डी. के. निवातिया Language: Hindi 387 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Next डी. के. निवातिया 27 Jun 2018 · 1 min read काम बाकी है अभी बहुत से काम बाकी है जुड़ना नाम से नाम बाकि है ! अपने हौसलों को उड़ान दे अभी पाना मुकाम बाकी है ! लुटाई है जो नेमत बेपनाह मिलना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 499 Share डी. के. निवातिया 21 May 2018 · 1 min read ज़लवा दिखाओ तो जाने ज़लवा दिखाओ तो जाने *** आज भी पहले सा मुस्कराओ तो जाने फिर से वही ज़लवा दिखाओ तो जाने !! मुहब्बत को तरस गयी है प्यासी निगाहें फिर उसी मंज़र... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 242 Share डी. के. निवातिया 4 Apr 2018 · 1 min read ज़रा खुलने तो दो - डी के निवातिया शेर सारे पढ़े जायेंगे तुम्हारे मतलब के ज़रा खुलने तो दो बाते तमाम होंगी वफ़ा संग बेवफाई की ज़रा घुलने तो दो !! हर रंग के गुलों से सजायेंगे, ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 313 Share डी. के. निवातिया 28 Mar 2018 · 1 min read धैर्य की परीक्षा – डी के निवातिया धैर्य की परीक्षा *** अब न खाली हो किसी माँ की गोद, कोई लाल अब न फ़ना हो कब तक देनी होगी धैर्य की परीक्षा, अब कोई नियम बना दो... Hindi · कविता 2 457 Share डी. के. निवातिया 24 Jan 2018 · 1 min read हाँ मैं वही बसंत हूँ हाँ मैं वही बसंत हूँ ...... जो कभी नई कोंपलो में दिखता था कलियों में फूल बनकर खिलता था हवाओ संग ख़ुशबू लिए फिरता था चेहरों पे नई उंमग लिए... Hindi · कविता 2 507 Share डी. के. निवातिया 17 Jan 2018 · 2 min read शिक्षा ही वरदान है – डी के निवातिया शिक्षा ही वरदान है *** कल ही की बात है गावं से मैं गुज़र रहा था बुजर्गो की जमात से चौपाल जगमगा रहा था चर्चा बड़ी आम चली थी सबके... Hindi · कविता 2 369 Share डी. के. निवातिया 17 Jan 2018 · 1 min read गुनगुनी सी धूप — डी के निवातिया गुनगुनी सी धूप शरद ऋतू में पीली सुनहरी गुनगुनी सी धूप कुहासे की श्वेत चादर में लिपटे रवि का रूप फुर्रफुराती कलँगी में डाल-डाल फुदकते पंछी अच्छा लगे अलसायी बेलो... Hindi · मुक्तक 3 438 Share डी. के. निवातिया 17 Jan 2018 · 2 min read शब्द विवेचन- मेरा आईना- प्रेम शब्द विवेचन – “प्रेम” शब्द माला के “प” वर्ग के प्रथम और व्यंजन माला के इक्कीस वे अक्षर के साथ स्वर संयोजन के बना “अढाई अक्षर” का शब्द “प्रेम” स्वंय... Hindi · लेख 1 390 Share डी. के. निवातिया 17 Jan 2018 · 1 min read यशोदा तेरा ललन बड़ा निराला - डी के निवातिया यशोदा तेरा ललन बड़ा निराला *** हलधर का भाई, नन्द का लाला, यशोदा तेरा ललन बड़ा निराला, बड़ा निराला, मैया बड़ा निराला, यशोदा तेरा ललन बड़ा निराला !! कमर जिसकी... Hindi · गीत 1 337 Share डी. के. निवातिया 17 Jan 2018 · 1 min read काहे भरमाये - डी के निवातिया काहे भरमाये *** काहे