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पहले देखें, सोचें,पढ़ें और मनन करें,
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“नया मुकाम”
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“मृदुलता”
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भाषाओं पे लड़ना छोड़ो, भाषाओं से जुड़ना सीखो, अपनों से मुँह ना
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रंग भेद ना चाहिए विश्व शांति लाइए सम्मान सबका कीजिए
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प्रेम की बंसी बजे
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" एकता "
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मित्रता के मूल्यों को ना पहचान सके
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आप आज शासक हैं
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मैं आखिर उदास क्यों होउँ
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" कटु सत्य "
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"प्रेम -मिलन '
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" कुछ काम करो "
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"ഓണാശംസകളും ആശംസകളും"
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“SUPER HERO(महानायक) OF FACEBOOK ”
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“देवभूमि क दिव्य दर्शन” मैथिली ( यात्रा -संस्मरण )
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मौन धृतराष्ट्र बन कर खड़े हो
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एडमिन क हाथ मे हमर सांस क डोरि अटकल अछि ...फेर सेंसर .."पद्
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फेसबूक में लेख ,कविता ,कहानियाँ और संस्मरण संक्षिप्त ,सरल औ
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सब गुण संपन्य छी मुदा बहिर बनि अपने तालें नचैत छी !
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बड्ड मन करैत अछि सब सँ संवाद करू ,
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फिर झूठे सपने लोगों को दिखा दिया ,
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“दुमका दर्पण” (संस्मरण -प्राइमेरी स्कूल-1958)
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" SHOW MUST GO ON "
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" सब भाषा को प्यार करो "
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"दुमका संस्मरण 3" परिवहन सेवा (1965)
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“दुमका संस्मरण 3” ट्रांसपोर्ट सेवा (1965)
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दुमका संस्मरण 2 ( सिनेमा हॉल )
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“ दुमका संस्मरण ” ( विजली ) (1958)
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आप कोई नेता नहीं नहीं कोई अभिनेता हैं ! मनमोहक अभिनेत्री तो
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" भाषा क जटिलता "
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बैठकर अब कोई आपकी कहानियाँ नहीं सुनेगा
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धार्मिक असहिष्णुता की बातें वह व्हाट्सप्प पर फैलाने लगा, जात
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“ भयावह व्हाट्सप्प ”
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“ आहाँ नीक, जग नीक”
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खंड काव्य लिखने के महारथी तो हो सकते हैं,
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कियो खंड काव्य लिखैत रहताह,
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मात-पिता केँ
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“ आप अच्छे तो जग अच्छा ”
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मात पिता को तुम भूलोगे
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तुम अपने धुन पर नाचो
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जब तुम नहीं सुनोगे भैया
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“अकेला”
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কেণো তুমি অবহেলনা করো
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“ पेंडिंग पोस्ट ”
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“अखनो मिथिला कानि रहल अछि ”
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“ मैथिली ग्रुप आ मिथिला राज्य ”
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“ प्रेमक बोल सँ लोक केँ जीत सकैत छी ”
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हम यहाँ इतने दूर हैं मिलन कभी होता नहीं !
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जब आप ही सुनते नहीं तो कौन सुनेगा आपको
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