Shekhar Chandra Mitra Language: Hindi 3940 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 56 Next Shekhar Chandra Mitra 8 Oct 2021 · 1 min read बेटियों को बराबरी ना पूजा ना मार चाहिए! बेटियों को बस प्यार चाहिए!! बेटों को जितना देते हो उतना ही अधिकार चाहिए!! Shekhar Chandra Mitra #FeministPoetry #NavratriSpecial Hindi · कविता 2 1 222 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Oct 2021 · 1 min read भविष्य अनिश्चित कौन बचेगा! कौन मरेगा!! किसे पता है! किसे ख़बर!! वक़्त किसका क्या करेगा!! किसे पता है! किसे ख़बर!! जो करना है अभी कर ले! जो करना है यहीं कर ले!... Hindi · कविता 224 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Oct 2021 · 1 min read अवाम की ताक़त मज़दूर और किसान की ताक़त दिखानी ही होगी उन्हें! मेहनतकश इंसान की ताक़त दिखानी ही होगी उन्हें!! आज हुक़ूमत का नशा जिनके सर चढ़ के बोल रहा है! नब्बे फीसदी... Hindi · कविता 187 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Oct 2021 · 1 min read अभी और यहीं आओ मैं बताऊं एक राज़ तुम्हें! तुरंत होना होगा आज़ाद तुम्हें!! वर्ना तुम जब तक होश में आओगे वे कर चुके होंगे बर्बाद तुम्हें!! Hindi · कविता 305 Share Shekhar Chandra Mitra 6 Oct 2021 · 1 min read इंकार में उठे हाथ लोग रंग-नस्ल में बांट दिए जाते हैं! कुछ गुंडे-बदमाश छांट लिए जाते हैं! किसी फासीवादी सरकार में तुरंत इंकार में उठे हाथ काट लिए जाते हैं! Shekhar Chandra Mitra #अफगानिस्तान... Hindi · कविता 280 Share Shekhar Chandra Mitra 6 Oct 2021 · 1 min read धर्मांतरण रोकना है तो नारी अपहरण की ये घटनाएं धर्मांतरण को बढ़ावा देंगी! दलित उत्पीड़न की ये घटनाएं धर्मांतरण को बढ़ावा देंगी! अगर रोक सके तो रोक ले अब समय रहते ही इनको कोई!... Hindi · कविता 312 Share Shekhar Chandra Mitra 6 Oct 2021 · 1 min read मायूस आशिक से जलवों की जुस्तजू है तो जुर्रत पैदा कर! मासुमियों की हिफाज़त की ताकत पैदा कर!! तुझ पर आंच भी आए तो वे दुनिया हिला दें! दिलवालों के बीच इतनी शोहरत... Hindi · कविता 223 Share Shekhar Chandra Mitra 5 Oct 2021 · 1 min read आंसुओं से लिखी हुई कहानी अगर अमृत की ऐसी बूंद कोई मेरे होठों पर पड़ी होती! तो जनम-जनम की प्यास मेरी क्षण भर में बुझ गई होती! लेकिन कुछ तो मेरा अभागापन और कुछ दुनिया... Hindi · कविता 1 270 Share Shekhar Chandra Mitra 5 Oct 2021 · 1 min read मेहनतकश अवाम मज़दूर हैं मसलने के लिए! किसान हैं कुचलने के लिए!! हुकूमत के बूटों तले क्या अवाम हैं रौंदने के लिए!! Shekhar Chandra Mitra #FarmersProtest #Lakhimpur Hindi · कविता 220 Share Shekhar Chandra Mitra 5 Oct 2021 · 1 min read नीरो बंशी बजा रहा है! आजकल इस देश में ये सब क्या चल रहा है! नीरो बजा रहा बांसूरी जबकि रोम जल रहा है!! संसद से सड़क तक बिकता जा रहा सब कुछ आम आदमी... Hindi · कविता 118 Share Shekhar Chandra Mitra 5 Oct 2021 · 1 min read जल रहा है देश नफ़रत के सांचे में ढ़ल रहा है देश जल रहा है देश! ऊबल रहा है देश!! नाज़ी जर्मनी में बदल रहा है देश जल रहा है देश! ऊबल रहा है... Hindi · कविता 156 Share Shekhar Chandra Mitra 5 Oct 2021 · 1 min read अंधेर मची है! शर्मिंदा हूं नाराज़ हूं मैं देश के हालात पर! खौल उठता ख़ून मेरा आजकल हर बात पर!! संसद से सड़क तक अंधेर मची है चारों तरफ़! आख़िर कैसे काबू पाऊं... Hindi · कविता 1 1 222 Share Shekhar Chandra Mitra 5 Oct 2021 · 1 min read बहुत हुआ अब बस्स! तख्त जाए न उलट! ताज जाए न पलट!! खौल उठा है ख़ून! बहुत हुआ अब बस्स!! Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 114 Share Shekhar Chandra Mitra 5 Oct 2021 · 1 min read देश क्यों ग़ुलाम हुआ? कुछ लोगों को तो आराम हुआ! बाकी सबका जीना हराम हुआ!! मुझे अब समझ में आ रहा है कि आख़िर ये देश क्यों ग़ुलाम हुआ!! Shekhar Chandra Mitra #AmbedkarVision Hindi · कविता 147 Share Shekhar Chandra Mitra 5 Oct 2021 · 1 min read लोकतंत्र को ख़तरा क्या भारत अपनी आज़ादी को संभाल सकेगा! अपने यहां आई हुई बला को टाल सकेगा!! जिसमें एक तानाशाह बनने के सारे लक्षण हैं! अपने आपको उसके चंगुल से निकाल सकेगा!!... Hindi · कविता 179 Share Shekhar Chandra Mitra 5 Oct 2021 · 1 min read ज्वलंत प्रश्न क्या भारत अपनी स्वतंत्रता को खो देगा? क्या भारत का लोकतांत्रिक ढ़ांचा बचेगा? क्या भारत धर्मनिरपेक्ष बना रह सकेगा? क्या भारत का संविधान सुरक्षित रहेगा? Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 178 Share Shekhar Chandra Mitra 5 Oct 2021 · 1 min read हुकूमत का नशा जब हुकूमत का नशा किसी के सर चढ़ जाता है! आम जनता पर ज़ुल्म हद से ज़्यादा बढ़ जाता है!! तो होती एक बगावत और आता है कोई इंकलाब! जो... Hindi · कविता 424 Share Shekhar Chandra Mitra 4 Oct 2021 · 1 min read वाह! वाह!! वे दिल तोड़ने का पहले तो गुनाह करते हैं! हमसे प्यार के गीतों की फ़िर चाह करते हैं!! हाय, इससे बड़ी विडम्बना भला और क्या होगी! कि लोग कवि की... Hindi · कविता 216 Share Shekhar Chandra Mitra 4 Oct 2021 · 1 min read अंधभक्ति अंधभक्ति तो किसी की भी ठीक नहीं मेरे ब्रदर! वे राम हों या बुद्ध हों वे गांधी हों या अंबेडकर!! देश और समाज के नासूर हो चुके ज़ख्मों पर! अब... Hindi · कविता 2 1 290 Share Shekhar Chandra Mitra 4 Oct 2021 · 1 min read नासूर हो चुके ज़ख्म भारत के हालात तो हुए जा रहे बद से बदतर! बिक गए हमारे फनकार डर गए हमारे दानिश्वर!! इस देश और समाज के नासूर हो चुके ज़ख्मों के लिए! मुझे... Hindi · कविता 1 458 Share Shekhar Chandra Mitra 2 Oct 2021 · 1 min read गांधी: एक पुनर्मूल्यांकन ऐ गांधी, तेरी क़िस्मत में नफ़रत ही लिखी है क्या! कुछ अंधे वतनपरस्तों की वहशत ही लिखी है क्या!! तेरे चलते ही यह देश बंटा और हिंदुओं का ख़ून बहा!... Hindi · कविता 197 Share Shekhar Chandra Mitra 2 Oct 2021 · 1 min read गांधी:एक पुनर्विचार गांधी से बड़ा लोकप्रिय नेता दूसरा कौन था उस ज़माने में! उन्होंने कौन-सी कसर छोड़ी भारत को एक देश बनाने में!! वह सारी खूबियों के बावजूद इंसान ही थे, कोई... Hindi · कविता 178 Share Shekhar Chandra Mitra 2 Oct 2021 · 1 min read बुद्धिजीवियों से सवाल करना सीखो ज़वाब देना सीखो पढ़ने-लिखने वालों हिसाब लेना सीखो... (१) देश के जज़्बात को सामाज के हालात को एक पुरज़ोर तरीके से आवाज़ देना सीखो... (२) वक़्त के... Hindi · गीत 208 Share Shekhar Chandra Mitra 2 Oct 2021 · 1 min read गुलामी की आदत जाने भी दो, ऐ दोस्त! ये लोग नहीं समझेंगे!! खा-खाकर ठोकरें भी ये लोग नहीं सम्भलेंगे!! सदियों से गुलामी की आदत पड़ी है इनकी ऊंची डिग्री लेकर भी ये लोग... Hindi · कविता 652 Share Shekhar Chandra Mitra 2 Oct 2021 · 1 min read अपने-अपने पिंजरे यहां पिंजरे में तो हर एक परिंदा है! जो उसे तोड़ सके वही बस ज़िंदा है!! तू