Shekhar Chandra Mitra Language: Hindi 3940 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 61 Next Shekhar Chandra Mitra 6 Sep 2021 · 1 min read प्यार में आज़ादी यहां अपनी रौ में बह सकती हो! तुम चाहे जैसे भी रह सकती हो!! मैं बिल्कुल ही बुरा नहीं मानूंगा तुम जो चाहो मुझसे कह सकती हो!! Shekhar Chandra Mitra... Hindi · कविता 235 Share Shekhar Chandra Mitra 6 Sep 2021 · 1 min read आधुनिक सोच नफरती जमातों में कभी शामिल ना हो! तुम जम्हूरियत के एक क़ातिल ना हो!! अफ़ग़ानिस्तान का ये मौजूदा हाल ही कहीं हिंदोस्तान का मुस्तकबिल ना हो!! Shekhar Chandra Mitra #CommunalPolitics... Hindi · कविता 164 Share Shekhar Chandra Mitra 6 Sep 2021 · 1 min read बुद्धिजीवियों का अपमान आप लोगों ने उसको जैसे गाली दिया! आप लोगों ने उसपर जैसे हमला किया! अब साबित हो गया कि वह बिल्कुल सही था! आप लोगों ने उससे जैसे बदला लिया!... Hindi · कविता 356 Share Shekhar Chandra Mitra 6 Sep 2021 · 1 min read सच और सत्ता सच का सत्ता से सामना! फूर्सत मिले तो देखना! भूल जाओगे तुम! किसी भी चीज़ से डरना! Shekhar Chandra Mitra #RomanticRebel #FreedomOfSpeech Hindi · कविता 365 Share Shekhar Chandra Mitra 6 Sep 2021 · 1 min read चेतावनी कोई कुछ यहां बोलता क्यों नहीं! जुल्मतों के राज़ खोलता क्यों नहीं! जमा दे न ख़ून यह सर्द हवा कहीं! इसमें थोड़ी आग घोलता क्यों नहीं! Shekhar Chandra Mitra #RomanticRebel... Hindi · कविता 361 Share Shekhar Chandra Mitra 6 Sep 2021 · 1 min read आशिक मर गया! मेरे दिल और जान पर वह सानेहा गुज़र गया! मैं किसी गुलाब की तरह रेज़ा-रेज़ा बिखर गया!! इश्क़ और इंकलाब को एक साथ साधते हुए! बेशक शायर तो बच गया... Hindi · कविता 190 Share Shekhar Chandra Mitra 6 Sep 2021 · 1 min read ललकार सरकार को होश में लाने के लिए! जनता को राहत दिलाने के लिए!! सिर्फ एक ललकार काफी होती है पूरे सिस्टम को हिलाने के लिए!! Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 235 Share Shekhar Chandra Mitra 6 Sep 2021 · 1 min read बहरों को सुनाने के लिए सरकार के बहरे कानों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए! मैं करूंगा लफ्जों से धमाका उसे होश में लाने के लिए!! आम आदमी की औकात को ऐसे कम करके मत... Hindi · कविता 167 Share Shekhar Chandra Mitra 6 Sep 2021 · 1 min read इलाज़ के बिना मरे हुए लोगों के लिए पता नहीं यह कोरोना क्या-क्या दिन दिखाएगा! हम लोगों से छिनकर किसे-किसे ले जाएगा!! ऐसे बुरे दौर में जबकि अस्पताल की जरूरत थी! मंदिर-मस्जिद बनवाना कोई भूला न पाएगा!! Hindi · कविता 158 Share Shekhar Chandra Mitra 6 Sep 2021 · 1 min read गूंगों की आवाज़ अब हर तरह का इम्तिहान देंगे हम! दिल तो क्या अपनी जान देंगे हम!! लिखना या बोलना आता नहीं जिन्हें उन बेजुबानों को जुबान देंगे हम!! Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 190 Share Shekhar Chandra Mitra 5 Sep 2021 · 1 min read गर्दन पर आरी जंगल की एकता जारी रहे! हर तरफ़ वहशत तारी रहे!! सभी हिरनों की गर्दन पर तुम भेड़ियों की आरी रहे!! Hindi · कविता 1 2 174 Share Shekhar Chandra Mitra 5 Sep 2021 · 1 min read बेरोजगार नौजवान काम दो काम दो काम दो हमें काबिलियत के मुताबिक़ काम दो हमें दाम दो दाम दो दाम दो हमें मेहनत के मुताबिक़ दाम दो हमें... ना तो मशीन हैं... Hindi · कविता 144 Share Shekhar Chandra Mitra 5 Sep 2021 · 1 min read अंधकार युग चाहे जो पढ़ाएं तुम्हें पाजी कौन योद्धा था कौन ग़ाज़ी लेकिन तुम पीछे लौटने को कभी भी होना मत राज़ी... मज़दूर और किसान के लिए हर मेहनतकश इंसान के लिए... Hindi · कविता 306 Share Shekhar Chandra Mitra 5 Sep 2021 · 1 min read व्यवस्था पर चोट नफ़रत की आग में पूरा देश मज़हब की आग में पूरा देश अब जलने को तैयार है... बिछा हुआ चारों ओर बारूद फैला हुआ चारों ओर बारूद बस तिल्ली की... Hindi · गीत 165 Share Shekhar Chandra Mitra 5 Sep 2021 · 1 min read व्यवस्था पर प्रहार आर है या पार है! जीत है या हार है!! मेरी कलम का व्यवस्था पर यह सीधा प्रहार है!! Shekhar Chandra Mitra #RomanticRebel Hindi · कविता 155 Share Shekhar Chandra Mitra 5 Sep 2021 · 1 min read वक़्त की दरकार जब भाट हर पत्रकार है! जब भांड हर फ़नकार है!! कलम को तलवार बनाना इस वक़्त की दरकार है!! Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 1 351 Share Shekhar Chandra Mitra 5 Sep 2021 · 1 min read ज़ावेद अख़्तर जीनियस शायर! ज़ावेद अख़्तर!! सभी दानिश्वरों को नाज़ है जिन पर!! Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 185 Share Shekhar Chandra Mitra 5 Sep 2021 · 1 min read शहीद मारे गए कितने प्यारे लोग! देखते रह गए सारे लोग!! ख़ैर, वे तो बेगाने ठहरे क्या करते थे हमारे लोग!! Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 233 Share Shekhar Chandra Mitra 5 Sep 2021 · 1 min read फिरकापरस्ती देश अलग है धर्म अलग है लेकिन काम दोनों का एक ही है लोगों में दहशत फैलाना! रंग अलग है नस्ल अलग है लेकिन काम दोनों का एक ही है... Hindi · कविता 142 Share Shekhar Chandra Mitra 5 Sep 2021 · 1 min read ज्वलंत प्रश्न राजा का बेटा ही राजा क्यों हो! हर बार पिछलग्गू प्रजा क्यों हो! अमानवीय लोगों के हाथों में ही देश और धर्म का ध्वजा क्यों हो! Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 241 Share Shekhar Chandra Mitra 5 Sep 2021 · 1 min read घोर विडम्बना जिस देश में बुद्धिजीवी अपमानित हो! वह देश क्यों नहीं पराजित हो!! जिस देश में पाखंडी सम्मानित हो! वह देश क्यों नहीं पराजित हो!! जिस देश में श्रमजीवी शोषित हो!... Hindi · कविता 152 Share Shekhar Chandra Mitra 5 Sep 2021 · 1 min read धर्मनिरपेक्ष बुद्धिजीवी धर्मनिरपेक्ष लोगों की ओर से न तो हिंदू हैं न ही मुस्लिम! हमें तो इनसे भी गाली सुननी है उनसे भी गाली सुननी है!! Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 185 Share Shekhar Chandra Mitra 5 Sep 2021 · 1 min read ज़िंदा ज़मीर के लोग इंसानियत के हक़ में उठने वाली हर आवाज़ के साथ हैं हम! जम्हूरियत के हक़ में उठने वाली हर आवाज़ के साथ हैं हम! ताकि अगली नस्लों की नज़र से... Hindi · कविता 175 Share Shekhar Chandra Mitra 5 Sep 2021 · 1 min read लोरी नहीं, ललकार प्रिय! नहीं लिखता मैं लोरियां बच्चों को सुलाने के लिए! लिखा करता हूं ललकार मैं जवानों को जगाने के लिए! कहीं व्यर्थ न चली जाए मेरी बरसों की यह साधना!... Hindi · कविता 275 Share Shekhar Chandra Mitra 5 Sep 2021 · 1 min read आज़ादी के रखवाले फांसी पर चढ़े थे वो! हिरासत में सड़े थे वो!! एक छोटी-सी जिंदगी में सौ-सौ बार मरे थे वो!! इंसानी ख्वाहिशों का घोंट कर अपनी