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मुझे पता है तुम सुधर रहे हो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
तुम्हें पता है तुझमें मुझमें क्या फर्क है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
आओ जमीन की बातें कर लें।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
दुखड़े छुपाकर आ गया।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
शरारती निगाह में वही हँसी खुमार है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
न रंग था न रूप था खरीददार थे मिले।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
दण्डक
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
चलो बहें सनातनी सुपंथ के बयार में।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
अगर हकीकत से प्यार है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
चुनौती मानकर मैंने गले जिसको लगाया है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मन के दरवाजे पर दस्तक देकर चला गया।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
बड़ी हसीन रात थी बड़े हसीन लोग थे।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
इस सफर में कहो कौन कैसा कहाँ।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
हद से ज्यादा बढी आज दीवानगी।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
आजादी भी अनुशासित हो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
ये बेरुखी अच्छी नहीं बातें करो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
चुप अगर रहें तो व्यवधान नहीं है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
यूँ तो दुनिया में मेले बहुत हैं।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
हजार मन में सवाल आते नहीं किसी का जवाब पाया।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
हुआ उजाला धरती अम्बर, नया मसीहा आया।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
हुआ उजाला धरती अम्बर, नया मसीहा आया।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
ठिकाने सभी अब बताने लगेंगे।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मुझे किसी से गिला नहीं है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कल जिंदगी से बात की।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
बहुत फर्क पड़ता है यूँ जीने में।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मुझसे मेरा ही पता पूछते हो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
नित्य अमियरस पान करता हूँ।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)