भरमाये, बन्दे काहे भरमाये नवयुग का ये मेला है बस कुछ पल का खेला है आनी जानी दुनिया के रंग मंच पे नहीं तू अकेला है... Hindi · गीत 1 542 Share डी. के. निवातिया 17 Jan 2018 · 1 min read अफ़सोस न कर - डी के निवातिया अफ़सोस न कर *** मेरे वतन के हिस्से ये सौगात हर बार मिली है ! कभी गूंगो की कभी बहरो की सरकार मिली है !! किसी में हुनर सुनने का,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 391 Share डी. के. निवातिया 21 Dec 2017 · 3 min read दिवंगतों को मत बदनाम करो दिवंगतों को मत बदनाम करो *** अपने पूर्वजो की गैरत कटघरे ला दी तुमने आकर मीठी बातो में ! सत्तर साल की कामयाबी मिटा दी तुमने आकर के जज्बातो में... Hindi · कविता 2 274 Share डी. के. निवातिया 4 Dec 2017 · 1 min read बार-बार - गज़ल/गीतिका - डी के निवातिया बार-बार *** वो कौन है जो दिल को दुखाता है बार-बार ! अश्क बहते नहीं दिल कराहता है बार-बार !! वफ़ा संग बेवफाई दस्तूर पुराना है जमाने का फिर क्यों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 785 Share डी. के. निवातिया 3 Nov 2017 · 1 min read आला-रे-आला आला-रे-आला *** आला-रे-आला, सुन मेरे लाला, लगा ले अपनी जुबान पे ताला जो बोलेगा सच्ची सच्ची बाते, किया जायेगा उसका मुँह काला वतन व्यवस्था का टूटा पलंग है चरमारती अर्थव्यवस्था... Hindi · कविता 2 2 860 Share डी. के. निवातिया 12 Oct 2017 · 1 min read दो दूना बाईस दो दूना बाईस --- बेवजह में वजह ढूंढने की गुंज़ाइश चाहिये ! काम हो न हो पर होने की नुमाइश चाहिये !! कौन कितना खरा है, किसमे कितनी खोट !... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 896 Share डी. के. निवातिया 19 Sep 2017 · 3 min read दो बहनो का मिलन – वार्ता – (हिंदी-अंग्रेजी) दो बहनो का मिलन – वार्ता – (हिंदी अंग्रेजी) ! दरवाजे पर ..दस्तक होती है …. डिंग-डोंग …डिंग-डोंग .. डिंग-डोंग …डिंग-डोंग .. हू इस आउट साइड ऑन द डोर …..... Hindi · कविता 1 1k Share डी. के. निवातिया 19 Sep 2017 · 1 min read नमस्कार मै हिंदी हूँ नमस्कार मै हिंदी हूँ मेरा दिवस के रूप में उत्सव मनाकर सम्मान देने के लिये आपकी आभारी हूँ ?? वैसे मुझे किसी दिवस की आवश्यकता नही यदि वास्तविक रूप में... Hindi · कविता 2 2 839 Share डी. के. निवातिया 5 Sep 2017 · 1 min read हे गुरुवर तुम्हे प्रणाम हे गुरुवर तुम्हे प्रणाम *** तुम हो प्रबुद्ध, मनीषी शास्त्र, बोध के धोतक तुम जग के शिल्पकार हे गुरुवर तुम्हे प्रणाम !! संचित कर बुद्धि विवेक से जीवन करते आलोकित... Hindi · कविता 1 832 Share डी. के. निवातिया 3 Aug 2017 · 1 min read काव्य रो रहा है काव्य रो रहा है *** साहित्य में रस,छंद,अलंकारो का कलात्मक सौंदर्य खो रहा है, काव्य मंचो पर कविताओं की जगह जुमलो का पाठ हो रहा है, हास्य के साथ व्यंग... Hindi · मुक्तक 3 2 768 Share डी. के. निवातिया 