गला! क्या इसी दिन के... Hindi · कविता 482 Share Shekhar Chandra Mitra 5 Sep 2021 · 1 min read सत्ता से सवाल अगर यही हैं अच्छे दिन बुरे दिन वापस कर दो! रख लो अपने उजले दिन काले दिन वापस कर दो!! मेहनतकश अवाम हैं हम सियासत को क्या समझें! नहीं चाहिए... Hindi · कविता 173 Share Shekhar Chandra Mitra 5 Sep 2021 · 1 min read मूकदर्शक आखिर किस दुनिया में रहते हो, साब! कुछ पता भी है क्या हो रहा है आज!! बेच दिया गया लगभग पूरे देश को ही चंद घरानों को करने के लिए... Hindi · कविता 167 Share Shekhar Chandra Mitra 5 Sep 2021 · 1 min read विपक्ष की भूमिका अगर संसद में जगह नहीं तो सड़क पर जगह बनाओ न! तुम विपक्ष हो तो विपक्ष की भूमिका ठीक से निभाओ न!! अपने देश और समाज के सारे जलते हुए... Hindi · कविता 181 Share Shekhar Chandra Mitra 4 Sep 2021 · 1 min read हमारी ज़िम्मेदारी सोशल मीडिया को मेन स्ट्रीम मीडिया बनाना हमारी जिम्मेदारी है! अपने प्रोटेस्ट से करप्ट सिस्टम को हिलाना हमारी जिम्मेदारी है! डिप्रेस्ड क्लास को सोशल जस्टिस दिलाना हमारी जिम्मेदारी है! इंडिया... Hindi · कविता 220 Share Shekhar Chandra Mitra 4 Sep 2021 · 1 min read अलविदा कुछ और घना हो गया अंधेरा! कुछ और दूर हो गया सबेरा!! आज एक तुम्हारे जाने भर से कुछ और वीरान हो गया बसेरा!! Hindi · कविता 278 Share Shekhar Chandra Mitra 3 Sep 2021 · 1 min read मेहनत का नतीज़ा जो दूसरों की बहुमंजिली ईमारतें बनाते हैं वे ख़ुद तंबुओं में रहते हैं! जो दूसरों के खेतों में ख़ून-पसीना बहाते हैं उनके बच्चे सूखी रोटी के लिए तरसते हैं!! हमारे... Hindi · कविता 1 1 149 Share Shekhar Chandra Mitra 3 Sep 2021 · 1 min read इंसानियत के सवाल पर ना तो हिंदुत्व के ख़िलाफ़ हूं! ना ही इस्लाम के ख़िलाफ़ हूं!! मैं बस हर मज़हब में घुसे हुए कुछ तालिबान के ख़िलाफ़ हूं!! Shekhar Chandra Mitra #RomanticRebel #HumanityFirst Hindi · कविता 138 Share Shekhar Chandra Mitra 3 Sep 2021 · 1 min read सांप्रदायिक राजनीति का फल किससे पूछ कर हसीनाओं को लूटा गया था? किससे पूछ कर नौजवानों को काटा गया था? आख़िर भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में! किससे पूछ कर हमारे देश को बांटा गया... Hindi · कविता 159 Share Shekhar Chandra Mitra 3 Sep 2021 · 1 min read सरहद पर तनाव दुनिया का ठेका किसने दिया आदमी को? किसने कुफ़्र कहा एक आज़ाद ज़िंदगी को? रंग, नस्ल और मज़हब के नाम पर! किससे पूछ कर बांटा गया इस ज़मीं को? चिड़ियों... Hindi · कविता 316 Share Shekhar Chandra Mitra 3 Sep 2021 · 1 min read भस्मासुर "वे जिसके सिर पर हाथ रखते हैं, वही भस्म हो जाता है।" उन्हें ताक़त देने से पहले आप अच्छी तरह यह सोच लें- "राजनेता और धर्मगुरु भस्मासुर होते हैं जनता... Hindi · कविता 409 Share Shekhar Chandra Mitra 3 Sep 2021 · 1 min read अंधेरे युग में क्रांति की आग के लिए! जो घी का ना काम करे!! लानत है उस कविता को जो कवि को बदनाम करे!! ऐसे हरेक बुद्धिजीवी से कह दो कि वह डूब... Hindi · कविता 133 Share Shekhar Chandra Mitra 3 Sep 2021 · 1 min read बुद्धिजीवियों से सवाल किसी सुविधाभोगी कायर को बुद्धिजीवी कहना ठीक है क्या? जो ललकार नहीं, थपकी बने वह कविता और गीत है क्या? अधिकारों के लिए संघर्ष करना मौलिक कर्तव्य है हम सबका!... Hindi · कविता 164 Share Shekhar Chandra Mitra 3 Sep 2021 · 1 min read अभी और यहीं आप इतना भी मत सोचा कीजिए! अभी और यहीं फ़ैसला कीजिए!! ज़्यादा से ज़्यादा आख़िर क्या होगा! जो भी दिल में है कह दिया कीजिए!! Shekhar Chandra Mitra #RomanticRebel (A... Hindi · कविता 360 Share Shekhar Chandra Mitra 3 Sep 2021 · 1 min read किसान आंदोलन पूरी दुनिया देख रही है किस-किसका मुंह बंद करोगे! उतनी बढ़ेगी तुमसे नफ़रत जितना हमको तंग करोगे!! आने वाली नस्लें तुमसे जब मांगेंगी सारा हिसाब! ज़वाब देना होगा उसका तुम... Hindi · कविता 1 165 Share Shekhar Chandra Mitra 3 Sep 2021 · 1 min read असली गुनहगार देश की बर्बादी का जिम्मेदार कौन है! मजदूर और किसान का खतावार कौन है!! अगर जान की अमान मिले तो कुछ कहें हमें मालूम है कि असली गुनहगार कौन है!!... Hindi · कविता 1 179 Share Shekhar Chandra Mitra 3 Sep 2021 · 1 min read सियासी शायरी भरा-पूरा बाजार ले डूबी! सबका रोजगार ले डूबी!! संसद से लेकर सड़क तक देश को सरकार ले डूबी!! Hindi · कविता 257 Share Shekhar Chandra Mitra 2 Sep 2021 · 1 min read अपने आपको साबित कर! चाहे तख्त को तू हुक्म दे चाहे ताज से गुज़ारिश कर! दुनिया भर में होने वाली ख़त्म हरेक साज़िश कर!! इससे पहले कि ऐ ख़ुदा! उठ जाए तुझसे यकीन सबका!... Hindi · कविता 174 Share Shekhar Chandra Mitra 2 Sep 2021 · 1 min read प्यार से तंग आए बार-बार धोखा खाएं हम ख़ुद को क्या भरमाएं हम अगर यही सब प्यार है तो इस प्यार से तंग आए हम... #Geetkar Shekhar Chandra Mitra (A Dream of Love) Hindi · कविता 322 Share Shekhar Chandra Mitra 2 Sep 2021 · 1 min read ख़ुदा का वजूद है भी या नहीं ख़ुदा अब मुझे क्या पता मान लूंगा मैं उसे जब होगा सामना... #Geetkar Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 144 Share Shekhar Chandra Mitra 2 Sep 2021 · 1 min read अलबेले गीत दुनिया भर के हम दुःख झेले तरह-तरह के पापड़ बेले तब जाकर उतरे हम पर गीत-गजल ऐसे अलबेले... #Geetkar Shekhar Chandra Mitra #सृजनचेतना Hindi · कविता 293 Share Shekhar Chandra Mitra 2 Sep 2021 · 1 min read अल्ला हू तुझमें मैं मुझमें तू अल्ला हू अल्ला हू... मैं भी वही जो है तू अल्ला हू अल्ला हू... तेरा मैं मेरी तू अल्ला हू अल्ला हू... तू ही दिल में... Hindi · गीत 312 Share Shekhar Chandra Mitra 2 Sep 2021 · 1 min read बालीवुड जीनियस: शैलेन्द्र शैलेन्द्र के लिखे हुए गीतों की विशेषताएं- १-उन्होंने बड़ी से बड़ी बात को आसान से आसान और कम से कम शब्दों में कह दी है। २-उनके लिखे हुए गीत लोकगीत... Hindi · लेख 1 178 Share Shekhar Chandra Mitra 2 Sep 2021 · 1 min read जीवन-मृत्यु आख़िर हम तुम मर जाएंगे सूखे दरख़्त से पड़ जाएंगे या तो जल जाएंगे चिता में या फिर क़ब्र में सड़ जाएंगे... चकले से मयखाना और मस्जिद से बुतखाना तक... Hindi · कविता 1 348 Share Shekhar Chandra Mitra 2 Sep 2021 · 1 min read मैं अवाम के साथ हूं! मज़दूर के साथ हूं! किसान के साथ हूं!! मैं सभी मेहनतकश अवाम के साथ हूं!! हुक्मरानों का क्या वे आते-जाते रहते! मैं तो केवल अपने हिंदोस्तान के साथ हूं!! Shekhar... Hindi · कविता 247 Share Shekhar Chandra Mitra 2 Sep 2021 · 1 min read कवि शैलेन्द्र एक अच्छे इंसान के गीत हैं! एक सच्चे इंसान के गीत हैं!! शैलेन्द्र के लिखे हुए गीत तो एक पक्के इंसान के गीत हैं!! Hindi · कविता 282 Share Previous Page 61 Next