सुखविंद्र सिंह मनसीरत Tag: कविता 1348 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Nov 2022 · 1 min read प्रेम भेजा फ़्राई ** प्रेम भेजा फ़्राई ** **************** प्यार में गहराई है, भरी पड़ी तन्हाई है। प्रेम गर हो झोली में, जीवन की कमाई है। दर्दो भरी कहानी हो, यह कड़वी सच्चाई... Hindi · कविता 50 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Nov 2022 · 1 min read गुनगनी धूप सा बदन तेरा है गुनगनी धूप सा बदन तेरा है ********************** गुनगनी धूप सा बदन तेरा है, मेघों सा बरसता मन मेरा है। देखूं इक झलक है चैन आए, रात के बाद जैसे हो... Hindi · कविता 73 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Nov 2022 · 1 min read तुम सा कोई महबूब नही है *** तुम से कोई महबूब नहीं है *** *************************** तुम सा कोई प्यारा महबूब नहीं है, तुम बिन कोई हमारा कबूल नहीं है। जी लेंगे तेरी यादों के साये में... Hindi · कविता 65 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Nov 2022 · 1 min read कभी कभी मन रोता है कभी-कभी मन रोटा है ******************* कभी ना कभी मन रोता है, औरों का बोझा ढोता है। जागता रहता है दिन- रात, कभी नहीं दो पल सोता है। बोए शूल फूल... Hindi · कविता 70 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Nov 2022 · 1 min read मंजिल बहुत करीब है मंजिल बहुत करीब है ****************** मंजिल बहुत करीब है, सोये मिरे नसीब है। खुद पर यकीं नही रहा, भाग्य ही बदनसीब है। कोई सखा मिला नहीं, दुनिया बड़ी अजीब है।... Hindi · कविता 67 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Nov 2022 · 1 min read दिल मे लगी आग है दिल मे लगी आग है ***************** दिल में लगी आग हैं, प्रेम का छिड़ा राग है। देख कर झूम उठा, फलों से भरा बाग है। मुख फुला चल दिये, मुँह... Hindi · कविता 64 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Nov 2022 · 1 min read वो जो दिल के खास है वो जो दिल के ख़ास है ****************** वो जो दिल के खास है, मन मे रहते बन आस हैं। मज़बूरियों में हैं घिरे हुए, बुझती न प्रेम-प्यास है। जीत कर... Hindi · कविता 73 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Nov 2022 · 1 min read जिस्म के पैंतीस टुकड़े ******* जिस्म के पैंतीस टुकड़े ******* ******************************** जिस्म के पैंतीस टुकड़े करा के चल दिये। अपने मन की हवस बुझाकर के चल दिये, मौज-मस्तियाँ रंगरलियां मनाई रात-दिन, मौत की गहरी... Hindi · कविता 1 140 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Nov 2022 · 1 min read शूरवीरों को प्रणाम ********* शूरवीरों को प्रणाम ******** ********************************* शूरवीर शौर्य चक्र विजेताओं को प्रणाम है, परमवीर चक्रधारी को शत-शत प्रणाम है। वीरों की चौड़ी छाती सहती रहती गोली है, बंदूकों के साथ... Hindi · कविता 94 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 Nov 2022 · 2 min read शिक्षा जगत का हीरा सतबीर गोयत ****** शिक्षा जगत का हीरा सतबीर गोयत ****** ***************************************** शिक्षा जगत का हीरा सतबीर गोयत बहुत प्यारा सै, शिक्षा खातर जान झोंकनिया नेता बहुत न्यारा सै। जन -शिक्षा आंदोलन जन... Hindi · कविता 79 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 17 Nov 2022 · 1 min read वो जो मेरे साथ है ********* वो जो मेरे साथ है ********** ********************************** लंबा सफर भी कट गया वो जो मेरे साथ है, ग़म से भरा पल छंट गया वो जो मेरे साथ है। खुशियों... Hindi · कविता 134 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 Nov 2022 · 1 min read नारी-अभिनंदन ***** नारी-अभिनंदन **** ********************** औरत तेरे कई काम हैं, निलता कभी न आराम है। तन - मन से रहे सेवा करती, सुबह से हो जाती शाम है। सुबह - सवेरे... Hindi · कविता 81 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 Nov 2022 · 1 min read खिल गया मन का कोना-कोना खिल गया मन का कोना-कोना ************************ खिल गया मन