Mugdha shiddharth Tag: मुक्तक 326 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Next Mugdha shiddharth 10 Oct 2019 · 1 min read मुक्त १. अब कोई मेरी सारी सुबहों में सूर्य ग्रहण लगा दो मगर सारी बेटियों के मन आंगन में धूप खिलने दो ! ...सिद्धार्थ २. तू नीम नींद से जागेगा भी,... Hindi · मुक्तक 3 1 360 Share Mugdha shiddharth 10 Oct 2019 · 1 min read मुक्त १. बिका हुआ कलम क्रांति गीत नही गाता थूक से कभी भी इतिहास नही रचा जाता । ...सिद्धार्थ 2 ख़ता गर कर ही लिया तो सज़ा से क्या डरे हम... Hindi · मुक्तक 3 406 Share Mugdha shiddharth 10 Oct 2019 · 1 min read मुक्तक जुस्तुजू उसकी करके भी ख़ाके मुहब्बत ही उड़ाया मैंने दीद की बस आरज़ू ही रही, चैन भी तो गवाया मैंने ! बस एक तेरी दीद की रही आरजू दिल में... Hindi · मुक्तक 1 1 329 Share Mugdha shiddharth 9 Oct 2019 · 1 min read मुक्तक १. कुछ गम कुछ खुशियां तेरे दामन में वो टांक गया उम्र था कि एक और साल चुपके से फलाँग गया ! ...सिद्धार्थ २. हम दोनों एक ही माँ की... Hindi · मुक्तक 1 427 Share Mugdha shiddharth 9 Oct 2019 · 1 min read मुक्तक हमारी किस्मतों के फ़ैसले वो क्यों करें ? हमारे प्यार जताने के तरीक़े वो तय क्यों करें ? हमारी माँ अभी जिन्दा है, हम गाय को माँ क्यों कहें ?... Hindi · मुक्तक 1 1 239 Share Mugdha shiddharth 7 Oct 2019 · 1 min read मुक्तक १ कुछ अपने कुछ मेरे कुछ सब के बारे में लिखो, कुछ तो लिखो यूँ चुप न रहो चुप्पी मुर्दों पे जंचती है जिन्दा हो तो जिंदगी की गिरहों को... Hindi · मुक्तक 1 1 231 Share Mugdha shiddharth 7 Oct 2019 · 1 min read मुक्तक १. अच्छा है दिल को भी कभी कभी खून के आंसू रोने दो अपनी आवारगी पे इसे भी तो पशेमाँ कभी जरा होने दो ! ... सिद्धार्थ २. मेरे इंतजार... Hindi · मुक्तक 3 445 Share Mugdha shiddharth 6 Oct 2019 · 1 min read एक हसीन वादा था तुम से १. एक हसीन वादा था तुम से, कुछ न मांगने का भी इरादा था एक गिला किये बिना ही जाना, क्या ये इश्क से भी ज़्यादा था। ...सिद्धार्थ २. मौत... Hindi · मुक्तक 1 381 Share Mugdha shiddharth 5 Oct 2019 · 1 min read मुक्तक सब ये कहते हैं आँखों में मेरे समंदर, होठों पे फूलों के मुस्कान की कहानी है एक जेब है जो मेरे सीने से लिपटा है जिसमे क़तरा-क़तरा अपनों के प्यार... Hindi · मुक्तक 3 1 193 Share Mugdha shiddharth 3 Oct 2019 · 1 min read मुक्तक १. जिसकी पंखुड़ियों को न खिलने की सज़ा मिली हो यार वो फूल खुशबू कहां तक लुटाए जमाने में... ... सिद्धार्थ २. तुम पंख क्यों नहीं देते अपना परवाज करना... Hindi · मुक्तक 1 455 Share Mugdha shiddharth 3 Oct 2019 · 1 min read मुक्तक १. हजारों एब हैं मुझमें, एब से लबालब भरी हूं मैं खूबी बस इतनी,नफरत में भी प्यार ढूंढ लेती हूं मैं जख्म गर सीने के हो तो,ठहाकों से सी लेती... Hindi · मुक्तक 1 270 Share Mugdha shiddharth 3 Oct 2019 · 1 min read मुक्तक हर गली हर नुक्क्ड़ से बस एक आवाज़ अब आएगा भगत अश्फाक के देश में अब भूरे गोरे न टिक पायेगा ग़ुलाम होठ भी उठ के तब इंक़लाब के नगमे... Hindi · मुक्तक 1 1 210 Share Mugdha shiddharth 3 Oct 2019 · 1 min read प्यार छुपी होती है... १. उदासी के सूखे पत्तों में भी बहार छुपी होती है... उदास दिलों के बंद दरवाज़े में