जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया Language: Rajasthani 159 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 3 Aug 2024 · 1 min read सावण तीज तीजा रे त्यूंहार रा , मनडैं नाचै मोर। जामण जायो आवसी, परभाता री पौर।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️ Rajasthani · सावण तीज के दोहे 44 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 3 Aug 2024 · 1 min read राम रूणिचा वाळा बीज उजाळी भादवै, उमड़ै भगत अपार। गुण गावै गोविंद रा, जोर करै जै कार।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️ Rajasthani · रामदेवजी के दोहे 42 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 3 Aug 2024 · 1 min read गजानंद जी विघन मेटौ विनायकां, घट में करजौ वास। सुमिरण सायब आपरौ, जितरै हालै सास।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया...✍️ Rajasthani · गणेशजी के दोहे 77 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 3 Aug 2024 · 1 min read बाबा रामदेव जी रामा! राजी राखजौ, हरदम रहिजौ साथ। जग रे मायाजाळ में, कदै न छौडो हाथ।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️ Rajasthani · रामदेवजी के दोहे 59 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 3 Aug 2024 · 1 min read रामसापीर किरत कुंवरा आपरी , इळ मांहे अखियात। सबळ निरबळ समदरसी,परचा घण विखयात।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️ Rajasthani · रामदेवजी के दोहे 43 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 3 Aug 2024 · 1 min read सत री संगत संगत की नह संत, पड्यो माया मोद में। याद करियौ भगवंत, जातो टांणै जीतिया।। © जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया...✍️ Rajasthani · सोरठा छंद 39 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 3 Aug 2024 · 1 min read जिन्दगांणी कितरां उथौमां देइ जिंदगी कितरी पारख लेयी जिंदगी कितरी तौ थ्हूं बीत गई कितरी बाकी रेयी जिंदगी जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️ Rajasthani · मुक्तक 67 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 3 Aug 2024 · 1 min read सोरठौ हुनर करोह हजार, लिखयां सो ही लाभसी। देवै वो दातार, जतन प्रवाणै जीतिया।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️ Rajasthani · सोरठा छंद 67 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 3 Aug 2024 · 1 min read नही आवड़ै आप बिना नह आवड़ै, अंतस घणौ अधीर। नैणां छळकै नीरड़ौ, धांरू किणविध धीर।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया...✍️ Rajasthani · पुरूष विरह के दोहे 62 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 3 Aug 2024 · 1 min read मरूधर रौ माळी धवळी धोती अंग अंगरखी , मरुधर वाळो मान माळी। लाल पोतियों पगै मोजड़ी , न्यारी जिणरी शान माळी।। मीठी वाणी मुखड़े मूलक , अपणायत री खांण माळी। रहे हरावळ दया... Rajasthani · माळी री सोभा 143 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 3 Aug 2024 · 1 min read राम रटलै थ्हारी म्हारी छोड़, रचना रटलै राम नै। ठावी मिळ्सी ठौड़, राम रावळै जीतिया।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️ Rajasthani · सोरठा छंद 41 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 3 Aug 2024 · 1 min read रूपाळी राजवण🙆 रूपाळी घणी राजवण, हिरणीं जैड़ा नैण। हरदम हिवड़ै बस रयी, सांची अेक'ज सैण।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया...✍️ Rajasthani · श्रृंगार के दोहे 1 44 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 3 Aug 2024 · 1 min read मायड़ भासा मायड़ मोती पोवतां, नित रो बढ़तो नेह। सागर ऊंडौ ग्यांन रो, सबदां झरतौ मेह।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️ Rajasthani · मायड़ भासा के दोहे 51 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 3 Aug 2024 · 1 min read प्रीत कळपू कितरौ गोरड़ी, दरद न जांणै कोय। प्रीत थांरली कारणैं, हियौ भरीजै मोय।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️ Rajasthani · पुरूष विरह के दोहे 55 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 3 Aug 2024 · 1 min read मांनखौ मुसकिल मिळयौ मांनखौ, विरथा मती गमाय। अेड़ी करणी कर चलौ, आंसू जगत बहाय ।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️ Rajasthani · चेतावणी रा दोहा 63 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 3 Aug 2024 · 1 min read मिनखपणौ मिनख घणा'ही मही पर, मिनखां रूप अनेक। जिण मिनख में मिनखपणौ , मिळै अनेकां अेक।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया...✍️ Rajasthani · नीति के दोहे 58 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 3 Aug 2024 · 1 min read मिनखं जमारौ मुसकिल मिळयौ मांनखौ, लख चौरासी मांय। सुकरत करजै सांवठा, विरथा मती गमाय।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️ Rajasthani · चेतावणी रा दोहा 43 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 3 Aug 2024 · 1 min read मतळबी मिनखं मुखड़ै मीठा बोलता, मन में राखै खोट। अेड़ा सूं अळगा भलां, ऊंडी मारे चोट।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया...✍️ Rajasthani · नीति के दोहे 50 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 3 Aug 2024 · 1 min read मरूधर रा मिनखं नेह नैठाव मोकळौ, निरमळ ज्यांरा भाव। मुरधर वाळा मांनवी, दया धरम दरियाव।। © जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️ Rajasthani · मरूधर रा दोहा 50 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 3 Aug 2024 · 1 min read मारगियां हैं तंग, चालो भायां चेत ने। मारगियां हैं तंग, चालो भायां चेत ने। जीवण हंदी जंग, जग में दोरी जीतणी।। © जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️ Rajasthani · सोरठा छंद 39 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 3 Aug 2024 · 1 min read सोरठौ बोलें कूड़ करोड़, रिदै कपट रो मानवी। नातौ उणसूं तोड़, जीते हमेस जीतिया।। © जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया...✍️ Rajasthani · सोरठा छंद 55 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 3 Aug 2024 · 1 min read मिनख रो नही मोल, लारे दौड़ै गरत्थ रे। मिनख रो नही मोल, लारे दौड़ै गरत्थ रे। करै धूड़ रो तोल, जगत मांयनै जीतिया।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️ Rajasthani · सोरठा छंद 35 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 3 Aug 2024 · 1 min read सोरठौ भयहर राखै भांन, सकल जीव संसार रो। सगळा अेक समान, जात भाळै न जीतिया।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया...✍️ Rajasthani · सोरठा छंद 69 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 3 Aug 2024 · 1 min read रिळमिळ रहणौ रिळमिळ रहिजै राज में, मीठो बोली मीत। सुकरत करलै साधना, इण में थारी जीत।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया...✍️ Rajasthani · नीति के दोहे 65 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 3 Aug 2024 · 1 min read मरूधर रा मिनखं मन रा भोळा मांनवी, मिनखपणै री खांण। धोरां वाळे देसड़ै , सगळां मिनख सुजांण।। © जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️ Rajasthani · मरूधर रा दोहा 71 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 3 Aug 2024 · 1 min read धोरां वाळो देस रूड़ी रीतां आपणीं, रूड़ा अपणां वेस। रूड़ौ लागै जगत में, धोरां वाळौ देस।। © जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया...✍️ Rajasthani · मरूधर रा दोहा 44 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read सूरवीर कर करवाळां चमकती, चंचळ चढ्यां सूर। रण में रमता देख ने, दुसमण भागे दूर।। © जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया...✍️ Rajasthani · वीर रस के दोहे 71 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read रणबंका राठौड़ कीरत इळां पर उजळी, मुरधर माथै मोड़। सीस बिन संग्राम लड़ै, रणबंका राठौड़ ।। © जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया...✍️ Rajasthani · वीर रस के दोहे 88 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read महिमां मरूधर री संत सती अर सूरमां, भल केसरियां भेस। सोभा अनहद सोवणी, म्हारो मरुधर देस।। © जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया...✍️ Rajasthani · मरूधर रा दोहा 44 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read गणपति वंदना सुध बुध दहिजौ सारद माता सकल क्लेश हरो ग्यांन ध्यान रा भरौ भंडारा दुरमति दूर करौ रे गणपत मो पर मेहर करो रे। विघ्न विकारां मार हटावो सेवग सहाय विचारों... Rajasthani · मारवाड़ी भजन 75 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read मायड़ भासा मावड़ी, परथमी पर पिछांण। मायड़ भासा मावड़ी, परथमी पर पिछांण। सींवू मणियां सबद रा, घणौह करै गुमांण।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया...✍️ Rajasthani · मायड़ भासा के दोहे 64 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read जूनी बातां वात मांडे वागलो हुंकारों देय कागलो थ्है ही ढोर चारता म्हे ही ढोर चारता चारता चारता कांटो भागो कांटो दीधो चूलां नै चूलै दीधी रोटी रोटी दीधी कुतां नै कुतै... Rajasthani · कविता 73 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read वीरता रो बखांण कटया पण हटया नही, जमया रण में जोर। इलां माथै अमर हुआ, ठावी पाई ठौर।