Vindhya Prakash Mishra Language: Hindi 371 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Next Vindhya Prakash Mishra 16 Apr 2018 · 1 min read पैसों से मत तोलो मुझे कर्म करू असफल कहलाऊ इसमें क्या है मेरा दोष मैं गरीब से जाना जाऊँ इससे भी न होता रोष। मैं चलते चलते थक जाऊँ इसमें क्या है मेरा दोष ।... Hindi · कविता 2 383 Share Vindhya Prakash Mishra 16 Apr 2018 · 1 min read अपने -अपने सपने सपने बुनते एक एक कर जैसे कलियां खिलती है । पाकर पानी हवा धूप में खिलती और निखरती है । पर मौसम बदलाव ले आया नीरस पतझड घिर घिर आया... Hindi · कविता 2 233 Share Vindhya Prakash Mishra 11 Apr 2018 · 1 min read बेवफाई कैसा प्यार कैसी बफाई है । कोई बताए इश्क की कोई दवाई है । मेरे सीने में वफा का रंग है साथी। वह करती प्यार कैसे है। जिसमें बेवफाई और... Hindi · कविता 3 447 Share Vindhya Prakash Mishra 7 Apr 2018 · 2 min read #सेल्फी # शौक या मनोविकार अगर आप सेल्फी के शौकीन हैं तो पढ़ें मेरा लेख - नारसीसिज्म जिसका अर्थ है आत्म प्रेम- हम इस शब्द की चर्चा क्यों कर रहे हैं । मनोवैज्ञानिक रूप से... Hindi · लेख 2 446 Share Vindhya Prakash Mishra 25 Mar 2018 · 1 min read गौरेया आंगन के कोनो में आकर ची ची गीत सुनाती थी चावल के दाने पाकर पूरा परिवार बुलाती थी। मीठी मीठी मधुर स्वरों में गुनगुन गीत गाती थी। गौरेया आंगन में... Hindi · कविता 2 393 Share Vindhya Prakash Mishra 15 Mar 2018 · 1 min read उप चुनाव उ प्र में उप चुनाव उ प्र में सांसद को चुनने की बारी जोर आजमाने लगे सभी दल बदलनी है चौकीदारी भाजपा घमंड में हारी। हाथी हो गई साथी सपा की सायकिल पर... Hindi · कविता 1 517 Share Vindhya Prakash Mishra 8 Mar 2018 · 1 min read महिला दिवस पर विशेष महिला की हर जगह दिख रही, है समान भागीदारी । जिसकी शक्ति का लोहा। मान चुकी है दुनिया सारी। क्यों कहता नारी पीछे है। नही रही अब अबला बेचारी। कंधा... Hindi · कविता 1 315 Share Vindhya Prakash Mishra 4 Mar 2018 · 1 min read मंच संचालन में स्वागत सम्मान हेतु पंक्तियाँ मंच संचालन में स्वागत सम्मान हेतु पंक्तियाँ- आप पधारे आंगन हमारे छाई हर ओर खुशहाली है हर्षित हो उठे छात्र सभी जोर बजाते ताली है । जैसे इच्छित वर पाएँ... Hindi · कविता 8 5 15k Share Vindhya Prakash Mishra 3 Mar 2018 · 1 min read [मन कहता नेता बन जाऊँ] मन कहता नेता बन जाऊ। पहनू लम्बा कुर्ता टोपी जोर जोर से मैं चिल्लाऊ। मन कहता नेता बन जाऊँ कोई नहीं पूछेगा पढाई टैक्स नहीं जो होगी कमाई बी आई... Hindi · कविता 1 545 Share Vindhya Prakash Mishra 2 Mar 2018 · 1 min read होली है नकारात्मक ऊर्जा और बुराई जल कर खाक हो होली में; गली गली हुडदंग मचे सब बच्चों की टोली में जीवन में रंग अंग में रंग, आये आपकी झोली में ।... Hindi · कविता 1 240 Share Vindhya Prakash Mishra 28 Feb 2018 · 1 min read होली खुशियों की झोली रंग में रंगोंली में गीत में बोली में राग में फाग में हर गली हर गाँव में मित्र की टोली में हँसी में ठिठोली में भांग की चहक में गुझियो... Hindi · कविता 1 360 Share Vindhya Prakash Mishra 26 Feb 2018 · 1 min read राजनीति इतनी प्यारी क्यों है । दुश्मन आँख दिखाया है, सरहद तक चढ आया है , कितनी जाने गयी आज तक कितना लहू बहाया है । हम पूछते देश चलाने वालों राजनीति इतनी प्यारी क्यों है... Hindi · कविता 1 442 