Neelam Sharma Language: Hindi 518 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 6 Next Neelam Sharma 19 Dec 2017 · 1 min read दीदी तेरा देवर बहना सुनो देवर तुम्हारा,बहुत ही शेखीबाज़ है। दिखता है सीधा सादा मगर अलग उसका अंदाज है। अलग ही है राग, उसका अलग ही सुन साज़ है। मुझे डालता है दाना... Hindi · कविता 501 Share Neelam Sharma 11 Dec 2017 · 1 min read ओस ओस अहा! प्रभात ऊषा बेला में,किसने छिड़की ओस की बूंदें। श्वेत धवल मोती की सी लड़ी, होती ओस की बूंदें। कौन जोहरी है गया भूल,ये उज्ज्वल चौंध के हीरे। देख... Hindi · कविता 640 Share Neelam Sharma 11 Dec 2017 · 1 min read गीत चयनित मुख्य शब्द-बोले- कहा, सांस, पलकें,झूकी,उठी, पर्यायवाची-हौले- धीरे, मद्धम,धीमे,दबी दबी- हल्के से, धीरे से, बिना बोले-अमूक, चुप,आंख-नयन, नज़र, निगाह,रब- मौला,वक्त - ग़ज़र,ख्वाब- सपना स्वप्न, मूल शब्द भेद-कुल शब्द- सलाम, सलामत,सरल,... Hindi · कविता 327 Share Neelam Sharma 8 Dec 2017 · 1 min read उपवन सुन,मनु यह जीवन है उपवन,उपवन में फूल सहस्त्र हज़ार। चंपा, चमेली से खूब खिले मन,जुही, कचनार से आए बहार। हरित चुनरिया धरा ने ओढ़ी,सुमनों से किया शुभश्रृंगार झूला सुख दुख... Hindi · कविता 319 Share Neelam Sharma 7 Dec 2017 · 1 min read कविता #आखर_व्यूह_ भेदन न पूछो हमसे कि क्या हाल-ए-दिल का है आलम, नसीब में सुन लिखा फकत इंतज़ार तेरा बालम। रुह-ए नज़र की चाहत है बस दीदार-ए-सनम। दिल की भी चाहत... Hindi · कविता 444 Share Neelam Sharma 3 Dec 2017 · 1 min read बीस वर्ष हमें २० वीं सालगिरह की हार्दिक मंगलकामनाएँ एवं मांगलिक शुभकामनाएँ। परिणय सूत्र के बीस साल, आज हुए हैं भूतकाल। तोता मैना युगल जैसे हों, अपने आने वाले साल। हे कृष्ण... Hindi · कविता 459 Share Neelam Sharma 1 Dec 2017 · 1 min read कोहरा कोहरा लाख समझाया पर न माना, देखो अब दिल रो रहा। कैसे अपना हाथ थामे कि घना है कोहरा। हमने सोचा हमने तो जीत ली है बाज़ी, प्यार की। ना... Hindi · कविता 389 Share Neelam Sharma 26 Nov 2017 · 2 min read १८ जन्मदिन ??????????????? मेरे प्राण,मेरे प्रिय हृदय पुष्प और मेरे नयनों के तारे आज जन्मदिन है तेरा,तुझे सुख मिलें वैभव सारे। हो मुबारक जन्मदिवस का मधुमय ज्योतिर्मय मंगल विहान। पुष्प बनकर तू... Hindi · कविता 417 Share Neelam Sharma 26 Nov 2017 · 2 min read गंगा विद्या- कविता विषय- गंगा हे सुरधुनि, सुरनदी, सुरसरि, सुरापगा, हे नदीश्वरी, मंदाकिनी, विष्णुपदी, देवापगा। हे सरयू त्रिपथगामिनी,गंगा, जाह्नवी,त्रिपथगा देव सरिता। हे जीवन दायिनी भागीरथी, शिव स्वयं हैं तेरी सुंदरता। त्वं... Hindi · कविता 460 Share Neelam Sharma 