Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक Language: Hindi 200 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 25 Apr 2017 · 1 min read कलम कलम लिख दे,गीत गाए भारती| आम-जन दौड़े-उतारे आरती| दिव्यता देती, मनुज को प्रीति कब? जब निशा, ज्ञानग्नि से जल हारती| नर, तभी यश-मान का शुभ भाल है | सजगता के... Hindi · मुक्तक 4 4 819 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 24 Apr 2017 · 1 min read 🚩सहज बने गह ज्ञान,वही तो सच्चा हीरा है । जो विष को पीना जाने, वह ही तो मीरा है। मूरख के आगे, अक्ली की बोली तीरा है। कड़क वाक् से सीख ग्रहण कर लेता जो तज-ताप। सहज बने गह... Hindi · मुक्तक 1 1 825 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 15 Apr 2017 · 1 min read तरुण वह जो भाल पर लिख दे विजय। तरुण वह जो भाल पर लिख दे विजय । शरम से आँखें झुकाता है प्रलय । जाग ! सद्नायक बने औ बना दे। राष्ट्र-तम पर अरुण-आभा का निलय। -------------------------------------------- बृजेश... Hindi · मुक्तक 4 872 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 14 Apr 2017 · 3 min read "पं बृजेश कुमार नायक"(Pt. Brajesh kumar nayak)का संक्षिप्त परिचय ✓"पं बृजेश कुमार नायक" एक भारतीय हिंदी कवि हैं। उत्कृष्ट साहित्यिक सेवाओं के लिए आप विद्यासागर, हिंदी-सागर,प्रेम-सागर, विद्यावाचस्पति, साहित्य गौरव , जालौनरत्न और साहित्य भूषण सहित अब तक 16 से... Hindi · पं बृजेश कुमार नायक का परिचय 2 1 8k Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 12 Apr 2017 · 1 min read खींचो यश की लम्बी रेख 'नायक' अपनी छवि को देख। लिखोआप मानवता लेख । छोड़ ईर्षा-भ्रम का थैला । खींचो यश की लम्बी रेख । ----------- ●मेरी कृति "पं बृजेश कुमार नायक की चुनिन्दा रचनाएं"... Hindi · मुक्तक 1 1 798 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 11 Apr 2017 · 1 min read जन्मोत्सव अभिनंदन यह जग करे , निर्मल बनो सुजान| जन्मोत्सव पर मिले नव, दिव्य-पृथक् पहचान|| दिव्य-पृथक् पहचान, शिखर-मग छुए ज्ञान -डग| चित् पाए अनुराग, मिले पोषक उड़ान जग|| कह "नायक" कविराय... Hindi · कुण्डलिया 1 507 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 10 Apr 2017 · 1 min read मुस्की दे, प्रेमानुकरण कर लेता हूँ बैरी से भी ज्ञान ग्रहण कर लेता हूँ । अमल भाव में चार चरण कर लेता हूँ। दुख में भी है बोध, सजग 'नायक' बनकर। मुस्की दे, प्रेमानुकरण कर लेता... Hindi · मुक्तक 2 1 889 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 9 Apr 2017 · 1 min read लंबे चौड़े दिखें, किंतु है खाली बक्सा (मुक्त छंद) "नायक" आधी मुड़ाकर, मार रहे हैं धाँक| ना सज्जन से दिख रहे, ना गुंडा की बाँक|| ना गुंडा की बाँक ,बने आधे मुछमुंडा| फिरहुँ कह रहे हम हैं... Hindi · कविता 389 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 9 Apr 2017 · 1 min read जल रहे अज्ञान बनकर, कहेें मैं शुभ सीख हूँ श्रेष्ठ ,ईर्ष्यमाण बन जाए, मैं नीचे ठीक हूँ। उच्चता सद्भाव सह फनकार की तकनीक हूँ। हँस रहा सद्ज्ञान उन पर,जो हृदय काला किए। जल रहे अज्ञान बनकर ,कहें मैं शुभ... Hindi · नायक जी के मुक्तक 498 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 8 Apr 2017 · 1 min read मनुज विश्व-मल ढो रहा, बनकर जगत्-कहार /गाँव सुविकसित तभी जब क्षरे हृदय-मल-चूल बेशर्मी की नाक बन ,फैला भ्रष्टाचार| मनुज विश्व -मल ढो रहा, बनकर जगत् -कहार| कैसे राष्ट्र-प्रसन्नता, का फूलेगा फूल ? गाँव सुविकसित तभी जब,क्षरे हृदय-मल-चूल| बृजेश कुमार नायक जागा