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मुक्तक- जर-जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
सत्य कुमार प्रेमी
तुझसे है मुझे प्यार ये बतला रहा हूॅं मैं।
सत्य कुमार प्रेमी
गज़ल
सत्य कुमार प्रेमी
जर जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
सत्य कुमार प्रेमी
(मुक्तक) जऱ-जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
सत्य कुमार प्रेमी
मां के आंचल में कुछ ऐसी अजमत रही।
सत्य कुमार प्रेमी
मजदूर औ'र किसानों की बेबसी लिखेंगे।
सत्य कुमार प्रेमी
खा गया हिस्सा महल तूने पता पाया नहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
यहां कश्मीर है केदार है गंगा की माया है।
सत्य कुमार प्रेमी
तुम्हारे बिन कहां मुझको कभी अब चैन आएगा।
सत्य कुमार प्रेमी
हे प्रभू तुमसे मुझे फिर क्यों गिला हो।
सत्य कुमार प्रेमी
यहां नसीब में रोटी कभी तो दाल नहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
मैं हर चीज अच्छी बुरी लिख रहा हूॅं।
सत्य कुमार प्रेमी
दूर जाकर क्यों बना लीं दूरियां।
सत्य कुमार प्रेमी
जो गगन जल थल में है सुख धाम है।
सत्य कुमार प्रेमी
देख बहना ई कैसा हमार आदमी।
सत्य कुमार प्रेमी
ईमान धर्म बेच कर इंसान खा गया।
सत्य कुमार प्रेमी
कम कमाना कम ही खाना, कम बचाना दोस्तो!
सत्य कुमार प्रेमी
हो मापनी, मफ़्हूम, रब्त तब कहो ग़ज़ल।
सत्य कुमार प्रेमी
उसे मैं भूल जाऊंगा, ये मैं होने नहीं दूंगा।
सत्य कुमार प्रेमी
इश्क़ में भी हैं बहुत, खा़र से डर लगता है।
सत्य कुमार प्रेमी
इक दूजे पर सब कुछ वारा हम भी पागल तुम भी पागल।
सत्य कुमार प्रेमी
सुरभित पवन फिज़ा को मादक बना रही है।
सत्य कुमार प्रेमी
हर खुशी पर फिर से पहरा हो गया।
सत्य कुमार प्रेमी
नया मानव को होता दिख रहा है कुछ न कुछ हर दिन।
सत्य कुमार प्रेमी
कल तक जो थे हमारे, अब हो गए विचारे।
सत्य कुमार प्रेमी
बिना कोई परिश्रम के, न किस्मत रंग लाती है।
सत्य कुमार प्रेमी
मैं तुम्हारे ख्वाबों खयालों में, मद मस्त शाम ओ सहर में हूॅं।
सत्य कुमार प्रेमी
ज़िंदगी उससे है मेरी, वो मेरा दिलबर रहे।
सत्य कुमार प्रेमी
पेड़ पौधों के बिना ताजी हवा ढूंढेंगे लोग।
सत्य कुमार प्रेमी
तुम्हारा प्यार अब मिलता नहीं है।
सत्य कुमार प्रेमी
है यही मुझसे शिकायत आपकी।
सत्य कुमार प्रेमी
ये जाति और ये मजहब दुकान थोड़ी है।
सत्य कुमार प्रेमी
अगर बात तू मान लेगा हमारी।
सत्य कुमार प्रेमी
सिर घमंडी का नीचे झुका रह गया।
सत्य कुमार प्रेमी
है कुछ पर कुछ बताया जा रहा है।।
सत्य कुमार प्रेमी
फालतू की शान औ'र रुतबे में तू पागल न हो।
सत्य कुमार प्रेमी
दिलों में प्यार भी होता, तेरा मेरा नहीं होता।
सत्य कुमार प्रेमी
मंजिल कठिन ॲंधेरा, दीपक जलाए रखना।
सत्य कुमार प्रेमी
है जिसका रहमो करम और प्यार है मुझ पर।
सत्य कुमार प्रेमी
ये दुनिया सीधी-सादी है , पर तू मत टेढ़ा टेढ़ा चल।
सत्य कुमार प्रेमी
जहां पर जन्म पाया है वो मां के गोद जैसा है।
सत्य कुमार प्रेमी
कुदरत का प्यारा सा तोहफा ये सारी दुनियां अपनी है।
सत्य कुमार प्रेमी
जवाब दो हम सवाल देंगे।
सत्य कुमार प्रेमी
बड़ा मायूस बेचारा लगा वो।
सत्य कुमार प्रेमी
नफ़रतों की बर्फ़ दिल में अब पिघलनी चाहिए।
सत्य कुमार प्रेमी
दिन भी बहके से हुए रातें आवारा हो गईं।
सत्य कुमार प्रेमी
मुझ पर तुम्हारे इश्क का साया नहीं होता।
सत्य कुमार प्रेमी
मेरा जीवन बसर नहीं होता।
सत्य कुमार प्रेमी
ज़रा सी बात पे तू भी अकड़ के बैठ गया।
सत्य कुमार प्रेमी