Shekhar Chandra Mitra Language: Hindi 3940 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 54 Next Shekhar Chandra Mitra 29 Oct 2021 · 1 min read बुलबुल का शोक गीत मैं उस बगिया की बुलबुल हूं अब तक जो नहीं आबाद हुई! दिल में जो ख़ुशी की नज़्म उठी होठों पर आकर फ़रियाद हुई!! शिकारी से मिलकर माली ने हाय,... Hindi · कविता 272 Share Shekhar Chandra Mitra 28 Oct 2021 · 1 min read मुहब्बत का महबूब शायर आज की रात तो मुझे नींद नहीं आएगी कल होते ही सुबह डोली उसकी जाएगी... वह ग़ैर के घर को करने के लिए रोशन अपनी ही दुनिया में आग ख़ुद... Hindi · गीत 343 Share Shekhar Chandra Mitra 28 Oct 2021 · 1 min read हुक़ूमत को ललकारने वाला शायर तुम्हारे घावों को बड़े प्यार से सहला रहा है! तुम्हें मीठी-मीठी लोरियों से बहला रहा है!! बेरहमी से कत्ल करके भी तुम्हारे भविष्य का आज वह तुम्हारा मसीहा कहला रहा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 144 Share Shekhar Chandra Mitra 28 Oct 2021 · 1 min read सत्ता को चुनौती देने वाला कवि अंधेरा होने वाला अभी और घना है! हमारा मुस्तक़बिल बेहद डरावना है!! दुनिया में कहीं बदनामी न हो जाए उनका हाथ अवाम के लहू से सना है!! ज़िल्ल-ए-इलाही का फ़रमान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 211 Share Shekhar Chandra Mitra 28 Oct 2021 · 1 min read हिंदी शायरी का 'एंग्री यंगमैन' सभी हुक्मरानों से टकराने वाला एक झगड़ैल शायर था वह! पूरे सिस्टम को चुनौती देने वाला एक गुस्सैल शायर था वह! अपने आपको 'अदम गोंडवी' का इकलौता वारिस कहने वाला!... Hindi · कविता 206 Share Shekhar Chandra Mitra 27 Oct 2021 · 1 min read एक जीनियस शायर अगर उनका शौहर नहीं तो क्या हुआ! महबूब शायर तो मैं उनका बन ही गया! ऐ गम़-ए-आशिकी तेरा बहुत शुक्रिया! एक कमाल का फ़न तूने मुझे दे दिया! इसे इत्तफाक... Hindi · कविता 277 Share Shekhar Chandra Mitra 27 Oct 2021 · 1 min read बगावत का शायर इससे पहले कि घुटकर मर जाएं हम! अब क्यों न प्यार खुलकर कर जाएं हम!! कोई भी हमें खाली नहीं कर पाए! एक-दूसरे को इतना भर जाएं हम!! लोग क्या... Hindi · कविता 275 Share Shekhar Chandra Mitra 27 Oct 2021 · 1 min read सर्वश्रेष्ठ कवि मेरे सारे रकीबों को शर्मिंदा कर दो! मुझे अदबी चमन का परिंदा कर दो!! अपने सुर्ख़ लबों से छूकर एक बार मेरे अल्फ़ाज़ को तुम जिंदा कर दो!! आना फिर... Hindi · कविता 153 Share Shekhar Chandra Mitra 27 Oct 2021 · 1 min read विपक्ष एकजुट हो! उन्हें कभी भी छकाया जा सकता है! उन्हें कभी भी थकाया जा सकता है!! थोड़ी-सी सुझबुझ से काम लेने पर उन्हें कभी भी हराया जा सकता है!! इस देश की... Hindi · कविता 171 Share Shekhar Chandra Mitra 27 Oct 2021 · 1 min read असली भारत हैं हम कोई भीड़ नहीं, अवाम हैं हम! जीते-जागते इंसान हैं