VEDANTA PATEL 106 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid VEDANTA PATEL 30 May 2024 · 1 min read आकांक्षा : उड़ान आसमान की....! “” अनुमान, लक्ष्य, साधना-संकल्प, धारणा, लगन, संसाधन-विकल्प… और एक आश एक विश्वास…! पर्वत से ऊँची राह, अपने मन से ही बातें होती.. अपने मन की है एक कल्पना, और लगन... Poetry Writing Challenge-3 83 Share VEDANTA PATEL 29 May 2024 · 2 min read चित्रगुप्त का जगत भ्रमण....! # चित्रगुप्त ने यम जी से कहा एक दिन , प्रभु मानवों के पास कुछ दिन के लिए जाना है...! उनके पास कुछ पल बीताना है...!! आज्ञा लेकर गुप्त जी... Poetry Writing Challenge-3 1 140 Share VEDANTA PATEL 29 May 2024 · 1 min read एक छोटी सी आश मेरे....! ” एक छोटी सी मेरी आशा चंचल… कहती है मुझे… चल अब चल, विंध्याचल...! ( प्रतीकात्मक भाव ) कुछ प्यास रख जिंदगी में… एक हौसले और अदम्य साहस… साथ रख... Poetry Writing Challenge-3 71 Share VEDANTA PATEL 28 May 2024 · 2 min read मन मेरा क्यों उदास है.....! " हम सब पास-पास हैं , फिर क्यों…? मन मेरा इतना उदास है...! चांद और सूरज भी है आस-पास... जो अनंत किरणों के है विन्यास...! सुरम्य शाम और मनोरम सवेरा... Poetry Writing Challenge-3 1 89 Share VEDANTA PATEL 27 May 2024 · 2 min read नारी : एक अतुल्य रचना....! " अरुणिमा नीरज कर रही है... तेरी गुणों की गौरव गान...! तू अद्भुत शक्ति की प्रतिरुप... तू ही शक्ति.. तू ही विश्वस्वरुपा , तू ही सर्वशक्तिमान...! तेरी रचना में ही... Poetry Writing Challenge-3 93 Share VEDANTA PATEL 27 May 2024 · 3 min read नदी तट पर मैं आवारा....! " नीम की पेड़… ओ नदी का किनारा…! अपने ही विचारों में खोया… ये मन आवारा…! विकास की गति कहूँ... या प्रगति का पथ कहूँ…! कितना अजीब है…. मेरे मन... Poetry Writing Challenge-3 131 Share VEDANTA PATEL 27 May 2024 · 1 min read पापा जी..! उन्हें भी कुछ समझाओ न...! " कई बार कही है मैंने पापा से... उन्हें भी कुछ समझाओ न, जिनकी निगाहों में , एक बोझ हूँ मैं...! जिनके विचारों में अपयश की... एक किस्सा हूँ मैं...!... Poetry Writing Challenge-3 1 98 Share VEDANTA PATEL 26 May 2024 · 3 min read आज, नदी क्यों इतना उदास है.....? " मैं नदी हूँ नदी... मुझे कुछ कहना है कहने दो...! सदियों से बहती रही... साथ सब कुछ लेकर मैं चलती रही ; आज भी मुझमें निर्मल नीर बह जाने... Poetry Writing Challenge-3 112 Share VEDANTA PATEL 26 May 2024 · 1 min read कुछ कहती है, सुन जरा....! " कुछ कहती हैं सुन जरा... नदी,नाले, सरोवर, बांध और झरनें... हैं हम सब….. प्रकृति के भाई और बहनें...! हमें न बिखरो तुम… विकास के नशे में झूम....! हो न... Poetry Writing Challenge-3 99 Share VEDANTA PATEL 26 May 2024 · 1 min read गुरु...! गूगल दोनों खड़े, काके लागूं पाय....! " आधुनिकता में कुछ भ्रम हुआ... गुरु गूगल दोनों खड़े काके लागूं पाय...! आधुनिकता की सोच बन गई है... गूगल इंजन को सर्च करो तो , सब कुछ इसमेें मिल... Poetry Writing Challenge-3 1 79 Share VEDANTA PATEL 26 May 2024 · 3 min read चौराहे पर....! " युवा मन अकेला था, चौराहे पर खड़ा... जाना है पर ..