Manisha Manjari Language: Hindi 268 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Manisha Manjari 19 Nov 2024 · 1 min read आजमाती है ज़िन्दगी तो, इम्तिहान कड़े होते हैं। आजमाती है ज़िन्दगी तो, इम्तिहान कड़े होते हैं, काँटों की राह पर चलकर, हम उम्र को खोते हैं। यूँ तो हर ईंट खुद को, मकान समझकर जीता है, पर वास्तव... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 15 Share Manisha Manjari 17 Nov 2024 · 1 min read धवल बर्फ की झीनी चादर पर धवल बर्फ की झीनी चादर पर, चांदनी का यूँ मुस्कुराना, सपनों में खोई झील की लय पर, चाँद का खुद उतर आना। मदहोशी में पत्तों को गिराकर, शाख का यूँ... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 24 Share Manisha Manjari 10 Nov 2024 · 1 min read कुछ कदम मैं चलूँ, कुछ दूरियां तुम मिटा देना, कुछ कदम मैं चलूँ, कुछ दूरियां तुम मिटा देना, ख़ामोशियों भरी जो तस्वीर है, उसे शब्दों से सजा देना। अधूरी ख़्वाहिशें जो, बेहोशी की चादर तले सोई हैं, नए कुछ... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 34 Share Manisha Manjari 9 Nov 2024 · 1 min read सोचा नहीं था एक दिन , तू यूँ हीं हमें छोड़ जाएगा। सोचा नहीं था एक दिन , तू यूँ हीं हमें छोड़ जाएगा, हर पल की खामोशी में फिर, बनकर तू याद सताएगा। वक्त जो संग बीता था, क्या फिर लौट... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 1 28 Share Manisha Manjari 31 Oct 2024 · 1 min read वर्षभर की प्रतीक्षा उपरान्त, दीपावली जब आती है, वर्षभर की प्रतीक्षा उपरान्त, दीपावली जब आती है, मन में दबी निराशाएं भी, आशाओं के दीप जलाती है। कार्तिक मास की ये अमावस्या, अन्धकार को झुठलाती है, दीपावली के दीयों... Hindi 44 Share Manisha Manjari 31 Oct 2024 · 1 min read लाखों दीयों की रौशनी फैली है। लाखों दीयों की रौशनी फैली है, पर अस्तित्व तेरा दिखता नहीं। खुशियों भरी दिवाली में भी, अश्कों का अँधेरा छंटता नहीं। वनवास राम ने भी काट लिया, पर ये वियोग... Hindi 32 Share Manisha Manjari 24 Oct 2024 · 1 min read कहते हैं लड़कों की विदाई नहीं होती . कहते हैं लड़कों की विदाई नहीं होती, उन्हें तो बस नौकरी की तलाश में घर छोड़ जाना होता है, खामोशी की दुशाला ओढ़कर, अपनी किस्मत को आजमाना होता है। बचपन... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 36 Share Manisha Manjari 23 Oct 2024 · 1 min read क़दमों को जिसने चलना सिखाया, उसे अग्नि जो ग्रास बना गया। लाखों सवाल करता वो मौन, यूँ मौन में समा गया, कि जवाबओं की तलाश में, जीवंत वृक्ष का हर पत्ता मुरझा गया। संवेदनहीन हवाओं ने भी, अश्रुओं को गिरा दिया,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 25 Share Manisha Manjari 22 Oct 2024 · 1 min read आकांक्षाएं और नियति आकांक्षाओं के बिखरते बीज कहाँ, प्रतिफल की फ़सलें उगाते हैं, क्षितिज की अपनी हीं विवशताएँ हैं, वो नियति को आवश्यक बताते हैं। सिक्कों के चित्त-पट सी शत्रुता इनकी, एक माने... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 34 Share Manisha Manjari 17 Oct 2024 · 1 min read एक सूरज अस्त हो रहा है, उस सुदूर क्षितिज की बाहों में, एक सूरज अस्त हो रहा है, उस सुदूर क्षितिज की बाहों में, और एक शाम ढल रही है, मेरे बेहोश दिल की पनाहों में। एक अधूरा चाँद बसा रहा उस,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 35 Share Manisha Manjari 4 Oct 2024 · 1 min read आसमां से गिरते सितारे का एक लम्हा मैंने भी चुराया है। आसमां से गिरते सितारे का, एक लम्हा मैंने भी चुराया है, एक दुआ की ख्वाहिश कर, बोझ को उसके बढ़ाया है। बादलों में बसे उस शहर में, एक दिन मैंने... