानी का अक्सर होश खो देता है अच्छे – बुरे मे फर्क कि समझ खो देता है भटक जाता इस उम्र में युवा जीवन पथ से बहकर रवानी... Hindi · मुक्तक 1 1 268 Share डी. के. निवातिया 6 Aug 2016 · 1 min read नशा……………(5) नशा…………… नशा करना है तो ईश भक्ति का करो मादकता मे क्या रखा है। जिदंगी किसी नेक मकसद से जियो विलासिता मे क्या रखा है । वैसे तो संसार मे... Hindi · मुक्तक 1 505 Share डी. के. निवातिया 6 Aug 2016 · 1 min read खौफ ………. खौफ ………. खौफ नही मुझे अपने दुश्मन का, उससे निपटना के गुर हमे बखूबी आते है डर तो अपने प्रीतम प्यारो से लगता जो प्यार के बदले अक्सर धोखा दे... Hindi · कविता 456 Share डी. के. निवातिया 6 Aug 2016 · 1 min read तुझे याद रखा है मैंने ............( ग़ज़ल ) हर ख़ुशी हर एक गम में, तुझे याद रखा है मैंने ! तेरी यादो का गुलशन, सदा आबाद रखा है मैंने !! जरुरी नहीं कि वफ़ा के बदले वफ़ा हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 384 Share डी. के. निवातिया 30 Jul 2016 · 1 min read बरसात निंगोड़ी…. बरसात निंगोड़ी…. क्या करूँ मैं इस बरसात निंगोड़ी का, अपनी तो ऐसी बैरन हुई, जी जान से बैर निभावे है ! जब बरसे है झूम झूम, …………..! तृप्त होता सृष्टि... Hindi · कविता 1 4 545 Share डी. के. निवातिया 30 Jul 2016 · 1 min read आग……….. आग….. हमने कई रूपो मे देखा इसको , कभी हसांती ये कभी रूलाती है, यदि हृदय मे लग जाये किसी के जीते जी तन – बदन जलाती है। घर –... Hindi · कविता 2 341 Share डी. के. निवातिया 30 Jul 2016 · 1 min read यू आर माई .......................गर्ल फ्रेंड,...... ( साहित्य विधा से दूर हटकर कुछ मनोविनोद के पल जी ले, इसी संदर्भ में एक गीत को प्रस्तुति आप सब की नजर ) यू आर माई गर्ल फ्रेंड, और... Hindi · गीत 2 363 Share डी. के. निवातिया 30 Jul 2016 · 1 min read युवती की अभिलाषा अभिलाषा (भाग एक ) अभिलाषा (भाग एक ) @–युवती की अभिलाषा—@ हे प्रभु मुझे ऐसा वर दे ! हाव भाव से मनमोहन हो स्वभाव से शांत,सदा मौन रहे मन माफिक... Hindi · कविता 4 332 Share डी. के. निवातिया 30 Jul 2016 · 1 min read युवक की अभिलाषा अभिलाषा ( भाग दो ) @——युवक की अभिलाषा —-@ पत्नी ऐसी दीजीए, हमको तुम भगवान ! देखन में ऐश्वर्या लगे, सुंदरता की खान !! संस्कारी बहु बने घर की रखे... Hindi · कविता 4 579 Share डी. के. निवातिया 18 Jul 2016 · 1 min read प्रकृति प्रकृति सुन्दर रूप इस धरा का, आँचल जिसका नीला आकाश, पर्वत जिसका ऊँचा मस्तक, उस पर चाँद सूरज की बिंदियों का ताज नदियों-झरनो से छलकता यौवन सतरंगी पुष्प-लताओं ने किया... Hindi · कविता 1 3 1k Share डी. के. निवातिया 18 Jul 2016 · 1 min read आज का नवयुवक आज का नवयुवक अजीब हाल में दिखता आज का नवयुवक जागा है मगर कुछ खोया खोया सा हँसता है पर कुछ रोया-रोया सा जीवन संघर्ष की इस दौड़ में जा... Hindi · कविता 280 Share डी. के. निवातिया 18 Jul 2016 · 2 min read ——::अब मुझको वो कर दिखाना है ::—- ——:: अब मुझको वो कर दिखाना है ::—- अपना लक्ष्य मुझे हर हाल