Share Vindhya Prakash Mishra 25 Feb 2018 · 1 min read स्वप्न सजाकर रखो खो जाने दो खोता है जो अपनी पहचान बनाकर रखो। सो जाने दो सोते हैं जो पर स्वप्न सजाकर रखो। कहने दो दुनिया जो कहती मौन साधकर रखो करने दो... Hindi · कविता 1 258 Share Vindhya Prakash Mishra 23 Feb 2018 · 1 min read जुबान दबाकर बैठे हैं तुम कुछ बोलो सुन लेगे जुबान दबा कर बैठे हैं । उनको मिली जीत मुबारक हमको हार मुबारक है । दर्द दिया जो घाव हरे हैं दवा लगाकर बैठे हैं... Hindi · कविता 1 478 Share Vindhya Prakash Mishra 19 Feb 2018 · 1 min read बडी गांठ गहरी पडी जो दिल में- गिरने का देखो जमाना हि आया। शेयर गिर रहा है हेयर गिर रहा हैं । समझता था ऊपर चढे वो है गिरते मगर जो है नीचे वही गिर रहे हैं... Hindi · कविता 1 414 Share Vindhya Prakash Mishra 14 Feb 2018 · 1 min read शिवरात्रि पर विशेष भूत भावन भगवान भोले भंडारी है। भक्तों की इच्छा पूरी करते पुरारी है । जीव जन्तु जो है धरा पर जन्म लिये सबके हैं स्वामी पशुपति नामधारी है । कामरूप... Hindi · कविता 1 282 Share Vindhya Prakash Mishra 11 Feb 2018 · 1 min read वसंत फैला चारों ओर सुगंध हरा भरा है दिग दिगंत पीली पगड़ी बाँधे दिखती सरसों के फूलों की धरती । यह दृश्य सबको सुख देती इसका कभी न होवे अंत सुखद... Hindi · कविता 1 302 Share Vindhya Prakash Mishra 11 Feb 2018 · 1 min read बेटियाँ बेटियाँ पढाओ जनजन से आह्वान है । ये काम महान है ये काम महान है । किससे कम है मेरी बेटी चढती है हिमालय की चोटी । करो सदा सम्मान... Hindi · कविता 1 429 Share Vindhya Prakash Mishra 11 Feb 2018 · 1 min read कवि की कविता सोच रहा था लिखूॅ शब्द में मैं अपने एहसास कुछ बातें अनूठी लिख दूँ कुछ बातें हो खास। समझ रहा हूँ एक बात तो, अच्छा लेखन की है आस। स्वयं... Hindi · कविता 2 1 591 Share Vindhya Prakash Mishra 7 Feb 2018 · 1 min read कोई कैसे कवि बन पाता है तब कोई कवि बन पाता है । आंखो का आशू लुढ़क लुढ़क जब हृदय तक बढ़ आता है अमूर्त बात जब लिपि पाकर कागज पर आ जाता है तब कोई... Hindi · कविता 1 451 Share Vindhya Prakash Mishra 7 Feb 2018 · 1 min read सीख गिरते गिरते हम चलना सीख गए । कठिन राह था लेकिन निकालना सीख गए । हम चलना सीख गए आदत है बलवान न बदली अपनो को कब छोड़ेगे। वो जलना... Hindi · कविता 1 220 Share Vindhya Prakash Mishra 7 Feb 2018 · 1 min read शरद सुहावन शरद सुबह है सुखद सुहावन बहती मलय समीर है । कोयल कूके पक्षी गाए बदली बदली तस्वीर है । खेतो में सरसों फूले है बहती मलय समीर है । वसंत... Hindi · कविता 1 484 Share Vindhya Prakash Mishra 30 Jan 2018 · 1 min read कवि हूँ शब्द बुन रहा हूँ मैं ___________________________________________ कवि हूँ प्रकृति की सुन रहा हूँ मैं । । कुछ मन में गुन रहा हूँ मैं । संवेदनशीलता है मुझमें अधिक कुछ पाने के लिए कपास सा धुन... Hindi · कविता 1 209 Share Vindhya Prakash Mishra 25 Jan 2018 · 1 min read गणतंत्र भारत माँ के लाल एक हो सुंदर गणतंत्र बनाना है । हम सबको मिलकर देश में तिरंगा फहराना है । जातिवाद धर्म की आड़ में जो बाटे हमें सबक सिखाए... Hindi · कविता 1 210 Share Vindhya Prakash Mishra 13 Jan 2018 · 1 min read गरीबों को मिलता निवाला कहाँ है तंगी मे काटे है जीवन सदा ही गरीबों को मिलता निवाला कहाँ है । करते क्यो अभिमान धन पर अपने किसी का सदा बोलबाला