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लोग वहाॅं पर मेरा इंतज़ार कर रहे हैं...
Ajit Kumar "Karn"
कोई यहाॅं बिछड़ते हैं तो कोई मिलते हैं,
Ajit Kumar "Karn"
ये ज़िंदगी तुम्हारी है...
Ajit Kumar "Karn"
"मित्रता दिवस"
Ajit Kumar "Karn"
बढ़ती उम्र के कारण मत धकेलो मुझे,
Ajit Kumar "Karn"
आज के लिए कम सोचो
Ajit Kumar "Karn"
प्यार अक्सर झूठा ही होता है,
Ajit Kumar "Karn"
कुछ लोग ऐसे हैं दुनिया में
Ajit Kumar "Karn"
पराया तो पराया ही होता है,
Ajit Kumar "Karn"
जीवन एक संघर्ष ही तो है
Ajit Kumar "Karn"
कर्म की भावना बरकरार रखो,
Ajit Kumar "Karn"
वक़्त आज तेजी से बदल रहा है...
Ajit Kumar "Karn"
बड़े-बड़े सपने देखते हैं लोग
Ajit Kumar "Karn"
शिक्षा हर मानव का गहना है।
Ajit Kumar "Karn"
जो औरों के बारे में कुछ सोचेगा
Ajit Kumar "Karn"
सबको खुश रखना उतना आसां नहीं
Ajit Kumar "Karn"
सृष्टि की रचना हैं
Ajit Kumar "Karn"
घटनाएं की नहीं जाती है
Ajit Kumar "Karn"
"समाज का भला हो सकता है"
Ajit Kumar "Karn"
आज के इस स्वार्थी युग में...
Ajit Kumar "Karn"
ज़िंदगी में छोटी-छोटी खुशियाॅं
Ajit Kumar "Karn"
कमजोर क्यों पड़ जाते हो,
Ajit Kumar "Karn"
जब किसी से किसी को प्यार होता है...
Ajit Kumar "Karn"
जिस इंसान में समझ थोड़ी कम होती है,
Ajit Kumar "Karn"
इस दुनिया का प्रत्येक इंसान एक हद तक मतलबी होता है।
Ajit Kumar "Karn"
इस जीवन में हम कितनों को समझ गए,
Ajit Kumar "Karn"
जीवन में कोई मुकाम हासिल न कर सके,
Ajit Kumar "Karn"
ग़लती कर रहे कि सही,
Ajit Kumar "Karn"
कभी जिम्मेदारी के तौर पर बोझ उठाते हैं,
Ajit Kumar "Karn"
ग़लतफ़हमी में क्यों पड़ जाते हो...
Ajit Kumar "Karn"
आज के समाज का यही दस्तूर है,
Ajit Kumar "Karn"
आज के समाज का यह दस्तूर है,
Ajit Kumar "Karn"
आज के समाज का यह दस्तूर है,
Ajit Kumar "Karn"
ले लो आप सब ज़िंदगी के खूब मजे,
Ajit Kumar "Karn"
एक कदम हम बढ़ाते हैं ....🏃🏿
Ajit Kumar "Karn"
एक उदास चेहरा जितनी नकारात्मकता फैलाता है...
Ajit Kumar "Karn"
ये ज़िंदगी डराती है, डरते नहीं हैं...
Ajit Kumar "Karn"
सफ़र अभी लंबा है...
Ajit Kumar "Karn"
संघर्ष की आग से ही मेरी उत्पत्ति...
Ajit Kumar "Karn"
लोग कितनी आशा लगाकर यहाॅं आते हैं...
Ajit Kumar "Karn"
"यह सही नहीं है"
Ajit Kumar "Karn"
"संघर्ष पथ पर डटे रहो"
Ajit Kumar "Karn"
"मुस्कुराते हुए ही जिऊंगा"
Ajit Kumar "Karn"
"किसी ने सच ही कहा है"
Ajit Kumar "Karn"
"जीवन का गूढ़ रहस्य"
Ajit Kumar "Karn"
"कोई क्या समझाएगा उसे"
Ajit Kumar "Karn"
"तुम तो बस अब गरजो"
Ajit Kumar "Karn"
"सब कुछ तो भाग्य विधाता है"
Ajit Kumar "Karn"
"वक्त इतना जल्दी ढल जाता है"
Ajit Kumar "Karn"
"हमें चाहिए बस ऐसा व्यक्तित्व"
Ajit Kumar "Karn"