23 Nov 2017 · 1 min read राहगीर शब्द - मुसाफिर हे पंथी,राही,अथक राहगीर पथ भूल न जाना पथिक कहीं । सुन पथ में बहुत हैं तीक्ष्ण शूल, तो कष्ट अत्यधिक होंगे हीं। लता पुष्प वल्लरियां चाहे हो... Hindi · कविता 536 Share Neelam Sharma 22 Nov 2017 · 1 min read तिमिर तिमिर सुन,स्याह तिमिर के पीछे देखो,झांक रहे हैं उजियारे हटाकर घटा तम की,कर उजास अंधियारे जो गलियारे। क्यों चुरा बैठी है अमा तू झिलमिलाते चांद सितारों की तरुणाई, बस तब... Hindi · कविता 579 Share Neelam Sharma 21 Nov 2017 · 1 min read सालगिरह सालगिरह नहीं दूर हुई पिया अपनी विरह ले फिर से आई सालगिरह। रही पीर शेष और दर्द हिया, कभी सुध तुमने नहीं लीन्हीं पिया। आखिर कार मैं इक आम नार,... Hindi · गीत 477 Share Neelam Sharma 21 Nov 2017 · 1 min read किस्मत सुन,लगी है फिर से रेस,मुझमें और मेरे हालात में। देखो बैठी है मेरी किस्मत लगाकर अचूक घात में। मैं तो उलझनों से उभरने का खोज रही थी मौका देकर मुझे... Hindi · कविता 662 Share Neelam Sharma 19 Nov 2017 · 1 min read प्रेम पाती लिखते लिखते पाती तुमको, कितनी सुबहें शाम हो गई। खत के उसके इंतजार में, सारी जिंदगी तमाम हो गई। भूल न पाऊं तेरी बातें खत लिख लिखकर मैं हारी साजन... Hindi · कविता 479 Share Neelam Sharma 19 Nov 2017 · 1 min read अंदाज अपना अपना कभी भी छेड़ दो नीलम, हृदय का साज अपना है। नहीं पीटा ढिंढोरा आज तक, कुछ ऐसा राज़ अपना है। नहीं कुछ आम,सुन ऐ सनम जब मैं खुद ही हूं... Hindi · कविता 800 Share Neelam Sharma 19 Nov 2017 · 1 min read बीस वर्ष दिल के अरमान, सुनहरे सपनों की डोर पिया है तुमसे बांधी। तुमसे रिश्ता मेरा नहीं तोड़ पाई, तुम्हारे कुछ रिश्तों की आंधी। मुझको तन्हा किया जिनकी खातिर, सदा ढूंढें वो,रिश्तों... Hindi · कविता 778 Share Neelam Sharma 18 Nov 2017 · 1 min read दूरी बनाम दायरे दूरी बनाम दायरे सुन, इस कदर इक दूजे से,दूर हम होते चले गए। न मंजिलें मिली हमको, रास्ते भी खोते चले गए। न मैं कुछ बोली तुमसे और न तुम... Hindi · कविता 361 Share Neelam Sharma 13 Nov 2017 · 1 min read सैलाब हां नहीं रुकता है किसी के रोके, मेरे अश्कों का ये अविरल सैलाब सनम। हां रुके भी तो आखिर कैसे रुके, झट से टूटे,थे देखे जो ख्वाब नीलम। आजकल चांदनी... Hindi · कविता 379 Share Neelam Sharma 11 Nov 2017 · 1 min read पकवान अहा!शीत ऋतु लेकर आईं खुशियां और अनुराग हर घर पकते पकवान नये,हर घर की अलग है लाग। कहीं बाजरा खिचड़ी कहीं मक्का रोटी सरसों साग मूंफली गज्जक रेवड़ी खाते सभी... Hindi · कविता 258 Share Neelam Sharma 11 Nov 2017 · 1 min read सुबह सुबह सवेरे शुरू हो जाती जीवन की आपाधापी भागम भाग दिनचर्या बनी है,हलचल विश्वव्यापी। उफ्फ!