हम!! तुमने जिन्हें टार्चर किया है वही मज़दूर- किसान हैं हम!! कागज़ के एक नक्शे को कहते हो अपना देश तुम!... Hindi · कविता 198 Share Shekhar Chandra Mitra 27 Oct 2021 · 1 min read मेरे सपनों का भारत हमें सर्व-समावेशी भारत चाहिए! हमें इंद्र-धनुषी भारत चाहिए!! साम्प्रदायिक या कट्टरपंथी नहीं, हमें धर्म-सहिष्णु भारत चाहिए!! जिसमें क्षमता देखकर काम मिले और आवश्यकता देखकर वेतन! शिक्षित, स्वस्थ और आत्मनिर्भर हमें... Hindi · कविता 173 Share Shekhar Chandra Mitra 27 Oct 2021 · 1 min read आभासी दुनिया इंसानों के करने से क्या ख़ाक़ होता है! दुनिया में सबकुछ अपने आप होता है!! चीज़ें जैसी दिखती हैं वैसी सच में होती नहीं! हम लोगों को केवल आभास होता... Hindi · कविता 569 Share Shekhar Chandra Mitra 27 Oct 2021 · 1 min read मूक दर्शक जो अपने आप में मस्त हैं! आत्म मुग्धता से ग्रस्त हैं!! श्रेष्ठता-ग्रंथि नाम के एक असाध्य रोग से त्रस्त हैं!! कहीं कुछ भी हो लेकिन उन्हें उससे मतलब नहीं! वे... Hindi · कविता 218 Share Shekhar Chandra Mitra 27 Oct 2021 · 1 min read असाध्य रोग तख्त और ताज के असाध्य हो चुके रोगों के लिए! रस्म और रिवाज़ के असाध्य हो चुके रोगों के लिए!! अब रोपना चाहता हूं मैं एक विष-वृक्ष! देश और समाज... Hindi · कविता 157 Share Shekhar Chandra Mitra 26 Oct 2021 · 1 min read सर्वश्रेष्ठ गीतकार आज दिल में बहुत बेकरारी है आ रही याद बस तुम्हारी है... एक मुद्दत से पी नहीं हमने थोड़ी बाक़ी मगर ख़ुमारी है... ग़ैर होता तो जाने क्या कर लेता... Hindi · गीत 248 Share Shekhar Chandra Mitra 26 Oct 2021 · 1 min read गाए जा री बुलबुल ***शेर*** ना समझ है माली फिर भी शातिर है शिकारी फिर भी तेरे ख़िलाफ़ नाना साजिशें सदियों से हैं ज़ारी फिर भी ***गीत*** तू गाए जा अरी बुलबुल गुनगुनाए जा... Hindi · गीत 356 Share Shekhar Chandra Mitra 26 Oct 2021 · 1 min read किधर जा रहा देश? सभी लोग हैरान! सभी लोग परेशान!! क्या मज़दूर और क्या दहकान!! हमारी समझ में कुछ नहीं आता कि किधर जा रहा आजकल हिंदुस्तान!! ना तो देश सुरक्षित ना ही जनता... Hindi · कविता 246 Share Shekhar Chandra Mitra 26 Oct 2021 · 1 min read समग्र क्रांति संस्कृति भी बदलनी चाहिए! सभ्यता भी बदलनी चाहिए!! क्रिया-कलाप के साथ-साथ विचारधारा भी बदलनी चाहिए!! देश में आखिरी आदमी की साझेदारी बढ़ाने के लिए! सत्ता-परिवर्तन ही काफ़ी नहीं व्यवस्था भी... Hindi · कविता 298 Share Shekhar Chandra Mitra 26 Oct 2021 · 1 min read बंधुआ लोकतंत्र वे कौन हैं जो इस देश को एक पिंजरा बना देना चाहते हैं! वे कौन हैं जो हमें बे-पंख एक परिंदा बना देना चाहते हैं! वे कौन हैं जिन्हें आज़ादी... Hindi · कविता 301 Share Shekhar Chandra Mitra 26 Oct 2021 · 1 min read सच्चे लोकतंत्र के लिए सत्ता के हस्तांतरण मात्र को स्वतंत्रता