21 Jul 2017 · 1 min read ढलता रहता हूँ ढलता रहता हूँ *** हर रोज़, दिन सा, ढलता रहता हूँ ! बनके दिया सा, जलता रहता हूँ !! कोई चिंगारी कहे, कोई चिराग ! यूँ नजरो में, बदलता रहता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 609 Share डी. के. निवातिया 21 Jul 2017 · 1 min read रोमांच रोमांच बदन संगमरमर है या तराशा हुआ टुकड़ा कांच सा शबनम की बूँद ढले तो लगे है तपता कनक आंच सा नजर है की उसके उत्कृष्ट बदन पर ठहरती ही... Hindi · मुक्तक 2 1 688 Share डी. के. निवातिया 21 Jul 2017 · 3 min read गाथा एक वीर की रचना के पूर्ण रसास्वादन के लिए कृपया पूरा पढ़े ...! गाथा एक वीर की ****************** बहुत सुनी होंगी कहानिया रांझा और हीर की आओ तुम्हे, आज सुनाये, गाथा एक वीर... Hindi · कविता 1 5k Share डी. के. निवातिया 9 Jun 2017 · 1 min read अदा अदा +++++++++++++++ मुझसे मुहब्बत भी बेपनाह करता है फिर भी मेरी हर बात पर बिगड़ता है इसे अदा कहुँ या फितरत जनाब की जो भी हो दिल ये तो उसी... Hindi · शेर 1 806 Share डी. के. निवातिया 9 Jun 2017 · 1 min read कैसे मुकर जाओगे — डी के निवातिया यंहा के तो तुम बादशाह हो बड़े शान से गुजर जाओगे । ये तो बताओ खुदा कि अदालत में कैसे मुकर जाओगे चार दिन की जिंदगानी है मन माफिक गुजार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 1k Share डी. के. निवातिया 31 May 2017 · 2 min read मेरे घर को बाँट दिया मेरे घर को बाँट दिया *** मेरे घर को बाँट दिया है, धर्म के कुछ ठेकेदारो ने ! मातृभूमि से छल किया है, वतन के ही गद्दारो ने !! नेताओ... Hindi · कविता 2 2 1k Share डी. के. निवातिया 15 May 2017 · 2 min read माफ़ कर देना माँ --- मातृ दिवस — माँ पर कविता — डी. के निवातिया माफ़ कर देना माँ तुझे मातृ दिवस पर याद नहीं किया मैंने शायद गुम गया कही मातृ दिवस तेरे निश्छल प्रेम की ओट में हर क्षण जो छायी रहती है... Hindi · कविता 1 1 1k Share डी. के. निवातिया 3 May 2017 · 1 min read फेल हो गया फेल हो गया सत्तर साल वालो का तो ख़त्म खेल हो गया। छप्पन इंच का सीना भी अब फेल हो गया । दुश्मन रोज़ जख्म पे जख्म दिये जा रहा... Hindi · मुक्तक 1 832 Share डी. के. निवातिया 3 May 2017 · 1 min read वो हमारे सर काटते रहे वो हमारे सर काटते रहे हम उन्हें बस डांटते रहे !! वो पत्थरो से मारते रहे हम उन्हें रेवड़ी बाटते रहे !! लालो की जान जाती रही हम खुद को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 3k Share डी. के. निवातिया 29 Apr 2017 · 1 min read इश्क़ बला क्या है इश्क़ बला क्या है ********************** तुमसे चाहत तो हमे भी बेपनाह है मगर क्या करे जताने का अंदाज नही आता खुदा ही जाने ये इश्क़ बला क्या है, अहसास तो... Hindi · शेर 496 Share डी. के. निवातिया 29 Apr 2017 · 1 min read मैं और तू मैं और तू *** शीर्ष लोम से चरण