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 52 Share Manisha Manjari 27 Sep 2024 · 1 min read जो गूंजती थी हर पल कानों में, आवाजें वो अब आती नहीं, जो गूंजती थी हर पल कानों में, आवाजें वो अब आती नहीं, तेरी फ़िक्र जो रहती थी अंतर्मन में, रातें वैसी अब सताती नहीं। खुशबू बस्ती थी जिस कमरे में,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 38 Share Manisha Manjari 26 Sep 2024 · 1 min read एक बिखरा ख़्वाब हूँ मैं, तू नींदों में दीदार ना कर, एक बिखरा ख़्वाब हूँ मैं, तू नींदों में दीदार ना कर, जो दिख जाऊं गलती से मैं, इस सच को तू स्वीकार ना कर। कुछ पत्ते शाखों से बिछड़ गए,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 51 Share Manisha Manjari 24 Sep 2024 · 1 min read यादों के बीज बिखेर कर, यूँ तेरा बिन कहे जाना, यादों के बीज बिखेर कर, यूँ तेरा बिन कहे जाना, कल्पनाओं के जंगल में फिर, मेरा खुद को बिखराना। निगाहों को मेरी, अपनी ख्वाहिशों से उलझाना, चाहतों का तस्वीर बन... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 37 Share Manisha Manjari 23 Sep 2024 · 1 min read जीवन चलचित्र के किरदार कई सारे, जीवन चलचित्र के किरदार कई सारे, स्वार्थ की अपनी नैया को खूब सँवारे। जो पीड़ा हो स्व की तो, फूटते अश्रु के फव्वारे, और दूजे के घाव देख, लेते ये... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 38 Share Manisha Manjari 22 Sep 2024 · 1 min read कभी हसरतें थी कि, तेरे शहर में मेरा मकां होगा कभी हसरतें थी कि, तेरे शहर में मेरा मकां होगा, पर किसे पता था कि वो बस ख़्वाहिशों का धुंआ होगा। आवाजें दी तूने जिन गलियों से, ना जाने कितनी... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 47 Share Manisha Manjari 21 Sep 2024 · 1 min read लौट कर आने की अब होगी बात नहीं। लौट कर आने की अब होगी बात नहीं, तेरे शहर से अब मेरी, होगी मुलाक़ात नहीं। ख़्वाहिशें दिल के किसी कोने में साँसें तो लेंगी, पर उन्हें पूरा करने के,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 62 Share Manisha Manjari 20 Sep 2024 · 1 min read उलझता रहता है हर कोई यहां इश्क़ की चाहतों में। उलझता रहता है हर कोई यहां इश्क़ की चाहतों में, और कहता है सबको ना पड़ना कभी इन आफतों में। अनगिनत नामों से नवाजा गया है इसे तो रिवायतों में,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 42 Share Manisha Manjari 19 Sep 2024 · 1 min read उदासीनता के शिखर श्रेष्ठ ने, यूँ हीं तो नहीं अपनाया है। उदासीनता के शिखर श्रेष्ठ ने, यूँ हीं तो नहीं अपनाया है, भावनाओं की जलती चादर ने, जलाकर जो भस्म बनाया है। ना अतीत का दुःख, ना भविष्य की चिंता, ऐसा... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 52 Share Manisha Manjari 19 Sep 2024 · 1 min read इन राहों में सफर करते है, यादों के शिकारे। इन राहों में सफर करते है, यादों के शिकारे, खामोश लम्हों में गूंजते हैं, जज्बातों के इकतारे। पलभर के लिए भी सोच, जो तुझसे रिहा होती है, आँखें नम होकर... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 52 Share Manisha Manjari 19 Sep 2024 · 1 min read ये वादियों में महकती धुंध, जब साँसों को सहलाती है। ये वादियों में महकती धुंध, जब साँसों को सहलाती है, यादों के बंद कमरों की, चाभियाँ ढूंढ लाती है। हवाएं मीठी ठंड की शिरकतों से, मोहब्बत जो जगाती है, वो... