VINOD CHAUHAN Language: Hindi 333 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 7 VINOD CHAUHAN 4 Apr 2022 · 1 min read अभी वक्त है मुस्काने का मुंह लटकाए क्यों बैठे हो अभी वक्त है मुस्काने का मुंह लटकाए क्यों बैठे हो रहो फूल से खिले सदा तुम यूं मुरझाए क्यों बैठे हो हां मत रहना इस भ्रम तुमको कोई और सहारा... Hindi · मुक्तक 1 305 Share VINOD CHAUHAN 4 Apr 2022 · 1 min read सारी फिज़ाएं छुप सी गई हैं सागर की लहरें रूक सी गई हैं काली घटाएं झुक सी गई हैं जबसे आए हो तुम महफ़िल में सारी फिज़ाएं छुप सी गई हैं Hindi · मुक्तक 1 158 Share VINOD CHAUHAN 4 Apr 2022 · 1 min read मन में तूं अहसास जगा ले दिल के ये जज़्बात छिपा ले मन में तूं अहसास जगा ले मत दिखला तूं दर्द किसी को इन कष्टों से तूं हाथ मिला ले Hindi · मुक्तक 1 160 Share VINOD CHAUHAN 3 Apr 2022 · 1 min read आज कहां वो राम मिलेगा पिता की आज्ञा से वन जाए ताज छोड़ कर के वन जाए ऐसा कहां बलिदान मिलेगा आज कहां वो राम मिलेगा लखन लाल भी साथ में जाए सेवक बन भाई... Hindi · कुण्डलिया 2 193 Share VINOD CHAUHAN 3 Apr 2022 · 1 min read मैं वही जमाना लाया हूं आज तुम्हारी खातिर फिर से मैं वही तराना लाया हूं सदा बहती थी प्रेम की धारा मैं वही बहाने आया हूं छोड़ो नफरत द्वेष भावना मिल जुलकर रहना सीखो कभी... Hindi · मुक्तक 1 152 Share VINOD CHAUHAN 3 Apr 2022 · 1 min read चलो वक्त से दो चार हो जाए दुख पीड़ा सब पार हो जाए चलो वक्त से दो चार हो जाए सोच रहा क्या दिल ही दिल में जीवन कैसे गुलजार हो जाए चलो वक्त से दो चार... Hindi · कविता 1 182 Share VINOD CHAUHAN 3 Apr 2022 · 1 min read मैं भी साथ चला करता था मैं भी साथ चला करता था अब मेरी मजबूरी देखो जिनके साथ रहा करता था आज उन्हीं से दूरी देखो जिनके काम किए हैं मैने छोड़ के अपने काम सुनो... Hindi · कविता 1 150 Share VINOD CHAUHAN 3 Apr 2022 · 1 min read जिंदगी मनमीत है बतियाता चल जिंदगी एक गीत है गुनगुनाता चल जिंदगी एक प्रीत है तूं निभाता चल तुझसे तेरी जिंदगी ना इसे बर्बाद कर जिंदगी मनमीत है तूं बतियाता चल Hindi · मुक्तक 1 209 Share VINOD CHAUHAN 3 Apr 2022 · 1 min read तुझको मैं पहचान रहा हूं कुछ दिन मैं गुमनाम रहा हूं कुछ दिन मैं परेशान रहा हूं धीरे धीरे ही सही लेकिन तुझको मैं पहचान रहा हूं तुझसे प्रीत पड़ी मुझे भारी नहीं रही अब... Hindi · कविता 1 178 Share VINOD CHAUHAN 3 Apr 2022 · 1 min read सूरज से सीखी जिंदगानी उगता सूरज उमंग जगाता चढ़ता सूरज जोश जगाता सूरज से सीखी जिंदगानी ढ़लता सूरज समझ बढ़ाता Hindi · मुक्तक 1 304 Share VINOD CHAUHAN 3 Apr 2022 · 1 min read संस्कारों को भूल रहे हैं आडम्बर की होड़ लगी है संस्कारों को भूल रहे हैं गैरों की गलबहियां होकर मात-पिता को भूल रहे हैं संस्कारों को भूल रहे हैं मानवता का फ़र्ज़ निभाते औरों को... Hindi · कविता 1 127 