में पाना है लाख बाधा हो राह में नही घबराना है ठाना है मैंने जो कर गुजरने... Hindi · कविता 1 633 Share डी. के. निवातिया 7 Jul 2016 · 2 min read संयोग ……. (अंश पाँच ) संयोग ……. (अंश पाँच ) संयोग (अंश पाँच ) {{चन्दन की लकड़ी }} चन्दन के पेड़ से कटी कुछ लकडिया बाजार चली किस शाख के भाग्य क्या लिखा, किस भाग... Hindi · कविता 1 559 Share डी. के. निवातिया 7 Jul 2016 · 1 min read प्रेम...... प्रेम प्रेम का पाठ सारी दुनिया पढ़ाये खुद ना इसका सार समझ पाये बन ज्ञानी सब देते सीख दूजे को खुद बैठे ह्रदय में नफरत छिपाये !! ! प्रेम कोई... Hindi · कविता 1 513 Share डी. के. निवातिया 7 Jul 2016 · 1 min read कैसे ईद मनाये…?? कैसे ईद मनाये…?? रमज़ान के पाक महीने मे इस्लाम के नाम पर जब खूनी खेल खेला जाये किसी के घर के चिराग को आतंक का साया खा जाये बदरंग हो... Hindi · कविता 1 364 Share डी. के. निवातिया 7 Jul 2016 · 1 min read सौगात…....... (ईद मुबारक ) सौगात…. (ईद मुबारक ) ईद मनाने गया था यार के दर पे खाली हाथ…………………………..! रस्म अदायगी से गले मिले हम दोनों आंसू छलक गये उसके मिले वर्षो बाद मैंने भी... Hindi · कविता 273 Share डी. के. निवातिया 6 Jul 2016 · 1 min read मोहिनी सूरत………. मोहिनी सूरत………. देख के उसकी मोहिनी सूरत, फूल भी खिलना भूल गये ! ख्वाबो में उसके ऐसा उलझे, खुद से मिलना भूल गये !! कब आई और वो आकर चली... Hindi · गीत 2 763 Share डी. के. निवातिया 4 Jul 2016 · 1 min read मनोविनोद....... मनोविनोद …… सुना है जोडियाँ स्वर्ग मे बनती है, अगर यह वास्तविकता है तो…… वजिब है वहां भी हो घोटालो और रिश्वत का बोलबाला …। क्योकि——->>> हमने तो यहां कई... Hindi · कविता 1 687 Share डी. के. निवातिया 1 Jul 2016 · 1 min read जादुई फल मांगता हूँ ……………….(ग़ज़ल ) जादुई फल मांगता हूँ ……………….(ग़ज़ल ) ऊब गया हूँ बेजुबानो की भीड़ में रहकर तन्हा अब अकेले में जश्न के लिए दो पल मांगता हूँ !! पत्थर सा बन गया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 403 Share डी. के. निवातिया 29 Jun 2016 · 1 min read जलसा ……….. जलसा ……….. जब जब भी जुबाँ पे तेरा नाम आता है सिहर उठता है बदन दिल मुस्काता है हसीन लगने लगती है हर एक फिजा वीराने में भी लगा जलसा... Hindi · कविता 381 Share डी. के. निवातिया 29 Jun 2016 · 1 min read घराना ढूंढते है.................. घराना ढूंढते है कर सके गुफ्तगू हाल-ऐ-दिल ऐसा हमसफ़र याराना ढूंढते है !! सिर्फ बातो तक न हो जमीमा का ऐसी मुलाकातो का बहाना ढूंढते है !! जहॉं मे देखे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 686 Share डी. के. निवातिया 28 Jun 2016 · 1 min read कीमत-ऐ-इंतज़ार कीमत-ऐ-इंतज़ार उन महबूब से पूछो कीमत ऐ इंतज़ार जो साल भर सब्र रखते है ईद के आने का चाँद के बहाने करते है यार-ऐ-दीदार दस्तूर-ऐ ईद मिलन, मौका गले लगाने... Hindi · शेर 301 Share डी. के. निवातिया 28 Jun 2016 · 1 min read ईद का चाँद ……. ईद का चाँद ……. चाँद दिखे न दिखे इस बार तुम जरूर आ जाना, क्योकि