Shekhar Chandra Mitra Language: Hindi 3940 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 55 Next Shekhar Chandra Mitra 20 Oct 2021 · 1 min read आंख की किरकिरी मुट्ठी तानकर खड़ी है वह! अपनी जिद्द पर अड़ी है वह!! सामंती पितृसत्ता के सामने चुनौती एक बहुत बड़ी है वह!! जो मनुवाद की आंख की किरकिरी अभी तक बनी... Hindi · कविता 385 Share Shekhar Chandra Mitra 20 Oct 2021 · 1 min read दलित-प्रेम अगर प्यार नहीं, यह धोखा है! तो तुमको किसने रोका है!! तुम झूठ में ही गले लगा लो उन्हें! तुम्हारे पास भी मौक़ा है!! Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 175 Share Shekhar Chandra Mitra 20 Oct 2021 · 1 min read जाति है कि जाती नहीं! जाके देखो दुनिया कहां से कहां गई! लेकिन तुम अटके हुए हो अभी वहीं!! क्या तनिक भी लाज तुम्हें आती नहीं आखिर क्यों जाति है कि जाती नहीं!! Shekhar Chandra... Hindi · कविता 163 Share Shekhar Chandra Mitra 20 Oct 2021 · 1 min read क्या सब कुछ ठीक है? छाती पर रखकर हाथ बताओ क्या सबकुछ ठीक है! चारों तरफ जरा आंख घुमाओ क्या सबकुछ ठीक है! पक्ष-विपक्ष की बात नहीं आज इस देश का सवाल है! एक नागरिक... Hindi · कविता 1 1 267 Share Shekhar Chandra Mitra 20 Oct 2021 · 1 min read क़लम की ताक़त फैज़ और ज़ालिब को पढ़कर हुआ मुझे लफ़्ज़ की ताक़त का एहसास! दुष्यंत और पाश को सुनकर हुआ मुझे लफ़्ज़ की ताक़त का एहसास!! अब मैं कैसे रख सकता हूं... Hindi · कविता 186 Share Shekhar Chandra Mitra 19 Oct 2021 · 1 min read फूर्सत मिले तो सोचना कुछ गिने-चुने लोगों के पास इतनी जमीन-जायदाद है क्यों? मुट्ठी भर लोगों का इस देश में आखिर सदियों से राज है क्यों? कभी फूर्सत मिले तो सोचना अपने दिल पर... Hindi · कविता 149 Share Shekhar Chandra Mitra 19 Oct 2021 · 1 min read हमारा नेता वही होगा गाली सुने! लाठी खाए!! वक़्त पर आवाज उठाए!! हमारा नेता वही होगा! हमारे लिए जो जेल जाए!! Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 150 Share Shekhar Chandra Mitra 19 Oct 2021 · 1 min read मज़दूर की जान एक मेहनतकश जम्हूर की जान! कितनी सस्ती है मज़दूर की जान!! दो-दो टके में बिकती है यहां हर मुफ्लिश और मजबूर की जान!! Shekhar Chandra Mitra #धार्मिककट्टरपंथ #CommunalPolitics Hindi · कविता 312 Share Shekhar Chandra Mitra 19 Oct 2021 · 1 min read विष-वृक्ष रात बहुत सुहानी थी सोए कि नहीं! परियों की दुनिया में खोए कि नहीं! तुम्हारी अगली नस्लें काटेंगी जिसे वह फ़सल आंगन में बोए कि नहीं! तुम्हारे हाथ में लगे... Hindi · कविता 299 Share Shekhar Chandra Mitra 19 Oct 2021 · 1 min read गुड मॉर्निंग इंडिया गुड मॉर्निंग इंडिया पूरी फ़िल्म तो भायी न! रात बहुत सुहानी थी अच्छी नींद तो आई न! यहां कोई मरे या जीए आख़िर तुम्हें उससे क्या! सपनों में