suresh sangwan 230 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 suresh sangwan 28 Nov 2016 · 1 min read शाम ढली हम घर चले.... शाम ढली हम घर चले दिन भर मस्ती कर चले रातें लाई घर हमें सुबह हुई के फिर चले इक दूजे के साथ में छोड़ अपना डर चले नंगे पाँव... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 579 Share suresh sangwan 28 Nov 2016 · 1 min read अंधेरों को हमसफ़र किया जाये अंधेरों को हमसफ़र किया जाये नज़रों को यूँ तेज़तर किया जाये निकले हुए हैं तीर ज़माने भर से ज़रूरी है सीना सिपर किया जाये रख सके उम्र भर के लिए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 246 Share suresh sangwan 27 Nov 2016 · 1 min read अब कोई दिल को भायेगा कहाँ.... अब कोई दिल को भायेगा कहाँ समंदर बहकर जायेगा कहाँ तेज़ रफ़्तारी देखी तो लगा आज ये बादल छायेगा कहाँ पर हवाओं के ए दिल क़तर तो दूं मगर बतला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 312 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read अपना ही शहर आज मुझे बेगाना क्यूँ लगा अपना ही शहर आज मुझे बेगाना क्यूँ लगा मेरी ग़रीबी की हक़ीक़त अफ़साना क्यूँ लगा प्यार सदा से था इसमें दिल ही ऐसा पाया है वो जो मेरा दिलबर था... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 502 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read ख़ौफ़ अब कोई नहीं जीने का सामां हो गई ख़ौफ़ अब कोई नहीं जीने का सामां हो गई मुश्किलें मुझ पर पड़ी इतनी के आसां हो गई हसरतें छोड़ चली बाकी दर्दो-ग़म यहाँ ज़िंदगी मेरी सनम खेलों का मैदाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 280 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read बुझे हुए हैं दीए तमाम मुनव्वर कर दे.............. बुझे हुए हैं दीए तमाम मुनव्वर कर दे हसरतों को मोहब्बत का समंदर कर दे रंग-ओ-खुश्बू को मेरा हमसफ़र कर दे ज़िंदगी को अपनी याद से मो अतर कर दे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 569 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read इक बार मुझे भर के नज़र देख लेने दो.................... इक बार मुझे भर के नज़र देख लेने दो अपनी मोहब्बत का असर देख लेने दो हर तस्वीर में मेरी तेरे ही रंग हों उन तस्वीरों को जी भर देख... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 481 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read हंसी ख़ुशी भी वक़्त बिताया जा सकता है ........................ हंसी ख़ुशी भी वक़्त बिताया जा सकता है बेगाने को अपना बनाया जा सकता है मुश्किल है दो- बारा किसी पर यकीन करना वैसे धोखा कई बार खाया जा सकता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 262 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read ज़माने की हवा हूँ परिंदे उड़ाती फिरती हूँ....................... ज़माने की हवा हूँ परिंदे उड़ाती फिरती हूँ ज़िगर रोकनेवालों का मैं आज़माती फिरती हूँ ये गली ये रास्ते सब ढूँढते हैं मंज़िल अपनी मिलाकर हाथ इनके साथ मैं भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 270 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read कुछ आर हुये हैं कुछ पार हुये हैं.......................... कुछ आर हुये हैं कुछ पार हुये हैं दुनियां में दुश्मन कुछ यार हुये हैं दौर-ए-आज में चुप ना बैठो हरगिज़ सहने पर ही अत्याचार हुये हैं है वक़्त वक़्त... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 279 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read तू आया है मेरी ज़मीं ओ जहां सारा बनके.................. तू आया है मेरी ज़मीं ओ जहां सारा बनके मेरे होंठों की हँसी और दिल का पारा बनके ए करिश्मा साज़ यूँ ही बस मुझको नज़र आना सर-ए-महफ़िल में रंगीन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 277 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read बुझे चराग़ में भी कुछ जला रखा है...................... बुझे चराग़ में भी कुछ जला रखा है ज़िंदगी में क्या जाने मज़ा रखा है नहीं होता ज़ोर किसी का किसी पर रज़ा तेरी है मैने बुला रखा है मिले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 289 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read इक ज़रा सी ज़िंदगी में इम्त्तिहां कितने हुये,,,,,,,,,,,,,,,,,,, इक ज़रा सी ज़िंदगी में इम्त्तिहां कितने हुये बोलने वाले न जाने बेज़ुबाँ कितने हुये ध्रुव तारा ज़िंदगी का कौन होता है कहीं इस ज़हन के उफ़ुक़ दिल के आसमाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 347 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read इक तेरी दिल को चाह बहुत ................. इक तेरी दिल को चाह बहुत यूँ तो मेरे हम-राह बहुत छोड़ गये जब क़ातिल मेरे निकली थी दिल से आह बहुत ना होना यारो ख़ौफ़ ज़दा जब राहें निकलें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 218 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read रोज़ नई ख़्वाहिश पे दिल अटका रहता है................. रोज़ नई ख़्वाहिश पे दिल अटका रहता है चाहत में फिर दीवाना भटका रहता है मिला जहाँ में इस क़दर सिला वफ़ा का मुझे दिल हरदम कहीं कहीं से चटका... