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यहां लोग सिर्फ़ औकात देखते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मुहब्बत का मौसम है, बारिश की छीटों से प्यार है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नन्हें परिंदे भी जान लेते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कौन ये कहता है यूं इश्क़ में नया ठिकाना चाहिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
किसी का कचरा किसी का खजाना होता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बिखर गए ख़्वाब, ज़िंदगी बेमोल लूट गई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
शीशे की उमर ना पूछ,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सांसें स्याही, धड़कनें कलम की साज बन गई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ख़ुदकुशी का एक तरीका बड़ा जाना पहचाना है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कोई आज भी इस द्वार का, सांकल बजाता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ज़िंदगी अतीत के पन्नों में गुजरती कहानी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ज़िंदगी जी भर जी कर देख लिया मैंने,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हम इतने भी मशहूर नहीं अपने ही शहर में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ज़िम्मेदारी उठाने की बात थी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यूं सांसों का वजूद भी तब तक होता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यूं इश्क़ में इतनी रवादारी भी ठीक नहीं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सांसें स्याही, धड़कनें कलम की साज बन गई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कामयाबी के पीछे छिपी पूरी ज़वानी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पूरी ज़वानी संघर्षों में ही गुजार दी मैंने,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
गुजर रही थी उसके होठों से मुस्कुराहटें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सुकून मिलता है तेरे पास होने से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ज़िंदगी में हर मोड़ मुहब्बत ही मुहब्बत है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
उम्र भर का सफ़र ज़रूर तय करुंगा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
उसके बदन को गुलाबों का शजर कह दिया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
क़िस्मत का सौदा करने चली थी वो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वो सौदा भी होगा इक रोज़,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मज़दूर कर रहे काम, कोयलों की खानों में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जब तेरी याद बहुत आती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यूं तो गम भुलाने को हैं दुनिया में बहुत सी चीजें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मुझे भी तुम्हारी तरह चाय से मुहब्बत है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यूं प्यार में ज़िंदगी भी तबाह हो जाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अब कहने को कुछ नहीं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
उसकी इबादत आखिरकार रंग ले ही आई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इन हवाओं ने भी बहुत ही लंबा सफ़र तय किया है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दिल बयानी में हर शख्स अकेला नज़र आता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मुहब्बत तो दिल की सियासत पर होती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यूं इश्क़ भी पढ़े लिखों से निभाया न गया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जैसे तुम कह दो वैसे नज़र आएं हम,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हम दोनों यूं धूप में निकले ही थे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मैं चाहता था कोई ऐसी गिरफ्त हो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यूं सरेआम इल्ज़ाम भी लगाए मुझपर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
खैरात बांटने वाला भी ख़ुद भिखारी बन जाता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इजहार करने के वो नए नए पैंतरे अपनाता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रातों में नींद तो दिन में सपने देखे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रातों में यूं सुनसान राहें बुला रही थी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मौत से अपनी यारी तो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कौन कहता है ये ज़िंदगी बस चार दिनों की मेहमान है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चलो यूं हंसकर भी गुजारे ज़िंदगी के ये चार दिन,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
उस मुहल्ले में फिर इक रोज़ बारिश आई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कोई एहसान उतार रही थी मेरी आंखें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"