हिंदुस्तान... Hindi · दोहा 1 466 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 8 Apr 2017 · 1 min read जगत कंटक बिच भी अपनी वाह है | पुरस्कारों की, न मुझको चाह है। खिलखिलाहट से हमारा ब्याह है। माँग ना यश की, रहाआनंद में जगत् -कंटक बिच भी अपनी वाह है। बृजेश कुमार नायक "जागा हिंदुस्तान चाहिए"... Hindi · नायक जी के मुक्तक 627 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 7 Apr 2017 · 1 min read फूल मैं/ प्रीति के अनुकूल-सा दोपहर की धूल में, पड़ा,दूँ सुख-चूल मैं| गम न, मुझको रौंद दो| पैर तुम ,तो फूल मैं| दिव्यता की चूल-सा| सुगंधित गुण-फूल-सा| भारतमय उपवन है| प्रीति के अनुकूल-सा| बृजेश कुमार... Hindi · मुक्तक 853 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 7 Apr 2017 · 1 min read 🚩उन बिन, अँखियों से टपका जल। 🧿 उन बिन,अँखियों से टपका जल। अमल कपोलों पर अटका जल। 🧿 घन गरजे , चमकी बिजली तो, झटका लगा, हृदय खटका जल। 🧿 आई आहट ,आँख गढ़ गई। मुस्काया,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 591 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 6 Apr 2017 · 1 min read हिंद मैला ढो रहा है, नशा की जम्हाई है/कह रही हैं नशा कर लो दूर होंगीं व्याधियाँ/ स्वयं निज की पीर भूले, नशा- हिंदुस्तान बन जनम भू पर आज क्यों, तम-अमावस्या छाई है| हिंद मैला ढो रहा है, नशा की जम्हाई है || आदमी नंगा खड़ा या अशिक्षा की आँधिंयाँ | कह रहीं हैं, नशा... Hindi · शेर 1k Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 6 Apr 2017 · 1 min read तभीआनंदित हृदयअविराम हो | जागरण दीपक बनो, सम्मान हो | विचारों की सुगति की पहचान हो | स्वयं को विकसित करो, निज तम हरो | तभी आनंदित हृदयअविराम हो | बृजेश कुमार नायक "जागा... Hindi · मुक्तक 624 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 5 Apr 2017 · 1 min read जो पकड़े वह उर बने, गहन सहजता हर्ष|/ निज को जानो, तब मिले, प्रीति ह्रदय का सिंधु| संस्कृति प्रेमाकाश सह, दिव्य ज्ञान-उत्कर्ष| जो पकड़े, वह उर बने, गहन सहजता-हर्ष|| मत भटको, निर्मल बनो, पकड़ चेतना -बिंदु| निज को जानो, तब मिले, प्रीति-हृदय का सिंधु|| बृजेश कुमार नायक... Hindi · दोहा 523 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 4 Apr 2017 · 1 min read कौन कहता कि स्वाधीन निज देश है? कौन कहता कि स्वाधीन निज देश है? कोख पर नग्नता नाचती ठेश है । बद् कुपोषण-अशिक्षा का अंधा चलन। सह रहा अब भी नर,व्याधि-पीड़ा -जलन। बढ़ रहा, भ्रष्टतारूपी मल-बदचलन। हाय... Hindi · गीत 2 1 585 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 4 Apr 2017 · 1 min read इसलिए कठिनाईयों का खल मुझे न छल रहा। दीप बनकर मैं, घनी- काली निशा में जल रहा। ज्ञानमय पावन सुपथ सह जागरण बन चल रहा। आप सब के नेह ने, मुझको दिया है हौसला, इसलिए कठिनाईयों का खल... Hindi · नायक जी के मुक्तक 864 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 3 Apr 2017 · 1 min read पकड़ो आत्म-सुबोध,दिव्य गुरु का साया तुम तुम ,नव संवत पर बनो, मानवता-महबूब| ग्रहण करो सद्ज्ञान तब, परमानंदी-खूब|| परमानंदी-खूब, मिलेअनुपम विकास-कन| अमल प्रेममयरूप,और सद्गुण-प्रकाश मन|| कह "नायक" कविराय, छोड़ दो जग-माया-दुम| पकड़ो आत्म-सुबोध,दिव्य गुरु का साया तुम||... Hindi · कुण्डलिया 745 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 3 Apr 2017 · 1 min read बन जाओ कोयल कोयल मीठा बोल कर,प्राप्त करे सम्मान। हर्षित कर जन-हृदय को, बन गई मृदुल-महान।। बन गई मृदुल- महान , कुरस बाणीमय कौवा। सहे नित्य दुत्कार,बन