शरद की ऊषा,कोहरे के घूंघट में ठुमक चलत मतवाली ओस बनी हार मोतियन का, रची अधर... Hindi · कविता 507 Share Neelam Sharma 10 Nov 2017 · 1 min read सूर्य हुआ शांत देखो सूरज भी, जो भरी दुपहरी चिलचिलाता था। बारह घंटे की ड्यूटी से, वो थककर झल्लाता था। मैं,सूर्य और घर लौटते पंछी आपस में बतियाए। सुबह भोर से... Hindi · कविता 404 Share Neelam Sharma 10 Nov 2017 · 1 min read भूली बिसरी यादें प्रेम की पाती सी, हिरणी जैसी मदमाती सी, हरित फसल लहलहाती सी,प्रेम सुधा बरसाती सी। फिर वही भूली बिसरी यादें आई । मधु में लिपटी सी, यादों की गठरी में... Hindi · कविता 416 Share Neelam Sharma 10 Nov 2017 · 1 min read कविता देख कर हाल अचला का,आज घबराया सा है चांद। कहीं हो जाए न प्रदूषित,सोच, ढूंढता सुरक्षित मांद। सुना है रहने वाले हैं आकर अब मुझपर भी इंसान, न बख्शा जिसने... Hindi · कविता 337 Share Neelam Sharma 9 Nov 2017 · 1 min read कामना कामना......। दूर होकर भी सनम तुमसे,जगमगाती रही मेरी कल्पना चैन खोता रहा,रैन जाती रही,मुस्कुराती रही मेरी कामना । कुछ तुम गुम हुए, कुछ दूर हम हुए तड़पाती रही हमें वेदना... Hindi · कविता 327 Share Neelam Sharma 8 Nov 2017 · 1 min read कविता ढल रहा है क्षितिज तले भानु शिथिल होकर, हो रही अलंकृत सांझ, कुछ सुरमई सी होकर। बाट जोहती सिंदूरी संध्या फैली गगन में, पी से मिलन की है सहेजे नव... Hindi · कविता 591 Share Neelam Sharma 4 Nov 2017 · 1 min read खयाल सुन, तेरी उल्फतों पर मलाल आ गया, बनी आंखें झरना,हाथ रुमाल आ गया। जब यूं ही बैठे बैठे खयाल आ गया, तब समंदर में दिल के भुचाल आ गया। लरजते... Hindi · कविता 1 1 242 Share Neelam Sharma 28 Oct 2017 · 1 min read कविता क्यों पास होकर भी,कन्हैया तू दूर है मुझसे। अब तो हसरत ही नहीं बाकी,मेरी जीने में। नहीं रोना है पसंद,सांवरे तू जानता मुझको। क्या करूं जाता निस उभरता, दर्द सीने... Hindi · कविता 316 Share Neelam Sharma 28 Oct 2017 · 1 min read कविता किया जाता है दुखी मन को कैसे हल्का? हाय! हमको भी तरीका वो सिखादे कोई कोशिशें तो की बहुत हंसने की तूने महफ़िल में नीलम अंखियां ये फिर न जाने... Hindi · कविता 472 Share Neelam Sharma 28 Oct 2017 · 1 min read कविता क्यों मेरे पास होकर भी, तू दूर है मुझसे। अब तो हसरत ही नहीं बाकी,मेरी जीने में। फिर उठा दर्द का समंदर सा,आज सीने में। नीलम होकर भी कुछ कमी... Hindi · कविता 392 Share Neelam Sharma 26 Oct 2017 · 1 min read गिद्ध जीवन की आपाधापी में सूनापन ही संग बस रह गया हाय,मतलबी गिद्धों के बीच इक ठूंठा तरु बस रह गया थी कभी हरियाली मम जिंदगी और वृद्ध वृक्ष