आने वाली... Hindi · कविता 234 Share Shekhar Chandra Mitra 18 Oct 2021 · 1 min read अपना-अपना प्रोपगेंडा अपना-अपना एजेंडा होता है! अपना अपना प्रोपगेंडा होता है!! एक मामले में गर्म होने वाला दूसरे मामले में ठंडा होता है!! Shekhar Chandra Mitra #धार्मिककट्टरपंथ #दलितउत्पीड़न #CommunalPolitics Hindi · कविता 154 Share Shekhar Chandra Mitra 18 Oct 2021 · 1 min read ये चुनी हुई चुप्पियां इससे पहले कि बन जाएं श्मशान हमारी बस्तियां! छोड़नी होंगी हम सभी को चुनी हुई ये चुप्पियां! तो अपने आपको अब से वह एक मूर्दा समझ ले! अगर जगा नहीं... Hindi · कविता 158 Share Shekhar Chandra Mitra 18 Oct 2021 · 1 min read दलित उत्पीड़न की परम्परा यहां कोई आवाज़ नहीं उठती यहां कोई एहतिजाज नहीं होता मरते आ रहे सदियों से दलित लेकिन यहां कोई इंकलाब नहीं होता!! Shekhar Chandra Mitra #दलितउत्पीड़न #धार्मिककट्टरपंथ #CommunalPolitics Hindi · कविता 155 Share Shekhar Chandra Mitra 18 Oct 2021 · 1 min read पवित्र हिंसा कौन ये धरती फट जाएगी! कौन वो आसमान टूट जाएगा!! दलितों पर ज़ुल्म ढ़ाने भर से कौन ये ज़हान रूक जाएगा!! Shekhar Chandra Mitra #दलितउत्पीड़न #धार्मिककट्टरपंथ #CommunalPolitics Hindi · कविता 225 Share Shekhar Chandra Mitra 18 Oct 2021 · 1 min read राग-दरबारी वे लोग जो कि-कारिंदे सरकारी! दिखाएंगे ही-उससे वफादारी!! लेकिन हम तो-अवाम के नुमाइंदे गाएं भी तो कैसे-राग दरबारी!! Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 219 Share Shekhar Chandra Mitra 18 Oct 2021 · 1 min read तल्ख़ियां जब तक देश में जब्र! और ज़ुल्म है समाज में!! तल्खी रहेगी क़ायम यूं ही मेरी आवाज़ में!! अपने इस गुस्से को रखो जरा संभाल कर! काम पड़ेगा इसका बहुत... Hindi · कविता 144 Share Shekhar Chandra Mitra 18 Oct 2021 · 1 min read संगीन हालात में तख्तो-ताज वाले मदहोश हैं क्यों! हंसिया-हथौड़ा वाले बेहोश हैं क्यों!! जिंदगी और मौत के सवाल पर भी फिक्रो-नज़र वाले ख़ामोश हैं क्यों!! Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 372 Share Shekhar Chandra Mitra 17 Oct 2021 · 1 min read बहुत हो चुका अब एक और इंकलाब कि बहुत हो चुका अब! वक़्त दे रहा आवाज़ कि बहुत हो चुका अब!! देश और समाज के नासूर बने हर ज़ख्म का! नश्तर ही एक इलाज़... Hindi · कविता 124 Share Shekhar Chandra Mitra 16 Oct 2021 · 1 min read दलित मज़दूर हम भी तो भारत के बेटे हैं! आख़िर तुमसे क्या लेते हैं!! रूखी-सूखी रोटी के बदले तुम्हें ख़ून-पसीना देते हैं!! तुम्हारी चमक-दमक से दूर बजबजाती हुई गलियों की झुग्गी-झोपड़ियों में... Hindi · कविता 173 Share Shekhar Chandra Mitra 16 Oct 2021 · 1 min read ज़मीर ज़िंदा रहे मेरी खुदी पर चारों तरफ से अगर हमले हों तो हुआ करें! लेकिन किसी भी कीमत पर मैं मैं ही रहूं आप