नख तक एक तेरे ही नाम से बंधी हूँ मैं अंग अंग किया अर्पण तुझ पर सौगंध के वचनों में सधी हूँ... Hindi · कविता 606 Share डी. के. निवातिया 29 Apr 2017 · 1 min read कतराने लगे है लोग कतराने लगे है लोग अब तो किसी को पानी पिलाने से भी कतराने लगे है लोग ! क्या कहे सामूहिक भोज भी मुँह देख खिलाने लगे है लोग !! दिखावे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 538 Share डी. के. निवातिया 29 Apr 2017 · 1 min read मौसम गर्मी का मौसम गर्मी का सूरज ने जब दिखलाई हेकड़ी तरबूज बोला फिर मुँह फुलाये तू करेगा जितना ज्यादा तंग भाव मेरा उतना ही बढ़ जाये ! ! खीरा, ककड़ी, और खरबूजा... Hindi · कविता 403 Share डी. के. निवातिया 29 Apr 2017 · 1 min read व्याकुल इंसान व्याकुल इंसान दरखत झूमे, सरोवर तीर, निर्झर निर्झर बहे बयार पर्ण:समूह के स्पंदन से, सरगम की निकले तान शीतल प्रतिच्छाया में, पंछी समूह करते विहार मानुष त्रस्त अविचल, अंत:करण धरे... Hindi · कविता 1 636 Share डी. के. निवातिया 29 Apr 2017 · 1 min read अलबेला हूँ अलबेला हूँ ! भीड़ में खड़ा हूँ, फिर भी अकेला हूँ कदाचित इसीलिए मै अलबेला हूँ ! ! शोरगुल में धँसा पड़ा हूँ आफतो में फँसा पड़ा हूँ रोता सा... Hindi · कविता 473 Share डी. के. निवातिया 29 Apr 2017 · 1 min read रांझे की हीर रांझे की हीर कल तक करते देखा था मुहब्बत कि खिलाफत जिनको। आज शिद्दत से करते पाया एक रांझे कि वकालत उनको । ऐसा क्या हुआ, फिजा-ऐ-मिजाज़ ही बदल गया... Hindi · मुक्तक 413 Share डी. के. निवातिया 29 Apr 2017 · 1 min read इरादे मजबूत रखना इरादे मजबूत रखना *** नफरत करनी है अगर हमसे तो इरादे मजबूत रखना ! लड़ना पड़ेगा मुकदमा इश्क कि अदालत सबूत रखना !! हुई जो जरा भी चूक तुमसे, मोहब्बत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 704 Share डी. के. निवातिया 29 Apr 2017 · 1 min read बड़ा अच्छा लगता है बड़ा अच्छा लगता है उगते सूरज की लालिमा को तकना बैलो के गले में घंटी का बजना डाल डाल चिड़ियों का फुदकना कोमल लताओं पर पुष्पों का खिलना झूमती शाखाओं... Hindi · कविता 868 Share डी. के. निवातिया 29 Apr 2017 · 1 min read सत्ता कितनी प्यारी सत्ता कितनी प्यारी मेरे देश के हुक्मरानो को सत्ता कितनी प्यारी है रोज़ मरे मजदूर किसान सैनिको ने जान वारी है आदि से अंत तक का इतिहास उठाकर देख लो... Hindi · मुक्तक 538 Share डी. के. निवातिया 29 Apr 2017 · 1 min read कोई नाराज नहीं चाहिये कोई नाराज नहीं चाहिये कितने अमन पसंद लोग है यहाँ किसी को कोई आवाज नही चाहिये। रसूख तो खुदा के फरिश्ते जैसा हो पर रोजा -ऐ- नमाज नही चाहिये। कहिं... Hindi · मुक्तक 597 Share डी. के. निवातिया 1 Apr 2017 · 1 min read नवदुर्गा के नौ रूप स्तुति नवदुर्गा के नौ रूप स्तुति शैलपुत्री शिखर वासिनी, त्रिशूल धारिणी वृषभ वाहिनी, शिव अर्धांगिनी सर्व प्रथम पूजा