तो नहीं कह सकते न! शक्ति के स्थानांतरण मात्र को समानता तो नहीं कह सकते न! लोकतंत्र की सफलता के लिए व्यवस्था परिवर्तन अनिवार्य... Hindi · कविता 152 Share Shekhar Chandra Mitra 25 Oct 2021 · 1 min read इतिहास का सबक़ फिर कोई हिटलर न उभरे वक़्त की आवाज़ है! दुनिया का इतिहास हमसे कर रहा फ़रियाद है! सियासी नफ़रत के ख़िलाफ़ छेड़नी है एक ज़ंग हर वह शख़्स सामने आए... Hindi · गीत 202 Share Shekhar Chandra Mitra 25 Oct 2021 · 1 min read ख़ामोशी कुफ्र है! इतने संगीन माहौल में ख़ामोशी कुफ्र है! जुल्मतों के इस दौर में ख़ामोशी कुफ्र है!! हमारे देश के किसी भी बुद्धिजीवी के लिए! ऐसे मुश्किल वक़्त में ख़ामोशी कुफ्र है!! Hindi · कविता 213 Share Shekhar Chandra Mitra 25 Oct 2021 · 1 min read आग बुझाने वाले तमाशा देखने वालों में मेरा नाम नहीं आएगा! आंसू बहाने वालों में मेरा नाम नहीं आएगा!! मेरा नाम अगर आएगा तो आग बुझाने वालों में शहर जलाने वालों में मेरा... Hindi · कविता 277 Share Shekhar Chandra Mitra 24 Oct 2021 · 1 min read इज़हार जाने क्या है तेरी आंखों में जाने क्या है तेरी बातों में लाख संभालूं मैं ख़ुद को मगर खो जाता हूं तेरे ख़्वाबों में... पहले तो कहीं तुझसे मिला नहीं... Hindi · कविता 174 Share Shekhar Chandra Mitra 24 Oct 2021 · 1 min read वक़्त की आवाज़ सच्चाई के हत्यारे हैं! इंसाफ़ के क़ातिल हैं! जो मुजरिम के साथ खड़े हुए वे जुर्म में शामिल हैं!! अवाम की चीखें सुनकर भी जो मस्ती में सो लेते हैं!... Hindi · कविता 212 Share Shekhar Chandra Mitra 24 Oct 2021 · 1 min read गूंगों को ज़ुबान हर मजनूं के तरफ से हर लैला के नाम मेरी शायरी है मोहब्बत का पैगाम!! मैंने अपने हाथ में उठाई है यह क़लम देने के लिए ही सभी गूंगों को... Hindi · कविता 226 Share Shekhar Chandra Mitra 24 Oct 2021 · 1 min read आत्म-ज्ञान या तो मैं करूंगा अब कोई ख़ास काम! या फ़िर हो जाऊंगा बुरी तरह नाकाम!! मेरी सोच किसी से नहीं मिलती यहां! मुझे बचपन में ही हो गया था इल्हाम!!... Hindi · कविता 403 Share Shekhar Chandra Mitra 24 Oct 2021 · 1 min read राजनैतिक कैदी अब इसको कैद करोगे! या उसको कैद करोगे! आक़ा से तो पूछ लो कि किस-किसको कैद करोगे! लगता है इस दुनिया के इतिहास से तुम वाक़िफ नहीं! और बड़ा वह... Hindi · कविता 165 Share Shekhar Chandra Mitra 24 Oct 2021 · 1 min read हुक़ूमत के ग़ुलाम नहीं हम हिंदू या मुसलमान नहीं हम! लेकिन क्या इंसान नहीं हम!! नास्तिक होने भर से शायद इस देश के अवाम नहीं हम!! जिस पर सभी वाह-वाह करें क्या वही शेर हम... Hindi · कविता 153 Share Shekhar Chandra Mitra 24 Oct 2021 · 1 min read बदलाव ज़रूरी हर बार उसे ही वोट मिले ऐसी भी क्या मजबूरी है! हर पांचवें साल पर चुनाव क्या एक काम दस्तूरी है!! कहीं सत्ता के नशे में वह एक तानाशाह