दुआ करें! गैरों की नज़र में उठने के... Hindi · कविता 186 Share Shekhar Chandra Mitra 16 Oct 2021 · 1 min read खुदकुशी का ख़्याल अपने देश और समाज के हालात ने मरने नहीं दिया! मुझे प्यार और इंकलाब के जज्बात ने मरने नहीं दिया! सारे पीड़ित, शोषित और अपमानित लोगों के प्रति मुझे मेरी... Hindi · कविता 170 Share Shekhar Chandra Mitra 15 Oct 2021 · 1 min read गूंगों की ज़ुबान अपने वक़्त की एक आवाज़ हूं मैं! मजलूमों-महरूमों का हमराज हूं मैं! आखिर ऐसे कैसे बोलना छोड़ दूं! जाने कितने दिलों की फ़रियाद हूं मैं!! Shekhar Chandra Mitra #RomanticRebel #FreedomOfSpeech Hindi · कविता 304 Share Shekhar Chandra Mitra 15 Oct 2021 · 1 min read ज़हर मिले या सूली मज़लूमों की हिम्मत हैं हम महरूमों की ताक़त हैं हम बोलना कैसे छोड़ दें अब महकूमों की इज़्ज़त हैं हम चाहे ज़हर मिले या सूली हमें अब कोई खौफ नहीं... Hindi · कविता 199 Share Shekhar Chandra Mitra 15 Oct 2021 · 1 min read हबीब जालिब बहरों का कलाम है हबीब जालिब की शायरी गूंगों की ज़ुबान है हबीब जालिब की शायरी तख्त और ताज की हर साज़िश के ख़िलाफ़ अनलहक का ऐलान है हबीब जालिब... Hindi · कविता 422 Share Shekhar Chandra Mitra 14 Oct 2021 · 1 min read अनलहक का ऐलान सच के लिए हर संभव ख़तरा उठाओ, यारों! जलते हुए सवालों से मुंह मत चुराओ, यारों!! मंसूर जब सूली पर हो तो ख़ामोश रहना कुफ्र है! ऊँचे सुर में अनलहक़... Hindi · कविता 222 Share Shekhar Chandra Mitra 14 Oct 2021 · 1 min read नई औरत उफ्फ किस क़दर मिलते हैं मेरे ख़्याल तेरे ख़्याल के साथ मुझे तो तेरा ज़हन भी पसंद है तेरे ज़माल के साथ... (१) मैं तेरे इस अहसान का कैसे करूं... Hindi · गीत 307 Share Shekhar Chandra Mitra 14 Oct 2021 · 1 min read दरबारी कवि नहीं बनना हमें अपने दौर की हलचलों से दूर जाकर हमें कब्र में नहीं सड़ना है! अपने वक़्त के तकाज़ों से दूर होकर हमें कब्र में नहीं सड़ना है! अपने सेफ्टी ज़ोन से... Hindi · कविता 240 Share Shekhar Chandra Mitra 14 Oct 2021 · 1 min read मेरे अल्फ़ाज़ डायनामाइट हैं! मेरे अल्फ़ाज़ उन लोगों के लिए डायनामाइट हैं! जो लोग हमारे समाज के लिए पैरासाइट हैं! ये जुल्मतों के इस दौर में गुमराह पीढ़ी के लिए दूर तक रास्ता दिखाने... Hindi · कविता 201 Share Shekhar Chandra Mitra 14 Oct 2021 · 1 min read हवाओं में ज़हर लगता है आजकल हम सभी मरने जा रहे! छोटी-छोटी कब्रों में गिरकर सड़ने जा रहे! हवाओं में घोला है उन्होंने वह ज़हर कि अब तो हम खुलकर सांस भी नहीं... Hindi · कविता 183 Share Shekhar Chandra Mitra 13 Oct 2021 · 1 min read जुब़ान पर लगे ताले यह कैसे संगीन दौर में हम जी रहे हैं! लम्हा-लम्हा घुटन का ज़हर पी रहे हैं! कहीं हो जाए न घर की बात जगजाहिर अब हुक्मरान अवाम के होंठ सी... Hindi · कविता 150 Share