गया जग- भ्रम-हौवा।। कह "नायक" कविराय... Hindi · कुण्डलिया 457 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 2 Apr 2017 · 1 min read समय-सुगति पहचान , यही है संसारी सच सच बसंत ऋतु आ गई,कोंपल बनी प्रधान| प्रिया होंठ मुस्कुराहट, छोड़ें, तज अवशान|| छोड़ें, तज अवशान,फूल पर भँवरा आया| शुभ पुरवाई संग, शांतआँचल लहराया|| कह "नायक" कविराय,परिंदे नचें व्योम बिच|... Hindi · कुण्डलिया 781 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 2 Apr 2017 · 1 min read समल चित् -समान है/प्रीतिरूपी मालिकी/ हिंद प्रीति-गान बन (1) समल चित् -समान है ........................... सजगताभिमान है। सुबुधि गह महान है। भाव बिन सदैव नर। समल चित्-समान है। चित्=चित्त (2) प्रीतिरूपी मालिकी ......................... ईश-पथ का जाम पी, बनो ज्ञान... Hindi · नायक जी के मुक्तक 621 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 1 Apr 2017 · 1 min read और दिव्य सद्ज्ञान,प्राप्तिहित गुरु-गुण गह जन जन गह कर ज्ञ-उच्चता, बने नेह-सद्हर्ष | देव-तुल्य सम्मान का, छू ले वह उत्कर्ष || छू ले वह उत्कर्ष ,बोधमय शुभ सूरज बन| पकड़ सघन आनंद , मुस्कराए जग-भ्रम हन||... Hindi · कुण्डलिया 482 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 1 Apr 2017 · 1 min read प्रेम बनो,तब राष्ट्र, हर्षमय सद् फुलवारी फुलवारी में फूलते, बहु रंगों के फूल। पवन चली,चुंबन सहित,बने प्रीतिमय चूल।। बने प्रीतिमय चूल ,सदा हँसते-इठलाते। हिल-मिलकर सद्भाव, नेह का पाठ पढ़ाते।। कह "नायक" कविराय, ज्ञान गह,द्वंद मदारी, प्रेम... Hindi · कुण्डलिया 1 821 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 1 Apr 2017 · 1 min read मेरी भी चिंता करो, सोच रहे हैं दांत/ बना भ्रांति-लांगूट यही है जगत् की वमन बमन कर रहा क्रोध की, उछल -उछल नौ हाथ| मेरी भी चिंता करो, सोच रहे हैं दांत|| सोच रहे हैं दांत, नाथ पर हम शर्मिंदा| हिंसक मेरा नाम, आदमी का... Hindi · कुण्डलिया 777 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 31 Mar 2017 · 1 min read कलम के सिपाही कलम के सिपाही नमन तुमको मेरा। निशा-मध्य फैलाओ अनुपम सवेरा। सुलेखन करो पर कभी भी रुको ना। जाग्रति-सघनता से छूटे न कोना। प्रेमी प्रबलता का लगने दो फेरा। कलम के... Hindi · गीत 3 2 1k Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 30 Mar 2017 · 1 min read सुदामा/आत्म ज्ञान के पथिक, प्रेम की वसुंधरा वह (1) प्रेमी के हित कृष्ण ने, समता रख मान| राज्यसभा से दौड़ कर, रखा सखा का मान|| रखा सखा का मान, दे दिया आधा आसन| अश्रुधार बौछार, भाव से देखे... Hindi · कुण्डलिया 1 1 799 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 29 Mar 2017 · 1 min read बन विवेक-आनंद,कह रहा संवत्सर नव नव संवत्सर पर बनो, आप ज्ञानमय प्राण| तब ही राष्ट्र प्रसन्न जब, सब का हो कल्याण|| सबका हो कल्याण, जाग,कुछ पाना सीखो| तजकर मन का मैल, मुस्कराना भी सीखो|| कह... Hindi · कुण्डलिया 852 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 28 Mar 2017 · 1 min read 🚩साल नूतन तुम्हें प्रेम-यश-मान दे। 🚩 साल नूतन तुम्हें प्रेम-यश-मान दे। नित वसंती हवाओं का अनुदान दे। 