तुम ही हो मेरे ईद का चाँद …………………..! ! तुम आ गये तो चाँद ने... Hindi · शेर 1 613 Share डी. के. निवातिया 27 Jun 2016 · 1 min read बदरा न बरसे……. बदरा न बरसे……. नभ में घनघोर घटा घुमड़ घुमड़ जाये। बदरा न बरसे सावन सूना बीता जाये।। नयना बरसे मनवा तरसे बैरी बादल क्यों न बरसे प्यासी धरा का जिया... Hindi · गीत 442 Share डी. के. निवातिया 23 Jun 2016 · 1 min read हुनर हुनर गूंथे जाते है माला में पुष्प वही हर मौसम में खिलने का जो हुनर जानते है ।। मुरझाये पुष्प स्वयं ही अक्सर, शाखाओ से टूटकर बिखर जाया करते है... Hindi · शेर 2 561 Share डी. के. निवातिया 22 Jun 2016 · 1 min read व्यवहार………. व्यवहार………. निरन्तर गति को लय दे चल रे प्राणी बिन लय के शशक नहीं विजय पाते है बाहुल्य के प्रभाव में दुर्जन हुंकार भरे सज्जन तो व्यवहार से पहचाने जाते... Hindi · कविता 2 498 Share डी. के. निवातिया 21 Jun 2016 · 2 min read फ़र्ज़ अदायगी वो कल भी ड्योढ़ी पर इंतज़ार करती थी ! आज भी आस लगाए इंतज़ार करती है !! जब वो नन्ही कोमल कलि थी बड़े नाजो से आँगन पली थी चंचलता... Hindi · कविता 2 459 Share डी. के. निवातिया 19 Jun 2016 · 1 min read फितरत..... इस ज़माने में लोगो कि फितरत की बात क्या कीजे, जो मतलब से बदले मुखड़े उनकी बात क्या कीजे जिनकी आँखों पर पड़ा हो अंधकार रूप का पर्दा, रोशन ह्रदय... Hindi · मुक्तक 669 Share डी. के. निवातिया 17 Jun 2016 · 1 min read चिड़िया रानी ……….. चिड़िया रानी ……….. सुबह सवेरे वो आती है मुझको रोज जगाती है सुर में जब वो गाती है मुझको बहुत लुभाती है अजब गजब उसकी भाषा अजब गज़ब उसकी बोली... Hindi · कविता 2 487 Share डी. के. निवातिया 14 Jun 2016 · 2 min read भावी आथित्य संस्कारो की झलकियां ……………… भावी आथित्य संस्कारो की झलकियां ……………… परिवर्तन के इस दौर में भविष्य का चित्र कुछ ऐसे उभर कर आयेगा ! नैतिक मूल्यों के संग संग संस्कारो का समस्त स्वरुप ही... Hindi · कविता 415 Share डी. के. निवातिया 13 Jun 2016 · 1 min read कसम………… तेरे किये वादे के हम कायल हो गये बिना किसी वार के ही घायल हो गये क्या खूब रीत निभाई है तूने वादे की भूल गए अपनी कसम जल्द लौट... Hindi · कविता 504 Share डी. के. निवातिया 13 Jun 2016 · 1 min read जीने की वजह………….. तुम्हारी नजरो में जो तस्वीर उभर कर आती है उस तस्वीर में मुझे सूरत अपनी नजर आती है यदा कदा जब जब भी आते हो मेरे सामने तुम मुझे हर... Hindi · शेर 569 Share डी. के. निवातिया 13 Jun 2016 · 1 min read यादो का गुलिस्ताँ………. तुम चले तो गये अजनबी बनकर मगर यादो का गुलिस्ताँ अभी मेरे पास है ……….! सजाए बैठा हूँ इस उम्मीद में मिलोगे कभी जिंदगी के किसी मोड़ पर ………….! खिदमत... Hindi · कविता 1 1 582 Share डी. के. निवातिया 13 Jun 2016 · 1 min read किस्सा फिर वही पुराना……………… नया नया था अपना याराना, हुआ बहुत पुराना सा लगता है कल तक जताते थे वो अपनापन आज बीता जमाना सा लगता है इतनी जल्दी दिल भर जाएंगे सोचा न... Hindi · कविता 492 Share Previous Page 8