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*जीजी ने चिट्ठी के सॅंग में, राखी है भिजवाई (गीत)*
*जीजी ने चिट्ठी के सॅंग में, राखी है भिजवाई (गीत)*
Ravi Prakash
*चलो आज झंडा फहराऍं, तीन रंग का प्यारा (हिंदी गजल)*
*चलो आज झंडा फहराऍं, तीन रंग का प्यारा (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*आजादी का मतलब सीखो, मतलब इसका जिम्मेदारी (राधेश्यामी छंद)*
*आजादी का मतलब सीखो, मतलब इसका जिम्मेदारी (राधेश्यामी छंद)*
Ravi Prakash
*आईं माता शारदा, बना दिया विद्वान (कुंडलिया)*
*आईं माता शारदा, बना दिया विद्वान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*फहराओ घर-घर भारत में, आज तिरंगा प्यारा (गीत)*
*फहराओ घर-घर भारत में, आज तिरंगा प्यारा (गीत)*
Ravi Prakash
*आजादी हमसे छीनी यदि, तो यम से भी टकराऍंगे (राधेश्यामी छंद )
*आजादी हमसे छीनी यदि, तो यम से भी टकराऍंगे (राधेश्यामी छंद )
Ravi Prakash
*शिव जी को पूज रहे हैं जन, शिव महायोग के हैं ज्ञाता (राधेश्य
*शिव जी को पूज रहे हैं जन, शिव महायोग के हैं ज्ञाता (राधेश्य
Ravi Prakash
*आजादी अक्षुण्ण हो, प्रभु जी दो वरदान (कुंडलिया)*
*आजादी अक्षुण्ण हो, प्रभु जी दो वरदान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*अमरीका से डर रहे, दुनिया के सब देश (कुंडलिया)*
*अमरीका से डर रहे, दुनिया के सब देश (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*जो सहनशील है कभी नहीं, अधिकार जगत में पाएगा (राधेश्यामी छंद
*जो सहनशील है कभी नहीं, अधिकार जगत में पाएगा (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
*युद्ध सभी को अपने-अपने, युग के लड़ने ही पड़ते हैं (राधेश्या
*युद्ध सभी को अपने-अपने, युग के लड़ने ही पड़ते हैं (राधेश्या
Ravi Prakash
दयानंद जी गुप्त ( कुंडलिया )
दयानंद जी गुप्त ( कुंडलिया )
Ravi Prakash
*अभिनंदन श्री अशोक विश्नोई जी ( दो कुंडलियाँ )*
*अभिनंदन श्री अशोक विश्नोई जी ( दो कुंडलियाँ )*
Ravi Prakash
*ऋषिगण देते हैं शाप अगर, निज भंग तपस्या करते हैं (राधेश्यामी
*ऋषिगण देते हैं शाप अगर, निज भंग तपस्या करते हैं (राधेश्यामी
Ravi Prakash
*न्याय : आठ दोहे*
*न्याय : आठ दोहे*
Ravi Prakash
*बचकर रहिएगा सॉंपों से, यह आस्तीन में रहते हैं (राधेश्यामी छंद
*बचकर रहिएगा सॉंपों से, यह आस्तीन में रहते हैं (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
*आभार कहो अपना भारत, जनतंत्र-रीति से चलता है (राधेश्यामी छंद
*आभार कहो अपना भारत, जनतंत्र-रीति से चलता है (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
*याद रखें वह क्रूर परिस्थिति, जिस कारण पाकिस्तान बना (दो राध
*याद रखें वह क्रूर परिस्थिति, जिस कारण पाकिस्तान बना (दो राध
Ravi Prakash
*सब देशों को अपना निर्मम, हुक्म सुनाता अमरीका (हिंदी गजल)*
*सब देशों को अपना निर्मम, हुक्म सुनाता अमरीका (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*हरा रंग सारे रंगों पर, देखो तो सबसे भारी है (राधेश्यामी छंद
*हरा रंग सारे रंगों पर, देखो तो सबसे भारी है (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
*बचपन की पहली तीजो में, गुड़िया का श्रंगार (गीत)*
*बचपन की पहली तीजो में, गुड़िया का श्रंगार (गीत)*
Ravi Prakash
*दुश्मन हिंदुस्तान के, घोर अराजक लोग (कुंडलिया)*
*दुश्मन हिंदुस्तान के, घोर अराजक लोग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*राधा-राधा रटते कान्हा, बंसी की तान सुनाते हैं (राधेश्यामी छ
*राधा-राधा रटते कान्हा, बंसी की तान सुनाते हैं (राधेश्यामी छ
Ravi Prakash
*सेना की अक्सर दिखी, कुटिल हृदय की चाह (कुंडलिया)*
*सेना की अक्सर दिखी, कुटिल हृदय की चाह (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*कब किसको रोग लगे कोई, सबका भविष्य अनजाना है (राधेश्यामी छंद
*कब किसको रोग लगे कोई, सबका भविष्य अनजाना है (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
*एक सीध में चलता जीवन, सोचो यह किसने पाया है (राधेश्यामी छंद