🧿 दिल तुम्हारा सदा ही सुहावन रहे। मन अमलता ग्रहण कर के पावन रहे। आतमा जागे, आनंद का... Hindi · गीत 2 1 1k Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 26 Mar 2017 · 1 min read पत्नी जब चैतन्य,तभी है मृदुल वसंत। ( मुक्त छंद) जाया, सो गई रेल में, यात्रा हुई अनाथ । बातों के बिन मन बना, निर्धन की फुटपाथ।। निर्धन की फुटपाथ,समस्या दिल की दूनी। पुनि जल गई है... Hindi · कविता 1 1 1k Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 25 Mar 2017 · 1 min read चमन-सदृश गुणबान , प्रीति बन कहते गांधी गांधी जी की जयंती, सत्य-अहिंसा-प्रेम| पाठ पढ़ो औ जानकर, धारण करिए नेम|| धारण करिए नेम, बनो शीतलतामय वट| पोषण से भर धरा, बनो सद्बोधी-जीवट|| कह "नायक" कविराय, रुके अज्ञानी आँधी|... Hindi · कुण्डलिया 1 1 827 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 25 Mar 2017 · 1 min read नहीं चैन में कोई, छोड़ दो कक्का बीड़ी /सूरज नाम परंतु, पी रहे बुद्धू-बीड़ी बीड़ी औ सिगरेट पी, पत्नी को दें ज्ञान| कहें नहीं दिखला मुझे, मद की ऊँची तान|| मद की उँची की तान,दिखाती खाकर मेरा| नाती से कह रही ,नशेड़ी बब्बा तेरा||... Hindi · कुण्डलिया 775 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 24 Mar 2017 · 1 min read कैसें दिखे स्वराज,हृदय है जब बिन भाव भाव बिना गणतंत्र दिन, घटना बना सुजान| गुण गायन कर बीर का, भूले दे सम्मान|| भूले दे सम्मान, चल गई भ्रम की आँधी| फूल-माल गह टँगे, पुनः खूँटीं पर गांधी||... Hindi · कुण्डलिया 541 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 24 Mar 2017 · 1 min read नहीं भटकिए आप, मिलेंगे यम कुछ आगे आगे मंदिर कृष्ण का, पीछे आश्रम-धाक| आँगन में फिर भी चले, प्रतिदिन द्वंद-पिनाक|| प्रतिदिन द्वंद-पिनाक, करेला नीम चढ़ा है| साँप लोटते साथ, मनुज कें सींग कढा है|| कह "नायक" कविराय,... Hindi · कुण्डलिया 507 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 23 Mar 2017 · 1 min read गहन बोध-आलोक, लोक का कल है बेटी/ पकड़ प्रीति को कहो एक हैं बेटा-बेटी बेटा-बेटी सम समझ,कर समता जलपान| दो संताने बहुत हैं,पकड़ राष्ट्रहित ज्ञान|| पकड़ राष्ट्रहित ज्ञान, गुणीं बन, तज शैतानी| फैला प्रेम-सुगंध, त्याग कलुषित मनमानी|| कह "नायक" कविराय, कहो नहिं कि वह... Hindi · कुण्डलिया 441 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 23 Mar 2017 · 1 min read अनपढ़ दिखे समाज, बोलिए क्या स्वतंत्र हम हम स्वतंत्रता दिवस पर, करते उनको याद। जो शहीद बन आज भी, करें दिलों पर राज।। करें दिलों पर राज, उने हम फूल चढ़ाते। इति करके हर वर्ष, जगत् में... Hindi · कुण्डलिया 651 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 22 Mar 2017 · 1 min read योग रूप की धार, न कम करना श्री योगी योगी जी की सुबुधि में, सदा ज्ञान की आग। दिखा किंतु दिल में परम, प्राणि मात्र अनुराग।। प्राणिमात्र अनुराग, बात ही है कुछ ऐसी। सुहृद् प्रदेश प्रधान, सुकृति शुभ संतो... Hindi · कुण्डलिया 847 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 22 Mar 2017 · 1 min read चेतन बनिए आप, नशा दुख की जड़ काका काका पीकर चिलम नित, बने साँस का रोग| समल जगत् का रूप गह , फँसें, बने तम भोग|| फँसे, बने तम-भोग, और भ्रमरूपी हुक्का| नाच रहे फेफड़ा, नाचता जैसे छक्का||... Hindi · कुण्डलिया 1 792 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 21 Mar 2017 · 1 min read जस भोजन, तस आप, पियो मत धारा गंदी गंदी नाली बन गया पी शराब की धार| गिरवी रखा समूल मन, गहकर जगत्-विकार|| गह कर जगत्- विकार, बन गया भ्रम का साया| आत्म-ह्रास-संताप, बढा हो गया सवाया|| कह "नायक"... Hindi · कुण्डलिया 2 2 476 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 21 Mar 2017 · 1 min read बने व्याधि के पूत, हाँफते पीकर गाँजा गाँजा-चरस-अफीमची,बन सिकुड़ी है खाल| जब-बंधन की खाट पर, ठोक रहे भ्रम-ताल|| ठोक रहे भ्रम-ताल, काल के आगे हँसकर| सोख रहे निज