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प्रेम चेतना सूक्ष्म की,
प्रेम चेतना सूक्ष्म की,
sushil sarna
बेसुरी खाँसी ....
बेसुरी खाँसी ....
sushil sarna
अनपढ़े  ग्रन्थ ... ..
अनपढ़े ग्रन्थ ... ..
sushil sarna
आँधियों से क्या गिला .....
आँधियों से क्या गिला .....
sushil sarna
जाय फिसल जब हाथ से,
जाय फिसल जब हाथ से,
sushil sarna
साँझ पृष्ठ पर है लिखा,
साँझ पृष्ठ पर है लिखा,
sushil sarna
बड़ी अजब है जिंदगी,
बड़ी अजब है जिंदगी,
sushil sarna
अजब तमाशा जिंदगी,
अजब तमाशा जिंदगी,
sushil sarna
वक्त बुरा तो छोड़ती,
वक्त बुरा तो छोड़ती,
sushil sarna
रिश्तों में  बुझता नहीं,
रिश्तों में बुझता नहीं,
sushil sarna
धोखा देती है बहुत,
धोखा देती है बहुत,
sushil sarna
अच्छी लगती झूठ की,
अच्छी लगती झूठ की,
sushil sarna
अपनेपन की आड़ में,
अपनेपन की आड़ में,
sushil sarna
हंस भेस में आजकल,
हंस भेस में आजकल,
sushil sarna
गोरे काले वर्ण पर,
गोरे काले वर्ण पर,
sushil sarna
कैसे मंजर दिखा गया,
कैसे मंजर दिखा गया,
sushil sarna
वर्षा का तांडव हुआ,
वर्षा का तांडव हुआ,
sushil sarna
अस्त- व्यस्त जीवन हुआ,
अस्त- व्यस्त जीवन हुआ,
sushil sarna
निर्मम बारिश ने किया,
निर्मम बारिश ने किया,
sushil sarna
अविरल होती बारिशें,
अविरल होती बारिशें,
sushil sarna
प्रिय सुधि पाठको, ये रचना मात्र रचना नहीं है एक ज्वलंत विचार
प्रिय सुधि पाठको, ये रचना मात्र रचना नहीं है एक ज्वलंत विचार
sushil sarna
ऐ आसमान ....
ऐ आसमान ....
sushil sarna
मेरा नाम .... (क्षणिका)
मेरा नाम .... (क्षणिका)
sushil sarna
पाते हैं आशीष जो,
पाते हैं आशीष जो,
sushil sarna
जीवन में आशीष का,
जीवन में आशीष का,
sushil sarna
कठिन काल का काल है,
कठिन काल का काल है,
sushil sarna
दोहा दशम. . . . यथार्थ
दोहा दशम. . . . यथार्थ
sushil sarna
औरत.....
औरत.....
sushil sarna
खुली पलक में झूठ के,
खुली पलक में झूठ के,
sushil sarna
रंगों को मत दीजिए,
रंगों को मत दीजिए,
sushil sarna
दृष्टिहीन की दृष्टि में,
दृष्टिहीन की दृष्टि में,
sushil sarna
कितनी सारी खुशियाँ हैं
कितनी सारी खुशियाँ हैं
sushil sarna
लघु रचना  : दर्द
लघु रचना : दर्द
sushil sarna
छवि  हिर्दय में सोई ....
छवि हिर्दय में सोई ....
sushil sarna
संकोची हर जीत का,
संकोची हर जीत का,
sushil sarna
दोहा एकादश ...  राखी
दोहा एकादश ... राखी
sushil sarna
कामुक वहशी  आजकल,
कामुक वहशी आजकल,
sushil sarna
कह्र   ...
कह्र ...
sushil sarna
सम्बन्धों  की  भीड़  में,  अर्थ बना पहचान ।
सम्बन्धों की भीड़ में, अर्थ बना पहचान ।
sushil sarna
ठूँठ ......
ठूँठ ......
sushil sarna
हो जाती है रात
हो जाती है रात
sushil sarna
दोहा पंचक. . . . . विविध
दोहा पंचक. . . . . विविध
sushil sarna
धड़कन हिन्दुस्तान की.........
धड़कन हिन्दुस्तान की.........
sushil sarna
स्वतंत्रता दिवस पर ३ रचनाएं :
स्वतंत्रता दिवस पर ३ रचनाएं :
sushil sarna
अभिमानी  इस जीव की,
अभिमानी इस जीव की,
sushil sarna
रक्त लिप्त कुर्बानियां,
रक्त लिप्त कुर्बानियां,
sushil sarna
इस देश की ख़ातिर मिट जाऊं बस इतनी ..तमन्ना ..है दिल में l
इस देश की ख़ातिर मिट जाऊं बस इतनी ..तमन्ना ..है दिल में l
sushil sarna
रंग   तिरंगे  के  सभी , देते हैं   आवाज ।
रंग तिरंगे के सभी , देते हैं आवाज ।
sushil sarna
बुझी नहीं है आज तक, आजादी की आग ।
बुझी नहीं है आज तक, आजादी की आग ।
sushil sarna
स्वतंत्रता दिवस  के अवसर पर कुछ दोहे .....
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कुछ दोहे .....
sushil sarna
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