कहां पैदा हुआ इसमें तेरी क्या खता भला इसको लेकर तू क्यों शर्मिंदा... Hindi · कविता 1 1 231 Share Shekhar Chandra Mitra 2 Oct 2021 · 1 min read रेशम का जाल अब पिंजरा चाहे जैसा भी हो टूटना ही उसका मुकद्दर है! जितनी जल्दी यह समझ ले तू तेरे लिए उतना ही बेहतर है! रेशम के इस जाल में कब तक... Hindi · कविता 214 Share Shekhar Chandra Mitra 2 Oct 2021 · 1 min read हम सभी इंसान हैं! मस्ज़िद में अगर भजन ना हो सके! मंदिर में अगर ना हो सके अज़ान! तो अल्लाह है भला कैसा अल्लाह! तो भगवान है भला कैसा भगवान! इतनी-सी बात क्या वे... Hindi · कविता 228 Share Shekhar Chandra Mitra 2 Oct 2021 · 1 min read साम्प्रदायिक राजनीति यह सियासत तुम्हारे बच्चों को बदल न दे कहीं मानव बम में! यह मज़हब तुम्हारे बच्चों को बदल न दे कहीं मानव बम में!! देश के टीवी और अख़बार में... Hindi · कविता 148 Share Shekhar Chandra Mitra 2 Oct 2021 · 1 min read हिल उठे सिंहासन इंद्रासन हुआ डांवाडोल हड़कंप मच गया! अब सीधे होगा मुकाबला भूकंप मच गया!! आज हमने एक ज़रा-सा पैंतरा क्या बदला! भ्रष्ट सत्ता के गलियारों में आतंक मच गया!! Hindi · कविता 168 Share Shekhar Chandra Mitra 2 Oct 2021 · 1 min read सुकरात की नियति तानाशाहों को पसंद नहीं जलते हुए सवाल! मैं जान-बूझकर आफ़त मोलूं मेरी क्या मजाल! जिन लोगों को जगाने के लिए बांग देता है मूर्गा! वही लोग तो आख़िरकार करते उसे... Hindi · कविता 182 Share Shekhar Chandra Mitra 2 Oct 2021 · 1 min read सामाजिक दायित्व पूरे देश और समाज का ठेका! एक हमने ही ले रखा है क्या!! दूसरे भी तो अपनी जिम्मेदारी! उठाया करें कभी-कभी ज़रा!! Shekhar Chandra Mitra #किसानकीमनोव्यथा Hindi · कविता 206 Share Shekhar Chandra Mitra 1 Oct 2021 · 1 min read ब्यूटी विद ब्रेन ना तो सोन मछली! ना ही रंगीन तितली!! मुझे छूना भी मत मैं हूं तड़कती बिजली!! Shekhar Chandra Mitra #feministpoetry #BoldBeauty Hindi · कविता 198 Share Shekhar Chandra Mitra 1 Oct 2021 · 1 min read नायाब हीरा तू जिस्म की हदों से जरा दूर जाके देख! आएगा नज़र ख़ुदा रूह में समाके देख!! बन जाएगा बिल्कुल तू एक नायाब हीरा आग में जुदाई की ख़ुद को तपाके... Hindi · कविता 325 Share Shekhar Chandra Mitra 1 Oct 2021 · 1 min read मैं जिसके लिए बना हूं बेहद बदतमीज हूं एकदम मनमाना हूं! इस दुनियादारी से बिल्कुल बेगाना हूं!! किसी भी हालत में किसी भी क़ीमत पर मैं तो वही करूंगा जिसके लिए बना हूं!! Shekhar Chandra... Hindi · कविता 183 Share Shekhar Chandra Mitra 1 Oct 2021 · 1 min read मुक्त प्रेम हम बुलाना भी नहीं चाहते! हम रोकना भी नहीं चाहते! बात-बात पर हर किसी को हम टोकना भी नहीं चाहते! जिसे आना है वह आए! जिसे जाना है वह जाए!... Hindi · कविता 257 Share Shekhar Chandra Mitra 1 Oct 2021 · 1 min read नारी उत्पीड़न की परंपरा मैं सोचती हूं अहिल्या पर बड़ा अत्याचार किसने किया इंद्र ने या गौतम ने? मैं सोचती हूं सीता पर बड़ा अत्याचार किसने किया रावण ने या श्रीराम ने? मेरे मन... Hindi · कविता 1 2 235 Share Shekhar Chandra Mitra 1 Oct 2021 · 1 min read भारत कौन? हम भी भारत तुम भी भारत यह भी भारत वह भी भारत काश्मीर से कन्याकुमारी तक सब हैं भारत! सब हैं भारत!! #Geetkar Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 1 215 Share Shekhar Chandra Mitra 30 Sep 2021 · 1 min read युवा नेता चाहिए अगर युवकों के हाथों में