कहाँ है । बदलते गए सच... Hindi · कविता 1 224 Share Vindhya Prakash Mishra 1 Jan 2018 · 1 min read ---------नववर्ष 2018 मेरे शब्दों में- ---- नया वर्ष हो नया हर्ष हो नव जीवन हो नया पर्व हो। नयी प्रीति हो नयी रीति हो नयी जीत हो नयी गीत हो। नव संकल्प हो नया विकल्प हो... Hindi · कविता 1 218 Share Vindhya Prakash Mishra 24 Dec 2017 · 1 min read नया वर्ष हो नये हर्ष हो नया वर्ष हो, नये हर्ष हों हो नई खुशी, नव उत्कर्ष हो नई सुबह हो, नयी शाम हो नई मज़िलें, नए मुकाम हो नए लक्ष्य हों, नए कार्य हो हो... Hindi · कविता 1 460 Share Vindhya Prakash Mishra 22 Dec 2017 · 1 min read ठंडी भारी है ठंडी का आगमन हुआ कुहरा भारी है। कांप रहा है तन सबका आग से यारी है । कपड़ों से तन ठाक रहे ठंड की तैयारी है । गरम चाय की... Hindi · कविता 1 397 Share Vindhya Prakash Mishra 12 Dec 2017 · 1 min read क्या शीत उन्हें भी लगती होगी क्रोधाग्नि है जिसका भूषण शीत उसे क्यों लगती होगी । आग उगलते जो जिह्वा से शीत उसे क्यों लगती होगी । सुखी देख कर अपने लोगों को जो जलते क्या... Hindi · कविता 1 516 Share Vindhya Prakash Mishra 12 Dec 2017 · 1 min read मेरे हाथ में जो तेरा हाथ हो $ मेरी पहली रूमानी कविता $ #--------------------------# #--------------------------# जो मेरे हाथ मे तेरा हाथ हो सारी दौलत ही समझो मेरे पास हो कितनी राते गयी बात स्वप्न तक टिकी मिल... Hindi · कविता 1 556 Share Vindhya Prakash Mishra 9 Dec 2017 · 1 min read कवि हूँ लिखता पढता हूँ । कवि हूँ लिखता पढता हूँ मन के संवेदन को पढता हूँ । मूक भाव को समझ लिपि संग मूर्त भाव दे गढता हूँ । कवि हूँ लिखता पढता हूँ कभी... Hindi · कविता 1 469 Share Vindhya Prakash Mishra 4 Dec 2017 · 1 min read कोई कैसे कवि बनता है तब कोई कवि बन पाता है । आंखो का आशू लुढ़क लुढ़क जब हृदय तक बढ़ आता है अमूर्त बात जब लिपि पाकर कागज पर आ जाता है तब कोई... Hindi · कविता 1 519 Share Vindhya Prakash Mishra 3 Dec 2017 · 1 min read ईश्वर दे दो वरदान ईश्वर दे दो यह वरदान । कम मे संतोष सदा ही असहायो को दे सकूँ योगदान ईश्वर दे दो यह वरदान । कुछ बनना मैं बाद में सोचू बन जाऊँ... Hindi · कविता 1 635 Share Vindhya Prakash Mishra 1 Dec 2017 · 1 min read सिख रहा हूँ मैं लिख नहीं सिख रहा हूँ वैसा हूँ नहीं जैसा दिख रहा हूँ । क्या करूँ कमी है फिर भी मानो कुछ बात है जो बिक रहा हूँ । मुझे बड़ा... Hindi · कविता 1 1k Share Vindhya Prakash Mishra 1 Dec 2017 · 1 min read माँ की ममता कैसे कैसे मेरे बेटे पाला है तुझे खुद का भी दिया निवाला है तुझे आज मैं वृद्ध बीमारी की मारी हुई ऐसी हालात में घर से निकाला है मुझे ।... Hindi · कविता 1 398 Share Vindhya Prakash Mishra 1 Dec 2017 · 1 min read मिट्टी है मेरी पहचान मिट्टी का बना खिलौना मिट्टी मे हंसना रोना मिट्टी ही चांदी सोना मिट्टी ही रहा बिछौना मिट्टी खाकर बचपन मे बन रहा धूसर से सलोना मिट्टी मेरी रग रग मे... Hindi · कविता 1 267 Share Vindhya Prakash Mishra 30 Nov 2017 · 1 min read जागो हे सामर्थ्यवान जागो हे सामर्थ्यवान! जगा रहा पक्षी का कलरव हो रहा दिशाओं में भान जागो हे सामर्थ्यवान! सुबह की लालिमा दिखी है कली कली हर डाल खिली है कर रहे मधुप... Hindi · कविता 1 269 Share Vindhya Prakash Mishra 29 Nov 2017 · 1 min read सुबह की बेला मंगलमय हो पक्षी