Shekhar Chandra Mitra Language: Hindi 3940 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 35 Next Shekhar Chandra Mitra 6 May 2022 · 1 min read वक़्त का सुकरात गैर मुमकिन है बदलना दुनिया के हालात को! कोई नहीं समझने वाला यहां तेरे जज़्बात को!! जिनको तूने अमरीत बांटा देंगे वही तुझको ज़हर! जाकर ख़बर कर दे कोई वक़्त... Hindi · कविता 97 Share Shekhar Chandra Mitra 6 May 2022 · 1 min read आज का सुकरात ज़हर पाकर भी अमृत का ईनाम देना वह नहीं भूला! सूली पर से भी ज़िंदगी का पैग़ाम देना वह नहीं भूला!! देश और समाज के प्रति अपना फ़र्ज़ निभाते हुए!... Hindi · कविता 64 Share Shekhar Chandra Mitra 6 May 2022 · 1 min read इंसानियत की चीखें मैं अपने ज़मीर को कैसे बदनाम करूं अब अपनी गैरत को कैसे रूसवा करूं! इंसानियत की चीखें बिल्कुल अनसुनी करके अपने आपको आख़िर कैसे गज़लख्वां करूं!! तेरे हुस्न की कशिश... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 302 Share Shekhar Chandra Mitra 5 May 2022 · 1 min read हिंदू राष्ट्र की बात पहले जाति प्रथा को नष्ट करो, फिर हिंदू राष्ट्र की बात करो! पहले वर्ण व्यवस्था को ध्वस्त करो, फिर हिंदू राष्ट्र की बात करो!! रोटी-बेटी का सम्बन्ध बनाकर इस मनुवादी... Hindi · कविता 56 Share Shekhar Chandra Mitra 5 May 2022 · 1 min read भारत का भविष्य तुम पहले ज़रा जात-पात तो मिटा लो फिर हिंदू राष्ट्र बनाते रहना! तुम पहले ज़रा छुआछूत तो हटा लो फिर हिंदू राष्ट्र बनाते रहना!! संसद से लेकर सड़क तक-हर जगह... Hindi · कविता 70 Share Shekhar Chandra Mitra 5 May 2022 · 1 min read इंकलाबी इश्क़ की नाकामी ने इंकलाबी बना दिया मुझे! हुस्न की बदनामी ने इंकलाबी बना दिया मुझे!! मज़हब और सियासत की मिलीभगत से होने वाली! देश की नीलामी ने इंकलाबी बना... Hindi · कविता 75 Share Shekhar Chandra Mitra 4 May 2022 · 1 min read कैसा लगेगा आपको? बताइए कैसा लगेगा आपको अगर कोई भारत को एक मुस्लिम राष्ट्र बनाने की बात करे तो? बताइए कैसा लगेगा आपको अगर कोई भारत को एक ईसाई राष्ट्र बनाने की बात... Hindi · कविता 80 Share Shekhar Chandra Mitra 4 May 2022 · 1 min read पिघला हुआ शीशा जब भी कोई हमारे देश पर मनुस्मृति थोपने की बात करता है तो! जब भी कोई हमारे देश में रामराज ले आने की बात करता है तो!! ऐसा लगता है... Hindi · कविता 200 Share Shekhar Chandra Mitra 4 May 2022 · 1 min read चिढ़ है उन्हें चढ़ती हुई जवानियों से चिढ़ है उन्हें! प्यार की कहानियों से चिढ़ है उन्हें!! समय की शिला पर हमारे पैरों से! बनती हुई निशानियों से चिढ़ है उन्हें!! #feminists #नारीवाद... Hindi · कविता 96 Share Shekhar Chandra Mitra 4 May 2022 · 1 min read जेएनयू पर हमला अक़्सर सरकार के निशाने पर क्यों रहता है जेएनयू कुछ बात तो होगी ही! टीवी-अख़बार के निशाने पर क्यों रहता है जेएनयू कुछ बात तो होगी