Share VINOD CHAUHAN 3 Apr 2022 · 1 min read मुझे मस्त बहारों से क्या लेना झिलमिल सितारों से क्या लेना मुझे मस्त बहारों से क्या लेना अपनों में मस्त रहे दिल हरदम महफ़िल गुलज़ारों से क्या लेना Hindi · मुक्तक 2 172 Share VINOD CHAUHAN 3 Apr 2022 · 1 min read बंजर ना हो प्रेम धरा कभी बंधुत्व के तुम बाग लगा लो मानवता के वृक्ष उगा लो बंजर ना हो प्रेम धरा कभी सबके हित के फूल खिला लो Hindi · मुक्तक 2 208 Share VINOD CHAUHAN 3 Apr 2022 · 1 min read दिल का राग कौई मत छेड़ो दिल का राग कोई मत छेड़ो ज़हरीले नाग कोई मत छेड़ो शांत रहने दो जो दबी हुई है मन की आग कोई मत छेड़ो Hindi · मुक्तक 1 169 Share VINOD CHAUHAN 3 Apr 2022 · 1 min read सुनो सुनाऊं अनसुनी कहानी सुनो सुनाऊं अनसुनी कहानी ना कोई राजा है ना कोई रानी प्रकृति का यूं ह्रास हो रहा कम हुए खेत,पेड़ और पानी सुनो सुनाऊं अनसुनी कहानी विलुप्त हो रहे पेड़... Hindi · कविता 1 216 Share VINOD CHAUHAN 2 Apr 2022 · 1 min read बच्चों की है रेल चली रेल चली भी रेल चली बच्चों की है रेल चली इंजन भारी भरकम है चलता डगमग डगमग है फिर भी पेलमपेल चली बच्चों की ये रेल चली डिब्बे कितने छोटे... Hindi · बाल कविता 1 250 Share VINOD CHAUHAN 2 Apr 2022 · 1 min read बचपन याद बहुत आता है बचपन याद बहुत आता है आज भी मन में मुस्काता है जब भी दिल में होती पीड़ा याद आके दिल बहलाता है नहीं रहे वो मिट्टी के खिलौने ढूंढ चुका... Hindi · कविता 1 246 Share VINOD CHAUHAN 2 Apr 2022 · 1 min read इश्क की गली में बदनाम हो गया तुम क्या गए मैं गुमनाम हो गया जैसे मेरा अब भगवान खो गया मोहब्बत रुठी और दिल भी टूटा इश्क की गली में बदनाम हो गया Hindi · मुक्तक 1 117 Share VINOD CHAUHAN 2 Apr 2022 · 1 min read जीवन से भागा फिरता है जीवन से भागा फिरता है मौत से क्यों ऐसे डरता है मन तेरा क्यूं भटक गया है यूं पल-पल जीता मरता है संकल्प तुझे ये लेना होगा तन को कष्ट... Hindi · कविता 3 2 144 Share VINOD CHAUHAN 2 Apr 2022 · 1 min read जब दादा जी घर आते थे सबके दिल खिल जाते थे जब दादा जी घर आते थे छाता लेकर हाथ में जाते थैला लेकर हाथ में आते देखके हमको मुस्काते थे जब दादा जी घर आते... Hindi · कविता 2 127 Share VINOD CHAUHAN 2 Apr 2022 · 1 min read क़फ़न को दाग़ मत लगाना सुनो जंगल में आग मत लगाना और तुफां में चिराग मत जलाना जिंदगी में बहुत दुश्वारियां मिलेंगी मगर क़फ़न को दाग़ मत लगाना Hindi · मुक्तक 1 296 Share VINOD CHAUHAN 2 Apr 2022 · 1 min read मैं तेरे प्यार में ऊब रहा हूं मैं तेरे प्यार से ऊब रहा हूं करती हो नित रोज़ बहाना यूं वादा करके देर से आना पड़ता है हर रोज मनाना मैं तेरे प्यार में डूब रहा हूं... Hindi · कविता 1 103 Share VINOD CHAUHAN 2 Apr 2022 · 1 min read अब इस मोहब्बत को तुम नाम दे दो बचपन की कहानी को अंजाम दे दो दो पल सुबह और दो घड़ी शाम दे दो लो