का कोना-कोना, दूर हुआ दुखी दिल का रोना। कोशिशों ने भी मात ही खाई, काम नहीं आया जादू - टोना। कैसा... Hindi · कविता 68 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Nov 2022 · 1 min read दो दिलों का मेल है जिंदगी दो दिलो का मेल है जिंदगी ********************** दो दिलों का मेल है जिंदगी, विचारों की सेल है जिंदगी। बेमेल रूहों का हो मिलन, बना देती रेल है जिंदगी। खतरे में... Hindi · कविता 60 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 Nov 2022 · 1 min read खुश्बू भरी शाम *** खुश्बू भरी शाम *** ******************* खुश्बू से भरी शाम है, अब जो न रही आम है। यार दिलदार है आया, बाकी नहीं कोई काम है। तितलियाँ भी हैं उड़... Hindi · कविता 66 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 Nov 2022 · 1 min read जिंदगी है दुखों से बरी *जिंदगी है दुखों से भरी* ******************** जिन्दगी है दुखों से भरी, खट्टी-मीठी यादों से भरी। बहुत मुश्किल डगर हुई, शूल और काँटों से भरी। संकटों से भरा है जहां, टेढ़े... Hindi · कविता 81 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 Nov 2022 · 1 min read माथे के8 बिंदिया ****** माथे की बिंदिया ******* *************************** सदा सुहागिन है माथे की बिंदिया, दीवाना बनाती माथे की बिंदिया। आँचल में सुनहरी सपने हैं समेटे, नई राहें दिखाती माथे की बिंदिया। जिम्मेदारी... Hindi · कविता 89 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 Nov 2022 · 1 min read भूकंप कंपन **** भूकंप-कंपन ***** ******************** सपनों के सागर में खोया, था मैं गहरी नींद में सोया। अचानक सारी धरती घूमी, हिल गया सोया का सोया। चारपाई संग नभ भी घूमा, आँखें... Hindi · कविता 95 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 Nov 2022 · 1 min read बहुत कुछ खो कर तुझ में खोया हूँ *बहुत कुछ खो कर तुझ में खोया हूँ* ****************************** बहुत कुछ खो कर ही तुझ में खोया हूँ, तेरी यादों में प्रियवर दिन-रात रोया हूँ। हुस्न का जादू हमपर हद... Hindi · कविता 65 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Nov 2022 · 1 min read चाँद का टुकड़ा उतरा जमीं पर चाँद का टुकड़ा उतरा जमीं पर ************************ चाँद का टुकड़ा उतरा जमीं पर, रूप का जलवा देखा जमीं पर। गोल - मटोल गोरी का मुखड़ा, देखा उसे लगा ज़ोर का... Hindi · कविता 142 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Nov 2022 · 1 min read कथावाचक मालामाल ** कथावाचक-मालामाल ** *********************** कथावाचक होते मालामाल है, सुनने वालों के खस्ताहाल हैं। यह अन्तर कहाँ आ जाता है, घनी आस्था पे बड़ा सवाल है। एक ही मिट्टी के हम... Hindi · कविता 2 94 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Nov 2022 · 1 min read जीने की आस बाकी है *** जीने की आस बाकी है *** ************************* चले आओ अभी सांस बाकी है, जीवन जीने की आस बाकी है। खड़ी राधा रानी युमना किनारे, कृष्ण लीला का रास बाकी... Hindi · कविता 2 124 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Nov 2022 · 1 min read आ ही तक याद है पूर्णिका ************************( ******* अभी तक याद है ******* **************************** हमें बीता जमाना अभी तक याद है। मंद मंद मुस्कराना अभी तक याद है। हया में पलकें झुका चोरी से ताकना,... Hindi · कविता 167 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 29 Oct 2022 · 1 min read चुनाव डयूटी ******* चुनाव-डयूटी ******* ************************* चुनाव ड्यूटी चुनौती बहुत भारी, निपट जाएगी वो भी बारी-बारी। टीम के साथ करेंगे निष्पक्ष काम, शांतिपूर्ण हो चुनाव पूर्ण है तैयारी। आँधी चाहे या आये... Hindi · कविता 56 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 Oct 2022 · 1 min read जिंदगी में बहुत गम है जिंदगी में बहुत गम है ****************** जिंदगी में बहुत गम है, जीवन जीने का दम है। सहकर दुनिया के ताने, आँखे मेरी भी नम हैं। पीछे मुड़कर ज़रा देखो, आगे... Hindi · कविता 1 89 