Shyam Sundar Subramanian Language: Hindi 1120 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shyam Sundar Subramanian 19 Nov 2024 · 1 min read संदेश इतिहास को क्यों कुरेदते हो , वर्तमान पर ध्यान दो ! वर्तमान अगर बिगड़ गया तो भविष्य कैसे संभलेगा ? व्यर्थ के तर्क में समय नष्ट करने से कुछ न... Hindi · कविता 1 17 Share Shyam Sundar Subramanian 19 Nov 2024 · 1 min read समायोजन देश देखा, विदेश देखा , पर देखा ना , अपना सा कोई विशेष देखा , हर कृति अपने में अनूठी है , कोई किसी से ना मेल खाती है ,... Hindi · कविता 1 15 Share Shyam Sundar Subramanian 17 Nov 2024 · 1 min read समय की पुकार कल मैने देखा ! एक बंदर के हाथ लगी मोतियों की एक माला ! जिसे तोड़़-तोड़कर उसने अपनी बुद्धि से बिखेर डाला , उसे पता नही कि मोती चुनने ,... Hindi · कविता 21 Share Shyam Sundar Subramanian 14 Nov 2024 · 1 min read प्रतीकात्मक संदेश शिशु से सहजता , सरलता , निर्विकार भाव , सीखो , पल भर में बैर भुलाकर दोस्ती का हाथ बढ़ाना सीखो , माता पिता के प्रति हृदय समर्पित भाव जगाना... Hindi 1 31 Share Shyam Sundar Subramanian 13 Nov 2024 · 1 min read फ़िक्र हर नई सहर इक नये सफ़र का आग़ाज़ होती है , जो हर दिन इक नये जद्दोजहद का पैग़ाम लाती है , हालातों से समझौता करने पर हर शाम 'अज़ाब... Hindi · कविता 1 24 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Nov 2024 · 2 min read आज का दौर जाने किस दौर में हम जी रहे हैं ? एक दूसरे की गलतियां निकाल कर लड़ रहे हैं , एक शातिर चोर दूसरे को लूटेरा कह रहा है , दूसरा... Hindi · कविता 25 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Nov 2024 · 1 min read तलाश ज़िंदगी के शोर से मैं थक सा गया हूँ , किसी वीराने की तलाश में भटकता फिर रहा हूँ , जहाँ चन्द पल सुकुँ से गुज़ार सकूँ , जहाँ मै... Hindi · कविता 18 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Nov 2024 · 1 min read क़ुर्बान ज़िंदगी जो भी पल थे वो बिखरते चले गये , जो भी अपने थे वो बिछड़ते चले गये , हम इक मुकाम पर खड़े बस तमाशा देखते रहे , कुदरत पर... Hindi · कविता 27 Share Shyam Sundar Subramanian 10 Nov 2024 · 1 min read ज़िंदा एहसास न जाने क्यों हमारे अज़ीज़ हमसे जल्द दूर हो जाते हैं , उनकी यादों के दिये जलाकर हम अपना दिल बहलाते हैं , उनके अख़लाक़ की सीरत हमारी राहों को... Hindi · कविता 25 Share Shyam Sundar Subramanian 10 Nov 2024 · 1 min read कुछ सवालात कितना उलझाओगे ख़ुद को ज़ंजीर -ए -रिवायात में , कुछ सवालात कौंधते रह जाएंगे परदा- ए- ज़ेहन में , अंधेरे न छटेंगे हर क़दम आग़ाज़ -ए-सहर के उजालों में ,... Hindi · कविता 24 Share Shyam Sundar Subramanian 10 Nov 2024 · 1 min read गर्दिश-ए-अय्याम मै अकेला चला था इस सफ़र में ना कोई हमराह , ना हम-सफ़र , मंजिल से बेख़बर इस आस में कहीं तो पहुँचेगी ये डगर , राह में ठोकर खाकर... Hindi · कविता 25 Share Shyam Sundar Subramanian 9 Nov 2024 · 1 min read प्रेरणा तोड़़ दो परतंत्रता के ये बंधन , छोड़ दो दिखावे के ये वंदन , रचो अपना भविष्य स्वयं तुम , रहो ना निर्भर किसी पर भी तुम , कोई नहीं... Hindi · आवाहन · कविता 27 Share Shyam Sundar Subramanian 8 Nov 2024 · 1 min read तहक़ीर जाहिलों के हुज़ूम में ख़िरद की क़ीमत कहाँ ? हैवानियत के आलम में हमदर्दी की शु'आ' कहाँ ? चोरों के बाज़ार में ईमानदारों का वुजूद कहाँ ? बे-हयाई की महफ़िल... Hindi · कविता 23 Share