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मुझे ढूंढते ढूंढते थक गई है तन्हाइयां मेरी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यूं जी भर जी ना पाओगे, ना ही कभी मर पाओगे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जीवनसाथी अच्छा होना चाहिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मुहब्बत के मआनी मुझे आते ही नहीं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रेत का ज़र्रा मैं, यूं ही पड़ा था साहिल पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हैं फुर्सत के पल दो पल, तुझे देखने के लिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बुझाने को तैयार हैं कई दिल की आग को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दस्तक देते हैं तेरे चेहरे पर रंग कई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
है कौन जो इस दिल का मेज़बान हो चला,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कुछ हसरतें पाल कर भी शाम उदास रहा करती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
लगा जैसे उसकी आंखों में सारा समंदर समाया हो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यूं तमाम शब तेरी ज़वानी की मदहोशी में गुजार दी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यूं बेवफ़ाई भी देखो इस तरह होती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वो आइने भी हर रोज़ उसके तसव्वुर में खोए रहते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हम भी कहीं न कहीं यूं तन्हा मिले तुझे
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बंद आँखें भी मोतियों को बड़े नाजों से पाला करते थे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मेरे हिस्से में ना कभी धूप आई ना कभी छांव,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यूं बातें भी ज़रा सी क्या बिगड़ गई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यूं सियासत ज़रा सी होश-ओ-हवास में करना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जलते हुए चूल्हों को कब तक अकेले देखेंगे हम,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ये ज़िंदगी भी ज़रुरतों से चला करती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मेरी हर धड़कन तुम्हारी सांसों की विरासत है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सुनो! बहुत मुहब्बत करते हो तुम मुझसे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बस नज़र में रहा हूं दिल में उतर न पाया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सांसों को धड़कन की इबादत करनी चाहिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यूं सच्चे रिश्तें भी अब मुसाफ़िर बन जाते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सर्द सा मौसम है धूप फिर से गुनगुनाई है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बहुत ढूंढा बाजार में यूं कुछ अच्छा ले आएं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कुछ अर्जियां डाली हैं हमने गम खरीदने को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ज़िंदगी दफ़न कर दी हमने गम भुलाने में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वक्त वक्त की बात है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यहां लोग सिर्फ़ औकात देखते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मुहब्बत का मौसम है, बारिश की छीटों से प्यार है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नन्हें परिंदे भी जान लेते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कौन ये कहता है यूं इश्क़ में नया ठिकाना चाहिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
किसी का कचरा किसी का खजाना होता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बिखर गए ख़्वाब, ज़िंदगी बेमोल लूट गई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
शीशे की उमर ना पूछ,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सांसें स्याही, धड़कनें कलम की साज बन गई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ख़ुदकुशी का एक तरीका बड़ा जाना पहचाना है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कोई आज भी इस द्वार का, सांकल बजाता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ज़िंदगी अतीत के पन्नों में गुजरती कहानी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ज़िंदगी जी भर जी कर देख लिया मैंने,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हम इतने भी मशहूर नहीं अपने ही शहर में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ज़िम्मेदारी उठाने की बात थी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यूं सांसों का वजूद भी तब तक होता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यूं इश्क़ में इतनी रवादारी भी ठीक नहीं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सांसें स्याही, धड़कनें कलम की साज बन गई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कामयाबी के पीछे छिपी पूरी ज़वानी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पूरी ज़वानी संघर्षों में ही गुजार दी मैंने,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"