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 Oct 2022 · 1 min read पथ से भटकाया है **** पथ से भटकाया है **** ************************ मीठी बातों से बहलाया है, पथ से अक्सर ही भटकाया है। बहकावे में ले लेते दिलबर, मन को हमने तो समझाया है। खुद... Hindi · कविता 69 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Oct 2022 · 1 min read जेब म नही पैसा पाई जेब में नहीं पैसा पाई ***************** धूप गई छाया आई, मान गया माया आई। नभ में हैं बादल आये पुरवा चली वर्षा लाई। घर में बैठी बूढ़ी मैया, जेब मे... Hindi · कविता 1 73 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 21 Oct 2022 · 1 min read प्यारी सी प्रेम बरसात हुई *प्यारी सी प्रेम शुरुआत हुई* *********************** हुस्नपरी से है कुछ बात हुई, प्यारी सी प्रेम शुरुआत हुई। खो से गए उल्फ़त नजारों में, दिन ढलने लगा तो रात हुई। बातों... Hindi · कविता 80 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Oct 2022 · 1 min read वक्त का तराजू *** वक्त का तराजू *** ******************* समय बहुत अनमोल हैं, कोई न वक्त का मोल है। काल-चक्र रुकता नहीं, बजाता न कभी ढोल है। वक्त का तराजू न झुके, झुकता... Hindi · कविता 1 93 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 Oct 2022 · 1 min read सरपंच और पंच की खोज *** सरपंच और पंच की खोज *** **************************** जारी सरपंच और पंच की खोज है, ग्रामीण की भारी -भरकम फ़ौज हैं। बंटने लगी खूब शराब की पेटियां, पीने वाले हुए... Hindi · कविता 127 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 Oct 2022 · 1 min read गर लगे आग तुम बुझाना मत गर लगे आग तुम बुझाना मत *********************** गर लगे आग तुम बुझाना मत, ढूंढता राह कुछ बताना मत। वो खड़ा साथ सदा बन हमदम, तुम कभी प्रेम को जताना मत।... Hindi · कविता 132 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Oct 2022 · 1 min read नदी सा बहक जाऊं ****** नदी सा बहक जाऊं ****** ***************************** नदी सा बहक मैं जाऊं तेरी राहों में, लहरों सा मचल जाऊं तेरी बाँहों में। उड़ता-उड़ता गिर जाऊं तेरी गोदी में, बन पखेरू... Hindi · कविता 2 85 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 Oct 2022 · 1 min read करवाचौथ दिवस मनाना हो करवा-चौथ दिवस मनाना हो ********************** प्रियतम का साथ सुहाना हो, खुशियों का भरा खजाना हो। चौथ-चंद्रमा पहर चला आया, करवा-चौथ दिवस मनाना हो। तुम बिन मैं नहीं मेरे बिन तुम,... Hindi · कविता 92 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 Oct 2022 · 1 min read फ़लक से उतरी नूर मेरी महबूबा * फ़लक से उतरी नूर मेरी महबूब * *************************** फ़लक से उतरी नूर मेरी महबूब है, परियों सी सुंदर हूर मेरी महबूब है। चढ़ जाए इश्क़िया रंग तन-मन में, इश्क... Hindi · कविता 1 195 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 Oct 2022 · 1 min read चिराग योजना * चिराग योजना ने बुझा दी शिक्षा की तकदीर * ************************************* चिराग -योजना ने बुझा दी शिक्षा की तकदीर रै, कौन सुनेगा कौन बदलेगा बालकां की तस्वीर रै। अनपढ़ नेता... Hindi · कविता 94 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 Oct 2022 · 1 min read जमीं पर चाँद हो उतरा जमीं पर चाँद हो उतरा ****************** जमीं पर चाँद हो उतरा, जो आये दर पर हमारे। सितारे बारात में आये, चाँदनी रात के नज़राने। खिली है खूब फुलवारी बाग -... Hindi · कविता 188 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 Oct 2022 · 1 min read ओस की बूंदें ******* ओस की बूंदें ******** ************************** जमीं पर जमी है ओस की बूंदें, निर्मल निश्छल हैं ओस की बूंदें। नभ से गिरी हैं बनकर सी मोती, दूषण से बड़ी दूर... Hindi · कविता 88 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Oct 2022 · 1 min read जगजीत की याद में *** जगजीत की याद में **** ************************ गजलकार तो बहुत हैं जहां में, पर जैसा कोई जगजीत नहीं। होंठों को छू कर थी दिखाई, देखी ऐसी कोई प्रीत नहीं। उन्हें... Hindi · कविता 2 1 110 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Oct 2022 · 1 min read प्रभु लीला ******* प्रभु-लीला ******** ************************ हे!