Shyam Sundar Subramanian 4 Nov 2024 · 1 min read हस्ती झूठ के इस बाज़ार में सच कहाँ से खरीदोगे ? जहाँ इंसां की कद्र नहीं वहाँ , इंसानियत कहाँ से जगाओगे ? मौक़े' की तलाश में हो फ़रेबी फ़ितरत जहाँ... Hindi · कविता 34 Share Shyam Sundar Subramanian 1 Nov 2024 · 1 min read नवसंकल्प आओ नवदीपमालाओं के इस पावन उत्सव में हम परस्पर सौहार्द ,प्रेम एवं संवेदना का भाव जन-जन के हृदय में जगायें , मनस में आच्छादित क्रोध , वैमनस्य , एवं घृणा... Hindi · कविता · संदेश 34 Share Shyam Sundar Subramanian 20 Oct 2024 · 1 min read मानव जीवन - संदेश एक नन्हा शिशु जिसके लिये माता की गोद ही स्वर्ग है , जिसके लिये उसके चारों ओर का वातावरण ही निसर्ग है , धीरे-धीरे बड़ा होता है , अपने संसार... Hindi · कविता · संदेश 42 Share Shyam Sundar Subramanian 15 Oct 2024 · 1 min read दर्द- ए- दिल दर्द उठता , बढ़ता , बढ़कर फ़ुग़ाँ नही होता , कुछ इधर , उधर, कसमसाता , बयाँ नही होता , ज़ब्ते ग़म नही छुपता , अश्क बन छलक ही जाता... Hindi · कविता 28 Share Shyam Sundar Subramanian 14 Oct 2024 · 1 min read इंतज़ार अच्छे दिन का ? आजकल नकली कारोबार का बोल बाला है , झूठ को छद्म से सच जैसा बनाकर पेश किया जाता है , लोगों के अज्ञान का फायदा उठाकर उन्हें बहकाया जाता है... Hindi · कविता · सामयिकी 33 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Oct 2024 · 1 min read विजय - पर्व संकल्प आओ इस दिवस पर हम संकल्प लें अनीति को समाप्त कर नैतिकता स्थापित करें , छद्म , प्रपंच , भ्रष्ट आचरण उजागर करें , नाटकीयता ,एवं झूठ के आवरण नष्ट... Hindi · आवाहन · कविता 26 Share Shyam Sundar Subramanian 10 Oct 2024 · 1 min read सार्थक जीवन - मंत्र दिवास्वप्न तंन्द्रा तिमिर से नवप्रकाश में पदार्पण किया , भ्रान्तियों के छद्मजाल से अलग हो सत्य संज्ञान लिया , आधारहीन कुतर्क से विलग हो प्रज्ञाशील तर्क मान्य किया , त्याग... Hindi · कविता 35 Share Shyam Sundar Subramanian 9 Oct 2024 · 2 min read पुस्तक समीक्षा " चुप्पी का शोर " लेखक मनोरथ महाराज की कृति "चुप्पी का शोर" आंदोलित अंतस्थ भावनाओं की मुखर अभिव्यक्ति का एक अप्रतिम प्रयास है , वर्तमान समाज में व्याप्त विसंगतियों , संस्कारहीनता , अंधानुकरण ,... Hindi · पुस्तक समीक्षा 98 Share Shyam Sundar Subramanian 27 Sep 2024 · 1 min read तन्हा इस शहर की गलियों में जिधर देखो हुजूम है , इस इन्सानी सैलाब में अजब दीनी जुनूँ है , हर शख़्स लगता है बे-परवा दुनिया से , अपने में मगन... Hindi · कविता 68 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Sep 2024 · 1 min read त्रासदी हालातों का तमाशा देखते हुए हम जी रहे हैं , मूकदर्शक बने हम मजबूर होकर रह गए हैं , संविधान और नागरिक अधिकार वस्तुस्थिति में , सिर्फ कोरी बातें होकर... Hindi · कविता 1 79 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Sep 2024 · 1 min read मतलबी जानकर भी वो अनजान से बने है , बेगाने ही सही हम खुद अपनी पहचान बने है , उनकी फ़ितरत का रुख़ हम जानते है , मरासिम को वो नफ़े... Hindi · कविता 62 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Sep 2024 · 1 min read मुसीबत एक चींटी हाथी को परेशान कर देती है , एक मक्खी शेर को बेचैन कर देती है , एक मधुमक्खी हुलिया बिगाड़ रख देती है , एक मछली तालाब को... Hindi · कविता 1 81 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Sep 2024 · 1 min read आगाह ज़माने का रुख़ इस क़दर फ़रेबी