Ranjana Mathur Language: Hindi 458 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next Ranjana Mathur 21 Mar 2019 · 1 min read राम का घर कुंभ समाप्ति पर अयोध्या, में होगी संतन भीड़। बने राम मंदिर ही वरना, यहीं हमारा नीड़। हर हृदय में बसे राम लला, दुखी क्यों हो जनाब। सीमा टूटी धीरज की... Hindi · कविता 1 545 Share Ranjana Mathur 21 Mar 2019 · 1 min read कान्हा संग होली पूजा की थाली सजी लड्डू गोपाल संग रोली अक्षत भोग भी है अबीर गुलाल संग। संग-संग होलिका के बैर को जलाना है प्यार और स्नेह के रंगों से सजाना है।... Hindi · कविता 241 Share Ranjana Mathur 21 Mar 2019 · 1 min read तुम सा कोई नहीं पूजनीया माँ की जयन्ती पर प्यारी माँ को सस्नेह समर्पित ?? माँ तुम सा न कोई कभी था और कभी न हो सकता इक इक पल का प्यार तुम्हारा आज... Hindi · कविता 1 1 268 Share Ranjana Mathur 16 Mar 2019 · 1 min read एतबार मांगा था हमने दिल का करार मांगा था अपने हिस्से का प्यार माँगा था। भूले थे हम तो सब गिले शिकवे तू भी हो खुश गवार माँगा था। सहरा में फिर से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 283 Share Ranjana Mathur 14 Mar 2019 · 1 min read चुनमुन हूँ मैं मैं छोटी सी चुनमुन हूँ ऊधम खूब मचाती हूँ हर दम मस्ती करती रहती चाहे जहाँ गिर जाती हूँ। कभी गिरूं मैं पलंग पर से कभी गिरूं चलते चलते कभी... Hindi · कविता · बाल कविता 1 511 Share Ranjana Mathur 13 Mar 2019 · 2 min read हास्य-व्यंग्य "कन्यादान की जगह वरदान" बुद्धि जीवी हैं तो कभी सोच कर देखिए कि यदि "कन्यादान" के स्थान "वरदान" होता काश! तो क्या माहौल होता घर-घर का। हर घर अखाड़ा, हर घर में दंगल। जब... Hindi · लेख 258 Share Ranjana Mathur 13 Mar 2019 · 1 min read कैसे खेलूं होली फागुन आया लेकर सखी फिर से होली का त्योहार। कैसे खेलूं होली जब बिछुड़ा है मेरे तन-मन का शृंगार।। सरहद पर वे खेल गये दुश्मन संग खूं की होली। सखी... Hindi · कविता 301 Share Ranjana Mathur 13 Mar 2019 · 1 min read गरीब बेटी अंतड़ियाँ जब कुलबुलाती हैं तब बुझानी होती है एक असह्य अगन जो कई दिनों से उधार चल रही कई-कई उदरों की जन्म दाता हो जाते विवश उसको असहाय छोड़ने सूनी... Hindi · कविता 264 Share Ranjana Mathur 11 Mar 2019 · 2 min read रिश्तों में कैंची रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय। टूटे से फिर न जुड़े, जुड़े गांठ पड़ जाय।। वह समय बीत गया जब अपने तो क्या पराए व अनाथ भी घरों में... Hindi · लेख 1 585 Share Ranjana Mathur 10 Mar 2019 · 1 min read कुछ भी नहीं गर चाहो तो नामुमकिन कुछ भी नहीं है। है भुजबल की शक्ति कठिन कुछ भी नहीं है । ताकत ही उड़ने की देती है गवाही पंखों में जो जज्बा नभ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 436 Share Ranjana Mathur 10 Mar 2019 · 1 min read उपन्यास क्या है कोई भी लंबी कहानी जो काल्पनिक हो तथा कई पात्रों एवं घटनाओं से युक्त हो उसे उपन्यास कहा जाता है। यह गद्य की वह विधा है जो कथा वस्तु के... Hindi · लेख 636 Share Ranjana Mathur 9 Mar 2019 · 1 min read न आसान परिभाषा तुम्हारी दुर्गा सरस्वती और लक्ष्मी की होती प्रतिबिंबित छवि जिसमें वह होती है नारी। घर परिवार की खातिर जग पर पड़े जो अकेली ही भारी वह होती है नारी। जिसने निज... Hindi · कविता 270 Share Ranjana Mathur 7 Mar 2019 · 1 min read ख्वाब कैसे फ़ना हो जाएगा। मेरा