Shekhar Chandra Mitra Language: Hindi 3940 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 60 Next Shekhar Chandra Mitra 11 Sep 2021 · 1 min read प्रवासी मजदूर सोचो क्यों इतने मजबूर हुए! कि हम गांव-देश से दूर हुए!! हमारे ही टैक्स के पैसों को पाकर तो वे सब मगरूर हुए!! Shekhar Chandra Mitra #इंकलाबीशायर Hindi · कविता 1 337 Share Shekhar Chandra Mitra 11 Sep 2021 · 1 min read इंकलाब का शायर गुस्सा आता है मुझे रिरियाते हुए लोगों पर! दोनों हाथ जोड़कर घिघियाते हुए लोगों पर!! इश्क़ हो या इबादत एक खुद्दारी होनी चाहिए! मैं लानत भेजता हूं थर्थराते हुए लोगों... Hindi · कविता 1 1 414 Share Shekhar Chandra Mitra 11 Sep 2021 · 1 min read नारी-मुक्ति किसने कहा था तुम मिलो किसी बुत या तस्वीर की तरह! मैंने चाहा था तुमको अपनी जागती तक़दीर की तरह!! तुम चाहती तो उसको तोड़कर आ सकती थी! क्या हुआ... Hindi · कविता 1 1 364 Share Shekhar Chandra Mitra 11 Sep 2021 · 1 min read फटकार आख़िर कैसे इतना ज़ुल्म बर्दाश्त किए जाते हो तुम! हर क़ातिल और लूटेरे को माफ़ किए जाते हो तुम!! क्या मर गया तुम्हारा ज़मीर क्या बिक चुकी तुम्हारी गैरत! अपने... Hindi · कविता 1 1 425 Share Shekhar Chandra Mitra 11 Sep 2021 · 1 min read शायर का फ़र्ज़ मुल्क की हिफ़ाज़त! अवाम की खिदमत!! और क्या होता है एक शायर का फ़र्ज़!! Shekhar Chandra Mitra #अवामीशायर Hindi · कविता 1 1 176 Share Shekhar Chandra Mitra 11 Sep 2021 · 1 min read चुप्पी के ख़तरे आक्रोश को अभिव्यक्ति दो! असंतोष को अभिव्यक्ति दो!! अति चुप्पी भी आत्मघाती है, प्रतिरोध को अभिव्यक्ति दो!! Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 1 1 216 Share Shekhar Chandra Mitra 11 Sep 2021 · 1 min read मैं ज़िंदा हूं अभी! मेरे क़ातिल को बता दो कि मैं जिंदा हूं अभी! मुझको और कोई सजा दो कि मैं जिंदा हूं अभी! एक मुद्दत से मेरे दिल को नए दर्द की तलाश... Hindi · शेर 1 1 240 Share Shekhar Chandra Mitra 11 Sep 2021 · 1 min read महबूबा से आखिर किसने कहा कि-तुम मेरे हम बिस्तर बनो! नासूर हो चुके-मेरे जख्मों के लिए-तुम नश्तर बनो!! इंकलाबी तेवर के लिए-जब दी जाए सूली मुझे तो तमाशबीन भीड़ में एक-तुम मेरे... Hindi · कविता 229 Share Shekhar Chandra Mitra 11 Sep 2021 · 1 min read वक़्त के सवालों को लेकर एहतिज़ाजी मुज़ाहिरों के लिए लिखता हूं! मैं इंकलाबी तहरीकों के लिए लिखता हूं!! अपने वक़्त के जलते हुए सवालों को लेकर मैं सियासती जलसों के लिए लिखता हूं!! Shekhar Chandra... Hindi · कविता 1 331 Share Shekhar Chandra Mitra 11 Sep 2021 · 1 min read इश्क़ में रिश्क रिस्क बहुत है इश्क़ में! मरना पड़ता है किश्त में!! इतने क़हर बरपा होते! एक साथ ही जीस्त में!! Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 1 162 Share Shekhar Chandra Mitra 10 Sep 2021 · 1 min read अनगढ़ हीरा प्रिय! अगर तुम जिंदा रही और मैं मर नहीं गया तो बहुत जल्दी ही वह दौर आयेगा जब तुम देखोगी कि जिसे तुमने पत्थर समझके फेंक दिया वह अनगढ़ हीरा... Hindi · कविता 1 1 207 Share Shekhar Chandra Mitra 10 Sep 2021 · 1 min read अवतार सिंह संधु 'पाश' पाश के रूप में भगतसिंह की वापसी हुई थी लेकिन अफ़सोस इस बार भी हम उसे बचा नहीं सके! (A Tribute) Hindi · कविता 146 Share Shekhar Chandra Mitra 10 Sep 2021 · 1 min