ही!! मेहनतकश अवाम को... Hindi · कविता 81 Share Shekhar Chandra Mitra 4 May 2022 · 1 min read निशाने पर जेएनयू भारतीय लोकतंत्र का सजग प्रहरी जेएनयू! जेएनयू!! अब सत्ता की आंख का बना किरकिरी जेएनयू! जेएनयू!! इसका हर विद्यार्थी एक अनगढ़ हीरा जेएनयू! जेएनयू!! और हर शिक्षक एक पारखी जौहरी... Hindi · कविता 68 Share Shekhar Chandra Mitra 3 May 2022 · 1 min read काफ़िर की नमाज़ दर्द भी एक दवा बना जब मसीहा को पा लिया! जुल्मतों का ख़ौफ़ क्या अब ज़िया को पा लिया!! मंदिरों में जा-जाकर बैरंग लौट आए लोग! लेकिन ख़ुदी में डूबकर... Hindi · कविता 100 Share Shekhar Chandra Mitra 3 May 2022 · 1 min read उर्दू की शान हर एहसास उर्दू की शायरी में है पूरी हयात उर्दू की शायरी में है! केवल देश और समाज ही नहीं कायनात उर्दू की शायरी में है! हिंदी की कविता में... Hindi · कविता 75 Share Shekhar Chandra Mitra 3 May 2022 · 1 min read निर्मम आलोचना भारतीय संस्कृति की बात न ही करो तो अच्छा! कहीं खोलना न पड़ जाए इसका काला चिठ्ठा!! स्त्रियों और शूद्रों के साथ जो कुछ किया तुमने! पिछले पांच हज़ार साल... Hindi · कविता 81 Share Shekhar Chandra Mitra 3 May 2022 · 1 min read जंगल बचाओ अपने स्वाद के लिए जानवरों को मारना एक गुनाह है कि नहीं? अपने लाभ के लिए जंगलों को काटना एक गुनाह है कि नहीं? अपना सारा कचरा दरियाओं में फेंकना... Hindi · कविता 77 Share Shekhar Chandra Mitra 3 May 2022 · 1 min read ज़िंदगी का जश्न आख़िर इतनी चीख-पुकार क्यों? यहां बदहवासों की भरमार क्यों? इससे पहले कि ख़त्म हो दुनिया हम कर लें न खुलकर प्यार क्यों? #love #romance #poetry #शायरी #उर्दू Hindi · कविता 82 Share Shekhar Chandra Mitra 2 May 2022 · 1 min read खुदकुशी का ख़्याल जिसके पास वाजिब एक रोज़गार नहीं होता! ज़रूरत के मुताबिक कोई अधिकार नहीं होता!! आता है उसी को यहां ख़्याल खुदकुशी का! जिसकी ज़िंदगी में किसी का प्यार नहीं होता!... Hindi · कविता 1 1 300 Share Shekhar Chandra Mitra 2 May 2022 · 1 min read हम एक कब थे? सच-सच बताना हम एक कब थे? एक-दूसरे के लिए टेक कब थे? गुफ्तार से नेक हों चाहे जितने भी! लेकिन क़िरदार से नेक कब थे? #जातिवाद #बहुजन #वर्णव्यवस्था #मनुस्मृति #शूद्र... Hindi · कविता 1 2 218 Share Shekhar Chandra Mitra 1 May 2022 · 1 min read मत घबराना, साथी रे! मज़दूर तुम्हारे साथ हैं! किसान तुम्हारे साथ हैं!! दुनिया भर के मेहनतकश इंसान तुम्हारे साथ हैं!! मत घबराना साथी रे मजबूत रखना छाती रे! अल्लाह-गाड-वाहेगुरू भगवान् तुम्हारे साथ हैं!! #मजदूर_दिवस... Hindi · कविता 162 Share Shekhar Chandra Mitra 1 May 2022 · 1 min read हिस्सेदारी की मांग तुम भीख-खैरात नहीं कोई हमें हमारा हिस्सा दे दो! सबको बावन बीघा न सही चलो एक ही बीता दे दो!! जिसमें मर्दों को आज़ादी तो औरतों को बराबरी थी! ख़ून-पसीने... Hindi · कविता 136 