है , यहाँ सीरत पर सूरत की फ़ितरत भारी है , बच उन राहों से जो अज़ाब की ओर ले जाते हैं , जो... Hindi · कविता 64 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Sep 2024 · 1 min read ज़िंदा दोस्ती क्या हुआ ? कैसे हुआ ? कब हुआ ? समझ ना पाऊं ! एक ही दिन में तू कैसे बदल गया ? समझ ना पाऊं ! किसी की साज़िश है... Hindi · कविता 71 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Sep 2024 · 1 min read राजनीति के फंडे राजनीति के फंडे भी बड़े अजीब हैं , सत्ता की होड़ में नेता एक दूसरे की टांग खींचते रहते हैं , अपना कद दूसरे के कद से बड़ा करने की... Hindi · कविता · व्यँग 43 Share Shyam Sundar Subramanian 3 Sep 2024 · 1 min read प्रेरणा एक छोटा सा पौधा ! जिसकी कोपलें अभी खिली हीं थी , शरारती हाथो द्वारा जड़ से उखाड़ फेंका गया , बेचारा दर्द के मारे सुबकता रहा , हवा का... Hindi · कविता · काव्य प्रसंग 60 Share Shyam Sundar Subramanian 29 Aug 2024 · 1 min read बीती यादें वो सुनाते रहे गुज़िश्ता लम़्हों के किस्से , मैं डोलता रहा माज़ी की यादों में जिनसे , कुछ खट्टे - मीठे तसव्वुरात , कुछ ग़मगीन लम़्हे , कुछ शिक़वे ,... Hindi · कविता 44 Share Shyam Sundar Subramanian 27 Aug 2024 · 1 min read तत्वहीन जीवन क्या कहना ? क्या सुनना ? मूकबधिर हो रह गया हूँ ! विवादों से स्वतंत्र ! स्वअस्तित्व रक्षा में निरापद हो गया हूँ ! अर्थ और अनर्थ ! तर्क और... Hindi · अनुभूति · कविता 52 Share Shyam Sundar Subramanian 22 Aug 2024 · 1 min read नारी- शक्ति आह्वान उठो ! बढ़ो ! अब अति हो गई ! अबला निरूपित नारी ! तोड़ दो ! दंभ इन दानवों का दिखा दो ! अपनी शक्ति सारी ! हो स्वतंत्र !... Hindi · कविता 1 2 57 Share Shyam Sundar Subramanian 19 Aug 2024 · 1 min read रक्षा बंधन कच्चे धागों का अटूट बंधन , हृदय से हृदय का स्पंदन , अभिभूत विचार सरिता , परस्पर संवेदनशीलता , निर्वहन की निष्ठा , अविच्छिन्न प्रतिबद्धता , संकल्पित अनुपालन , प्रतीकात्मक... Hindi · कविता · संकल्प 1 67 Share Shyam Sundar Subramanian 19 Aug 2024 · 1 min read अटूट प्रेम हे मित्र ! तेरे शब्द बाण मेरे हृदय को चीर गए , मेरे अंतस्थ बसे तेरे प्रेम को विखंडित कर गए , फिर भी मुझे क्यों आभास होता है ?... Hindi · एहसास · कविता 1 67 Share Shyam Sundar Subramanian 15 Aug 2024 · 1 min read संकल्प आओ इस स्वतंत्रता दिवस पर हम एक संकल्प ले ! समूह मानसिकता से परे , व्यक्तिगत स्वतंत्रता निर्माण करें ! सह -अस्तित्व समभाव स्थापित हो ! द्वेष- क्लेष नष्ट करें... Hindi · आह्वान · कविता 54 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Aug 2024 · 1 min read मैं हिन्दुस्तानी ! ना हिंदू , ना मुसलमान, ना सिक्ख, ना ईसाई , मैं हूँ हिन्दुस्तानी ! हमवतन सब मेरे भाई , इंसानियत मेरा ज़मीर , नेक- निय्यत मेरा ईमान , हुब्बुल-वतनी मेरा... Hindi · आह्वान · कविता 59 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Aug 2024 · 1 min read मज़लूम ज़िंदगानी बहुत सोच कर भी कुछ न कह पाती है , इस- क़दर जज़्बातों को दफ़्न किए जाती है , ज़ेहन में ख़यालों की आमेज़िश कभी थमती नही , चाह कर... Hindi · एहसास · कविता 76 Share Shyam Sundar Subramanian 27 Jul 2024 · 1 min read दुविधा रोजमर्रा की आपाधापी में हम कठपुतली से बनकर रह गए हैं , कुछ पल तसल्ली से अपनों के साथ गुज़ारने को तरस गए हैं , कभी बढ़ती महंगाई से बिगड़ते... Hindi · उद्-गार · कविता 64 Share Shyam Sundar