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 40 Share Manisha Manjari 10 Sep 2024 · 1 min read यूँ तो बुलाया कई बार तूने। यूँ तो बुलाया कई बार तूने, आज कदम तेरे शहर तक खींच लाये हैं, अस्तित्व तेरा नदारद तो है मगर, ये रस्ते तेरे एहसासों से नहाये हैं। एक तो ये... Hindi · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 56 Share Manisha Manjari 28 Aug 2024 · 1 min read इच्छाओं से दूर खारे पानी की तलहटी में समाना है मुझे। इच्छाओं से दूर खारे पानी की तलहटी में समाना है मुझे, क्षितिज के रंगों की रंगहीनता से खुद को रंगवाना है मुझे। यूँ तो होती है सुबह, हर गुजरते रात... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 60 Share Manisha Manjari 28 Aug 2024 · 1 min read फैला था कभी आँचल, दुआओं की आस में , फैला था कभी आँचल, दुआओं की आस में , बिखरे थे कभी आंसू, तेरे इंतज़ार में। सदियाँ बीती फिर कितनीं हीं, वक़्त के इम्तिहान में, और तमन्नाएँ बिखर गयी, एक... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 59 Share Manisha Manjari 23 Aug 2024 · 1 min read जब विस्मृति छा जाती है, शाश्वतता नजर कहाँ आती है। जब विस्मृति छा जाती है, शाश्वतता नजर कहाँ आती है, फैलता है जब अँधेरा घना, आँखें भी धोखा दे जाती हैं। जिन पथों पर कोई चला नहीं, अनजानी वही कहलाती... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 77 Share Manisha Manjari 22 Aug 2024 · 1 min read संदली सी सांझ में, ज़हन सफ़ेद-कागज़ के नाव बनाये। संदली सी सांझ में, ज़हन सफ़ेद-कागज़ की नाव बनाये, बहने दे मुझे छाँव में तेरे, एक छोटे गलियारे से कहता जाए। कभी बादलों का आभार जताये, कि सृजन में उसका... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 49 Share Manisha Manjari 17 Aug 2024 · 1 min read हर तरफ़ घना अँधेरा है। हर तरफ़ घना अँधेरा है, ये कैसा नया सवेरा है, चीख़ों की नुमाईश है, और दरिंदगी का बसेरा है। बहारें हुई हैं शर्मिंदा, कि फूलों में खुशबू क्यों बिखेरा है,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 92 Share Manisha Manjari 15 Aug 2024 · 1 min read 'अस्त्तित्व मेरा हिन्दुस्तानी है' लहराते इस तिरंगे के पास, ना जाने कितनी हीं कहानी है, लहू में लिपटे दीवानों के, कही-अनकही दास्तानों की ये निशानी है। आँखों में यूँ हीं तो नहीं, वतन के... Hindi · Indipendence Day · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 55 Share Manisha Manjari 11 Aug 2024 · 1 min read मेरे दर तक तूफां को जो आना था। तेरे घर में मौसम सुहाना था, मेरे दर तक तूफां को जो आना था, वहाँ ठंडी हवाओं का आशिकाना था, यहां तिनकों को भी बिखर जाना था। गुनगुनाती थी बारिशें... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 58 Share Manisha Manjari 8 Aug 2024 · 1 min read गुम हो जाते हैं साथ चलने वाले, क़दम भी कुछ ऐसे। गुम हो जाते हैं साथ चलने वाले, क़दम भी कुछ ऐसे, कि बारिशों ने कभी छुआ हीं ना हो, सूखे पत्तों को जैसे। निशानियां बनायीं भीं थीं तो, सागर के... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 83 Share Manisha Manjari 7 Aug 2024 · 1 min read फिर लौट आयीं हैं वो आंधियां, जिसने घर उजाड़ा था। फिर लौट आयीं हैं वो आंधियां, जिसने घर उजाड़ा था, लिबास अपनेपन का ओढ़कर, सीने में खंजर उतारा था। समंदर की हर लहर से लड़ना, कहाँ हमें गंवारा था, पर... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 107 Share Manisha Manjari 1 Aug 2024 · 1 min read ठहरना मुझको आता नहीं, बहाव साथ ले जाता नहीं। ठहरना मुझको आता नहीं, बहाव साथ ले जाता नहीं, लहरें टकराती हैं मुझसे, पर सागर पास बुलाता नहीं। सूरज तो सजता है हर दिन क्षितिज पर, लेकिन अंधेरों से मेरे... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 98 Share Manisha Manjari 28 Jul 2024 · 1 min read हर दिन एक नई दुनिया का, दीदार होता यहां। हर दिन एक नई दुनिया का, दीदार होता यहां, एक गम जाता नहीं कि, दूसरा तैयार होता यहां। उम्मीदें क्षणभंगुरता में लिपटकर, आती तो हैं, पर ठहरे कैसे कि, हर... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 63 Share Manisha Manjari 24 Jul 2024 · 1 min read वैराग्य ने बाहों में अपनी मेरे लिए, दुनिया एक नयी सजाई थी। स्याह रात एक दिन, बारिश में लिपटकर आयी थी, मीलों तक फैले थे सन्नाटे, बस बूंदों की आवाजें सोये पत्तों से टकराई थी। खुशबू थी बौछारों की या, उपवन में... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 3 104 Share Manisha Manjari 23 Jul 2024 · 1 min read जिन नयनों में हों दर्द के साये, उसे बदरा सावन के कैसे भाये। जिन नयनों में हों दर्द के साये, उसे बदरा सावन के कैसे भाये, जो भाव मन के मूक-बधिर हो जाए, तो क्षितिज पर घटा कैसे गहराए। जब संगीत जीवन का... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 66 Share Manisha Manjari 17 Jul 2024 · 1 min read एक अधूरी सी दास्तान मिलेगी, जिसकी अनकही में तुम खो जाओगे। ये ज़िन्दगी जैसी दिखती है, क्या इसे कभी वैसा पाओगे, कुछ पहेलियों को सुलझाने में, तुम खुद हीं उलझ जाओगे। नज़ारे तो बिखरे पड़े हैं बहुत, पर तस्वीरों में किसे... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 3 75 Share Manisha Manjari 12 Jul 2024 · 1 min read कभी तो ये शाम, कुछ यूँ गुनगुनाये, कि उसे पता हो, इस बार वो शब् से मिल पाए। कभी तो ये शाम, कुछ यूँ गुनगुनाये, कि उसे पता हो, इस बार वो शब् से मिल पाए। लब पर दुआएं, आने से ना कतराए, कि उन्हें पूरा करने, खुद... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 61 Share Manisha Manjari 10 Jul 2024 · 1 min read ख़्वाहिशों को कहाँ मिलता, कोई मुक़म्मल ठिकाना है। ख़्वाहिशों को कहाँ मिलता, कोई मुक़म्मल ठिकाना है, अब बस अजनबी राहों पर, कहीं दूर निकल जाना है। समंदर ने साहिलों से, तोड़ा हर रिश्ता पुराना है, अब तो इसकी... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 3 81 Share Manisha Manjari 9 Jul 2024 · 1 min read नजरें खुद की, जो अक्स से अपने टकराती हैं। नजरें खुद की, जो अक्स से अपने टकराती हैं, ये मैं हूँ या नहीं, आवाजें कानों में आती हैं। ठहरे क़दमों को मेरी रूठी राहें बुलाती हैं, जिस सफर ने... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 65 Share Manisha Manjari 8 Jul 2024 · 1 min read बदरा को अब दोष ना देना, बड़ी देर से बारिश छाई है। सांझ की अंतिम बेला में, बदरा ये संवर कर आयी है, नाचती-गाती बयार ने, स्वागत में धूल उड़ाई है। बंद-खिड़कियाँ और दरवाजों पर दस्तक इसने लगाई है, तपती शहर की... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · बारिश · मनीषा मंजरी 70 Share Manisha Manjari 6 Jul 2024 · 1 min read ज्वलंत संवेदनाओं से सींची धरातल, नवकोपलों को अस्वीकारती है। ज्वलंत संवेदनाओं से सींची धरातल, नवकोपलों को अस्वीकारती है, जो वृष्टि होती शीतल जल की, काया इसकी अकुलाती है। स्वपनों की मृत्युशैय्या अब, वास्तविकता को कहाँ तड़पाती है, अश्रुओं के... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 74 Share Manisha Manjari 30 Jun 2024 · 1 min read नशा रहता है इस दर्द का। दौर वो भी मुश्किल था, आँखों के आगे सपनों का जल जाना, कोशिशें कितनी भी करूँ, पर धड़कनों का धड़कने से कतराना। सहमी सी वो साँसें जो, चाहती थी कि... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 74 Share Manisha Manjari 24 Jun 2024 · 1 min read किसने कहा, आसान था हमारे 'हम' से 'तेरा' और 'मेरा' हो जाना किसने कहा, आसान था हमारे 'हम' से 'तेरा' और 'मेरा' हो जाना, सुनहरे सपनों की एक चादर थी, जिसे दो टुकड़ों में करके था दिखाना। जमीं और आसमां के ख्वाहिशों... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 1 85 Share Manisha Manjari 23 Jun 2024 · 1 min read कठिनताओं की आवाजाही हीं तो, जीवन को लक्ष्य से मिलवाती है। कठिनताओं की आवाजाही हीं तो, जीवन को लक्ष्य से मिलवाती है, धरातल को मिलती पीड़ाएँ हीं, उसकी उर्वरता को बढ़ाती है। पथ की सुगमताएँ, पथिक को चलना तो सिखलाती हैं,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 87 Share Manisha Manjari 20 Jun 2024 · 1 min read खामोशियों की वफ़ाओं ने मुझे, गहराई में खुद से उतारा है। खामोशियों की वफ़ाओं ने मुझे, गहराई में खुद के उतारा है, पर शब्द आज भी मेरे बिखरे पड़े हैं, आवाजों की चाहत में। बेमतलब के सफ़र से, साँसों की उल्फ़त... Hindi · कविता · मनीषा मंजरी 2 77 Share Manisha Manjari 1 Jun 2024 · 1 min read ये शिकवे भी तो, मुक़द्दर वाले हीं कर पाते हैं, ये शिकवे भी तो, मुक़द्दर वाले हीं कर पाते हैं, बेचैनियों को शब्द, कहाँ अब भाते हैं। ये कोरे अश्क जो, मन को हल्का कर जाते हैं, पलकें पलों में,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 85 Share Manisha Manjari 31 May 2024 · 1 min read सर्द आसमां में दिखती हैं, अधूरे चाँद की अंगड़ाईयाँ सर्द आसमां में दिखती हैं, अधूरे चाँद की अंगड़ाईयाँ, टूटे तारों में बसती हैं, ठहरे मन्नतों की गहराईयां। अक्स सुलझा नहीं पाती हैं, खुद से पूछती अबूझ पहेलियाँ, ताँ उम्र... Hindi · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 65 Share Manisha Manjari 30 May 2024 · 1 min read ठोकरें आज भी मुझे खुद ढूंढ लेती हैं ठोकरें आज भी मुझे खुद ढूंढ लेती हैं, दौड़ने से पहले हीं, चलने की हिम्मत तोड़ देती है। जो साँसें एक पल का सुकून, सरायों में लेती है, तबाही आँधियों... Hindi · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 3 114 Share Manisha Manjari 25 May 2024 · 1 min read सिसकियाँ जो स्याह कमरों को रुलाती हैं सिसकियाँ जो स्याह कमरों को रुलाती हैं, मुस्कराहट बन लोगों को उलझाती हैं। धाराशाही होते हैं अश्क बस अपने हीं दामन में, और सूखे नज़रों की तल्ख़ आँखों को भरमाती... Hindi · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 75 Share Manisha Manjari 24 May 2024 · 1 min read बहने दो निःशब्दिता की नदी में, समंदर शोर का मुझे भाता नहीं है बहने दो निःशब्दिता की नदी में, समंदर शोर का मुझे भाता नहीं है, रहने दो ठहराव के इस दलदल में, सूखी जमीं का वेग साथ निभाता नहीं है। बिखरने दो... Hindi · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 125 Share Page 1 Next