जब तू आश्र्ना हो जाएगा प्यार ही मेरा गहना हो जाएगा। फिर बचेगा न कहने कुछ बाकी तुमसे मिलना जो मना हो जाएगा। आवाज़ दिल की सुनो पहले रूह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 244 Share Ranjana Mathur 5 Mar 2019 · 1 min read दिन आ रहे हैं बदी को मिटाने के दिन आ रहे हैं। नया दौर लाने के दिन आ रहे हैं। अरे ओ फरेबी न तुझ पर भरोसा कि तुझको मिटाने के दिन आ रहे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 217 Share Ranjana Mathur 5 Mar 2019 · 2 min read "देश और हमारा उत्तरदायित्व एक छोटा घर जिसमें पति पत्नी, उनके माता-पिता व बच्चे रहते हैं। घर के मुखिया अर्थात् पिता की निर्णायक भूमिका होती है।मुखिया की जिम्मेदारी के साथ साथ उस परिवार के... Hindi · लेख 246 Share Ranjana Mathur 2 Mar 2019 · 1 min read कैसे लिखूँ कतरा-कतरा जोड़ स्व रुधिर का बन पड़ी थी निर्मात्री जिस सुत की उर के उस टुकड़े के विकीर्ण कण-कण को आज समेट रक्त रंजित हो सिरह उठा आंचल ममत्व का... Hindi · कविता 253 Share Ranjana Mathur 2 Mar 2019 · 1 min read सिपाही ?? रक्षा प्राचीर प्रहरी सीमा पर सुदृढ़ ढाल ?? भारत पुत्र मूर्ति पराक्रम की दे प्राणोत्सर्ग ?? सिंह गर्जन है भयाक्रांत शत्रु थरथराता ?? वीर शिवाजी महाराणा प्रताप भारत पुत्र... Hindi · हाइकु 1 250 Share Ranjana Mathur 2 Mar 2019 · 1 min read मेरी पसंदीदा मिठाई को पत्र मेरी प्यारी रबड़ी आप के दीदार को मेरा मतलब है स्वाद को तरसती है जिव्हा।आप से भेंट बहुत कम ही हो पाती है। आजकल आप ज्यादातर मौकों पर और शादी... Hindi · लेख 518 Share Ranjana Mathur 2 Mar 2019 · 1 min read मेरे हिस्से का सूरज जो ज़िन्दगी को एक दुराहे पे ला गये बद किस्मती है हमारी कि हम उन को भा गये। जिनके न हम कभी थे और न ही कभी हुए नादान उन्हीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 360 Share Ranjana Mathur 22 Feb 2019 · 1 min read ग़ज़ल मासूमों का कातिल है तू ओछा है औ जाहिल है तू हरकत से बाज़ न आएगा धूर्त बदी की मंजिल है तू जिसमें मौतें ही बहती हों उस दरिया का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 208 Share Ranjana Mathur 22 Feb 2019 · 1 min read सरहद पे जवान खड़े सरहद पे जो जवान हैं मेरे भारत की दृढ़ चट्टान हैं। जिनके फौलादी होते हैं सीने भुजबल में जिनकी दमखम है जिनकी कठिन त्याग तपस्या के बल पर ही... Hindi · कविता 351 Share Ranjana Mathur 21 Feb 2019 · 1 min read कब तलक अब नहीं शेरों का यूं बलिदान ज़ाया जाएगा अब न वीरों की शहादत को भुलाया जाएगा। ऐ पड़ोसी तू न अपनी ओछी हरकत पर अकड़ क्या है तेरी हैसियत तुझको... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 482 Share Ranjana Mathur 21 Feb 2019 · 2 min read वह होती है माँ कहा किसी ने मुझसे कि बेटा हर टेढ़ी मुश्किल में इस जग में किससे रखे तू आशा बिन सोचे समझे मैं बोली माँ......... पूछा गया फिर मुझसे बता क्या है... Hindi · कविता 293 Share Ranjana Mathur 19 Feb 2019 · 1 min read सैनिक भारत का हर इक सैनिक शिलात्मज भारत का हर बांकुरा है चट्टान हहराता है उनसे तो काल भी आ तू रणभूमि में करते हम आव्हान ओ तुच्छ अधम ! ओ... Hindi · कविता 1 193 Share Ranjana Mathur 19 Feb 2019 · 3 min read युद्ध घर में गमगीन माहौल है। सब बेचैन हैं । सबका मन भारी है। "कौन आ रहा है दादी ?" नन्हा रघु बोला। "अरे रघु अपने पापा ।" तुरन्त