*एक सीध में चलता जीवन, सोचो यह किसने पाया है (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
*जुलूस की तैयारी (छोटी कहानी)*
*जुलूस की तैयारी (छोटी कहानी)*
Ravi Prakash
*सैनिक लड़ता है सीमा पर, भारत की रक्षा करता है (राधेश्यामी छ
*सैनिक लड़ता है सीमा पर, भारत की रक्षा करता है (राधेश्यामी छ
Ravi Prakash
*झगड़े बच्चों में कहॉं चले, सब पल-दो पल की बातें हैं (राधेश्
*झगड़े बच्चों में कहॉं चले, सब पल-दो पल की बातें हैं (राधेश्
Ravi Prakash
*चढ़ता है अभिमान जब, करता सत्यानाश (कुंडलिया)*
*चढ़ता है अभिमान जब, करता सत्यानाश (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*झूठी सब शान दिखाते हैं, यह बहुत बड़ी मायावी है (राधेश्यामी
*झूठी सब शान दिखाते हैं, यह बहुत बड़ी मायावी है (राधेश्यामी
Ravi Prakash
*मितव्ययी व्यक्ति सुख में रहता, साधारण जीवन जीता है (राधेश्य
*मितव्ययी व्यक्ति सुख में रहता, साधारण जीवन जीता है (राधेश्य
Ravi Prakash
*कुछ चमत्कार कब होता है, कब अनहोनी कोई होती (राधेश्यामी छंद
*कुछ चमत्कार कब होता है, कब अनहोनी कोई होती (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
*खादी ने अनुपम काम किया, चरखे ने कब विश्राम किया (राधेश्यामी
*खादी ने अनुपम काम किया, चरखे ने कब विश्राम किया (राधेश्यामी
Ravi Prakash
*यह भगत सिंह का साहस था, बहरे कानों को सुनवाया (राधेश्यामी छ
*यह भगत सिंह का साहस था, बहरे कानों को सुनवाया (राधेश्यामी छ
Ravi Prakash
*भारत का वंदन करें आज, हम गीत तिरंगे का गाऍं (राधेश्यामी छंद
*भारत का वंदन करें आज, हम गीत तिरंगे का गाऍं (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
*जो सत्य सनातन का गायक, जो भगवा को लहराता है (राधेश्यामी छंद
*जो सत्य सनातन का गायक, जो भगवा को लहराता है (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
*जीवन उसका ही धन्य कहो, जो गीत देश के गाता है (राधेश्यामी छं
*जीवन उसका ही धन्य कहो, जो गीत देश के गाता है (राधेश्यामी छं
Ravi Prakash
*जिस पर प्रभु की अति कृपा हुई, माया उसकी हर लेते हैं (राधेश्
*जिस पर प्रभु की अति कृपा हुई, माया उसकी हर लेते हैं (राधेश्
Ravi Prakash
*जो भी जन भोले-भाले हैं, उनको केवल पछताना है (राधेश्यामी छंद
*जो भी जन भोले-भाले हैं, उनको केवल पछताना है (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
*नई समस्या रोजाना ही, जीवन में आ-आ जाती है (राधेश्यामी छंद)*
*नई समस्या रोजाना ही, जीवन में आ-आ जाती है (राधेश्यामी छंद)*
Ravi Prakash
*ठगने वाले रोजाना ही, कुछ तरकीब चलाते हैं (हिंदी गजल)*
*ठगने वाले रोजाना ही, कुछ तरकीब चलाते हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*पीड़ा ही संसार की सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है*
*पीड़ा ही संसार की सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है*
Ravi Prakash
*जो अच्छा-भला जिया जीवन, वह भला सीख क्या पाता है (राधेश्यामी
*जो अच्छा-भला जिया जीवन, वह भला सीख क्या पाता है (राधेश्यामी
Ravi Prakash
*जब आयु साठ हो जाती है, वृद्धावस्था जब छाती है (राधेश्यामी छ
*जब आयु साठ हो जाती है, वृद्धावस्था जब छाती है (राधेश्यामी छ
Ravi Prakash
*समय बहुत बलवान सुनो यह, राजा को रंक बनाता है (राधेश्यामी छं
*समय बहुत बलवान सुनो यह, राजा को रंक बनाता है (राधेश्यामी छं
Ravi Prakash
*जितनी चादर है उतने ही, यदि पॉंव पसारो अच्छा है (राधेश्यामी
*जितनी चादर है उतने ही, यदि पॉंव पसारो अच्छा है (राधेश्यामी
Ravi Prakash
*हर समय सरल व्यवहार रखो, कटु बातों से परहेज करो (राधेश्यामी
*हर समय सरल व्यवहार रखो, कटु बातों से परहेज करो (राधेश्यामी
Ravi Prakash
*यों खुली हुई ऑंखों से तो, जग ही दिखलाई देता है (राधेश्यामी
*यों खुली हुई ऑंखों से तो, जग ही दिखलाई देता है (राधेश्यामी
Ravi Prakash
*भैया घोड़ा बहन सवार (बाल कविता)*
*भैया घोड़ा बहन सवार (बाल कविता)*
Ravi Prakash
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