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एक क़ता ,,,,
Neelofar Khan
ग़ज़ल _ मैं रब की पनाहों में ।
Neelofar Khan
ना जाने कौन सी बस्ती ,जहाँ उड़कर मैं आयी हूँ ,
Neelofar Khan
आंधियों में गुलशन पे ,जुल्मतों का साया है ,
Neelofar Khan
ग़ज़ल _ इस जहां में आप जैसा ।
Neelofar Khan
हौसला कभी टूटने नहीं देना , फ़तह हौसलों से होती है , तलवारो
Neelofar Khan
ज़िंदगी में कामयाबी ज़रूर मिलती है ,मगर जब आप सत्य राह चुने
Neelofar Khan
ग़ज़ल _ धड़कन में बसे रहते ।
Neelofar Khan
ग़ज़ल _ थोड़ा सा मुस्कुरा कर 🥰
Neelofar Khan
ग़ज़ल _ मिल गयी क्यूँ इस क़दर तनहाईयाँ ।
Neelofar Khan
जब रात बहुत होती है, तन्हाई में हम रोते हैं ,
Neelofar Khan
ग़ज़ल _ क्या हुआ मुस्कुराने लगे हम ।
Neelofar Khan
गुरूर ना करो ऐ साहिब
Neelofar Khan
जब मालूम है कि
Neelofar Khan
आप सभी को ईद उल अजहा मुबारक हो 🌹💖
Neelofar Khan
मुक्तक _ चलें हम राह अपनी तब ।
Neelofar Khan
ग़ज़ल _ आज उनको बुलाने से क्या फ़ायदा।
Neelofar Khan
पिता की इज़्ज़त करो, पिता को कभी दुख न देना ,
Neelofar Khan
नज़्म _ पिता आन है , शान है ।
Neelofar Khan
मुहब्बत से दामन , तेरा भर रही है ,
Neelofar Khan
ग़ज़ल _ मतलब बदल गया।
Neelofar Khan
हिम्मत वो हुनर है , जो आपको कभी हारने नहीं देता। नील रूहान
Neelofar Khan
ग़ज़ल _ सयासत की हवेली पर ।
Neelofar Khan
मुक्तक
Neelofar Khan
ग़ज़ल _ मांगती इंसाफ़ जनता ।
Neelofar Khan
ग़ज़ल _ खुदगर्जियाँ हावी हुईं ।
Neelofar Khan
" हवाएं तेज़ चलीं , और घर गिरा के थमी ,
Neelofar Khan
कितने लोग मिले थे, कितने बिछड़ गए ,
Neelofar Khan
ग़ज़ल _ आराधना करूं मैं या मैं करूं इबादत।
Neelofar Khan
मुक्तक ....
Neelofar Khan
मै खामोश हूँ , कमज़ोर नहीं , मेरे सब्र का इम्तेहान न ले ,
Neelofar Khan
निगाह मिला के , सूरज पे ऐतबार तो कर ,
Neelofar Khan
ग़ज़ल _ शरारत जोश में पुरज़ोर।
Neelofar Khan
हवाओं से कह दो, न तूफ़ान लाएं
Neelofar Khan
शाख़ ए गुल छेड़ कर तुम, चल दिए हो फिर कहां ,
Neelofar Khan
इश्क़ जब हो खुदा से फिर कहां होश रहता ,
Neelofar Khan
ग़ज़ल _ मिले जब भी यारों , तो हँसते रहे हैं,
Neelofar Khan
मुक्तक _ दिखावे को ....
Neelofar Khan
यहां ला के हम भी , मिलाए गए हैं ,
Neelofar Khan
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Neelofar Khan
ग़ज़ल _मुहब्बत के मोती , चुराए गए हैं ।
Neelofar Khan
बह्र ....2122 2122 2122 212
Neelofar Khan
ग़ज़ल _ शबनमी अश्क़ 💦💦
Neelofar Khan
एक मंज़र कशी ओस के संग 💦💦
Neelofar Khan
दोहा .....
Neelofar Khan
मैं तेरी पनाहों में क़ज़ा ढूंड रही हूँ ,
Neelofar Khan
ग़ज़ल _ आख़िरी आख़िरी रात हो ।
Neelofar Khan
ग़ज़ल _ अब दिल गूंजते हैं ।
Neelofar Khan
ग़ज़ल _ बरबाद ही किया है ।
Neelofar Khan
हमारे बुज़ुर्ग अनमोल हैं ,
Neelofar Khan