Shekhar Chandra Mitra Language: Hindi 3940 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 48 Next Shekhar Chandra Mitra 13 Jan 2022 · 1 min read लड़की हूं, मैं लड़ सकती हूं! लड़की हूं, मैं लड़ सकती हूं! सबको हैरान कर सकती हूं!! स्याह रात के दामन में भी सुर्ख़ सितारे भर सकती हूं! लड़की हूं, मैं लड़ सकती हूं!! Shekhar Chandra... Hindi · कविता 1 1 187 Share Shekhar Chandra Mitra 13 Jan 2022 · 1 min read बेरोजगार नौजवान आत्म सम्मान से जीने का अधिकार दे दो हमें! प्रेम, शांति और सुख से भरा घर-बार दे दो हमें!! तुम मंदिर, मठ और आश्रम रखकर अपने पास ही शिक्षा, स्वास्थ्य,... Hindi · कविता 281 Share Shekhar Chandra Mitra 13 Jan 2022 · 1 min read नागरिकता बिल तेरी हर साज़िश हम जानते हैं! तेरे रग-रग को पहचानते हैं! तू मत मान हमें देश की जनता हम तुझे सरकार नहीं मानते हैं! Shekhar Chandra Mitra #नागरिकताकानून #शाहीनबाग Hindi · कविता 181 Share Shekhar Chandra Mitra 13 Jan 2022 · 1 min read भगतसिंह होना मुश्किल मकतल ही हुआ करता अक़्सर आज़ादी की राह की मंजिल! परवाना जब तिल-तिल जलता होती उसे तभी शमा हासिल!! राजनीति और धर्म का घालमेल करने वालों को क्या मालूम! गोडसे... Hindi · कविता 241 Share Shekhar Chandra Mitra 13 Jan 2022 · 1 min read अगली नस्लें तुम्हारी इस ख़ामोशी के लिए अगली नस्लें धिक्कारेंगी तुम्हें! तुम्हारी इस बुजदिली के लिए अगली नस्लें फटकारेंगी तुम्हें!! जब देश को बहुत जरूरत थी तुम अपने ऐशगाह में पड़े रहे!... Hindi · कविता 222 Share Shekhar Chandra Mitra 13 Jan 2022 · 1 min read अल्लाराम मंदिर-मस्जिद तो सियासी नाम! मुफ़्त में मरते अल्लाराम!! हिंदू-मुस्लिम तो सियासी नाम! झूठ में मरते अल्लाराम!! मूर्खों को समझाए कौन! पगलों को मनाए कौन!! भारत-पाक तो सियासी नाम! नाहक ही... Hindi · कविता 226 Share Shekhar Chandra Mitra 12 Jan 2022 · 1 min read 'मिटे नामियों के निशां कैसे-कैसे' ऐ ज़ालिम तानाशाहों, होश में आओ! झूठमूठ ही इतना मत जोश में आओ!! अब टूट चुका तुम्हारा पुराना तिलिस्म! शान को छोड़ो, जान की ख़ैर मनाओ!! Shekhar Chandra Mitra #बहुजनशायर... Hindi · कविता 221 Share Shekhar Chandra Mitra 12 Jan 2022 · 1 min read अगर भगतसिंह बच गए होते... इस पितृसत्ता का क्या होता! इस सामंतवाद का क्या होता!! अगर भगतसिंह बच जाते तो इस मनुवाद का क्या होता!! जब अंबेडकर को साथ लेकर वह करते एक और इंकलाब!... Hindi · कविता 1 1 185 Share Shekhar Chandra Mitra 12 Jan 2022 · 1 min read अछूत की शिकायत मातृ भूमि, पुण्य भूमि, कर्म भूमि का यह सिद्धांत! मेरी समझ में नहीं आता धर्म भूमि का यह सिद्धांत!! अछूत बनकर पैदा हुआ हूं झुग्गियों में पला-बढ़ा हूं मुझसे दूर... Hindi · कविता 1 261 Share Shekhar Chandra Mitra 11 Jan 2022 · 1 min