प्रतिस्ठायीनी शैलपुत्री यशस्विनम नमो नम:!! ब्रह्मचारिणी तपो आचरण, कमण्डलु धारण सराहना देवता, ऋषि... Hindi · कविता 1k Share डी. के. निवातिया 28 Mar 2017 · 1 min read सच्चाई दिखलाता हूँ नित्य कर्म की तरह सुबह कार्यशाला के लिए प्रस्थान करने से पहले तैयार होते हुए जीवन की व्यस्तता में टीवी पर खबरे देख सुन रहा था ! कितनी करते है... Hindi · कविता 510 Share डी. के. निवातिया 23 Mar 2017 · 1 min read सुसंगति - दोहे दोहे मोल तोलकर बोलिये, वचन के न हो पाँव ! कोइ कथन बने औषधि, कोइ दे घने घाव !!………..(१) दोस्त ऐसा खोजिये, बुरे समय हो साथ ! सुख में तो... Hindi · दोहा 657 Share डी. के. निवातिया 22 Mar 2017 · 1 min read मुहब्बत किस कद्र बदनाम हुई ना पूछो यारो मुहब्बत किस कद्र बदनाम हुई फ़ज़ीहत इसकी आजकल जमाने में आम हुई जिस्म के भूखे है जो दरिंदे वो प्रेम क्या जाने सुबह को मिले, शाम तक... Hindi · मुक्तक 570 Share डी. के. निवातिया 22 Mar 2017 · 1 min read जगाने आया हूँ न कोई हंगामा न कोई बवाल करने आया हूँ बिगड़े हुए हालातो से आगाह करने आया हूँ सोये हुए है आजादी के दीवाने कई बरसो से गहरी नींद से फिर... Hindi · कविता 609 Share डी. के. निवातिया 16 Mar 2017 · 1 min read सेहरा — शेरो शायरी लो सज गए वो फिर से पहनकर सेहरा भी, अरे कोई तो जाकर उन्हें हमारी याद दिलाये ! हम ख़ाक में मिल गए उनके एक इशारे पर और वो है... Hindi · शेर 1k Share डी. के. निवातिया 14 Mar 2017 · 1 min read रावण बदल के राम हो जायेंगे खुली अगर जुबान तो किस्से आम हो जायेंगे। इस शहरे-ऐ-अमन में, दंगे तमाम हो जायेंगे !! न छेड़ो दुखती रग को, अगर आह निकली ! नंगे यंहा सब इज्जत-ऐ-हमाम हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 588 Share डी. के. निवातिया 11 Mar 2017 · 1 min read मोहे प्रीत के रंग रंगना रंग से नही रंगना, सजन मोहे अपने रंग में रंगना ! कच्चे रंग दिखावे के, मोहे प्रीत के पक्के रंग रंगना !! ! बारह महीनो चढ़ा रहे, मोहे फाग के... Hindi · कविता 617 Share डी. के. निवातिया 8 Mar 2017 · 1 min read मैं नारी हूँ मैं नारी हूँ जग जननी हूँ, जग पालक हूँ मैं नारी हूँ, न किसी से हारी हूँ निःशेष लोक जन्मा मेरे उर से फिर भी मैं ही कोख में मारी... Hindi · कविता 984 Share डी. के. निवातिया 7 Mar 2017 · 1 min read हम बच्चे मस्त कलंदर हम बच्चे मस्त कलंदर एक मुट्ठी में सूरज का गोला एक में लेकर चाँद सलोना खेलने निकले हम अम्बर पे करके सितारों का बिछोना ! हम बच्चे है मस्त कलंदर,... Hindi · कविता 818 Share डी. के. निवातिया 1 Mar 2017 · 1 min read मन की बाते आवश्यक सूचना (यह राजनितिक हालातो के परिपेक्ष्य पर लिखी गयी है इसका किसी व्यक्ति विशेष से कोई सम्बन्ध नहीं है ) (मन की बाते) कभी जनता को मन की बातों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 4 1k Share Previous Page 5 Next