मालिक रखो हमें चरणों में, हर पल बीते तुम्हारे चरणों में। हम बन्दे सारे मूर्ख अज्ञानी, तेरी लीला हमने नहीं जानी, तन-मन सींच लो तेरे चरणों... Hindi · कविता 134 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Oct 2022 · 1 min read गहरी नींद सुला दिया **** गहरी नींद सुला दिया ***** *************************** सपनों को गहरी नींद सुला दिया, तारों को महफ़िल में बुला लिया। रात चाँदनी सितारों भरी बारात है। चाँद सी दुल्हन से था... Hindi · कविता 1 174 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Oct 2022 · 2 min read सरकारी स्कूलां दी *हालत हो मंदी सरकारी स्कूलां दी (पंजाबी)* *********************************** हालत होगी मंदी कहिंदे सरकारी स्कूलां दी, पढ़ाई होई ठप कहिंदे सरकारी स्कूलां दी। मारी जांदे न वड्डे गप कोई ख़ोज खबर... Hindi · कविता 121 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Oct 2022 · 1 min read धुंआ धीरे धीरे सुलगता है ** धुंआ धीरे-धीरे सुलगता है ** ************************* वक्त हाथ से जब निकलता है, आदमी रहता हाथ मसलता है। खुद ही करता रहता नादानियाँ, खामख्वाह औरों पर बरसता है। कोई क्या... Hindi · कविता 76 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Oct 2022 · 1 min read विजयदशमी दशहरा ******* विजयदशमी दशहरा ******** ******************************** विजयदशमी दशहरा पवित्र त्यौहार है, अच्छाई के सामने हर बुराई की हार है। रावण अहंकारी अहम में रहा डूबा सदा, सादगी से भरपूर श्रीराम की... Hindi · कविता 74 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Oct 2022 · 1 min read वक्त ही वक्त पर वक्त न था * वक्त ही वक्त पर वक्त न था * ************************* मैं तुम हम थे पर वक्त न था, मिलने को कभी अनुरक्त न था। मिला कभी वक्त तुमको ज़रा, दो... Hindi · कविता 78 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 Oct 2022 · 1 min read पतझड़ से झड़ते अरमान **पतझड़ से झड़ते अरमान** ************************ पतझड़ से झड़ते अरमान हैं, बिक चुका जीने का सामान हैं। दिखावा बना देता कर्ज़दार है, ऊँची दुकान फीका पकवान है। दुख का कोई भी... Hindi · कविता 100 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 1 Oct 2022 · 1 min read मिलकर हम कदम बढ़ाएंगे मिल कर हम कदम बढ़ाएंगे ********************** मिलकर हम कदम बढ़ाएंगे, हर हक अपना हम पाएँगे। कितना भी पथ कंटीला हो, दुश्मन का पंजा पीला हो, जीत का परचम लहराएंगे। मिलकर... Hindi · कविता 189 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 29 Sep 2022 · 1 min read सेवानिवृत्ति बीरभान **** सेवानिवृत्ति ******* *********************** बेला सेवानिवृत्ति की आई। नम आँखों से दे हम विदाई। सादगी भरा साथ तुम्हारा था, सच में ही बड़ा जो प्यारा था, साथ चलेगी तेरी परछाई।... Hindi · कविता 77 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 Sep 2022 · 1 min read मन मे जो गहरी पीर है मन में जो गहरी पीर है ******************* मन में जो गहरी पीर है, देती वो दिल को चीर है। दामन है यादों से भरा, आँखों मे भरता नीर है। राँझा... Hindi · कविता 96 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Sep 2022 · 1 min read हर बात में तेरा जिक्र है *हर बात में तेरा जिक्र है* ******************** हर बात में तेरा जिक्र है, क्योंकि हमें तेरी फिक्र है। मैं और तुम नहीं हम सके, भाग्य में लिखा हिज्र है। तू... Hindi · कविता 92 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 Sep 2022 · 1 min read परियों की रानी बिटिया रानी ** परियों की रानी बिटिया रानी ** **************************** बेटा जो जन्मे घर में खुशी मनाते हैं, बेटी होने पर गमी में दुख जताते हैं। कुदरत के दो रंग क्यो करे... Hindi · कविता 166 Share Previous Page 4 Next