read कर लिए हम धर्म-परिवर्तन कब तक सहते आख़िर उत्पीड़न कर लिए हम धर्म-परिवर्तन! कितना कराते अपना मान-मर्दन कर लिए हम धर्म-परिवर्तन!! बाबा साहेब आम्बेडकर के पदचिन्हों पर चलते हुए आज! झेल नहीं पाए जब... Hindi · कविता 204 Share Shekhar Chandra Mitra 11 Jan 2022 · 1 min read अभिव्यक्ति के ख़तरे सच बोलोगे तो मारे जाओगे! राज खोलोगे तो मारे जाओगे!! वे फैलाना चाहते बर्फीली खामोशी! आग घोलोगे तो मारे जाओगे!! Hindi · कविता 140 Share Shekhar Chandra Mitra 11 Jan 2022 · 1 min read दंगों की राजनीति ये लाशों के सौदागर बारूद ही बांटा करते हैं! इंसानियत के मलबे पर मज़हब की चर्चा करते हैं!! जनता इनकी पालिसी पर उठाने लगती जब सवाल! उसका ध्यान भटकाने के... Hindi · कविता 117 Share Shekhar Chandra Mitra 11 Jan 2022 · 1 min read फुटपाथ के लोग आख़िर उजड़े हुए शहर में किसी दंगाई का क्या होगा! जब लूट चुकी होगी महफ़िल तब तनहाई का क्या होगा!! हम तो फुटपाथ के लोग हैं मलबों पर गुजारा कर... Hindi · कविता 300 Share Shekhar Chandra Mitra 11 Jan 2022 · 1 min read हर मोर्चे पर आख़िर क्यों हम डरेंगे तुमसे? ज़िंदा लोग क्या मरेंगे तुमसे? है हिम्मत तो खुलकर आओ हर मोर्चे पर लड़ेंगे तुमसे! Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 184 Share Shekhar Chandra Mitra 10 Jan 2022 · 1 min read रोज़गार कहां है? चल तू बता रोज़गार कहां! मंदिर-मस्जिद अब बहुत हुआ!! Shekhar Chandra Mitra #बहुजनशायर #राजनीतिककविता #चुनावीशायरी #सांप्रदायिकता Hindi · कविता 212 Share Shekhar Chandra Mitra 10 Jan 2022 · 1 min read सुंदर भविष्य के लिए आधुनिक राष्ट्र की तरह हमारा ढ़ंग होना चाहिए! हमारे होठों पर हमेशा नया छंद होना चाहिए!! ताकि अपने भविष्य को सुंदर आकार दे सकें हम! अब अतीत का गौरव गान... Hindi · कविता 2 276 Share Shekhar Chandra Mitra 10 Jan 2022 · 1 min read अतीत का गौरव गान क्यों? बच्चों की उपेक्षा कर पूर्वजों पर ध्यान क्यों! मर चुका है जो अतीत उसका गौरव गान क्यों!! मनुष्यता के बिना तो स्वयं ईश्वर भी व्यर्थ है! किसी धर्मग्रंथ के लिए... Hindi · कविता 394 Share Shekhar Chandra Mitra 10 Jan 2022 · 1 min read सुकरात के शागिर्द हमारा ज़मीर ज़िंदा है हमारी गैरत गिरवी नहीं! किसी की भी जी हजूरी हमसे हरगिज़ होगी नहीं!! सुकरात के शागिर्द हैं हम आंखों देखा हाल कहेंगे! हमारा ख़ुदा सच है... Hindi · कविता 158 Share Shekhar Chandra Mitra 10 Jan 2022 · 1 min read किसान आंदोलन सदाकत हार जाएगी! जम्हूरियत हार जाएगी!! अगर किसान हार गए तो इंसानियत हार जाएगी!! Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 190 Share Shekhar Chandra Mitra 10 Jan 2022 · 1 min read लड़ेंगे किसान जब तक है जान! लड़ेंगे किसान!! सरकार ही नहीं- देखेगा ज़हान!! अब आ जाएं वो इनकी तरफ़ ज़िंदा अभी तक जिनका है ईमान!! Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 144 Share Shekhar Chandra Mitra 10 Jan 2022 · 1 min read लोकतंत्र का भविष्य उनका वादा तो था इस ‘गणतंत्र’ को एक ‘गुणतंत्र’ बनाने का लेकिन सत्ताधीशों ने इसे किस तरह ‘गोबर तंत्र’ बनाकर रख दिया! Hindi · कविता 375 Share Shekhar Chandra Mitra 10 Jan 2022 · 1 min read नफ़रत की सियासत वे दलितों के साथ वैसा बहुत पहले ही कर चुके हैं! वे स्त्रियों के साथ वैसा बहुत पहले ही कर चुके हैं!! वे करना चाहते हैं जैसा अब सिक्खों के... Hindi · कविता 1 241 Share Shekhar Chandra Mitra 9 Jan 2022 · 1 min read चुनावी मूद्दे किधर जा रहा हमारा देश किधर जा रहा हमारा समाज! अब तो किसी के सामने कहते हुए भी आती है लाज!! कैसे-कैसे मूद्दों को लेकर चुनाव लड़े जा रहे भारत... Hindi · कविता 1 198 Share Shekhar Chandra Mitra 9 Jan 2022 · 1 min read सांप्रदायिक राजनीति शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार को लेकर! ग़रीबी ,महंगाई और भ्रष्टाचार को लेकर!! देश में राजनीति क्यों नहीं होती है! हत्या, अपहरण और बलात्कार को लेकर!! Shekhar Chandra Mitra #बहुजनशायर #GirlsEducation... Hindi · कविता 145 Share Shekhar Chandra Mitra 9 Jan 2022 · 1 min read गुमराह क़ौम गुमराह हैं हमारे लीडर गुमराह है हमारा समाज! वर्ना अब तक इस देश में आ चुका होता इंकलाब!! हमसे ज़्यादा मूर्दा क़ौम क्या है कोई पूरी दुनिया में! कानूनों की... Hindi · कविता 247 Share Shekhar Chandra Mitra 9 Jan 2022 · 1 min read जातियों का दलदल जब तक आपस में ही लड़ते रहोगे! तुम सब एक-एक कर मरते रहोगे!! जातियों के दलदल से बाहर निकलो आख़िर कब तक इनमें सड़ते रहोगे!! Shekhar Chandra Mitra #जातिप्रथा #बहुजनशायर Hindi · कविता 170 Share Shekhar Chandra Mitra 9 Jan 2022 · 1 min read तुम्हें दिक्कत है! हमारे लिखने-पढ़ने से तुम्हें दिक्कत है हमारे आगे बढ़ने से तुम्हें दिक्कत है... (१) हमारे मूंछ रखने से तुम्हें दिक्कत है हमारे घोड़ी चढ़ने से तुम्हें दिक्कत है... (२) हमारे... Hindi · कविता 170 Share Shekhar Chandra Mitra 9 Jan 2022 · 1 min read पर्दे के पीछे का सच सुन-सुन ऐ मेरे भाई सुन-सुन ऐ मेरी बहना! होठों के सिलने से पहले कह दे तू जो है कहना!! पर्दे के पीछे का सच सामने ले आने पर! जो होगा... Hindi · कविता 332 Share Shekhar Chandra Mitra 9 Jan 2022 · 1 min read उजड़े हुए गुलशन की दास्तान इस गुलशन के उजड़ने की दास्तान सुनाने के लिए! तुम जीना कैदी परिंदों का मातम मनाने के लिए!! आने वाली पीढ़ियां कहीं भूल न जाएं सब कुछ! कोई होना चाहिए... Hindi · कविता 409 Share Shekhar Chandra Mitra 9 Jan 2022 · 1 min read मौत का सौदागर वह आम खाते-खाते अवाम ही खाने लगा! देश के मज़दूर और किसान ही खाने लगा!! आदमियत का