Shekhar Chandra Mitra 13 Oct 2021 · 1 min read इश्क़ और इंकलाब ज़िंदगी के कशमकश से अलहदा करे जो इश्क़! दुनिया के जद्दोजेहद से अलहदा करे जो इश्क़! वह इश्क़ ज़ेहनी तौर पर खुदकुशी है दरअसल! मौजूदा वक़्त की बहस से अलहदा... Hindi · कविता 206 Share Shekhar Chandra Mitra 12 Oct 2021 · 1 min read आज के कृष्ण जब-जब द्रोपदी का चीर-हरण होगा! तब-तब महाभारत का एक रण होगा!! आज हम सत्य का साथ दें या सत्ता का यह कृष्ण के लिए निर्णायक क्षण होगा!! Shekhar Chandra Mitra... Hindi · कविता 3 240 Share Shekhar Chandra Mitra 12 Oct 2021 · 1 min read वैज्ञानिक चेतना उनकी साज़िश है कि वो सत्ता की आवाज़ बनें! अपनी कोशिश है कि हम जनता की फ़रियाद बनें! आज के दौर में ज़रूरत है ऐसे बुद्धिजीवियों की जो हमारे देश... Hindi · कविता 248 Share Shekhar Chandra Mitra 12 Oct 2021 · 1 min read जयप्रकाश नारायण इस अंधेरे समय का प्रकाश बने! यहां कौन है जो जयप्रकाश बने!! आज पिंजरे में घुट रहे जो पंछी उनके लिए खुला आकाश बने!! Shekhar Chandra Mitra #FarmersProtest #PoliticalPrisoners Hindi · कविता 288 Share Shekhar Chandra Mitra 12 Oct 2021 · 1 min read लोकतंत्र की आवाज़ हमें थोड़ी-सी दिलेरी दिखाने की ज़रूरत है! अभिव्यक्ति के ख़तरे उठाने की ज़रूरत है!! वरना सदियों की कुर्बानी लम्हों में बेकार हो जाएगी! अपनी सोई हुई गैरत जगाने की ज़रूरत... Hindi · कविता 255 Share Shekhar Chandra Mitra 12 Oct 2021 · 1 min read कबीर के वारिस अपने ज़मीर के साथ इंसाफ़ करूंगा! गुनहगारों को हरगिज़ नहीं माफ़ करूंगा! कबीर का एक वारिस होने के नाते मैं हमेशा सच्चा, सीधा और साफ़ कहूंगा! Shekhar Chandra Mitra #FreedomOfExpression... Hindi · कविता 274 Share Shekhar Chandra Mitra 12 Oct 2021 · 1 min read लोकतंत्र के रखवाले जो गालियां सुनने के लिए हर वक़्त तैयार रहें! जो लाठियां खाने के लिए हर वक़्त तैयार रहें!! देश को ज़रूरत है ऐसे लाखों नौजवानों की! जो हवालात जाने के... Hindi · कविता 176 Share Shekhar Chandra Mitra 12 Oct 2021 · 1 min read पिंजरा तोड़ (नारीवादी कविता) सुरक्षा के नाम पर आप हमें क़ैद नहीं रख सकते! सुविधा के नाम पर आप हमें क़ैद नहीं रख सकते! हम जीती-जागती लड़कियां कोई चिड़ियां तो नहीं! स्थिरता के नाम... Hindi · कविता 1 304 Share Shekhar Chandra Mitra 11 Oct 2021 · 1 min read समय का विशिष्ट कवि अशिष्ट हूं धृष्ट हूं उम्र में कनिष्ट हूं लेकिन प्रतिभा में वरिष्ठ हूं मैं अपने समय का कवि विशिष्ट हूं! Shekhar Chandra Mitra #RomanticRebel #विद्रोहीकवि Hindi · कविता 1 1 259 Share Shekhar Chandra Mitra 11 Oct 2021 · 1 min read समय से मुठभेड़ पूछो तो ज़रा पूछो तो आम जनता का क्या हाल है देश की बर्बादी का अभी तो यह सातवां साल है... (१) ना जाने क्या कब हो जाए ख़तरे में... Hindi · कविता 248 Share Shekhar Chandra Mitra 10 Oct 2021 · 1 min read जुदाई वफ़ा को आम करना था! सब पर एहसान करना था!! हमारे इस टूटे हुए दिल से उसे कुछ काम करना था!! यूं ही तो नहीं कायनात ने हमें मिलाकर जुदा... Hindi · कविता 195 Share Shekhar Chandra Mitra 10 Oct 2021 · 1 min read मियां ग़ालिब एक-दूसरे से जुदा होना था! यही अंज़ामे-वफ़ा होना था!! दिया गया दर्द दुनिया भर का शायद हमें मसीहा होना था!! आख़िर उसके कुचे में जगह कैसे मिलती, ऐ मियां ग़ालिब!... Hindi · कविता 186 Share Shekhar Chandra Mitra 10 Oct 2021 · 1 min read मेरे महबूब! ख़ुद अपनी कहानी लिख तू! पिछली पीढ़ियों से सीख तू!! ये पाखंड और आडम्बर क्यों अब जैसी है वैसी ही ठीक तू!! सच और इंसाफ़ की लड़ाई में सदा अगली... Hindi · कविता 174 Share Shekhar Chandra Mitra 10 Oct 2021 · 1 min read रोमांटिक रिबेल शायर हुस्न की अक्कासी करता हूं! इश्क़ की नक़्क़ाशी करता हूं!! मैं अपने शेरों और नग्मों में जज़्बों की तर्जुमानी करता हूं!! Shekhar Chandra Mitra #RomanticRebel Hindi · कविता 159 Share Shekhar Chandra Mitra 10 Oct 2021 · 1 min read सच बोलना ख़तरे से खाली नहीं अपने ज़मीर को फिर भी एक आवाज़ तो देनी होगी! मज़लूमों और महरूमों को कुछ परवाज़ तो देनी होगी!! माना कि यहां सच बोलना अब ख़तरे से खाली नहीं! भगतसिंह... Hindi · कविता 1 314 Share Shekhar Chandra Mitra 9 Oct 2021 · 1 min read नाज़ी जर्मनी को याद करो इतिहास दे रहा है आवाज़ तुम्हें! फ़ैसला करना होगा एक आज तुम्हें! जो बर्बाद हुआ था अंधभक्ति में वह नाज़ी जर्मनी है न याद तुम्हें! Shekhar Chandra Mitra #एंटीहिटलर #नाज़ीवादविरोधी Hindi · कविता 159 Share Shekhar Chandra Mitra 9 Oct 2021 · 1 min read मुसोलिनी के ख़िलाफ़ दिलाता रहूंगा मैं याद तुम्हें! यूं ही दे-देकर आवाज़ तुम्हें! इससे पहले कि वह कर डाले पूरी तरह से बर्बाद तुम्हें! Shekhar Chandra Mitra #इटली #फासीवाद Hindi · कविता 165 Share Shekhar Chandra Mitra 9 Oct 2021 · 1 min read हिटलरशाही के ख़िलाफ़ मैं दिलाता चलूं फिर याद तुम्हें! वह कर रहा है बर्बाद तुम्हें! तुम कल उसी पर शर्मिंदा होगे आज जिस पर है बहुत नाज़ तुम्हें! Shekhar Chandra Mitra #AntiFascism #एंटीनाजीवाद Hindi · कविता 149 Share Shekhar Chandra Mitra 9 Oct 2021 · 1 min read प्रेम-प्रस्ताव अभी और यहीं मेरी जां बोल दे हां नहीं तो ना बोल दे तेरे दिल में है क्या बोल दे हां नहीं तो ना बोल दे... तेरी ख़ुशी ही मेरी... Hindi · कविता 310 Share Shekhar Chandra Mitra 9 Oct 2021 · 1 min read सुकरात का विषपान तुम्हें तुम्हारा वाजिब हक़ तब तक नहीं मिलने वाला! जब तक लगाए हुए हो तुम अपनी ज़ुबान पर ताला!! दूसरों की ज़िंदगी से ज़्यादा ख़ुबसूरत होगी मौत तुम्हारी! सुकरात की... Hindi · कविता 296 Share Previous Page 55 Next