न... Hindi · कविता 171 Share Shekhar Chandra Mitra 23 Oct 2021 · 1 min read मैं शायर बदनाम चलो आप बड़े आए मुहब्बत करने वाले! इक बर्बाद शायर पर इनायत करने वाले!! मतलब निकलते ही धीरे से कहीं चल देंगे जज़्बात क्या समझें तिजारत करने वाले!! Shekhar Chandra... Hindi · कविता 1 276 Share Shekhar Chandra Mitra 23 Oct 2021 · 1 min read उनकी देन जब वह मुझसे-जुदा हुए थे! मेरे लिए मानो-ख़ुदा हुए थे!! आगे चलके वही-शेरों में ढ़ले सारे अरमान जो-फ़ना हुए थे!! Shekhar Chandra Mitra (A Dream of Love) Hindi · कविता 194 Share Shekhar Chandra Mitra 23 Oct 2021 · 1 min read मजाज़ लखनवी एक जगह मिलते हैं जब मोहब्बत और इंकलाब! तब जाके बनता है कोई असरारुल हक़ 'मजाज़'!! अपने घर को फूंक कर करनी पड़ती है रोशनी! आसान नहीं होता देना अपने... Hindi · कविता 194 Share Shekhar Chandra Mitra 23 Oct 2021 · 1 min read साम्प्रदायिकता वही लोग जो हिन्दू-मुसलमान करते हैं! बात-बात में भारत-पाकिस्तान करते हैं!! शायद तुम्हें नहीं पता कि हमारे देश का रात-दिन कितना बड़ा नुक़सान करते हैं!! Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 171 Share Shekhar Chandra Mitra 22 Oct 2021 · 1 min read इज़्ज़त के नाम पर कौन-सा कहर टूट पड़ता है! कौन-सी क़यामत आ जाती है!! अगर हमारे घर की लड़की किसी के दिल को भा जाती है!! वैसे भी तो सबको एक दिन आख़िर जुदा... Hindi · कविता 182 Share Shekhar Chandra Mitra 22 Oct 2021 · 1 min read जुदाई बहुत दिन हुए तुमसे बात न हुई सपनों में भी एक मुलाक़ात न हुई आकर लौट गए बादल क़रीब से मेरे छत पर ज़रा बरसात न हुई... #Geetkar Shekhar Chandra... Hindi · कविता 305 Share Shekhar Chandra Mitra 22 Oct 2021 · 1 min read आज़ादी की क़ीमत सेफ़्टी ज़ोन से बाहर आकर लड़ना ही होगा हमें! बहुत देर हुई जाती है कुछ करना ही होगा हमें!! आज़ादी की क़ीमत आख़िर सूली से कम क्या होगी! जीने की... Hindi · कविता 343 Share Shekhar Chandra Mitra 22 Oct 2021 · 1 min read नफ़रत की सियासत यहां प्रजा पर तंत्र हावी है! हर एक घोषणा चुनावी है!! जो भड़काऊ भाषण दे रहा वह तुम्हारा नेता भावी है!! कुर्सी के लिए ही दंगे और ज़ंग करवाए जाते... Hindi · कविता 385 Share Shekhar Chandra Mitra 22 Oct 2021 · 1 min read चांद, मैं और वो होठों पर हंसी-सी है! आंखों में नमी-सी है!! सबकुछ है वैसे पास मेरे फिर भी कुछ कमी-सी है!! वह जिसे-ग़ैर के साथ जाते हुए तुम-देख रहे! और क्या कहूं, ऐ... Hindi · कविता 379 Share Shekhar Chandra Mitra 22 Oct 2021 · 1 min read एक वैक्यूम-एक ब्लैक होल पुराना लाइफ़ बेमतलब हो चुका है अब मेरे लिए और नया लाइफ अभी शुरू ही नहीं हुआ फिलहाल मेरे सामने एक वैक्यूम- एक ब्लैक होल है! Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 187 Share Shekhar Chandra Mitra 22 Oct 2021 · 1 min read सामाजिक नाइंसाफियों के ख़िलाफ़ क्या हमारे लिए कभी सम्भव इस संस्कृति का दंश भुलाना! अब बंद कीजिए नई पीढ़ी को ऐसे धर्म का अफ़ीम चटाना! आप एक बार इस सभ्यता के गटर में जरा... Hindi · कविता 174 Share Shekhar Chandra Mitra 22 Oct 2021 · 1 min read कहां हो तुम? मेरे क़ातिल! मेरे मसीह! कहां हो तुम? मुझ अभागे के ऐ नसीब! कहां हो तुम? देर तक यहां मैं रूक भी पाऊं कि नहीं, मुझे पुकारता अब सलीब! कहां हो... Hindi · कविता 153 Share Shekhar Chandra Mitra 21 Oct 2021 · 1 min read राजसिंहासन डोल रहा है तेरा शायर बोल रहा है! आग लहू में घोल रहा है! उसका बागी तेवर देख राजसिंहासन डोल रहा है! Shekhar Chandra Mitra #धार्मिककट्टरपंथ #दलितउत्पीड़न #CommunalPolitics Hindi · कविता 191 Share Shekhar Chandra Mitra 21 Oct 2021 · 1 min read ज़हरीली हवा अगर कहीं हत्या-तो कहीं है लूट! ज़हरीली हवा में-दम रहा है घुट!! आज देश की लुटिया-डूबो रही है दुनिया भर में यह-आपस की फूट!! Shekhar Chandra Mitra #धार्मिककट्टरपंथ #दलितउत्पीड़न #CommunalPolitics Hindi · कविता 170 Share Shekhar Chandra Mitra 21 Oct 2021 · 1 min read हम भी क्या करते? आती थी किसी की याद हम भी क्या करते ले बैठे आज शराब हम भी क्या करते... (१) अपनी वफाएं एक तरफ़ उनकी जफाएं एक तरफ़ होना था जब बर्बाद... Hindi · गीत 186 Share Shekhar Chandra Mitra 21 Oct 2021 · 1 min read ज़िंदा रखने की कोशिश जब भी किसी कोशिश में नाकामी मिली मुझे मैंने भीमराव आंबेडकर के जद्दोजेहद को याद कर लिया! जब भी इस जिंदगी में मायूसी मिली मुझे मैंने सरदार भगतसिंह की कशमकश... Hindi · कविता 158 Share Shekhar Chandra Mitra 21 Oct 2021 · 1 min read कचरा उठाने वाले बच्चे ये दर-दर भटक रहे हैं कि सबकुछ ठीक है! भूखे-प्यासे तड़प रहे हैं कि सबकुछ ठीक है! वैसे हुक्मरानों को कहें भी तो क्या कहें हम जो कि अब भी... Hindi · कविता 1 1 244 Share Shekhar Chandra Mitra 21 Oct 2021 · 1 min read तल्ख़ लहज़े का शायर यह मुल्क हमारे लिए नर्क रहेगा जब तक! जात-पात के नाम पर फ़र्क रहेगा जब तक! मेरी शायरी का लहज़ा तल्ख़ रहेगा तब तक! रीति-रिवाजों का बंधन सख़्त रहेगा जब... Hindi · कविता 139 Share Shekhar Chandra Mitra 20 Oct 2021 · 1 min read लड़की हूं मैं, लड़ सकती हूं! मिट्टी से जीवन गढ़ सकती हूं! बुलंदियों पर चढ़ सकती हूं! चाहे कोई भी तूफ़ान आए! लड़की हूं मैं, लड़ सकती हूं!! Shekhar Chandra Mitra #FeministPoetry #GirlsEducation #नारीविमर्श Hindi · कविता 281 Share Shekhar Chandra Mitra 20 Oct 2021 · 1 min read नई चेतना किसी भी श्रृंखला की कड़ी नहीं हूं! एक मानवीय चेतना बिल्कुल नई हूं!! प्रतिकुल परिस्थितियों से जुझती हुई मैं जो भी हूं अपने आप ही बनी हूं!! Shekhar Chandra Mitra... Hindi · कविता 335 Share Previous Page 54 Next