Share Shekhar Chandra Mitra 1 May 2022 · 1 min read खुल कर जी ले माटी का पुतला है एक तू कोई देवता नहीं जी सके तो जी ले आज कल का कुछ पता नहीं... अपनों से खौफ और बेगानों से शर्म क्या प्यार से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 148 Share Shekhar Chandra Mitra 1 May 2022 · 1 min read एक हो जाओ दुनिया के मजदूरों एक हो जाओ दुनिया के किसानों एक हो जाओ! दुनिया के महकूमों एक हो जाओ दुनिया के गुलामों एक हो जाओ! पागल तानाशाहों के इशारे पर तुम... Hindi · कविता 95 Share Shekhar Chandra Mitra 1 May 2022 · 1 min read मज़दूर दिवस ना मज़दूर करते हैं! ना किसान करते हैं!! गुंडागर्दी तो अक़्सर हुक़्मरान करते हैं!! मेहनतकश इंसान वो ज़ुल्म क्या करेंगे! जो सरमाएदारी के कुछ ग़ुलाम करते हैं!! #मजदूर_दिवस #हल्ला_बोल #LabourDay Hindi · कविता 281 Share Shekhar Chandra Mitra 1 May 2022 · 1 min read मेहनतकश अवाम हमारा काम तुम्हारे बिना चल भी जाए शायद लेकिन तुम्हारा काम हमारे बिना हरगिज़ नहीं चल सकता। इसलिए यह बात कभी मत भूलना कि मजदूर हैं हम मजबूर नहीं! Shekhar... Hindi · कविता 67 Share Shekhar Chandra Mitra 1 May 2022 · 1 min read मज़दूर का महत्व हमारी गर्दन पे खड़ी होती है! हमारी पीठ से अड़ी होती है!! तुम्हारी सभ्यता की ईमारत हमारे वजूद पे टिकी होती है!! #मज़दूर #Labour #श्रम #मेहनत #इंकलाब Hindi · कविता 249 Share Shekhar Chandra Mitra 1 May 2022 · 1 min read मेहनतकश अवाम की बेबसी मेरे देश के मजदूर-किसान गंवा रहे क्यों अपनी जान? खेतों में आकर देखें मीलों में जाकर देखें देशभक्त बनते जो हुक़्मरान! #मजदूर_दिवस #LaborDay #श्रम #शायरी Hindi · कविता 110 Share Shekhar Chandra Mitra 1 May 2022 · 1 min read परेशान मज़दूर पहले मज़दूर थे अब मजबूर हैं हम! पहले ज़ख्म थे अब नासूर हैं हम!! हुक़्मरानों ने जिन्हें रौंद डाला बुटों तले! अवाम के वही ख़्वाब चकनाचूर हैं हम!! #मजदूर_दिवस #LaboursDay... Hindi · कविता 65 Share Shekhar Chandra Mitra 1 May 2022 · 1 min read मज़दूर हम भी भारत के बेटे हैं! आख़िर तुमसे क्या लेते हैं!! कुछ रूखी-सूखी के बदले तुम्हें ख़ून-पसीना देते हैं!! #मजदूर_दिवस #LaboursDay #जनकवि #इंकलाबीशायर #बगावत #हल्लाबोल #श्रम Hindi · कविता 371 Share Shekhar Chandra Mitra 1 May 2022 · 1 min read देश के गुनहगार ये सोए हुए फ़नकार! कि बिके हुए पत्रकार!! देश की बर्बादी के लिए आख़िर कौन है जिम्मेदार!! जिसने अपने इल्म को समर्पित नहीं किया उसे! ऐसा हर शख़्स अपने समाज... Hindi · कविता 259 Share Shekhar Chandra Mitra 1 May 2022 · 1 min read मज़दूर की मौत मज़दूर की मौत अख़बार की सुर्खी नहीं बनती! कभी नहीं बनती!! कहीं नहीं बनती!!! #कार्लमार्क्स #साम्यवाद #मार्क्सवाद #श्रमिक #जनवादीकवि #LaboursDay #इंकलाबी Hindi · कविता 332 Share Shekhar Chandra Mitra 1 May 2022 · 1 min read