भी हंसी की हल्की सी टंकार छुपी होती है जो कानों तक न... Hindi · मुक्तक 1 1 193 Share Mugdha shiddharth 3 Oct 2019 · 1 min read मुक्तक १. उसने सारे शब्द गुमा दिए थे इस लिए नाव भेजी है ढूंढ़ के लाने को मेरे सुने आंगन को शब्दों से महकाने को ... सिद्धार्थ २. भगत तेरा हंस... Hindi · मुक्तक 1 168 Share Mugdha shiddharth 12 Sep 2019 · 1 min read गिला कोई नही १. कितना कुछ कहना था तुमसे पर... गिला कोई नही जो गुजरी हो तुमसे, फिर क्या कहूं मैं अब तुमसे ढूंढती हूँ बहाने कई जो कुछ भी ऐसे ही कहूँ... Hindi · मुक्तक 2 217 Share Mugdha shiddharth 12 Sep 2019 · 1 min read कितना पानी क्या करोगी ईतना पानी क्या करोगी मेरे आंखों का पानी काफी हैं सेहरा को तर कर जाने के लिए उम्मीदों का सूरज गहरा है सपनों का दीपक बुझाने के लिए। वो इम्तहाँ... Hindi · मुक्तक 3 1 556 Share Mugdha shiddharth 11 Sep 2019 · 1 min read चुप १. तुमने आज वो दिया जिसकी हमें बेहद जरूरत थी अपने बिकारों को चीख में पिरोने की बहसत थी ! ...सिद्धार्थ २. मुझमें भी बसता है एक चुप पैर मोरे... Hindi · मुक्तक 2 259 Share Mugdha shiddharth 10 Sep 2019 · 1 min read मैं भी हूँ अगर राणा का वंशज अब हम से ये सब न संभाला जाय प्रेम को कहो कैसे घृणा पे वारा जाय आदम के ही हांथों मरते आदम को बोलो हम से कैसे आँख मूंद देखा... Hindi · मुक्तक 3 2 229 Share Mugdha shiddharth 9 Sep 2019 · 1 min read याद तुम्हें याद करने को रूह को काम पे लगाया है जिस्म को तो यारा, मेरे फुरसत ही नही मिलती ! ...सिद्धार्थ २. हरदम याद करते हैं, तेरे ही साथ रहते... Hindi · मुक्तक 2 1 510 Share Mugdha shiddharth 7 Sep 2019 · 1 min read मिठास १. रिश्ते की मिठास ने मन ही मन आवाज लगाई थी इस लिए साहब मैंने रोटी सेकने को चूल्हा जलाई थी ! ...सिद्धार्थ २. क्या ही मांग लुंगी मैं दिल... Hindi · मुक्तक 2 1 278 Share Mugdha shiddharth 6 Sep 2019 · 1 min read नशा क्या ही मांग लुंगी मैं दिल के सिबा तुम से इश्क का सबूत भी तो न माँगा जायेगा दिल है एक मेरा जो तेरे आंगन में जा गिरा बस धडकनों... Hindi · मुक्तक 3 2 262 Share Mugdha shiddharth 6 Sep 2019 · 1 min read तलाश मेरे कांपते होठों ने बेख्याली में कई बार तेरा ही नाम लिया तू जुदा सा था इस लिए शायद दिल ने तुझे अपना मान लिया ! ...सिद्धार्थ २. औरतों का... Hindi · मुक्तक 1 1 214 Share Mugdha shiddharth 5 Sep 2019 · 1 min read मुक्तक १. हमने तो कुछ भी कहा नही तुमने सुना कैसे वो तो महज़ एक राज़ था फूलों के दिल का ! ...सिद्धार्थ २. इंसान बने रहने की खूबी कुछ चंद... Hindi · मुक्तक 1 1 219 Share Mugdha shiddharth 5 Sep 2019 · 1 min read मुक्तक 1. खुद को जला कर भी आग हो जाने का सोचा है हमने हर बुझती आवाज पर हुंकार भरने का सोचा है हमने ! ...सिद्धार्थ 2. ये इश्क चीज ही... Hindi · मुक्तक 2 2 413 Share Mugdha shiddharth 4 Sep 2019 · 1 min read मुक्तक 1. तुम ही मेरा इश्क तुम ही मेरा गुरुर हो तुम ही मेरी चाहत तुम ही तो सुरूर हो ... सिद्धार्थ 2. पागल हूँ क्या ? कि तुझ से और... Hindi · मुक्तक 1 1 225 Share Mugdha shiddharth 3 Sep 2019 · 1 min read कहना था तुम से १. बिना नून के सालन जैसे गुजर जाता है मौसम जब, गुफ़्तगू आप से होती नही बैठी रह जाती हूँ कुछ तकते, मगर मैं रोती नही ! ...