कवि रमेशराज Language: Hindi 315 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 7 कवि रमेशराज 2 Oct 2016 · 2 min read और भरो हुंकार [ लम्बी तेवरी-तेवर चालीसा ] +रमेशराज जनता लायी है अंगार आज यही चर्चा है प्यारे अधराधर। 1 मिलकर मेटें भ्रष्टाचार नयी क्रान्ति के जागेंगे अब फिर से स्वर। 2 भीषण करके धनु-टंकार एक महाभारत मानेंगे हम... Hindi · तेवरी 443 Share कवि रमेशराज 2 Oct 2016 · 2 min read रावणों के राज में [ वर्णिक छंद में लम्बी तेवरी/तेवर चालीसा ] +रमेशराज पागलों के साथ है मानो आज राजनीति दानवों के साथ है। 1 आज मत पूछिए भीम जैसा दल-बल कौरवों के साथ है। 2 तम-भरी रात में हादसा-सा रोज एक दीपकों... Hindi · तेवरी 262 Share कवि रमेशराज 1 Oct 2016 · 4 min read मन ईलू-ईलू बोले [ लम्बी तेवरी-तेवर चालीसा ] +रमेशराज घोटाले मंत्री को प्यारे, लिपट पेड़ से बेल निहाल छिनरे सुन्दर नारि ताकते खडे़ हुए हैं बम भोले। 1 अज्ञानी को मद भाता है, भला लगे मछली को ताल गुड़... Hindi · तेवरी 343 Share कवि रमेशराज 26 Sep 2016 · 3 min read कायर मरते पीठ दिखाकर [ लम्बी तेवरी-तेवर चालीसा ] -रमेशराज ‘मीरा’ जैसा धर्म निभाकर तीखे विष का प्याला पाकर, मरा न कोई, अमर हुआ। 1 बन प्रहलाद देख ले प्यारे अग्नि-कुण्ड के बीच नहाकर, मरा न कोई, अमर हुआ। 2... Hindi · तेवरी 305 Share कवि रमेशराज 23 Sep 2016 · 7 min read ‘ रावण-कुल के लोग ‘ (लम्बी तेवरी-तेवर-शतक) +रमेशराज बिना पूँछ बिन सींग के पशु का अब सम्मान मंच-मंच पर ब्रह्मराक्षस चहुँदिश छायें भइया रे! 1 तुलसिदास ऐसे प्रभुहिं कहा भजें भ्रम त्याग अनाचार को देख न जो तलवार... Hindi · तेवरी 483 Share कवि रमेशराज 21 Sep 2016 · 5 min read ‘पूछ न कबिरा जग का हाल’ [ लम्बी तेवरी , तेवर-शतक ] +रमेशराज खुशी न लेती आज उछाल इस जीवन से अच्छी मौत भइया रे। 1 पूछ न मुझसे मेरा हाल मुझको किश्तों में दी मौत भइया रे। 2 है जीवन फूलों की... Hindi · तेवरी 591 Share कवि रमेशराज 19 Sep 2016 · 4 min read ‘ मेरा हाल सोडियम-सा ’ [ लम्बी तेवरी, तेवर-शतक ] +रमेशराज ......................................................... इस निजाम ने जन कूटा हर मन दुःख से भरा लेखनी । 1 गर्दन भले रखा आरा सच बोलूंगा सदा लेखनी । मैंने हँस-हँस जहर पिया मैं ‘मीरा-सा’ रहा... Hindi · तेवरी 279 Share कवि रमेशराज 16 Sep 2016 · 8 min read “जै कन्हैयालाल की! [ लम्बी तेवरी तेवर-शतक ] +रमेशराज कृष्ण-रूप में कंस जैसे हर शासक के प्रति- “जै कन्हैयालाल की! [ लम्बी तेवरी तेवर-शतक ] +रमेशराज ..................................................... जन को न रोटी-दाल, जै कन्हैयालाल की! नेताजी को तर माल, जै... Hindi · तेवरी 304 Share कवि रमेशराज 14 Sep 2016 · 5 min read विमोचन एक हिन्दी पुस्तक का [व्यंग्य] +रमेशराज [व्यंग्य ] विमोचन एक हिन्दी पुस्तक का +रमेशराज ------------------------------------------------------------ यूं तो हमारे देश में कई हिन्दी पुस्तकों के भव्य और विशाल विमोचन पांचतारा होटलों से लेकर महाविद्यालयों के सुसज्जित प्रांगणों... Hindi · कविता 284 Share कवि रमेशराज 12 Sep 2016 · 10 min read ' ककड़ी के चोरों को फाँसी ' [ प्रचलित लोककथनों पर आधारित-लम्बी तेवरी-तेवर-शतक ] +रमेशराज हर तेवर ‘लोकोक्ति’ सुहाये, शब्दों के भीतर तूफान अपने घर को फूंक तमाशा हुए देखने हम तैयार, क्या समझे! दही जमेगा, घी निकलेगा, जब ले लेगा दूध उफान लिये बाल्टी... Hindi · तेवरी 699 Share कवि रमेशराज 8 Sep 2016 · 8 min read घड़ा पाप का भर रहा [लम्बी तेवरी, तेवर-शतक ] +रमेशराज मन की खुशियाँ जागकर मीड़ रही हैं आँख चीर रही जो अंधकार को उसी किरन की मौत न हो। 1 चाहे जो भी नाम दे इस रिश्ते को यार जिस... Hindi · तेवरी 308 Share कवि रमेशराज 5 Sep 2016 · 7 min read ‘धन का मद गदगद करे’ [लम्बी तेवरी -तेवर-शतक] +रमेशराज कितने विश्वामित्र, माया के आगे टिकें इत्र सरीखा दे महक धन -वैभव हर बार । 1 अब मंत्री-पद पाय, मुनिवर नारद खुश बहुत धन का मद गदगद करे सत्य हुआ... Hindi · तेवरी 339 Share कवि रमेशराज 3 Sep 2016 · 7 min read अन्तर आह अनंत अति [ लम्बी तेवरी – तेवर शतक ] +रमेशराज बोलें-‘वंदे मातरम्’ तस्कर, चोर, डकैत छद्मवेश को धारे प्यारे खल-गद्दार बहुत से हैं। 1 तुझे पढ़ाने के लिए नारी-तन-भूगोल मस्तराम के उपन्यास, चैनल-अखबार बहुत से हैं। 2 अन्तर आह अनंत... Hindi · तेवरी 281 Share कवि रमेशराज 2 Sep 2016 · 8 min read 'दे लंका में आग' [ लम्बी तेवरी--तेवर-शतक ] +रमेशराज सिस्टम आदमखोर, जि़न्दगी दूभर है, कविता को हथियार बना तू लाँगुरिया, गाल छर असुरों के। असुरों के आगे विनती में हर स्वर है, क्रान्ति-भरे फिर भाव जगा तू लाँगुरिया, गाल... Hindi · तेवरी 1 527 Share कवि रमेशराज 1 Sep 2016 · 1 min read लोक-शैली ‘रसिया’ पर आधारित रमेशराज की तेवरी लोक-शैली ‘रसिया’ पर आधारित रमेशराज की तेवरी …………………………………………………………………. मीठे सोच हमारे, स्वारथवश कड़वाहट धारे भइया का दुश्मन अब भइया घर के भीतर है। इक कमरे में मातम, भूख गरीबी अश्रुपात... Hindi · तेवरी 3 350 Share Previous Page 7