जिंदगी सजाने का वक्त आ गया अब इस मोहब्बत को तुम नाम दे... Hindi · मुक्तक 2 179 Share VINOD CHAUHAN 2 Apr 2022 · 1 min read लो फिर गर्मी लौट आई है लो फिर गर्मी लौट आई है मन में वो यादें घिर आई हैं हर घर में मटकों का पानी दलिया रबड़ी सबको खानी बड़े बुजुर्गो की बात सयानी आज फ्रिज... Hindi · कविता 2 172 Share VINOD CHAUHAN 2 Apr 2022 · 1 min read देखो कैसा रंग भर दिया देखो कैसा रंग भर दिया यहां कुदरत ने हर चीज में नीला अम्बर है जाने कैसे पानी को चाहे रंग लो जैसे हरे पात सबको हैं भाते रंग बिरंगे हैं... Hindi · कविता 1 112 Share VINOD CHAUHAN 1 Apr 2022 · 1 min read मंदिर मस्जिद गिरिजाघर में भगवानों की खैर नहींं हैवानों की दुनिया में अब इन्सानों की खैर नहीं चतुर सियारों में बंदर जैसे नादानों की खैर नहीं पाखण्ड,आडम्बर हुई आस्था और लूटेरे भक्त हुए मंदिर,मस्जिद,गिरिजाघर में भगवानों की खैर... Hindi · मुक्तक 1 154 Share VINOD CHAUHAN 1 Apr 2022 · 1 min read महज़ दौलत से सुनो नाम नहीं चलता आदमी कोई भी हो बेनाम नहीं चलता सिर्फ मोहब्बत से ही काम नहीं चलता अच्छा बेटा,काबिल पिता बनना पहले महज़ दौलत से सुनो नाम नहीं चलता Hindi · मुक्तक 1 124 Share VINOD CHAUHAN 1 Apr 2022 · 1 min read रिश्तों को सम्भालना हुआ मुश्किल मेरे अपने हैं मगर क्यों रुठ जाते हैं बिठाता हूं अपने पास उठ जाते हैं रिश्तों को सम्भालना हुआ मुश्किल कच्चे धागों से हैं पल में टूट जाते हैं Hindi · मुक्तक 1 80 Share VINOD CHAUHAN 1 Apr 2022 · 1 min read जिंदगी समंदर सी बन गई मेरी जिंदगी समंदर सी बन गई मेरी चाहकर भी मैं निकल पाता नहीं या कोई अनबुझ पहेली हो जैसे सोचता हूं मगर समझ पाता नहीं रास्ते इसमें हैं कंटीले बिहड़ जैसे... Hindi · कविता 1 106 Share VINOD CHAUHAN 1 Apr 2022 · 1 min read तभी तो जनाजा खुद ही सजाके चलता हूं मैं तो बस हमेशा मुस्कुराके चलता हूं हवा के साथ-साथ गुनगुनाते चलता हूं खयाल रखता हूं कोई खफा ना हो कभी इसलिए सबसे दिल मिलाके चलता हूं अश्क बहाने से... Hindi · कविता 1 337 Share VINOD CHAUHAN 1 Apr 2022 · 1 min read रखो इंसानियत यही नेक कमाई है जिंदगी झूठ है और मौत सच्चाई है फिर भी जिंदगी से यूं प्रीत लगाई है यह दौलत तुम्हारी साथ ना जाएगी रखो इंसानियत यही नेक कमाई है वक्त नहीं है... Hindi · कविता 3 3 209 Share VINOD CHAUHAN 1 Apr 2022 · 1 min read जगत पराया प्रीत पराई लोग तुम्हारी हंसी उड़ाएं बिल्कुल भी घबराना ना वक्त अगर ना साथ दे तेरा पिछे कदम हटाना ना अच्छा मांझी नाव कभी बीच मझधार नहीं छोड़ेगा विकट समय में रख... Hindi · कविता 1 100 Share VINOD CHAUHAN 1 Apr 2022 · 1 min read इंसान ढूंढते हैं गुमनामियों के शहर में पहचान ढूंढते हैं उजड़ें हुए चमन में हम अरमान ढूंढते हैं वो मिलेगा ना मिलेगा ये कौन जानता है जंगल में खड़े होकर हम इंसान ढूंढते... Hindi · मुक्तक 1 238 Share Previous Page 7