पर आज... Hindi · कविता 607 Share Neelam Sharma 25 Oct 2017 · 1 min read थकान मैं हुई प्रवासी दूर मंजिल की, कान्हा थकान हरो जीवन की। बीता यौवन इंतज़ार में, भ्रमित वचनों के खुमार में। मौन हुई वीणा मधुवन की, मुरझाई देख कली भी मन... Hindi · कविता 263 Share Neelam Sharma 17 Oct 2017 · 1 min read दीप आलोक के अर्थात् का,दीप के दिव्यार्थ का। तम से नव प्रकाश का, वैभव के आकाश का। ज्योति-पर्व की शुभ बेला में,हर दीप की आस पुगे, लक्ष्मी गणेश संग रहें सरस्वती,परिवेश... Hindi · शेर 336 Share Neelam Sharma 14 Oct 2017 · 1 min read धनतेरस धनतेरस है आ रहा ,छाया उर उल्लास, रिद्धि सिद्धि पावेंसभी,होवे सुख का वास। धनकुबेर अति शुभदिवस ,छाये खुशी अपार, घर में कुछ लाओ नया,सजे खूब बाजार। मैं तो लाती हूं... Hindi · दोहा 440 Share Neelam Sharma 8 Oct 2017 · 1 min read करवाचौथ करवाचौथ सुनो,चाँद,विधु,सुधाकर,कलानिधि, निशापति, शशांक। तुम चन्द्र हो चांदनी निशा के और मेरे पिया हैं मेरे मयंक। साज-श्रृंगार मेरे साजन से,खुमार शुमार रहता साजन से। घर परिवार सभी साजन से,प्यार बयार... Hindi · कविता 407 Share Neelam Sharma 30 Sep 2017 · 1 min read उपेक्षा उपेक्षा अनदेखी,अनवेक्षा,अवज्ञा,सब हैं,उपेक्षा कीसहेली लेकिन बारीक सा फर्क लिए अपेक्षा लगती इसकी भाएली। अवहेलना,अविनय,उदासीनता देती हृदय को दर्द है वहीं अपेक्षा दूसरों से,करती हर पल क्षण को सुखद है। नज़रंदाज़ी,निरपेक्षा,बेक़द्री,यदि... Hindi · कविता 405 Share Neelam Sharma 30 Sep 2017 · 1 min read कविता प्रत्येक जीव से पूछ रहे, क्या खग मृग मधुकर श्रेनी जो बसती मम उर- हृदय, क्या तुम देखी सुमृगनैनी। अधर लगाइ रस दिया सीय पुष्प खिले उपवन में पिया हिय... Hindi · कविता 1 641 Share Neelam Sharma 28 Sep 2017 · 1 min read वक्त बांध कर घड़ी कलाई पर,भ्रम देखने का जिसको है। समय, वक्त और काल भला दिखा नीलम कब किसीको, मगर जीवन में वो ज़ालिम, सुनो,बहुत कुछ दिखा गया। विद्यालय में पोथी... Hindi · कविता 1 519 Share Neelam Sharma 27 Sep 2017 · 1 min read कविता जो छाया सफलता का तुझपे सुरूर है संभलकर दिवाने कदम आगे रखना, यही धीरे धीरे बनता घमंड और गुरूर है। खामोशियों का समंदर उबलता ज़रूर है समय है रेत सा,हाथों... Hindi · कविता 315 Share Neelam Sharma 24 Sep 2017 · 1 min read निकलता है सुन, हृदय हुआ जाता है मृत्यु शैय्या, नित स्वप्न का दम निकलता है। रोज़ ही मरते जाते हैं मेरे एहसास, अश्क बनकर के ग़म निकलता है। रोकर सुनते हैं जो... Hindi · कविता 266 Share Neelam Sharma 24 Sep 2017 · 1 min read कविता सनम ग़म बहुत हैं दर्द-ए-दिल में रहती है सुनो टीस बहुत, है आह बहुत कराह बहुत रहती है