ख़ून कुछ ऐसे लगा उसके मुंह से! कि जीता-जागता हुआ हिंदोस्तान ही खाने... Hindi · कविता 410 Share Shekhar Chandra Mitra 9 Jan 2022 · 1 min read बेरहम हुक्मरान संसद से लेकर सड़क तक इंकलाब किया जाएगा! सभी जलते हुए सवालों का ज़वाब लिया जाएगा!! कुछ ख़ून जो आंसू बनकर बहे हमारी आंखों से बहुत जल्दी ही तुमसे उनका... Hindi · कविता 196 Share Shekhar Chandra Mitra 9 Jan 2022 · 1 min read बहुजन शायर इन पागल तानाशाहों से हम डर नहीं गए! ज़िंदा हैं अभी तलक हम मर नहीं गए!! जलते हुए सवालों पर लिखे जा रहे हैं! क्योंकि ज़ेहनी तौर से हम सड़... Hindi · कविता 254 Share Shekhar Chandra Mitra 9 Jan 2022 · 1 min read इशारों-इशारों में जो लोग देते सभी को रोटी! वह नोच रहा उन्हीं की बोटी!! उस पर कैसे विश्वास करें हम! जिसकी नियत शुरू से खोटी!! Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 145 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Jan 2022 · 1 min read पंजाब की माटी कुछ भी कर लें चाहे दरिंदे! लेकिन बेख़ौफ़ रहेंगे परिंदे!! पंजाब की माटी युगों-युगों से पैदा करती बस लाल जिंदे!! Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 1 176 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Jan 2022 · 1 min read प्रसव की पीड़ा भारतीय मनीषा आजकल प्रसव की पीड़ा से गुजर रही है, शायद इसे कुछ नए महापुरूषों को जन्म देना है! Hindi · कोटेशन 1 192 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Jan 2022 · 1 min read सब सो गए क्या? लेखकों, कवियों, साहित्यकारों सब सो गए क्या! गायकों, खिलाड़ियों, कलाकारों सब सो गए क्या!! अब सेफ़्टी ज़ोन से बाहर निकलो देश को तुम्हारी ज़रूरत है! बुद्धिजीवियों, कार्यकर्ताओं, पत्रकारों सब सो... Hindi · कविता 1 1 338 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Jan 2022 · 1 min read क्रांति अब होकर रहेगी यह इतिहास की करवट है! यह सुबह की सुगबुगाहट है!! सड़क से लेकर संसद तक यह बदलाव की आहट है!! अब और कितनी देर तक टाला जाता रहेगा इसको! आंदोलनों... Hindi · कविता 484 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Jan 2022 · 1 min read लाल सूरज या तो बदलेगा यह निज़ाम! या फिर बदलेगी यह सरकार!! बेकार तो नहीं जाने वाला मजलूम जनता का हाहाकार!! चाहे कुछ दिखा लें ये न्यूज़ चैनल चाहे कुछ छाप लें... Hindi · कविता 190 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Jan 2022 · 1 min read रात के पीछे दिन हां, माना कि समय कठिन है! हम पर भारी एक-एक क्षिन है!! लेकिन, साथी मत भूल जाना कि रात के पीछे ही तो दिन है!! Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 151 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Jan 2022 · 1 min read धैर्य मत खोना माना कि विपदा बहुत बड़ी है! लेकिन यह परीक्षा की घड़ी है!! साथियों अपना धैर्य न खोना! मंज़िल कुछ आगे ही खड़ी है!! #farmersprotestchallenge Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 358 Share Shekhar Chandra Mitra 7 Jan 2022 · 1 min read ऐलान-ए-हक़ भगतसिंह हों या अंबेडकर हक़ ही उनका कहन है, बाकी सब कुछ वहम है! Hindi · मुक्तक 149 Share Shekhar Chandra Mitra 7 Jan 2022 · 1 min read और क्या चाहिए? शिक्षा-स्वास्थ्य सुरक्षा-रोजगार सबकुछ तो मिल गया! ऐ बिहार, तुझे अब और क्या चाहिए!! Shekhar Chandra Mitra Hindi · मुक्तक 187 Share Shekhar Chandra Mitra 7 Jan 2022 · 1 min read तेरा कुछ नहीं हो सकता गूंगी जनता बहरी सरकार ज्जा रे बिहार तेरा कुछ नहीं हो सकता... न कोई शिक्षा न कोई रोज़गार ज्जा रे बिहार तेरा कुछ नहीं हो सकता... कहीं हत्या तो कहीं... Hindi · गीत 214 Share Shekhar Chandra Mitra 7 Jan 2022 · 1 min read मॉब लिंचिंग इन्हें नंगा करना होगा हमें! अब पूरी दुनिया के सामने!! ये स्वघोषित विश्वगुरू इतनी आसानी से नहीं मानने वाले!! जिन्हें अछूत और शूद्र कहके मानवाधिकारों से वंचित किए! ये उसका... Hindi · कविता 196 Share Shekhar Chandra Mitra 7 Jan 2022 · 1 min read अनपढ़ बनाए रखने की साज़िश उन्हीं राज्यों में वे अक़्सर रहा करते हैं सत्ता से बाहर! सबसे ऊंचा हुआ करता है जिन राज्यों में शिक्षा का स्तर!! भारत के नासूर बन चुके घावों के लिए... Hindi · कविता 1 223 Share Shekhar Chandra Mitra 7 Jan 2022 · 1 min read आपसी फूट शिक्षा गई, स्वास्थ्य गया! सुरक्षा गई, रोज़गार गया!! कुछ लूटेरों के हाथ में पूरे देश का बाज़ार गया!! कौन जीता-कौन हारा यह बात ही बेमानी हुई! भेड़ों की आपसी फूट... Hindi · कविता 1 2 305 Share Shekhar Chandra Mitra 7 Jan 2022 · 1 min read मेरे फनकार! मुहब्बत के नग्में छोड़कर बगावत के तराने छेड़! इससे पहले कि हो जाए बहुत-बहुत-बहुत देर!! आने वाली पीढ़ियां वर्ना माफ़ नहीं करेंगी तुझे! तू वक़्त की सच्चाइयों से इस तरह... Hindi · कविता 150 Share Shekhar Chandra Mitra 7 Jan 2022 · 1 min read धर्मजाल यहां कौन है पवित्र कौन है अपवित्र तुम्हें बताया किसने? ये छुआ-छूत और ऊंच-नीच का जाल फैलाया किसने? शिक्षा, सम्पत्ति और सत्ता से पूरी तरह वंचित करके! शूद्रों और स्त्रियों... Hindi · कविता 2 239 Share Shekhar Chandra Mitra 7 Jan 2022 · 1 min read वक़्त का इतिहास दिन को सीधे दिन और रात को सीधे रात लिखा है! हमने तो अपने शेरों में वक़्त का इतिहास लिखा है!! तख्त से लेकर ताज तक किसी को नहीं बख्शा... Hindi · कविता 217 Share Shekhar Chandra Mitra 7 Jan 2022 · 1 min read कठिन है प्रेम निभाना अबके बरस न आना,पपीहे! पियू की रट न लगाना,पपीहे!! ऐसे में जबकि जल रहा उपवन कठिन है प्रेम निभाना,पपीहे!! Hindi · कविता 2 2 344 Share Previous Page 48 Next