रक्त, दंभ की मग में बस कर|| कह "नायक"... Hindi · कुण्डलिया 2 1k Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 20 Mar 2017 · 1 min read सदा ज्ञान जल तैर रूप माया का जाया जाया करवा-चौथ व्रत, रख देती उपदेश। फिक्र कि अगले जनम में ,पुनि फँस गया बृजेश।। पुनि फँस गया बृजेश, पुनः जयमाला आयी। हाय ! हमारे अग्र, बुड्ढिया ताल बजाई।। कह... Hindi · कुण्डलिया 1 849 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 20 Mar 2017 · 1 min read मारे ऊँची धाक,कहे मैं पंडित ऊँँचा ऊँचा मुँह कर बोलते, *गुटखा खा श्रीमान। गाल छिले, फिर भी फँसे, बहुत बुरा अभिमान ।। बहुत बुरा अभिमान ज्ञान की त्यागी बातें। निज मन के बस हुए,खा रहे दुख... Hindi · कुण्डलिया 549 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 19 Mar 2017 · 1 min read फूल-सम हर हाल पर/ प्रीति हिंदुस्तान बन (1) फूल-सम हर हाल पर ........................... द्वंदमय जग-डाल पर, ज्ञान-कंटक ख्याल कर | फूलिए सुबोधी बन| फूल-सम हर हाल पर | (2) प्रीति हिंदुस्तान बन .......................... देश का सम्मान बन... Hindi · मुक्तक 716 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 18 Mar 2017 · 1 min read भाव, सघन चेत का/ फूल हँसें एक बन (1) भाव,सघन चेत का ..................... फूल,शुष्क खेत का| गम न कभी रेत का| गुण, सुगंध दे बने| भाव,सघन चेत का | (2) फूल हँसें एक बन ...................... राष्ट्रहित सु-नेक बन|... Hindi · मुक्तक 805 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 18 Mar 2017 · 1 min read कहीं से न पौन है|/ज्ञान-प्रेम भक्त बन| (1) कहीं से न पौन है ....................... ज्ञान की सु गोन है| सहज और मौन है| 'नायक'वह प्रेममय| कहीं से न पौन है| ( 2) ज्ञान-प्रेम-भक्त बन ....................... नहीं मोह-ग्रस्त... Hindi · मुक्तक 564 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 17 Mar 2017 · 1 min read निज उर-तकदीर पर/सुबुधि ज्ञान हीर कर | रो मत जग-पीर पर| सुबुधि, ज्ञान-हीर कर| आत्म-सुख लिखो स्वयं| निज उर-तकदीर पर| बृजेश कुमार नायक "जागा हिंदुस्तान चाहिए" एवं "क्रौंच सुऋषि आलोक" कृतियों के प्रणेता नि - सुभाष नगर... Hindi · मुक्तक 674 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 17 Mar 2017 · 1 min read फूल हूँ नेह-रूप चूल हूँ | आनंदी मूल हूँ | जागरण-सु तूल बन | हसूँ, क्यों कि फूल हूँ| बृजेश कुमार नायक जागा हिंदुस्तान चाहिए एवं क्रौंच सुऋषि आलोक कृतियों के प्रणेता... Hindi · मुक्तक 642 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 16 Mar 2017 · 2 min read राष्ट्र वही है विकसित जागी जहाँँ जवानी वर्तमान समाज भौतिकता की चकाचोंध में फँस कर स्वयं को ही दाव पर लगा बैठा है| प्रकृति के चक्र से किसी को बच निकलने की छूट नहींहै| उसकी कर्मों के... Hindi · लेख 1 1 817 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 15 Mar 2017 · 1 min read राष्ट्र वही है विकसित जागी जहाँ जवानी (मुक्त छंद) अटल आत्मविश्वास, बज्र-सा मानस तेरा | जिस दिन बन जाएगा उस दिन नया सवेरा|| दिखलायेगा उन्नति का सूरज चढ़ता-सा| होगा सत्यानाश दीनता औ जड़ता का || कह "नायक"... Hindi · कविता 663 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 14 Mar 2017 · 1 min read कोई ज्यादा पीड़ित है तो कोई थोड़ा (मुक्त छंद) सफरचट्ट, मक्खीकट, पतली, कभी ऐंठ में मूँछ। कभी- कभी लाचार दिखे जैसे कुत्ते की पूँछ ।। ज्यों कुत्ते की पूँछ, मूँछ की हालत ऐसी । बिना मूछ वाली... Hindi · कविता 805 Share Previous Page 3 Next