सुनो, रंजिश भी बहुत। वज्रापात के आघात से हैं मेरे दिल पर,... Hindi · कविता 330 Share Neelam Sharma 24 Sep 2017 · 1 min read प्रश्न चिन्ह प्रश्न चिह्न? मैं कहाँ खड़ी हूँ? एक पथ है दो राहों का जिससे उलझन में पड़ी हूँ मन संशय और जीवन प्रश्न चिह्न फिर उलझन में आन पड़ी हूँ। एक... Hindi · कविता 442 Share Neelam Sharma 24 Sep 2017 · 1 min read दी है ज़ुबां पर बंदिशें देखो, नीलम तुमने ही लगा दी हैं, हां,चाहत में नैनों से, नींद अपनी ही गंवा दी है हैं आंसू बेकरार कब से दिल का हाल कहने को... Hindi · कविता 250 Share Neelam Sharma 19 Sep 2017 · 1 min read कमी सी है सुन, कुछ कमी सी है,आंखों में भी नमी सी है। समय निकला जा रहा नित,मुट्ठी से रेत सा, जिंदगी है रफ्तार में और सांसें थमी सी हैं। खड़ी हो रही... Hindi · कविता 270 Share Neelam Sharma 17 Sep 2017 · 1 min read एहसास प्रेम का एहसास है कुछ खास समझ लेता है हृदय नयनों की भाष। कुछ तो पा ही लेते हैं प्यार की मंजिल कुछ तड़पते हुए बनजाते हैं बस ज़िंदा लाश।... Hindi · कविता 1 1 519 Share Neelam Sharma 15 Sep 2017 · 2 min read पम्मी आंटी (2) पम्मी आंटी सिर टोवल दा एवरेस्ट बना आई पम्मी आंटी मैं पैंजी त्वान्नू इक गल दस्सां,कह वजाई साड्ढी घंटी। कैंदा मोदी मन की बात विच,साड्डी संस्कृति हेग्गी अमूल्य। हुण... Hindi · कविता 508 Share Neelam Sharma 11 Sep 2017 · 1 min read हिंदी हिंदी लाचारी और व्यंग दिखता है नयनों में, चिंतन को ह्रदय हुआ विवश l 14 सितंबर आ गया फिरसे,देखो हम मना रहे हैं हिंदी दिवस l आज की हिंदी बनी... Hindi · कविता 297 Share Neelam Sharma 6 Sep 2017 · 1 min read सिंदूर सुन, नहीं चाहती कभी निकलना जन्म जन्मान्तर तक मैं प्रिय। बस डूबी रहना चाहती हूँ ,हैं जो सिन्दूरी से अहसास हिय। अद्भुत सा स्पंदन और सिहरन सी तन मन में... Hindi · कविता 407 Share Neelam Sharma 2 Sep 2017 · 1 min read मुक्तक ?? तड़पनें दो दिलों की,सनम सिसकियां याद रखती हैं मधुर प्रीतम की यादों को, हिचकियां याद रखती हैं । भले बीते अनगिनत साल ,तेरे दिदार को दिलबर, तिरी मीठी छुअन... Hindi · मुक्तक 1 304 Share Neelam Sharma 29 Aug 2017 · 1 min read बस यूं ही कुछ यूं ही....... सुन,शोर से अधिक मुझपर, एकांत का असर होता है। वो पारदर्शी दर्पण है एकांत, जहां हर अस्तित्व मुखर होता है। माना कि मुश्किल है एकांत शोर शराबे... Hindi · कविता 248 Share Neelam Sharma 29 Aug 2017 · 1 min read हँसता डॉलर रोता रुपया . हँसता डॉलर रोता रुपया . . . . . . जहाँ मँहगाई और डॉलर ने यूथ का सपना आँखों से थोड़ा दूर कर दिया है।वँही विदेश में हायर स्टडी की... Hindi · कविता 245 Share Previous Page 6 Next