बहन रिमझिम... Hindi · कहानी 612 Share Ranjana Mathur 13 Feb 2019 · 1 min read बसंत पर मुक्तक ??? पात पुराने बिछुड़े डाली- डाली नव पल्लवों ने बिखेरी हरियाली हुई पद आहट ऋतुराज वसंत की कुहू कुहू बोले कोयलिया काली । ??? छायी खेतों में सरसों पीत प्रकृति... Hindi · मुक्तक 1k Share Ranjana Mathur 13 Feb 2019 · 1 min read हसरतों को गले से लगाते रहे तीर खाकर सनम मुस्कुराते रहे हम मुहब्बत में खुद को मिटाते रहे। फूल ही फूल दामन न कांटा कहीं ख्वाब यूं जिन्दगी के सजाते रहे। रात रोशन रहे खुशनुमा ख्वाब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 279 Share Ranjana Mathur 7 Feb 2019 · 1 min read माँ तुझे नमन तू स्पर्श है तू जीवन है इस संसार में मेरे अस्तित्व का अहसास है तू तू कुसुम है तू सुगंध है आदि-अंत जग हो सुरभित वह महकती सुवास है तू... Hindi · कविता 285 Share Ranjana Mathur 6 Feb 2019 · 1 min read काश ! ऋतु वसंत में वो मूंदते हैं अँखियों को काली रातों में आस किरण के संजो स्वप्न कि खुलेंगी पलकें तो शायद होगी कोई नव वासंती भोर सम्मुख हमारे भी और... Hindi · कविता 479 Share Ranjana Mathur 6 Feb 2019 · 1 min read सखि! बसंत आया है। झर-झर झरे वो पात पुराने नव पल्लव स्वर खिलखिलाया है प्रेम राग हर शाख ने गाया ऋतुओं ने सेहरा सजाया है सुना है सखि! बसंत आया है। सुदल हो रहे... Hindi · कविता 314 Share Ranjana Mathur 29 Jan 2019 · 2 min read सुन ले मूरख भारत वीरों के गर्जन सम्मुख, सिंह दहाड़ भी फीकी है ओ मूर्ख पड़ोसी तूने क्या यह तुच्छ बात भी नहीं सीखी है। ओछी हरकत छोड़ अधम तू वरना तू पछताएगा... Hindi · कविता 438 Share Ranjana Mathur 29 Jan 2019 · 1 min read सूरज दिया तुम्हें मालिक ने यह नगीना अनमोल दे रहा जो हरेक को/धूप /ऊष्मा /ताप बेमोल/बगैर नाप-तौल किस में है इतना दम उसके न्याय पर कुछ सके बोल। रंजना माथुर अजमेर... Hindi · कविता 327 Share Ranjana Mathur 25 Jan 2019 · 1 min read तुम्हारे बिना अगर आए कयामत तो तेरे पहलू में दम निकले बड़े बेताब लेकर ख्वाब ये नज़रों में हम निकले । तिरा ही ख्वाब रातों में हैं दिन में भी तिरे जलवे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 255 Share Ranjana Mathur 23 Jan 2019 · 1 min read ज्वाला प्रचंड हूँ अब बीत चुका वह समय जब मेरी दुनिया थी घर आंगन। हालातों ने किया विवश है तब मैंने संभाला रणआंगन। मर्यादा की ओट लिए मैं अग्नि प्रखंड हूँ भारत की... Hindi · कविता 2 674 Share Ranjana Mathur 22 Jan 2019 · 1 min read आओ खुशियाँ बाँटें हज़ारों खिल गये गुल फिर भी यह गुलशन तरसता है कि लाखों पत्थरों के बीच इक हीरा तरशता है। सुखाओ फूंक कर इंसानियत तुम उनके छालों को कि दहशत से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 182 Share Ranjana Mathur 21 Jan 2019 · 4 min read "जान बची तो लाखों पाए" बात बहुत पुरानी नहीं है। 24 नवंबर 2018 की बात है। मैं अपने पति देव के साथ झुंझनू (राजस्थान ) से एक समारोह में भाग लेने के बाद जयपुर को... Hindi · कहानी 1k Share Ranjana Mathur 21 Jan 2019 · 1 min read कहाँ गए वो दिन उफ ये कारी बदरिया.... ऐसे मुझको क्यूँ रिझाए। देख इसे क्यूँ बार बार मुझे.... अपना कोई याद आए। झांकना भी चाहे मन.... यादों के झरोखों में। बह गये वो प्यारे... Hindi · कविता 1 206 Share Ranjana Mathur 20 Jan 2019 · 1 min read कुछ अच्छा हो जाए वक्त से जो न तू सबक ले, जो