मज़दूर की जान एक मेहनतकश जम्हूर की जान! कितनी सस्ती है मज़दूर की जान!! दो-दो टके में बिकती है यहां हर मुफ्लिश और मजबूर की जान!! #मजदूर_दिवस #कार्ल_मार्क्स #हल्ला_बोल #LabourDay #कम्युनिस्ट #शायरी #श्रमिक Hindi · कविता 109 Share Shekhar Chandra Mitra 30 Apr 2022 · 1 min read कार्ल मार्क्स की देन कार्ल मार्क्स- नास्तिकों का पैगंबर और मसीहा। वह दार्शनिक जिसने अन्याय, शोषण और अपमान पर आधारित पुरानी दुनिया की क़ब्र खोद दी। जिसने मानवजाति के हजारों साल के इतिहास में... Hindi · कविता 354 Share Shekhar Chandra Mitra 30 Apr 2022 · 1 min read सांप्रदायिक तनाव वहशत का खेल जारी है! दहशत का माहौल तारी है!! लेकिन ज़रा संभलकर यह तलवार दोधारी है!! #सांप्रदायिक #दंगा #फसाद #शांति #war #communal #riots #Peace #poetry Hindi · कविता 72 Share Shekhar Chandra Mitra 30 Apr 2022 · 1 min read चेतावनी जो अपने को नहीं बदल पाएगा, बेमौत मारा जाएगा! जो दहशत से नहीं निकल पाएगा, बेमौत मारा जाएगा! जो थोड़ा-सा भी कमज़ोर पड़ेगा, बेमौत मारा जाएगा! जो ठोकरों से नहीं... Hindi · कविता 410 Share Shekhar Chandra Mitra 30 Apr 2022 · 1 min read तलाश है मुझे तलाश है एक ऐसे गायक की जो पैसे के बजाय प्यार के लिए जीता और मनोरंजन के बजाय बदलाव के लिए गाता हो! ✍गीतकार शेखर चंद्र मित्रा 8174934005 #भोजपुरी... Hindi · कोटेशन 293 Share Shekhar Chandra Mitra 29 Apr 2022 · 1 min read वर्चस्व को चुनौती इस देश में किसी एक जाति, धर्म या भाषा का वर्चस्व स्थापित करने की कोई भी कोशिश इसके लिए विघटनकारी साबित होगी! #हल्ला_बोल #संविधान_बचाओ_देश_बचाओ #लोकतंत्र_की_हत्या #धर्मनिरपेक्ष #बहुजन Hindi · कोटेशन 104 Share Shekhar Chandra Mitra 29 Apr 2022 · 1 min read सांप्रदायिक तनाव ऐसे किसी भी विवाद में- जिसका संबंध दो धर्मों से हो, हमें संयम से काम लेना चाहिए। हमारी थोड़ी-सी भी उत्तेजना उस विवाद को सांप्रदायिक दंगे में बदल सकती है!... Hindi · कोटेशन 359 Share Shekhar Chandra Mitra 29 Apr 2022 · 1 min read पंडिता रमाबाई दयानंद सरस्वती, बाल गंगाधर तिलक, विवेकानंद और रवीन्द्र नाथ टैगोर सहित अपने समय के सभी अतीतजीवी, आत्ममुग्ध और श्रेष्ठता ग्रंथि से पीड़ित स्वघोषित विश्वगुरूओं से पंडिता रमाबाई का वैचारिक टकराव... Hindi · कोटेशन 134 Share Shekhar Chandra Mitra 29 Apr 2022 · 1 min read शान में गुस्ताख़ी हुज़ूर-ए-आला की शान में इतनी बड़ी गुस्ताख़ी! हमने की है तो आख़िर हमें कैसे मिलेगी माफ़ी!! इस मुल्क और समाज की तरक्की के लिए यूं ही! हम करते रहेंगे जद्दोजेहद... Hindi · कविता 88 Share Shekhar Chandra Mitra 29 Apr 2022 · 1 min read इंद्रासन डोलता है! जब-जब कबीरा बोलता है! दिल्ली का इंद्रासन डोलता है!! अपनी क़लम की नोंक से वह सबका काला चिट्ठा खोलता है!! #DelhiRiots #सांप्रदायिकता #हल्ला_बोल #कविता #शायरी #राजनीति #धर्मसंसद #उर्दू Hindi · कविता 114 Share Shekhar Chandra Mitra 28 Apr 2022 · 1 min read बहुजन समाज से ***बहुजन समाज से*** ये ऊंच-नीच का जंगल ये छुआ-छूत का दलदल उभरने नहीं देगा तुम्हें ये जात-पात का दंगल! चाहे जितना भी कर लो तुम पूजा-पाठ लेकिन बिना तालीम के... Hindi · कविता 94 Share Shekhar Chandra Mitra 28 Apr 2022 · 1 min read जुमलेबाज नेता एक जुमलेबाजी के सिवा! उसने और किया है क्या!! जनता की चीखों का कोई उसपे असर हुआ है क्या!! #कविता #शायरी #हल्ला_बोल #राजनीतिक #महंगाई #बेरोजगारी #सांप्रदायिकता #दंगा Hindi · कविता 123 Share Shekhar Chandra Mitra 28 Apr 2022 · 1 min read दमन अगर एक मरेगा तो दस पैदा होंगे! सोचो ज़रा तुम कितनों को मारोगे!! दानिश्वरों के ख़ून का दरिया बहाकर ज़्यादा से ज़्यादा तुम क्या पा लोगे!! #अभिव्यक्ति #FreedomOfSpeech #उर्दू #उत्पीड़न... Hindi · कविता 177 Share Shekhar Chandra Mitra 26 Apr 2022 · 1 min read भारत माता लगातार अपनों को खोती जा रही भारत माता! देखो कैसे ख़ून के आंसू रोती जा रही भारत माता!! अपने बूढ़े कांधों पर अरमानों की लाशें लेकर! ज़िंदगी की बोझ घसीट... Hindi · कविता 77 Share Shekhar Chandra Mitra 26 Apr 2022 · 1 min read आपदा में अवसर सिस्टम जो कि फेल हो चुका! शायर के लिए जेल हो चुका!! आपदा को अवसर बनाना हुक़्मरानों का खेल हो चुका!! #फिरकापरस्ती #दंगा #सांप्रदायिकता #कवि #Caste #जातिवाद #हल्ला_बोल #सियासत Hindi · कविता 82 Share Shekhar Chandra Mitra 25 Apr 2022 · 1 min read पैनी नज़र रखिए वक़्त और हालात पर एक पैनी नज़र रखिए! जब जैसी ज़रूरत हो ख़ुद को बदलते रहिए!! भागना या छिपना कोई स्थाई समाधान नहीं है ज़रा संभल कर ही सही लेकिन... Hindi · कविता 79 Share Shekhar Chandra Mitra 24 Apr 2022 · 1 min read जीवन ऊर्जा अगर आपमें आत्मघाती प्रवृत्ति है तो आप मामूली सर्दी-जुकाम को भी बहाना बनाकर मर जाएंगे लेकिन अगर आपमें जिजीविषा-शक्ति है तो आप महामारियों के दौर से भी अपने आपको बचा... Hindi · कविता 177 Share Shekhar Chandra Mitra 24 Apr 2022 · 1 min read अनचाहे समझौते क्या तुमने यही करना चाहा था ? क्या तुमने यही बनना चाहा था? ज़रा हाथ रखकर दिल पर सोचो कि क्या तुमने यही पाना चाहा था? #RomanticRebel #शायरी #Osho #उर्दू... Hindi · कविता 72 Share Shekhar Chandra Mitra 24 Apr 2022 · 1 min read वह दीवाना शायर दिल में दर्द लेकर भी हंसता रहा जो! आंसू में ख़ून मिलाकर लिखता रहा जो!! वही मजाज़ लखनवी मेरा महबूब शायर! ज़िंदगी भर ज़िंदगी को तरसता रहा जो!! एकाएक चर्चा... Hindi · कविता 166 Share Shekhar Chandra Mitra 24 Apr 2022 · 1 min read टूटे हुए दिल वाले होते हैं शायर लोग टूटे हुए दिल वाले! रूला देते हैं हमें दर्द भरे उनके नाले!! मीर हों या ग़ालिब मजाज़ हों या साहिर! शेरों में सबने फोड़े अपने गमों... Hindi · कविता 84 Share Previous Page 35 Next