suresh sangwan Tag: ग़ज़ल/गीतिका 221 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read कुछ आर हुये हैं कुछ पार हुये हैं.......................... कुछ आर हुये हैं कुछ पार हुये हैं दुनियां में दुश्मन कुछ यार हुये हैं दौर-ए-आज में चुप ना बैठो हरगिज़ सहने पर ही अत्याचार हुये हैं है वक़्त वक़्त... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 261 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read तू आया है मेरी ज़मीं ओ जहां सारा बनके.................. तू आया है मेरी ज़मीं ओ जहां सारा बनके मेरे होंठों की हँसी और दिल का पारा बनके ए करिश्मा साज़ यूँ ही बस मुझको नज़र आना सर-ए-महफ़िल में रंगीन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 260 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read बुझे चराग़ में भी कुछ जला रखा है...................... बुझे चराग़ में भी कुछ जला रखा है ज़िंदगी में क्या जाने मज़ा रखा है नहीं होता ज़ोर किसी का किसी पर रज़ा तेरी है मैने बुला रखा है मिले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 267 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read इक ज़रा सी ज़िंदगी में इम्त्तिहां कितने हुये,,,,,,,,,,,,,,,,,,, इक ज़रा सी ज़िंदगी में इम्त्तिहां कितने हुये बोलने वाले न जाने बेज़ुबाँ कितने हुये ध्रुव तारा ज़िंदगी का कौन होता है कहीं इस ज़हन के उफ़ुक़ दिल के आसमाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 327 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read इक तेरी दिल को चाह बहुत ................. इक तेरी दिल को चाह बहुत यूँ तो मेरे हम-राह बहुत छोड़ गये जब क़ातिल मेरे निकली थी दिल से आह बहुत ना होना यारो ख़ौफ़ ज़दा जब राहें निकलें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 210 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read रोज़ नई ख़्वाहिश पे दिल अटका रहता है................. रोज़ नई ख़्वाहिश पे दिल अटका रहता है चाहत में फिर दीवाना भटका रहता है मिला जहाँ में इस क़दर सिला वफ़ा का मुझे दिल हरदम कहीं कहीं से चटका... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 212 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read जहाँ में प्यार जो कर जाते हैं................... जहाँ में प्यार जो कर जाते हैं पीकर दर्द संवर जाते हैं ख़ाली ज़रा जब होते हैं हम तेरी याद से भर जाते हैं दरिया-ए-मोहब्बत ठहर ज़रा हम तेरे साथ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 388 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read दिल की दीवार पे कुछ तस्वीरें रहती हैं................... दिल की दीवार पे कुछ तस्वीरें रहती हैं साथ साथ सब्त उस पे तहरीरें रहती हैं दूर अभी मंज़िल तक़ाज़ा तेज़ चलने का दौड़ूँ कैसे पाँव में ज़ंजीरें रहती हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 210 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read जी रहें हैं तुम बिन इसे सज़ा ही समझो...................... जी रहें हैं तुम बिन इसे सज़ा ही समझो ज़ख़्म अभी तक भरा नहीं हरा ही समझो चैन-ओ-सुकून जाता रहे दर से दिल के ऐसी मोहब्बत को तो बला ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 249 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read देखा है सहरा और-- समंदरों को भी......................... देखा है सहरा और-- समंदरों को भी इन नज़रों ने देखा है --उन नज़रों को भी मोहब्बत करके ---देखो मंज़रों को भी नज़र अंदाज़ ना करना --मशवरों को भी धूप... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 433 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read बाख़ूबी खुद को समझाना आता है................. बाख़ूबी खुद को समझाना आता है दर्दों से भी दिल बहलाना आता है ख्वाबों की तितली दौड़ाना आता है बच्चों को बातें मनवाना आता है फूलों को आँगन महकाना आता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 232 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read बात- बात पर आँखें न भिगाया करो.................. बात- बात पर आँखें न भिगाया करो जैसे चलता है काम चलाया करो हमसे ना पूछो तुम हाल-ए-दिल अगर हाल -चाल अपने मगर सुनाया करो फक़त फ़तह का शौक़ निभाने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 459 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read काँटों में उलझा दामन हाथ अज़ाब रखता है................... काँटों में उलझा दामन हाथ अज़ाब रखता है जो उल्फ़त के घर का पता गुलाब रखता है आँखों में नमीं कहीं ना दिल में तिशनगी कहीं अब सच्ची कहानियों की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 359 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read दुनियां तेरी भीड़ में शामिल मैं भी हूँ........................... दुनियां तेरी भीड़ में शामिल मैं भी हूँ तेरी तरहा दर्दो को हासिल मैं भी हूँ इक अपना ख्याल रखा होता तो काफ़ी था क्यूँ लगता था किसी का साहिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 471 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read मीठी नशीली बातों का काफ़िला भी देखा है................................. मीठी नशीली बातों का काफ़िला भी देखा है जाने ग़ज़ल हमने वो काफ़िया भी देखा है पूछे लोग मुझसे क्या मैक़दा भी देखा है तेरी नज़र में हमने वो जहाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 274 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read क्या हसरत क्या मोहब्बत क्या होती ज़िंदगी सुनिये................. क्या हसरत क्या मोहब्बत क्या होती ज़िंदगी सुनिये दो बच्चे दो रोटी इक छत दो चादर अजी सुनिये इन गैरों से मेरी दास्तान हरगिज़ न सुनना तुम कहानियाँ सुनिये ज़रूर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 290 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read मौसम की बातों पे ना जाया करो.................. मौसम की बातों पे ना जाया करो जो दिल में हो खुल के बताया करो रूठे जब कोई तो मनाया करो चाँद सितारों की धूप छाया करो जी भर आये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 322 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read चाँद सी गुड़िया को मेरी रोशन आसमान मिले.................. चाँद सी गुड़िया को मेरी रोशन आसमान मिले चहकती सी इस चिड़िया को सारा गुलिस्तान मिले तवक़्क़ो से ज़्यादा तुझे प्यार और सम्मान मिले दिल से निकले ज़ज़्बातों को तेरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 369 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read जब वजह न बची कोई बुलाने की तुम्हें.............. जब वजह न बची कोई बुलाने की तुम्हें हर तरह से की कोशिश भुलाने की तुम्हें लौट कर ना आयेगा किसी तौर ए दिल वो क्या पड़ी है अब दीये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 442 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read यूँ भीख में लेना भी मंज़ूर न था..... यूँ भीख में लेना भी मंज़ूर न था मुहब्बत में इतना भी मजबूर न था ये ज़िंदगी मेरी रोशन थी उससे अगरचे वो चमकता कोहिनूर न था आबादियों ने क्या... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 294 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read जहां में कहां हम ही ऐसे हैं.................. जहां में कहां हम ही ऐसे हैं कई और भी मेरे जैसे हैं जबसे छूटा है साथ तुम्हारा मिरे हाल ना पूछो कैसे हैं बदल गए रंग तेरी उल्फ़त के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 273 Share Previous Page 5