न करे गुरूर तू नष्ट। अहंकार का नशा दिखा कर, हो रहा है तू क्यों पथ-भ्रष्ट। जो तू आज कर रहा प्राणी,... Hindi · कविता 377 Share Ranjana Mathur 20 Jan 2019 · 1 min read लो फिर बारिश आई सावन का महीना, न धूप न पसीना। आ गई तू बरखा प्यारी, रिमझिम रिमझिम तेरी फुहारी। तेरे आने पर हर बार, जाग उठती हैं यादें सारी। वो नन्हे से दोस्त... Hindi · कविता 239 Share Ranjana Mathur 20 Jan 2019 · 1 min read ओ प्यारी चुनमुन!!! नीले आकाश से उतरी है तू वह नन्ही परी, जिसने की मेरी, जीवन बगिया हरी-भरी। मासूम है तू प्यारा है तेरा चेहरा सलोना, खुशियों से भरा तूने घर का हर... Hindi · कविता 555 Share Ranjana Mathur 20 Jan 2019 · 1 min read पति की सेहत के लिए हे परमेश्वर तू दया रखना, अपने भक्त पर कृपा रखना। जो भी होगा अच्छा ही होगा, तेरा आशीष भी तुझ सा होगा। स्वास्थ्य लाभ शीघ्र हो जाए, पहले जैसी दिनचर्या... Hindi · कविता 220 Share Ranjana Mathur 20 Jan 2019 · 1 min read "सिया का राम को हृदय संदेश" नयन झुक गये बोल रुक गये तुम्हें देख मैं हुई हूँ निःशब्द । कैसे करूं मैं प्रेम प्रदर्शित राम सम्मुख सिया है स्तब्ध । अप्रतिम पावन सौन्दर्य शिखर नयनाभिराम पौरूष... Hindi · कविता 200 Share Ranjana Mathur 20 Jan 2019 · 1 min read नारीत्व नारी का नारीत्व है होता तभी सच्चे अर्थों में परिपूर्ण जब किसलय सा हो अंकुरित उसकी कोख में नन्हा भ्रूण नारी का मुदित मुख बताता निज हृदय के मधुर अहसास... Hindi · कविता 397 Share Ranjana Mathur 20 Jan 2019 · 1 min read फिर आ गये... शुरू हुई सर गर्मी चुनाव की ऋतु आ गयी मोल भाव की सौदेबाजी चल रही जोर से हर दल गुजरे डर के दौर से घड़ी आ गई बड़े तनाव से... Hindi · कविता 264 Share Ranjana Mathur 20 Jan 2019 · 1 min read उपकार दुख ही है जिनका संसार, जो जीवन से जाते हार। कभी न उनसे कटु बोलना, कर देना इतना उपकार। ओ दुनिया का पालनहार, करना हम पर यह उपकार। सत्कर्मों की... Hindi · मुक्तक 485 Share Ranjana Mathur 20 Jan 2019 · 1 min read जीवन जीवन नैया भीषण है तूफान पड़े आघात अस्तित्व की खातिर संघर्ष निरंतर......... रिश्तों के पुष्प जीवन की बगिया बाग को सींचो उपजेगी फसल खिलेंगे रिश्ते....... जिजीविषा है जीवन की औषधि... Hindi · कविता 229 Share Ranjana Mathur 20 Jan 2019 · 1 min read नेकी को पहचानो छल और प्रपंच से छलनी किया गर यार का हृदय यूँ दिल दुखाने से दोस्ती कभी निभती तो नहीं है। मंदिर में आंखें मींच कर सब रख दी ख्वाहिशें भक्ति... Hindi · कविता 399 Share Ranjana Mathur 20 Jan 2019 · 1 min read अग्नि फेरा ? वैदिक मंत्रोच्चारण के संग है साक्षी यह अग्नि पावन पाणिग्रहण कर अग्नि फेरे दो प्राण और एक हो जीवन। सप्त पदी अग्नि के चहुंओर बंधे गये दो तन-मन इक... Hindi · कविता 939 Share Ranjana Mathur 20 Jan 2019 · 1 min read सौर मंडल हितचिन्तक हमारा ग्रह-नक्षत्रों संपूरित सौर मंडल हमारा रहता सक्रिय निरन्तर स्व संचालित सारा। ब्रह्मांड में ये नक्षत्र रहते गतिमान प्रभावित इनसे प्रत्येक इंसान। ज्योतिष शास्त्र हमारा कहता हर मानव ग्रहों के फल... Hindi · कविता 239 Share Ranjana Mathur 20 Jan 2019 · 1 min read अनुनय हे माते कलियुग भरी विषाक्तता दूषित समाज विकृत संस्कृति हे भगवती ! कल्याणी! हर पग हर क्षण है तेरा अस्तित्व अपरिहार्य कंटकीय पथ के शूल पीड़ा दे रहे निरीह जीवात्माओं... Hindi · कविता 235 Share Previous Page 4 Next