भारत की बागडोर हो! तो दुनिया में इस देश की शान ही कुछ और हो!! रोशन चिराग़ों की ज़रूरत तब और भी बढ़ जाती है!... Hindi · कविता 312 Share Shekhar Chandra Mitra 30 Sep 2021 · 1 min read औरत जात के गुनहगार हम भी हैं गुनहगार तेरे किसी सज़ा के हकदार तेरे एक मर्द होने के नाते दूसरे मर्दों की तरफ़ से! #Geetkar Shekhar Chandra Mitra #स्त्रीविमर्श #feministpoetry Hindi · कविता 289 Share Shekhar Chandra Mitra 30 Sep 2021 · 1 min read तू पत्थर न हो जाए! साथी, तुझे अब बोलना ही पड़ेगा! दिल का हर राज खोलना ही पड़ेगा!! तू कहीं पड़ी-पड़ी पत्थर ना हो जाए! अपनी जगह से डोलना ही पड़ेगा!! Shekhar Chandra Mitra #feministpoetry... Hindi · कविता 256 Share Shekhar Chandra Mitra 30 Sep 2021 · 1 min read फिर मिलेंगे किसी न किसी मोड़ पर एक दिन मिलेंगे हम ख्वामखाह तुम कर रहे क्यों आंख अपनी नम वक़्त-ए-विदा में उसने मुझसे था यह कहा बीते दिनों को सोच कर करना... Hindi · कविता 195 Share Shekhar Chandra Mitra 30 Sep 2021 · 1 min read कुछ काम हो जाए बहुते हो चुका राम-राम साहेब! हो जाय अब कुछु काम, साहेब! टीवी औरी अखबारे में हम! केतना सुने हैं आपके नाम, साहेब! Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 190 Share Shekhar Chandra Mitra 30 Sep 2021 · 1 min read उसने कहा था तू एक दांव इश्क़ का ज़रा आजमाके देख! अपने आपको हमारे काबिल बनाके देख!! ये जिस्म चीज़ क्या है तुझे जान भी मिलेगी दिल की गहराइयों में कभी घर बनाके... Hindi · कविता 201 Share Shekhar Chandra Mitra 29 Sep 2021 · 1 min read फतवा या दस्तूर ? चले चलो कि दिल्ली दूर नहीं बढ़े चलो कि दिल्ली दूर नहीं... (१) जो हार मानकर बैठ जाए वह किसान या मजदूर नहीं... (२) अपनी गैरत का सौदा करें हम... Hindi · गीत 334 Share Shekhar Chandra Mitra 29 Sep 2021 · 1 min read भगतसिंह बनना आसान नहीं होता है भगतसिंह बनना अपनी जान हथेली पर पड़ता है रखना... कैसे हंसते हुए चूमा था फांसी का फंदा उसने सीखा ही नहीं था माफ़ी मांगना... #Geetkar Shekhar... Hindi · कविता 214 Share Shekhar Chandra Mitra 29 Sep 2021 · 1 min read भगतसिंह वह तो भगतसिंह थे जो टिक गए! बाकी कितने लीडर तो बिक गए! लगातार उन्हीं को तो पढ़ते-सुनते हम जीते हुए मरना अब सीख गए! Shekhar Chandra Mitra #RomanticRebel Hindi · कविता 230 Share Shekhar Chandra Mitra 29 Sep 2021 · 1 min read जुदाई की शाम मैं तुमसे मिल न पाऊंगा अब शायद इस ज़िंदगी में जाएगी जवानी मेरी बला की एक तिश्नगी में... सचमुच में तू है कहीं तो समझा दे मुझे, ऐ अल्लाह इतना... Hindi · गीत 498 Share Shekhar Chandra Mitra 29 Sep 2021 · 1 min read आग से खेलना जैसे भी थे ख़ैर, वे दिन बीत गए! हम आग से खेलना अब सीख गए! कुछ लोग जीतकर भी हार गए! कुछ लोग हारकर भी जीत गए! Shekhar Chandra Mitra... Hindi · कविता 197 Share Shekhar Chandra Mitra 29 Sep 2021 · 1 min read अपराध बोध हां! हम लूटेरे हैं, जंगल, जल और जमीन के! औरत, आदिवासी और दलित के हम कातिल हैं। बिना किसी मुरव्वत या रियायत के हमें सख्त से सख्त सज़ा मिलनी चाहिए!... Hindi · कविता 255 Share Shekhar Chandra Mitra 29 Sep 2021 · 1 min read उनके हाथों की हिना उनके हाथों की हिना याद बहुत आती है! मेरी स्याह रातों में रंग घोल जाती है! ऐसे ही बैठे-बैठे कोई बात सोचकर! वो मुस्कुराने की अदा याद बहुत आती है!... Hindi · कविता 193 Share Previous Page 56 Next