DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 213 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 6 Mar 2019 · 1 min read ।। आओ मिलकर पेड़ लगाए ।। पेड़ उगाओ भरपूर उगाओ प्रकृति की गोद मे जीवन बिताओ हरियाली सा जीवन को सीमेंट का जंगल मत बनाओ सुख रही है धरती देखो बारिश के रूठ जाने से पेड़... Hindi · कविता 193 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 6 Mar 2019 · 1 min read विचार जो चाहोगे वो पाओगे जीवन क्या है प्रतिरूप विचारो का शरीर क्या है दर्पण विचारो का जो सोचते हो बन जाते हो जीवन के हर लक्ष्य पा लेते हो गरीबी... Hindi · कविता 255 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 6 Mar 2019 · 1 min read ........।।। हम कसौधन है ।।।...... भले ही दृष्टिकोण अलग है लेकिन दृष्टिलक्ष्य एक है हम कसौधन है। कांटो से भरी आसान नही राह लेकिन लोग साथ है हम कसौधन है। कथा नही, साक्षी भाव मे... Hindi · कविता 355 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 6 Mar 2019 · 1 min read मौत मौत एक जिद्दी सा मेहमान है वही ज़िंदगी का आखरी सच है चल जाये दुबारा सांसे हर ज़िंदगी की यही आखरी ख्वाहिश है कान तक नही पंहुचती फरियादें ना चेहरा,... Hindi · कविता 282 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 6 Mar 2019 · 1 min read जाग कसौधन, वीर कसौधन जाग कसौधन, वीर कसौधन, मन का दिप जला! गाँव शहर में है अंधियारी गली गली में है चिंगारी उस चिंगारी को मशाल बनाकर एक नया इतिहास बना !! धीरे धीरे... Hindi · कविता 557 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 6 Mar 2019 · 1 min read प्रतिबिम्ब आईने के इस शहर में हर चेहरा अपना सा लगता हैं मैं रूखा रूखा तो सब रूखे रूखे मैं खुशियों का सागर तो सब मौजी लहरें सी लगती है मैं... Hindi · कविता 1 445 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 5 Mar 2019 · 1 min read अपने सपनो को कस कर पकड़ना अपने सपनो को कस कर पकड़ना चुराने वाले बहुत कुछ चुरा ले जाएंगे तुम्हारे सपनो को भी चुरा लिया जाएगा तुम पर हसेंगे, हसाएंगे मज़ाक उड़ाएंगे, बहकाएँगे तुम अपने सपनो... Hindi · कविता 1 288 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 5 Mar 2019 · 1 min read अपने नज़रिए की खिडकी चलो आज अपने नज़रिए की खिडकी के कांच साफ़ करते है बचपन मे यह खिड़की की कांच कोरी साफ़ सुथरी थी गलत मान्यताएं कटु अनुभव, अपेक्षाओं ने कांच को मटमैला... Hindi · कविता 1 245 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 5 Mar 2019 · 1 min read सलाम दुआ करते चलना सलाम दुआ करते रहना ज़िन्दा हो तो ज़िन्दा नज़र आते रहना कभी गलत फहमी हो तो पहले उसे धो देना मन के जालों को साफ करना भट्टी के कच्ची हांडी... Hindi · कविता 1 262 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 5 Mar 2019 · 1 min read वक्त बेवक्त खुद को रोज़ पढ़ता हूँ ज़िन्दगी की किताब मे देर सबेर चले आते है यादो के साये में देखो गुजर रहा है ज़िन्दगी का यह पन्ना फिर एक दिन याद... Hindi · कविता 1 283 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 5 Mar 2019 · 1 min read उस पार चल उठ, नया आकाश, राह तके .. जीवन की नैया को पार लगा उस पार जंहा मानवता का मानवता से प्रेम है.. इंसानो की भीड़ में, ना कोई अकेला ना... Hindi · कविता 1 229 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 5 Mar 2019 · 1 min read युद्ध कर अपना अवरोध ना बन तू आगे बढ़ युद्ध कर अपने विकार को समाप्त कर बस युद्ध कर जीवन एक उपहार है यूँ न उसे नष्ट कर तू आगे बढ़ तू... Hindi · कविता 1 391 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 5 Mar 2019 · 1 min read प्रतिबिम्ब आईने के इस शहर में हर चेहरा अपना सा लगता हैं मैं रूखा रूखा तो सब रूखे रूखे मैं खुशियों का सागर तो सब मौजी लहरें सी लगती है मैं... Hindi · कविता 1 272 Share Previous Page 5