read ख़लिल ज़िब्रान वह शख़्स न जाने किस मिट्टी का बना होता है जिसे कोई इस क़दर टूट कर प्यार करता है! (A Tribute To Khalil Ghibran) Hindi · कविता 173 Share Shekhar Chandra Mitra 10 Sep 2021 · 1 min read तुमसे यह देश नहीं जब वह नहीं था तब भी तो देश था! जब वह नहीं होगा तब भी तो देश होगा! उसके दम से ही यह देश नहीं! अब उस पगले को कौन... Hindi · कविता 176 Share Shekhar Chandra Mitra 10 Sep 2021 · 1 min read दुष्यंत, पाश और अदम अपनी नज्म को जिन्होंने एक फटकार बना डाला! सोई हुई क़ौम के लिए एक ललकार बना डाला! दुष्यंत, पाश और अदम उन गिने-चुने शायरों में हैं अपनी क़लम को जिन्होंने... Hindi · कविता 371 Share Shekhar Chandra Mitra 10 Sep 2021 · 1 min read भारत और पाकिस्तान पाकिस्तान बन रहा भारत तो! भारत बन रहा पाकिस्तान!! बहुत जल्द ही ये दुश्मन देश हो जाएंगे लगभग एक समान!! Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 194 Share Shekhar Chandra Mitra 10 Sep 2021 · 1 min read वक़्त का नासूर क्या छाप सकेंगे हिंदी अखबार! चाहे खफा हो इससे सरकार!! नश्तर की तरह वक़्त के नासूर पर उतरते हुए मेरे अशआर!! Hindi · कविता 293 Share Shekhar Chandra Mitra 10 Sep 2021 · 1 min read इंकार में उठे हुए हाथ छोड़कर अपने दुराग्रह! भूलकर अपने न्यस्त स्वार्थ!! देश के लिए अन्याय के विरुद्ध उठाओ अब सभी अपने हाथ!! Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 140 Share Shekhar Chandra Mitra 9 Sep 2021 · 1 min read जागे हुए ज़मीर का शायर अपनी जुबां को हरगिज़ मैं सी नहीं सकता! अब बुजदिलों के जैसे मैं जी नहीं सकता!! सुकरात, मंसूर और कबीर का वारिस हूं! गैरत को अपनी घोलके मैं पी नहीं... Hindi · कविता 1 164 Share Shekhar Chandra Mitra 9 Sep 2021 · 1 min read विचारों की सान पर विचारों की सान पर दिमाग को चढ़ाते रहिए! घर पर किसी बेहतरीन किताब को मंगाते रहिए! जलते हुए मुद्दों पर तर्क-वितर्क करके आप अपने देश और समाज को जगाते रहिए! Hindi · कविता 1 364 Share Shekhar Chandra Mitra 9 Sep 2021 · 1 min read जागे हुए होश का शायर पूरी व्यवस्था के खिलाफ खड़ा हुआ एक शायर! करो या मरो की जिद्द पर अड़ा हुआ एक शायर!! जाति-धर्म के नाम पर कब तक होंगे अत्याचार? एक प्रचंड आक्रोश से... Hindi · कविता 1 178 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Sep 2021 · 1 min read भारतीय लोकतंत्र को ख़तरा धर्म में ओछी राजनीति के अवतरण से भारतीय लोकतंत्र को बहुत बड़ा ख़तरा है! तालिबान के देशी संस्करण से भारतीय लोकतंत्र को बहुत बड़ा ख़तरा है! इनके सामने न्यायालयों के... Hindi · कविता 189 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Sep 2021 · 1 min read चुनाव जीतने के लिए उन्हें कोई और काम आता-जाता तो है नहीं चुनाव जीतने के लिए हिंदू-मुसलमान करना ही पड़ेगा! उन्होंने कोई विकास किया-धरा तो है नहीं चुनाव जीतने के लिए भारत-पाकिस्तान करना ही... Hindi · कविता 181 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Sep 2021 · 1 min read हाशिए के लोग कब तक ढोएंगे अपनी पीठ पे ज़िंदगी का बोझ! कब तक झेलेंगे आहें भरके बेकसी का रोग!! कौन पूछेगा जाकर ये क़ौम के ठेकेदारों से! कब तक आएंगे मुख्य धारा... Hindi · कविता 1 182 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Sep 2021 · 1 min read आमना-सामना हुक्काम की ताक़त एक तरफ़! अवाम की ताक़त एक तरफ़!! मेहनतकश मजदूर और दहकान की ताक़त एक तरफ़!! Shekhar Chandra Mitra #अवामीशायर Hindi · कविता 1 424 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Sep 2021 · 1 min read श्रेष्ठता ग्रंथि अब भी मौक़ा है सुधर जाओ! प्रायश्चित करके निखर जाओ!! यह श्रेष्ठता ग्रंथि निकाल कर! तुम हमसे मिलने इधर आओ!! Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 1 249 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Sep 2021 · 1 min read तालिबानी सोच दहशतगर्द तो दोनों हैं लेकिन फ़र्क उनमें फ़िर भी इतना है ये लोग हैं बिचले पायदान पर! वे लोग हैं आख़िरी मुकाम पर! Shekhar Chandra Mitra #अवामीशायर #तालिबानीसोच Hindi · कविता 361 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Sep 2021 · 1 min read सेलेब्रिटी जिनके हाथ में शोहरत है! जिनके हाथ में दौलत है!! वे चाहें तो धरती स्वर्ग बने! जिनके हाथ में हुक़ूमत है!! Shekhar Chandra Mitra #RecolutionaryPoet Hindi · कविता 158 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Sep 2021 · 1 min read खुदकुशी मत करना क़िस्मत से मिली है ये ज़िंदगी इससे दिल्लगी मत करना! चाहे करना कोई काम लेकिन कभी खुदकुशी मत करना!! अरे तदवीर से तो नाकामी भी बन जाती है कामयाबी! तुम... Hindi · कविता 1 1 180 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Sep 2021 · 1 min read जंगल के फूल जहां इंसान की क़दर नहीं! वह हरगिज़ अपना शहर नहीं!! आदिवासी जंगल के फूल हैं! तुम इन पर ढ़ावो कहर नहीं!! Hindi · कविता 1 419 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Sep 2021 · 1 min read बेकद्री जिसमें इल्म़ की क़दर नहीं वह तो हमारा शहर नहीं.... (१) देश के दुश्मन वही लोग जो जात पूछते हुनर नहीं... (२) जहां सभी हैं हिंदू-मुस्लिम कोई भी एक बशर... Hindi · गीत 359 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Sep 2021 · 1 min read अधूरा सफ़र अभी पूरा हुआ अपना सफ़र नहीं! तू चला चल यहां तेरा गुज़र नहीं!! जिसका देखा सपना हमने यह तो हरगिज़ वह शहर नहीं!! बुद्ध से लेकर कबीरा तक रैदास से... Hindi · गीत 187 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Sep 2021 · 1 min read गौतम बुद्ध तेरे सारे दुःख मैं दिल में समेट लूं अपने! तेरे सारे आंसू मैं आंखों में सोख लूं अपने!! ऐ दुनिया, तू मुझे एक बार मौका तो दे! तेरे सारे ज़हर... Hindi · कविता 324 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Sep 2021 · 1 min read लानत है! बिक रहा है देश और तुझे ख़बर नहीं, लानत है! लूट रहा है देश और तुझे ख़बर नहीं, लानत है! पीट रहा है देश और तुझे ख़बर नहीं, लानत है!... Hindi · कविता 384 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Sep 2021 · 1 min read खुदकुशी नहीं, इंकलाब करो! अगर दिल में हौसला होगा! कुछ न कुछ फैसला होगा!! बुजदिल की तरह,ऐ दोस्त! खुदकुशी करने से क्या होगा!! Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 165 Share Shekhar Chandra Mitra 7 Sep 2021 · 1 min read चुभन ऐ दिल मेरे, तुम करना याद कोई चोट खाने के बाद कितनी चुभन झेल कर गुंचा कोई बनता है गुलाब!! #Geetkar Shekhar Chandra Mitra #सृजनचेतना Hindi · कविता 1 1 187 Share Shekhar Chandra Mitra 7 Sep 2021 · 1 min read दहशतगर्द केवल रेंज का फ़र्क है! केवल स्टेज़ का फ़र्क है!! वैसे बीमार तो दोनों हैं केवल एज का फ़र्क है!! Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 177 Share Shekhar Chandra Mitra 7 Sep 2021 · 1 min read अवाम की ताक़त मजदूर और किसान की! मेहनतकश इंसान की!! देखी नहीं तुमने ताक़त नब्बे फीसदी अवाम की!! Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 1 242 Share Shekhar Chandra Mitra 7 Sep 2021 · 1 min read और क्या चाहिए? न तो भूखों को अनाज है! न ही बीमारों को इलाज है!! आपको और क्या चाहिए अब चारों तरफ़ राम राज है!! Hindi · कविता 1 187 Share Shekhar Chandra Mitra 7 Sep 2021 · 1 min read लायब्रेरी थोड़ी भी चलेगी अब देरी नहीं! यह धरती सबकी बस मेरी नहीं!! कदम-कदम पर मंदिर-मस्जिद दूर-दूर तक कोई लायब्रेरी नहीं!! Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 1 184 Share Shekhar Chandra Mitra 7 Sep 2021 · 1 min read विभत्स दृश्य बेशक चित्र यह बिल्कुल विभत्स है! लेकिन दुर्भाग्यवश मौजूदा सच है!! संसद के तरफ़ जाने वाली हरेक सड़क ख़ून से लथपथ है!! Shekhar Chandra Mitra #CommunalPolitics Hindi · कविता 1 189 Share Shekhar Chandra Mitra 7 Sep 2021 · 1 min read नि:शब्द मैं लज्जित हूं! स्तब्ध हूं!! नागपाश में आबद्ध हूं!! क्या अब भी ऐसा होता है! यह सोचकर नि:शब्द हूं!! Shekhar Chandra Mitra #RomanticRebel #FeministPoetry Hindi · कविता 188 Share Shekhar Chandra Mitra 7 Sep 2021 · 1 min read निर्णायक मोड़ फैसला तुम्हें करना है आज ठहराव चाहिए या इंकलाब... किधर जा रहा अपना देश किधर जा रहा अपना समाज... होना पड़ेगा फिर से ग़ुलाम लौटे अगर वे तख्त और ताज...... Hindi · गीत 180 Share Shekhar Chandra Mitra 7 Sep 2021 · 1 min read विपक्ष कहां है? चारों तरफ एक सन्नाटा पसरा हुआ है! अब पता नहीं कि क्या होने वाला है!! सत्ता की मनमानियां बढ़ती ही जा रहीं जरा कोई तो बताए कि विपक्ष कहां है!!... Hindi · कविता 219 Share Shekhar Chandra Mitra 7 Sep 2021 · 1 min read बच्चों को किताबें दो अगर बनाना है एक खुबसूरत देश! अगर बनाना है एक खुशहाल समाज!! तो नौजवानों को हथियारों के बजाय तुम्हें देनी होगी कलम और किताब!! Hindi · कविता 1 1 430 Share Shekhar Chandra Mitra 6 Sep 2021 · 1 min read जनता का गुस्सा देख रहा पूरा हिंदोस्तान! कर रहे क्या हुक्मरान!! जनता के गुस्से से बचना! नहीं होगा अबकी आसान!! Hindi · कविता 1 356 Share Shekhar Chandra Mitra 6 Sep 2021 · 1 min read जय जवान-जय किसान अब जाग रहा है-हिंदोस्तान भले कुछ भी कर लें-हुक्मरान संसद से-सड़क तक गूंजेगा जय जवान-जय किसान... Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 1 178 Share Shekhar Chandra Mitra 6 Sep 2021 · 1 min read सदियों से रहे हैं! शोषित, वंचित और पीड़ित! निंदित, अपमानित और उपेक्षित!! स्त्री, आदिवासी और दलित! पराजित, शासित और दमित!! Shekhar Chandra Mitra #स्त्रीविमर्श #दलितविमर्श Hindi · कविता 183 Share Shekhar Chandra Mitra 6 Sep 2021 · 1 min read प्यारी भूलें जिनको याद कर-करके! काट सकें हम बुढ़ापे!! वक़्त रहते ही कुछ गलतियां कर लेनी चाहिए हमें!! Hindi · कविता 181 Share Shekhar Chandra Mitra 6 Sep 2021 · 1 min read दोनों एक जैसे बदतमीज हो! बदजुबां हो!! तुम हमसे अलग कहां हो!! Shekhar Chandra Mitra #CommunalPolitics Hindi · कविता 180 Share Previous Page 60 Next