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1078 posts
Page 4
कैसे मंजर दिखा गया,
कैसे मंजर दिखा गया,
sushil sarna
वर्षा का तांडव हुआ,
वर्षा का तांडव हुआ,
sushil sarna
अस्त- व्यस्त जीवन हुआ,
अस्त- व्यस्त जीवन हुआ,
sushil sarna
निर्मम बारिश ने किया,
निर्मम बारिश ने किया,
sushil sarna
अविरल होती बारिशें,
अविरल होती बारिशें,
sushil sarna
प्रिय सुधि पाठको, ये रचना मात्र रचना नहीं है एक ज्वलंत विचार
प्रिय सुधि पाठको, ये रचना मात्र रचना नहीं है एक ज्वलंत विचार
sushil sarna
ऐ आसमान ....
ऐ आसमान ....
sushil sarna
मेरा नाम .... (क्षणिका)
मेरा नाम .... (क्षणिका)
sushil sarna
पाते हैं आशीष जो,
पाते हैं आशीष जो,
sushil sarna
जीवन में आशीष का,
जीवन में आशीष का,
sushil sarna
कठिन काल का काल है,
कठिन काल का काल है,
sushil sarna
दोहा दशम. . . . यथार्थ
दोहा दशम. . . . यथार्थ
sushil sarna
औरत.....
औरत.....
sushil sarna
खुली पलक में झूठ के,
खुली पलक में झूठ के,
sushil sarna
रंगों को मत दीजिए,
रंगों को मत दीजिए,
sushil sarna
दृष्टिहीन की दृष्टि में,
दृष्टिहीन की दृष्टि में,
sushil sarna
कितनी सारी खुशियाँ हैं
कितनी सारी खुशियाँ हैं
sushil sarna
लघु रचना  : दर्द
लघु रचना : दर्द
sushil sarna
छवि  हिर्दय में सोई ....
छवि हिर्दय में सोई ....
sushil sarna
संकोची हर जीत का,
संकोची हर जीत का,
sushil sarna
दोहा एकादश ...  राखी
दोहा एकादश ... राखी
sushil sarna
कामुक वहशी  आजकल,
कामुक वहशी आजकल,
sushil sarna
कह्र   ...
कह्र ...
sushil sarna
सम्बन्धों  की  भीड़  में,  अर्थ बना पहचान ।
सम्बन्धों की भीड़ में, अर्थ बना पहचान ।
sushil sarna
ठूँठ ......
ठूँठ ......
sushil sarna
हो जाती है रात
हो जाती है रात
sushil sarna
दोहा पंचक. . . . . विविध
दोहा पंचक. . . . . विविध
sushil sarna
धड़कन हिन्दुस्तान की.........
धड़कन हिन्दुस्तान की.........
sushil sarna
स्वतंत्रता दिवस पर ३ रचनाएं :
स्वतंत्रता दिवस पर ३ रचनाएं :
sushil sarna
अभिमानी  इस जीव की,
अभिमानी इस जीव की,
sushil sarna
रक्त लिप्त कुर्बानियां,
रक्त लिप्त कुर्बानियां,
sushil sarna
इस देश की ख़ातिर मिट जाऊं बस इतनी ..तमन्ना ..है दिल में l
इस देश की ख़ातिर मिट जाऊं बस इतनी ..तमन्ना ..है दिल में l
sushil sarna
रंग   तिरंगे  के  सभी , देते हैं   आवाज ।
रंग तिरंगे के सभी , देते हैं आवाज ।
sushil sarna
बुझी नहीं है आज तक, आजादी की आग ।
बुझी नहीं है आज तक, आजादी की आग ।
sushil sarna
स्वतंत्रता दिवस  के अवसर पर कुछ दोहे .....
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कुछ दोहे .....
sushil sarna
दोहा पंचक. . . . .  उल्फत
दोहा पंचक. . . . . उल्फत
sushil sarna
प्रिय तुझसे मैं प्यार करूँ ...
प्रिय तुझसे मैं प्यार करूँ ...
sushil sarna
क्षणिका :
क्षणिका :
sushil sarna
उत्तर से बढ़कर नहीं,
उत्तर से बढ़कर नहीं,
sushil sarna
प्रश्न अगर हैं तीक्ष्ण तो ,
प्रश्न अगर हैं तीक्ष्ण तो ,
sushil sarna
बिन उत्तर हर प्रश्न ज्यों,
बिन उत्तर हर प्रश्न ज्यों,
sushil sarna
प्रश्नों से मत पूछिए,
प्रश्नों से मत पूछिए,
sushil sarna
प्रश्नों का प्रासाद है,
प्रश्नों का प्रासाद है,
sushil sarna
रक़ीबों के शहर में रक़ीब ही मिलते हैं ।
रक़ीबों के शहर में रक़ीब ही मिलते हैं ।
sushil sarna
झुर्री-झुर्री पर लिखा,
झुर्री-झुर्री पर लिखा,
sushil sarna
ठहरी - ठहरी जिन्दगी,
ठहरी - ठहरी जिन्दगी,
sushil sarna
तन्हा चलती जिदंगी,
तन्हा चलती जिदंगी,
sushil sarna
चढ़ते सूरज को सभी,
चढ़ते सूरज को सभी,
sushil sarna
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
दोहा त्रयी. . . . .
दोहा त्रयी. . . . .
sushil sarna
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