सिद्धार्थ २. कहना... Hindi · मुक्तक 3 3 448 Share Mugdha shiddharth 2 Sep 2019 · 1 min read खुश रहा करो... १. खुश रहा करो... दिल में दबा के दर्द होठों से हहहहहा करो पलकों पे छुपा के आँसू अंग-अंग से ठठा करो मेरी जान तुम तो खुल के हंसा करो...... Hindi · मुक्तक 2 2 235 Share Mugdha shiddharth 2 Sep 2019 · 1 min read विघ्नहर्ता १. विघ्नहर्ता हैं अगर वो सब के दुखियों के विघ्न हर लें देकर सब को सुख समृद्धि का आशीर्वाद खुद के लिए सारे दुख रख लें ...सिद्धार्थ २. चौठ का... Hindi · मुक्तक 1 1 421 Share Mugdha shiddharth 2 Sep 2019 · 1 min read तुम झूठे हो न ? १. सच-सच कहना तुम झूठे हो न ? कहते हो, अंदर से टूटे हो मगर खुद से ही रूठे हो न ? मुहब्बत का मुनाफा न मिला यही सोच गम... Hindi · मुक्तक 1 1 392 Share Mugdha shiddharth 2 Sep 2019 · 1 min read 'भूख' चौठ का चाँद आज गगन में आया है कुछ कहे दूषित हो तुम कुछ ने ढेला फेंक के मारा है मैं तो हूँ मिथिला की बेटी कैसे कहूँ, आज तू... Hindi · मुक्तक 2 1 417 Share Mugdha shiddharth 1 Sep 2019 · 1 min read मुक्तक १. मैंने तो कुछ भी वैसा नही कहा था , बस फासले को तुमने ही तो पसंद किया हमने तो बस दिल की अपनी कही थी तुमने कान ही तो... Hindi · मुक्तक 1 1 387 Share Mugdha shiddharth 29 Aug 2019 · 1 min read तुम्हारा हमारा रिश्ता १. तुम्हारा हमारा रिश्ता दिल की गली का मोड़ वो साबित हुआ है जो चंद कदमों पे टूट के अलग हो जाती है ...सिद्धार्थ २. बिछड़ के भी हम तेरे... Hindi · मुक्तक 4 2 267 Share Mugdha shiddharth 27 Aug 2019 · 1 min read हिचकी १. रात से क्या शिकायत करुँ... कि क्यूँ वो सोने क्यूँ नही देता कसूर तो दिल का है जो याद को उसके भुलाने ही नही देता दिल को चैन आँखों... Hindi · मुक्तक 3 258 Share Mugdha shiddharth 27 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक जिंदगी तो वैसे ही तबे पे चढ़ी है और चूल्हा आग के साथ ख़ामोश, ख्वाहिशों की हांड़ी-बटली करने में लगे हैं शोर अब तुम ही कहो पूर्दिल इस और देखूं... Hindi · मुक्तक 3 337 Share Mugdha shiddharth 27 Aug 2019 · 1 min read कई खत १. दूर भी रहते हैं वो पास भी रहते हैं वास्ता नही रखते हमसे बस छुप-छुप के तकते हैं इश्क सरेआम जाहिर न हो जाय बस इससे ही तो वो... Hindi · मुक्तक 3 520 Share Mugdha shiddharth 26 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक होता है सब का फितूर जुदा-जुदा किसी को बूत में किसी को आयतों में दिखे ख़ुदा। हमारी बात औरों से बिकुल है जुदा-जुदा हँसते खिलखिलाते बच्चों में दिखे ख़ुदा कुछ... Hindi · मुक्तक 3 512 Share Mugdha shiddharth 24 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक आंखों के कोर से उतर कर कलम के छोड़ पे बैठ जाते हो तुम बड़े बेकार हो पुर्दिल कभी आँसू तो कभी स्याही बन जाते हो ...सिद्धार्थ जिंदगी मुझे बदलने... Hindi · मुक्तक 2 459 Share Mugdha shiddharth 23 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. बिन मोहन राधा भी तो पुर्दिल बस आधा आधा है ! ...सिद्धार्थ २. 'माधव' धरु बांह तुम्हरी की तुम... सखियाँ के लाने नाही रहे एहि जुग में विस्वासा माधव... Hindi · मुक्तक 1 245 Share Mugdha shiddharth 23 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. धरती का दिल जिगर जल रहा है लालच का साँप इस पे पल रहा है ! ...