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Page 5
शाम ढली  हम घर चले....
शाम ढली हम घर चले....
suresh sangwan
अंधेरों को हमसफ़र किया जाये
अंधेरों को हमसफ़र किया जाये
suresh sangwan
अब कोई दिल को भायेगा कहाँ....
अब कोई दिल को भायेगा कहाँ....
suresh sangwan
अपना ही शहर आज मुझे बेगाना क्यूँ लगा
अपना ही शहर आज मुझे बेगाना क्यूँ लगा
suresh sangwan
ख़ौफ़ अब कोई नहीं जीने का सामां हो गई
ख़ौफ़ अब कोई नहीं जीने का सामां हो गई
suresh sangwan
बुझे हुए हैं दीए तमाम मुनव्वर कर दे..............
बुझे हुए हैं दीए तमाम मुनव्वर कर दे..............
suresh sangwan
इक बार मुझे भर के नज़र देख लेने दो....................
इक बार मुझे भर के नज़र देख लेने दो....................
suresh sangwan
हंसी ख़ुशी भी वक़्त बिताया जा सकता है ........................
हंसी ख़ुशी भी वक़्त बिताया जा सकता है ........................
suresh sangwan
ज़माने   की   हवा   हूँ   परिंदे    उड़ाती   फिरती  हूँ.......................
ज़माने की हवा हूँ परिंदे उड़ाती फिरती हूँ.......................
suresh sangwan
कुछ आर हुये हैं कुछ पार हुये हैं..........................
कुछ आर हुये हैं कुछ पार हुये हैं..........................
suresh sangwan
तू आया है मेरी ज़मीं ओ जहां सारा बनके..................
तू आया है मेरी ज़मीं ओ जहां सारा बनके..................
suresh sangwan
बुझे चराग़ में भी कुछ जला रखा है......................
बुझे चराग़ में भी कुछ जला रखा है......................
suresh sangwan
इक ज़रा सी ज़िंदगी में इम्त्तिहां कितने हुये,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
इक ज़रा सी ज़िंदगी में इम्त्तिहां कितने हुये,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
suresh sangwan
इक तेरी दिल को चाह बहुत .................
इक तेरी दिल को चाह बहुत .................
suresh sangwan
रोज़ नई ख़्वाहिश पे दिल अटका रहता है.................
रोज़ नई ख़्वाहिश पे दिल अटका रहता है.................
suresh sangwan
जहाँ में प्यार जो कर जाते हैं...................
जहाँ में प्यार जो कर जाते हैं...................
suresh sangwan
दिल की दीवार पे कुछ तस्वीरें रहती हैं...................
दिल की दीवार पे कुछ तस्वीरें रहती हैं...................
suresh sangwan
जी रहें हैं तुम बिन इसे सज़ा ही समझो......................
जी रहें हैं तुम बिन इसे सज़ा ही समझो......................
suresh sangwan
देखा  है सहरा और-- समंदरों  को  भी.........................
देखा है सहरा और-- समंदरों को भी.........................
suresh sangwan
बाख़ूबी खुद को समझाना आता है.................
बाख़ूबी खुद को समझाना आता है.................
suresh sangwan
बात- बात पर आँखें न भिगाया करो..................
बात- बात पर आँखें न भिगाया करो..................
suresh sangwan
काँटों में उलझा दामन हाथ अज़ाब रखता है...................
काँटों में उलझा दामन हाथ अज़ाब रखता है...................
suresh sangwan
दुनियां तेरी भीड़ में शामिल मैं भी हूँ...........................
दुनियां तेरी भीड़ में शामिल मैं भी हूँ...........................
suresh sangwan
मीठी नशीली बातों का काफ़िला भी देखा है.................................
मीठी नशीली बातों का काफ़िला भी देखा है.................................
suresh sangwan
क्या हसरत क्या मोहब्बत क्या होती ज़िंदगी सुनिये.................
क्या हसरत क्या मोहब्बत क्या होती ज़िंदगी सुनिये.................
suresh sangwan
मौसम की बातों पे ना जाया करो..................
मौसम की बातों पे ना जाया करो..................
suresh sangwan
चाँद सी गुड़िया को मेरी रोशन आसमान मिले..................
चाँद सी गुड़िया को मेरी रोशन आसमान मिले..................
suresh sangwan
जब वजह न बची कोई बुलाने की तुम्हें..............
जब वजह न बची कोई बुलाने की तुम्हें..............
suresh sangwan
यूँ भीख में लेना भी मंज़ूर न था.....
यूँ भीख में लेना भी मंज़ूर न था.....
suresh sangwan
जहां में कहां हम ही ऐसे हैं..................
जहां में कहां हम ही ऐसे हैं..................
suresh sangwan
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