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Page 5
मनमुटाव सीमित रहें,
मनमुटाव सीमित रहें,
sushil sarna
दोहा पंचक. . . . मजबूर
दोहा पंचक. . . . मजबूर
sushil sarna
राहें तो बेअंत हैं,
राहें तो बेअंत हैं,
sushil sarna
व्यर्थ बात है सोचना ,
व्यर्थ बात है सोचना ,
sushil sarna
सत्य विवादों से भरा,
सत्य विवादों से भरा,
sushil sarna
नहीं जरूरी जिंदगी,
नहीं जरूरी जिंदगी,
sushil sarna
दौड़ी जाती जिंदगी,
दौड़ी जाती जिंदगी,
sushil sarna
बीते कल की क्या कहें,
बीते कल की क्या कहें,
sushil sarna
अपनी भूलों से नहीं,
अपनी भूलों से नहीं,
sushil sarna
थोड़ी सी बरसात हो ,
थोड़ी सी बरसात हो ,
sushil sarna
शर्मसार….
शर्मसार….
sushil sarna
मील के पत्थर....
मील के पत्थर....
sushil sarna
बहुत छुपाया हो गई,
बहुत छुपाया हो गई,
sushil sarna
विगत काल की वेदना,
विगत काल की वेदना,
sushil sarna
धीरे-धीरे ढह गए,
धीरे-धीरे ढह गए,
sushil sarna
भौतिक युग की सम्पदा,
भौतिक युग की सम्पदा,
sushil sarna
मिट जाता शमशान में,
मिट जाता शमशान में,
sushil sarna
गमन जगत से जीव का,
गमन जगत से जीव का,
sushil sarna
चार दिनों की जिंदगी,
चार दिनों की जिंदगी,
sushil sarna
कल तो नाम है काल का,
कल तो नाम है काल का,
sushil sarna
अन्तर्मन में अंत का,
अन्तर्मन में अंत का,
sushil sarna
आने का संसार में,
आने का संसार में,
sushil sarna
कृष्णा तेरी  बांसुरी , जब- जब  छेड़े  तान ।
कृष्णा तेरी बांसुरी , जब- जब छेड़े तान ।
sushil sarna
दीवाना मौसम हुआ,ख्वाब हुए गुलजार ।
दीवाना मौसम हुआ,ख्वाब हुए गुलजार ।
sushil sarna
अवतरण    ...
अवतरण ...
sushil sarna
प्रेम सदा निष्काम का ,
प्रेम सदा निष्काम का ,
sushil sarna
अटल सत्य संसार का,
अटल सत्य संसार का,
sushil sarna
प्रेम न माने जीत को,
प्रेम न माने जीत को,
sushil sarna
प्रेम स्वप्न परिधान है,
प्रेम स्वप्न परिधान है,
sushil sarna
प्रेम चेतना सूक्ष्म की,
प्रेम चेतना सूक्ष्म की,
sushil sarna
बेसुरी खाँसी ....
बेसुरी खाँसी ....
sushil sarna
अनपढ़े  ग्रन्थ ... ..
अनपढ़े ग्रन्थ ... ..
sushil sarna
आँधियों से क्या गिला .....
आँधियों से क्या गिला .....
sushil sarna
जाय फिसल जब हाथ से,
जाय फिसल जब हाथ से,
sushil sarna
साँझ पृष्ठ पर है लिखा,
साँझ पृष्ठ पर है लिखा,
sushil sarna
बड़ी अजब है जिंदगी,
बड़ी अजब है जिंदगी,
sushil sarna
अजब तमाशा जिंदगी,
अजब तमाशा जिंदगी,
sushil sarna
वक्त बुरा तो छोड़ती,
वक्त बुरा तो छोड़ती,
sushil sarna
रिश्तों में  बुझता नहीं,
रिश्तों में बुझता नहीं,
sushil sarna
धोखा देती है बहुत,
धोखा देती है बहुत,
sushil sarna
अच्छी लगती झूठ की,
अच्छी लगती झूठ की,
sushil sarna
अपनेपन की आड़ में,
अपनेपन की आड़ में,
sushil sarna
हंस भेस में आजकल,
हंस भेस में आजकल,
sushil sarna
गोरे काले वर्ण पर,
गोरे काले वर्ण पर,
sushil sarna
कैसे मंजर दिखा गया,
कैसे मंजर दिखा गया,
sushil sarna
वर्षा का तांडव हुआ,
वर्षा का तांडव हुआ,
sushil sarna
अस्त- व्यस्त जीवन हुआ,
अस्त- व्यस्त जीवन हुआ,
sushil sarna
निर्मम बारिश ने किया,
निर्मम बारिश ने किया,
sushil sarna
अविरल होती बारिशें,
अविरल होती बारिशें,
sushil sarna
प्रिय सुधि पाठको, ये रचना मात्र रचना नहीं है एक ज्वलंत विचार
प्रिय सुधि पाठको, ये रचना मात्र रचना नहीं है एक ज्वलंत विचार
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