सिद्धार्थ २. एक हसरत है की बचपन मुझे फिर प्यार से देखे मेरे... Hindi · मुक्तक 1 266 Share Mugdha shiddharth 21 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. इश्क में तो हम खुद ही गिरते संभलते दरिया पार कर लेंगे तुम कहो साथी, क्या इंकलाब में मेरा तुम सब साथ दोगे ? जो साथ हो तुम तो... Hindi · मुक्तक 1 412 Share Mugdha shiddharth 21 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. जीत हार की सीमा से परे, दोस्ती अपनी निराली है मैं थोड़ी अख्खड सी हूँ पुर्दिल, तू तो थोड़ा बबाली है ! ...सिद्धार्थ २. सुनो न एक बार पूछो... Hindi · मुक्तक 1 187 Share Mugdha shiddharth 21 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक मुस्कुराना और चहकते रहना दिल की गुबार को न आँखों से बहने देना इश्क का ये भी मुख़्तसर सा अन्दाज है न लब पे आहें ठहरे,न उतरे आँखों में लहू... Hindi · मुक्तक 2 419 Share Mugdha shiddharth 21 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. कहा था आओगे तुम मुलाकात के लिए मैंने दाँतों में दबा रखा था रात बस उसी एक छोटी सी बात के लिए ! ...सिद्धार्थ २. शिकायत क्या भला मैं... Hindi · मुक्तक 2 208 Share Mugdha shiddharth 19 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक मुख़्तसर सी बस एक बात है, दिल के जबां पे जो तेरा प्यार है। मरने नही देता, जीने नही देता जुदाई में भी तन्हा होने नही देता। खाबो-ख्यालों में बस... Hindi · मुक्तक 1 215 Share Mugdha shiddharth 19 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक कभी कभी लगता है कह दूँ पुर्दिल, समय लगेगा जाने में कुछ सांसे अब भी अटकी हुई है, जीवन के खाली खाने में। कभी-कभी दिल कहता है कि, मैं वही... Hindi · मुक्तक 1 191 Share Mugdha shiddharth 19 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक मुख़्तसर सी एक बस बात है, दिल में लिए हैं प्यार हम ख़्वाहिस है तू मेरी, दिल से किया यार तेरा इंतख़ाब हम। अब ख्वाब में भी करते हैं यार... Hindi · मुक्तक 2 1 232 Share Mugdha shiddharth 19 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक मुख़्तसर सा एक ख़ाब है हांथो में तेरे मेरा हाँथ है दिल धड़कता है मेरा और ख्वाहिशें भी बेशुमार है। सुकून मिल जायेगा दिल-ए-बेकरार को इस ख्याल से तू भी... Hindi · मुक्तक 2 1 408 Share Mugdha shiddharth 19 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. जब तक चमन में तुम रहोगे प्यार खिला रहेगा दिल के बाग़-बग़ीचे में मेरी भी कुछ सांसे लेकर जीना प्यार ज़िंदा रहे सब के दिल के दरीचे में !... Hindi · मुक्तक 2 1 215 Share Mugdha shiddharth 19 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक हमने कब कहा...? फासला पे रहो...? फैसला भी तुम्हारा फासला भी तुम्हारा हमने तो बस इतना चाहा... जहां भी रहो हौसलों से रहो... ...सिद्धार्थ Hindi · मुक्तक 3 1 304 Share Mugdha shiddharth 18 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. वो डूब रहा था जाने कितनी हसरतें लेकर हम तैरना उसको सीखा भी न पाए, कोई नही... कल फिर कोशिस करेंगे अपनी अना देकर ! ...सिद्धार्थ २. ये जो... Hindi · मुक्तक 2 1 172 Share Previous Page 5 Next