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जब तेरी याद बहुत आती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यूं तो गम भुलाने को हैं दुनिया में बहुत सी चीजें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मुझे भी तुम्हारी तरह चाय से मुहब्बत है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यूं प्यार में ज़िंदगी भी तबाह हो जाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अब कहने को कुछ नहीं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
उसकी इबादत आखिरकार रंग ले ही आई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इन हवाओं ने भी बहुत ही लंबा सफ़र तय किया है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दिल बयानी में हर शख्स अकेला नज़र आता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मुहब्बत तो दिल की सियासत पर होती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यूं इश्क़ भी पढ़े लिखों से निभाया न गया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जैसे तुम कह दो वैसे नज़र आएं हम,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हम दोनों यूं धूप में निकले ही थे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मैं चाहता था कोई ऐसी गिरफ्त हो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यूं सरेआम इल्ज़ाम भी लगाए मुझपर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
खैरात बांटने वाला भी ख़ुद भिखारी बन जाता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इजहार करने के वो नए नए पैंतरे अपनाता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रातों में नींद तो दिन में सपने देखे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रातों में यूं सुनसान राहें बुला रही थी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मौत से अपनी यारी तो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कौन कहता है ये ज़िंदगी बस चार दिनों की मेहमान है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चलो यूं हंसकर भी गुजारे ज़िंदगी के ये चार दिन,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
उस मुहल्ले में फिर इक रोज़ बारिश आई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कोई एहसान उतार रही थी मेरी आंखें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
लड़कियां बड़ी मासूम होती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सौदा हुआ था उसके होठों पर मुस्कुराहट बनी रहे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कूच-ए-इश्क़ से निकाला गया वो परवाना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ना जाने यूं इश्क़ में एक ही शौक़ पलता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वो गुलशन सा बस बिखरता चला गया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ज़िंदगी में जब भी कुछ अच्छा करना हो तो बस शादी कर लेना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यूं तो लाखों बहाने हैं तुझसे दूर जाने के,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इश्क़ भी इक नया आशियाना ढूंढती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हमने ये शराब जब भी पी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रात बसर कर ली रात रंगीन गुजरने की आस में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आज़ सच को भी सच बोल दिया मैंने,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यूं मुहब्बत में सब कुछ हारने वालों,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इक नई सी दस्तक मेरे दिल में हर रोज़ होती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बंदगी करना हमने कब की छोड़ दी है रईस
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कलाकार की कलाकारी से सारे रिश्ते बिगड़ते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वो फिर से लौट आई है दिल पर नई सी दस्तक देने,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यूं किसने दस्तक दी है दिल की सियासत पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
उन बादलों पर पांव पसार रहे हैं नन्हे से क़दम,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सुबह, दोपहर, शाम,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
देख लो आज़ उसकी चिट्ठी आई है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अपने सिवा किसी दूजे को अपना ना बनाना साकी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हैं दुनिया में बहुत से लोग इश्क़ करने के लिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यूं गुम हो गई वो मेरे सामने रहकर भी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कलाकारी में भी यूं चार चांद लगाते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मनमर्जियों से घर नहीं चलता साहब!!
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नैनो में सलोने सपन भी ख़ूब जगाते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अब उनके हौसले भी पस्त होने लगे हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"