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जिंदगी मौत से बत्तर भी गुज़री मैंने ।
Phool gufran
नाम उल्फत में तेरे जिंदगी कर जाएंगे।
Phool gufran
प्यार का नाम मेरे दिल से मिटाया तूने।
Phool gufran
फुर्सत से आईने में जब तेरा दीदार किया।
Phool gufran
उफ़ तेरी ये अदायें सितम ढा रही है।
Phool gufran
हम भी देखेंगे ज़माने में सितम कितना है ।
Phool gufran
बैठाया था जब अपने आंचल में उसने।
Phool gufran
मौहब्बत को ख़ाक समझकर ओढ़ने आयी है ।
Phool gufran
मुफलिसो और बेकशों की शान में मेरा ईमान बोलेगा।
Phool gufran
गुस्ल ज़ुबान का करके जब तेरा एहतराम करते हैं।
Phool gufran
क्या मुकद्दर बनाकर तूने ज़मीं पर उतारा है।
Phool gufran
हर मौहब्बत का एहसास तुझसे है।
Phool gufran
अजीब हालत है मेरे दिल की
Phool gufran
मेरी हर सोच से आगे कदम तुम्हारे पड़े ।
Phool gufran
मुख्तलिफ होते हैं ज़माने में किरदार सभी।
Phool gufran
जो तेरे दिल पर लिखा है एक पल में बता सकती हूं ।
Phool gufran
अब तो इस वुज़ूद से नफ़रत होने लगी मुझे।
Phool gufran
ना मसले अदा के होते हैं
Phool gufran
मौहब्बत अक्स है तेरा इबादत तुझको करनी है ।
Phool gufran
जिंदगी में हर पल खुशियों की सौगात रहे।
Phool gufran
सुनो ये मौहब्बत हुई जब से तुमसे ।
Phool gufran
गुफ्तगू तुझसे करनी बहुत ज़रूरी है ।
Phool gufran
मौहब्बत की नदियां बहा कर रहेंगे ।
Phool gufran
हालात ए शोख निगाहों से जब बदलती है ।
Phool gufran
वाह क्या खूब है मौहब्बत में अदाकारी तेरी।
Phool gufran
वो मिलकर मौहब्बत में रंग ला रहें हैं ।
Phool gufran
दर्द देकर मौहब्बत में मुस्कुराता है कोई।
Phool gufran
बेशक हुआ इस हुस्न पर दीदार आपका।
Phool gufran
मैं वो चीज़ हूं जो इश्क़ में मर जाऊंगी।
Phool gufran
ज़ख़्म गहरा है सब्र से काम लेना है,
Phool gufran
ग़ज़ल
Phool gufran
गुफ्तगू तुझसे करनी बहुत ज़रूरी है ।
Phool gufran
मैंने इन आंखों से ज़माने को संभालते देखा है
Phool gufran
ज़माना इश्क़ की चादर संभारने आया ।
Phool gufran
हम ऐसी मौहब्बत हजार बार करेंगे।
Phool gufran
इस हसीन चेहरे को पर्दे में छुपाके रखा करो ।
Phool gufran
कई मौसम गुज़र गये तेरे इंतज़ार में।
Phool gufran
वो ख्वाबों में अब भी चमन ढूंढते हैं ।
Phool gufran
ये आंखें जब भी रोएंगी तुम्हारी याद आएगी।
Phool gufran
हर पल ये जिंदगी भी कोई खास नहीं होती ।
Phool gufran
हम वो फूल नहीं जो खिले और मुरझा जाएं।
Phool gufran
किसी तरह मां ने उसको नज़र से बचा लिया।
Phool gufran
तेरी जुल्फों के साये में भी अब राहत नहीं मिलती।
Phool gufran
जो जुल्फों के साये में पलते हैं उन्हें राहत नहीं मिलती।
Phool gufran
हमने भी मौहब्बत में इन्तेक़ाम देखें हैं ।
Phool gufran
दर्द -ऐ सर हुआ सब कुछ भुलाकर आये है ।
Phool gufran
ज़िन्दगी एक उड़ान है ।
Phool gufran
एक नज़र से ही मौहब्बत का इंतेखाब हो गया।
Phool gufran
हुनर मौहब्बत के जिंदगी को सीखा गया कोई।
Phool gufran
दिन को रात और रात को दिन बना देंगे।
Phool gufran