Subramanian 26 Jul 2024 · 3 min read वर्तमान समय में महिलाओं के पुरुष प्रधान जगत में सामाजिक अधिकार एवं अस्मिता हेतु संघर्ष एक विस्तृत विवेचना महिलाओं के सामाजिक अधिकार और अस्मिता हेतु संघर्ष एक जटिल और विविध विषय है, जिसमें ऐतिहासिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और कानूनी पहलू शामिल हैं। वर्तमान समय में, महिलाएं पुरुष प्रधान समाज... Hindi · लेख 102 Share Shyam Sundar Subramanian 17 Jul 2024 · 4 min read नई पीढ़ी में तनाव: कारण, प्रभाव और इसे कम करने के उपाय हाल के वर्षों में, युवा पीढ़ी के बीच तनाव एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय बन गया है। जैसे-जैसे सामाजिक अपेक्षाएँ और जीवन की गति बढ़ती है, युवाओं पर सफल होने,... Hindi · लेख · सामयिकी 71 Share Shyam Sundar Subramanian 16 Jul 2024 · 1 min read रफ़्तार - ए- ज़िंदगी रफ़्ता - रफ़्ता ज़िंदगी में हम बढ़ते रहे , कभी मसर्रत की फ़िज़ा रही , कभी गम के बादल मंडराते रहे , लम्हों का जुलूस रवां - दवां रहा ,... Hindi · कविता 85 Share Shyam Sundar Subramanian 13 Jul 2024 · 1 min read कशिश रास्ते कुछ जाने पहचाने से पर राहनुमा अनजाने से , मंज़िलें भी कुछ पहचानी सीं पर कुछ बदली- बदली सीं , लगता है हक़ीक़त से दूर ख़्वाबों के शहर आ... Hindi · कविता 1 73 Share Shyam Sundar Subramanian 13 Jul 2024 · 1 min read क़ुर्बानी ज़िंदगी भर हालातों से लड़ता रहा कभी हार नही मानी , हालाते हाज़िरा में अपनों से लड़ न सका आख़िर हार मानी , अपनो से हार का समझौता दिल से... Hindi · एहसास · कविता 78 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Jul 2024 · 1 min read आधारभूत निसर्ग सुबह की प्रथम किरण ने नवोदय का संदेश दिया , विगत संतापों को विस्मृत कर नवऊर्जा का संचार किया, स्वप्निल वारिद से यथार्थ के आयाम में पदार्पण किया, सतत् संघर्षरत्... Hindi · कविता 77 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Jul 2024 · 1 min read छोटी - छोटी बातें छोटी - छोटी बातों के अर्थ भी बहुत गहरे होते हैं , कुछ ऐसे जटिल प्रश्न प्रस्तुत करते हैं , जो सामान्य समझ से परे होते हैं , शब्दों का... Hindi · कविता 79 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Jul 2024 · 1 min read जुदाई मुझे ठुकरा कर तो जा रहे हो तुम , याद रखना बहुत पछताओगे तुम , जब कभी तन्हा रहोगे तुम , तब मुझे अपने दिल के करीब पाओगे तुम ,... Hindi · एहसास · कविता 71 Share Shyam Sundar Subramanian 9 Jul 2024 · 1 min read कभी - कभी बुलबुले सी है ये ज़िंदगी , हादसों के दोस पर फ़ना है ये ज़िंदगी , कभी खुशियों का जहान , कभी ग़मों का सामान है ये ज़िंदगी , कभी कुछ... Hindi · कविता 79 Share Shyam Sundar Subramanian 24 Jun 2024 · 1 min read एहसास - ए - दोस्ती वक्त आने पर अपनों और गैरों की पहचान होती है , हमदर्द और ख़ुदगर्ज़ के बीच फ़र्क की पहचान होती है, वो अजनबी जो मुसीबत में साथ दे , दोस्ती... Hindi · कविता 100 Share Shyam Sundar Subramanian 22 Jun 2024 · 1 min read हादसे ज़िंदगी में कुछ ऐसे हादसे पेश आते हैं , यह क्या हुआ ? कैसे हुआ ? क्यों हुआ ? हम सोचते रह जाते हैं , वक्त की गर्दिश में किसी... Hindi · कविता 2 104 Share Shyam Sundar Subramanian 17 Jun 2024 · 1 min read कठपुतली कुछ सहमा- सहमा सा कुछ दबा - दबा , कुछ भीतर ही भीतर लड़ता हुआ , अंतरद्वन्द से मुक्त होकर , मुखर होने का प्रयास करता हुआ , अभिव्यक्त होने... Hindi · कविता 69 Share Page 1 Next