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 225 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read जहाँ में प्यार जो कर जाते हैं................... जहाँ में प्यार जो कर जाते हैं पीकर दर्द संवर जाते हैं ख़ाली ज़रा जब होते हैं हम तेरी याद से भर जाते हैं दरिया-ए-मोहब्बत ठहर ज़रा हम तेरे साथ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 420 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read दिल की दीवार पे कुछ तस्वीरें रहती हैं................... दिल की दीवार पे कुछ तस्वीरें रहती हैं साथ साथ सब्त उस पे तहरीरें रहती हैं दूर अभी मंज़िल तक़ाज़ा तेज़ चलने का दौड़ूँ कैसे पाँव में ज़ंजीरें रहती हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 230 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read जी रहें हैं तुम बिन इसे सज़ा ही समझो...................... जी रहें हैं तुम बिन इसे सज़ा ही समझो ज़ख़्म अभी तक भरा नहीं हरा ही समझो चैन-ओ-सुकून जाता रहे दर से दिल के ऐसी मोहब्बत को तो बला ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 272 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read देखा है सहरा और-- समंदरों को भी......................... देखा है सहरा और-- समंदरों को भी इन नज़रों ने देखा है --उन नज़रों को भी मोहब्बत करके ---देखो मंज़रों को भी नज़र अंदाज़ ना करना --मशवरों को भी धूप... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 476 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read बाख़ूबी खुद को समझाना आता है................. बाख़ूबी खुद को समझाना आता है दर्दों से भी दिल बहलाना आता है ख्वाबों की तितली दौड़ाना आता है बच्चों को बातें मनवाना आता है फूलों को आँगन महकाना आता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 253 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read बात- बात पर आँखें न भिगाया करो.................. बात- बात पर आँखें न भिगाया करो जैसे चलता है काम चलाया करो हमसे ना पूछो तुम हाल-ए-दिल अगर हाल -चाल अपने मगर सुनाया करो फक़त फ़तह का शौक़ निभाने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 499 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read काँटों में उलझा दामन हाथ अज़ाब रखता है................... काँटों में उलझा दामन हाथ अज़ाब रखता है जो उल्फ़त के घर का पता गुलाब रखता है आँखों में नमीं कहीं ना दिल में तिशनगी कहीं अब सच्ची कहानियों की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 394 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read दुनियां तेरी भीड़ में शामिल मैं भी हूँ........................... दुनियां तेरी भीड़ में शामिल मैं भी हूँ तेरी तरहा दर्दो को हासिल मैं भी हूँ इक अपना ख्याल रखा होता तो काफ़ी था क्यूँ लगता था किसी का साहिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 506 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read मीठी नशीली बातों का काफ़िला भी देखा है................................. मीठी नशीली बातों का काफ़िला भी देखा है जाने ग़ज़ल हमने वो काफ़िया भी देखा है पूछे लोग मुझसे क्या मैक़दा भी देखा है तेरी नज़र में हमने वो जहाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 295 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read क्या हसरत क्या मोहब्बत क्या होती ज़िंदगी सुनिये................. क्या हसरत क्या मोहब्बत क्या होती ज़िंदगी सुनिये दो बच्चे दो रोटी इक छत दो चादर अजी सुनिये इन गैरों से मेरी दास्तान हरगिज़ न सुनना तुम कहानियाँ सुनिये ज़रूर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 304 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read मौसम की बातों पे ना जाया करो.................. मौसम की बातों पे ना जाया करो जो दिल में हो खुल के बताया करो रूठे जब कोई तो मनाया करो चाँद सितारों की धूप छाया करो जी भर आये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 345 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read चाँद सी गुड़िया को मेरी रोशन आसमान मिले.................. चाँद सी गुड़िया को मेरी रोशन आसमान मिले चहकती सी इस चिड़िया को सारा गुलिस्तान मिले तवक़्क़ो से ज़्यादा तुझे प्यार और सम्मान मिले दिल से निकले ज़ज़्बातों को तेरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 395 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read जब वजह न बची कोई बुलाने की तुम्हें.............. जब वजह न बची कोई बुलाने की तुम्हें हर तरह से की कोशिश भुलाने की तुम्हें लौट कर ना आयेगा किसी तौर ए दिल वो क्या पड़ी है अब दीये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 526 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read यूँ भीख में लेना भी मंज़ूर न था..... यूँ भीख में लेना भी मंज़ूर न था मुहब्बत में इतना भी मजबूर न था ये ज़िंदगी मेरी रोशन थी उससे अगरचे वो चमकता कोहिनूर न था आबादियों ने क्या... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 312 Share suresh sangwan 26 Nov 2016 · 1 min read जहां में कहां हम ही ऐसे हैं.................. जहां में कहां हम ही ऐसे हैं कई और भी मेरे जैसे हैं जबसे छूटा है साथ तुम्हारा मिरे हाल ना पूछो कैसे हैं बदल गए रंग तेरी उल्फ़त के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 287 Share Previous Page 5