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️ Rajasthani · वीर रस के दोहे 49 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read मायड़ भासा री मानता मुरधर रो म्हूं मानवी, मांडू अपणी भास। मिळसी अेक'र मानतां, अंतस राखूं आस।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️ Rajasthani · मायड़ भासा के दोहे 25 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read नीति री बात रहे सधीरो हेत सूं, वचन विचारें भाख। अपणायत उमडै़ घणीं, हुवै सवायी साख।। जितेन्द्र गहलोत 'धुम्बड़िया'...✍️ Rajasthani · नीति के दोहे 56 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read विरह रस क्यूं कळपावै कांमणी , क्यूं नह लेवै सार। विरह वेदना जळ रयो, क्यूं थूं राखै खार।। जितेन्द्र गहलोत 'धुम्बड़िया'...✍️ Rajasthani · पुरूष विरह के दोहे 50 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read जस जालोर रो जोधा कुल होयो जबर, डंक बज्यो चहुओर। वीरमदे री वीरता , जस रखियो जालोर।। © जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया...✍️ Rajasthani · वीरमदे के दोहे 35 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read सोभा मरूधर री धिन धोरां रा मानवी , धिन धोरां री रीत। गांव सै'र अर ढाणियां, पाळै रूड़ी प्रीत।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया...✍️ Rajasthani · मरूधर रा दोहा 50 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read पाप मती कर प्राणिया, धार धरम री डोर। पाप मती कर प्राणिया, धार धरम री डोर। जमड़ा घेरो घालसी, जाबक चलै न जोर।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया...✍️ Rajasthani · नीति के दोहे 51 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read परमारथ कर प्राणिया, दया धरम अर दान। परमारथ कर प्राणिया, दया धरम अर दान। ईसर अवस रखावसी , जुग में थांरी स्यान।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया...✍️ Rajasthani · नीति के दोहे 30 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read विरह रस प्रीत करी परबस हुयौ , चुभै काळजै सूळ। कांमण किणविध पांतरी, कांई रहगी भूल।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया...✍️ Rajasthani · पुरूष विरह के दोहे 28 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read विरह रस बिछडण थांरो बावळी , मनड़ा मांय कळैह। विरह अगन मं दाझणों, अंतस आग बळैह।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया...✍️ Rajasthani · पुरूष विरह के दोहे 49 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read बाण मां के दोहे दैवळ चमकै दीवलां, जगमग जळती जोत। सेवा करै सीसोदिया, गुण गावै गहलोत।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️ Rajasthani · बाण माताजी के दोहे 67 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read बाण मां के दोहे उठतां दरसण आपरां, मायड़ राखो लाज। नैड़ी न आवै विपदा, सकल सुधारौ काज।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️ Rajasthani · बाण माताजी के दोहे 79 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read कुण हैं आपणौ कुण हैं आपणौ अर कुण हैं परायौ इण जीयांजूण री भागम दौड मे की ठांह कोनी पड्यो जणै घणी जरुत पड़ी तौ दूंजा भाई सैण कामै आयां आपणां वाळां तौ... Rajasthani · कविता 92 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read बाण मां के दोहे मनवौं मस्त मगन भयो, आयौ जद दरबार। भूल्यौ सब भ्रम जाळ नै, मां रो कर दीदार।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया...✍️ Rajasthani · बाण माताजी के दोहे 65 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read बाण मां के दोहे ऊंच नीच भाळै नही, छोटा बड़ा न भेद। ममता री थ्हूं मूरती , महिमां भाखै वेद।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️ Rajasthani · बाण माताजी के दोहे 70 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read बाण मां के दोहे भीड़ पड़ै जद भगत पर, आधै हेलै आय। दयाळु बायण मावड़ी, संकट दै सुळटाय।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️ Rajasthani · बाण माताजी के दोहे 76 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read बाण मां के दोहे उठतां ध्यावूं आपनै, रसना पर नित नाम। बायण हेलौ सांबळै, सारै सगळां काम।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️ Rajasthani · बाण माताजी के दोहे 67 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read बाण मां के दोहे सुख करणी दुख हरणी, मोटी थूं महमाय। छत्तर छांया राखजै , नमो नमो सुरराय।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️ Rajasthani · बाण माताजी के दोहे 87 Share Previous Page 3 Next