का कलरव प्राची में सुखद वायु का साथ मंगल मय जीवन में हो खुशियों की बरसात नव पल्लव सा खिल उठे भाग्य का पुष्प अनूप सुखकारी मंगलमय हो ठंडी... Hindi · कविता 1 438 Share Vindhya Prakash Mishra 27 Nov 2017 · 2 min read जागरूक मतदाता भारत का भाग्यविधाता- --राजनीति का गिरता स्तर- - अब राजनीति केवल शब्दों के फेर में फंसकर रह गई । कोई बुआ बबुआ पप्पू शहजादा शहंशाह साम्प्रदायिक आदि जुमलो से गुमराह किया जाता है!... Hindi · लेख 1 533 Share Vindhya Prakash Mishra 25 Nov 2017 · 1 min read बन जाऊँ अच्छा इंसान मन से तन से शुचि पावन हो मांग रहा माँ यह वरदान बनना नहीं बडा मुझको बस केवल मुझमे हो कुछ ज्ञान सही गलत का भेद भी जानू ऐसी मेधा... Hindi · लेख 1 536 Share Vindhya Prakash Mishra 25 Nov 2017 · 1 min read बन जाऊँ अच्छा इंसान मन से तन से शुचि पावन हो मांग रहा माँ यह वरदान बनना नहीं बडा मुझको बस केवल मुझमे हो कुछ ज्ञान सही गलत का भेद भी जानू ऐसी मेधा... Hindi · कविता 1 433 Share Vindhya Prakash Mishra 19 Nov 2017 · 1 min read कर्मक्षेत्र विचार मेरा कर्म क्षेत्र है शिक्षा है आधार लेखन मेरी शक्ति और अभिव्यक्ति मेरा व्यवहार रचना करना बात की शैली साहित्य मेरा आचार कर्मकरे निज स्वार्थ त्यागकर मिलता सबका प्यार Hindi · मुक्तक 1 416 Share Vindhya Prakash Mishra 19 Nov 2017 · 1 min read अनवरत कोशिशे जारी रहेगी हम अनवरत चल रहे है कोई ठोकर कोई बाधा आ नही सकती रुकावट दीप बनकर जल रहे है हम अनवरत चल रहे हैं । कौन कहता है... Hindi · कविता 1 559 Share Vindhya Prakash Mishra 14 Nov 2017 · 1 min read बाल दिवस पर बचपन के दिन की यादे प्यारी सी तोतली बाते नही चाह नही परवाह खुशी भरी थी दिन व रातें आगे की परवाह न थी न पछतातें बीती बातें मस्त मगन... Hindi · कविता 1 308 Share Vindhya Prakash Mishra 12 Nov 2017 · 1 min read शीत लहर का कहर शीत लहर का असर दिख रहा सूरज कुहरे की जंग हो रही। सूरज की देख आंख मिचौली प्रकृति भी सारी दंग हो रही शीतलता अब कहर बन रहा दूर आज... Hindi · कविता 1 260 Share Vindhya Prakash Mishra 10 Nov 2017 · 1 min read बादल कारे कारे है । बादल कारे कारे है रंग बिरंगे सारे है पल पल अपना रूप बदलते कितने रंग निराले है हम बच्चों की खुशियाँ आयी पानी में नाव उतारे है । टप टप... Hindi · कविता 1 276 Share Vindhya Prakash Mishra 9 Nov 2017 · 1 min read हम अनवरत चल रहे है कोशिशे जारी रहेगी हम अनवरत चल रहे है कोई ठोकर कोई बाधा आ नही सकती रुकावट दीप बनकर जल रहे है हम अनवरत चल रहे हैं । कौन कहता है... Hindi · कविता 1 251 Share Vindhya Prakash Mishra 7 Nov 2017 · 1 min read धुंधला शहर धूल धुंध से धुधला शहर हो गया मानव की गंदगी से हवा मे जहर हो गया पता ही नही चला कब सुबह हुई रात सा अंधेरे है जाने कब दोपहर... Hindi · कविता 1 534 Share Vindhya Prakash Mishra 4 Nov 2017 · 1 min read नकली असली भेद नकली का जब हुआ प्रसार असली अपना अस्तित्व खो गया बिकता रहा हाट मे हरपल सही दूर दुर्लभ हो गया कोई नही गलत को कहता मिलावट का पूरा व्यापार हो... Hindi · कविता 1 659 Share Vindhya Prakash Mishra 3 Nov 2017 · 1 min read प्रदूषण से हानी है बदला मौसम वायु है दूषित मानव की मनमानी है । बना बनावट का बाजार दूषित भोजन पानी है । बना दिया खुद जो चाहा प्रदूषण अब आनी है । आमंत्रण... Hindi · कविता 1 547 Share Previous Page 5 Next