किधर , यही सोच में पड़ा था...! भीड़ की तादाद बहुत बड़ी थी, किससे पूछूं मैं राह सही... यही... Poetry Writing Challenge-3 1 107 Share VEDANTA PATEL 26 May 2024 · 2 min read चलना है मगर, संभलकर...! " चल उठ जीवन पथ के राही... कुछ कदम बढ़ा, भोर हो चला है कर ले कुछ हलचल...! उदित किरण की लाली (रवि किरण ) संग... बहती शीतल बयार संग...!... Poetry Writing Challenge-3 103 Share VEDANTA PATEL 26 May 2024 · 1 min read आ अब लौट चलें.....! " आ लौट चलें हम… उस गांव की ओर…. उस जंगल की छांव की ओर… जहां हमें सामाजिकता की एक परिभाषा मिला...! जहां हमें तन ढकने की एक विचार….. और... Poetry Writing Challenge-3 93 Share VEDANTA PATEL 26 May 2024 · 1 min read तुम आंखें बंद कर लेना....! " उजालों में... जब कोई नज़र न आए….! मुश्किल घड़ी में… जब किसी का साथ छुट जाए…! मन की आश जब कभी... बिखर जाए….! अगर तुमको… जब कोई बहकाए…! फिर…... Poetry Writing Challenge-3 110 Share VEDANTA PATEL 26 May 2024 · 2 min read आ मिल कर साथ चलते हैं....! " आ मिल कर साथ चलते हैं.... इस राह (जिंदगी ) पर… ! चल कुछ नव-निर्माण करते हैं... इस राह पर….! कौन जाने..? इस सफ़र का... है अंत कहाँ…..! आज... Poetry Writing Challenge-3 122 Share VEDANTA PATEL 26 May 2024 · 1 min read तेरी पनाह.....! ” देख आज भी है… कुल्हाड़ी के कितने प्रहार….! लेकिन अब भी है… प्रकृति की छटा बरकरार….!! न कोई बंधन है , हम से… न है , कोई करार….! आज... Poetry Writing Challenge-3 78 Share VEDANTA PATEL 26 May 2024 · 1 min read सफ़र जिंदगी के.....! ” इस सफ़र के छोर कहाँ तक है… कुछ पता नहीं….! ये बंधन के डोर मजबूत है कितनी… कुछ पता नहीं….! ये सांसों के स्पंदन कब तक है… कुछ पता... Poetry Writing Challenge-3 1 101 Share VEDANTA PATEL 26 May 2024 · 1 min read एक दीप हर रोज जले....! ” हर घर… हर द्वार… फूलों से महकती सारा संसार मिले..! रोशनी से चमकता हर द्वार… हर रोज एक दीप जले…! दीया और बाती का मिलन… दुःखी मन को कुछ... Poetry Writing Challenge-3 83 Share VEDANTA PATEL 25 May 2024 · 1 min read आ बढ़ चलें मंजिल की ओर....! " बीते दिनों की यादें... और नये सत्र की शुरुआत... फिर नई उत्साह....! नई उमंग.... उन्नत कक्षा में जाने की चाह...! नया लक्ष्य... और बढ़ते मजबूत कदम, चला फिर ख्वाहिशों... Poetry Writing Challenge-3 1 79 Share VEDANTA PATEL 25 May 2024 · 1 min read अ-परिभाषित जिंदगी.....! "" कहीं मौज-मस्ती से भरी सफ़र... कहीं अनजानी राहों की डगर...! कभी कुछ न मिलने का ग़म... कभी कुछ कम मिलने की हताश कहर..! कभी कुछ पा लेने की बेचैनी...... Poetry Writing Challenge-3 1 93 Share VEDANTA PATEL 25 May 2024 · 1 min read प्रेम : तेरे तालाश में....! " आने की तारीख है यहां... जाने का कुछ पता नहीं...! कुछ पल ही शेष है यहां... जो भी हो, यही पल ही विशेष है यहां...! कुछ खट्टे-मीठे अनुभवों की... Poetry Writing Challenge-3 1 104 Share VEDANTA PATEL 25 May 2024 · 1 min read माँ : तेरी आंचल में.....! " माँ...! तेरी रचना का ही, मैं एक आकार हूँ...! तेरी आंचल की... अनुपम पुष्प-हार हूँ...! अतुल्य तेरी ममता में ही पल्लवित... मैं एक अलंकार हूँ...! किसी कलाकार की... उकेरी... Poetry Writing Challenge-3 1 82 Share VEDANTA PATEL 25 May 2024 · 1 min read कृति : माँ तेरी बातें सुन....! " माँ...! मैं कभी भी तुझे... बहुत कुछ कह जाती हूँ...! अपनी सीमा भी लांघ जाती हूँ... शरारत की अंबार झड़ी बन जाती हूँ..! मैं क्यों...? अपनी ज़िद में अड़... Poetry Writing Challenge-3 1 103 Share VEDANTA PATEL 25 May 2024 · 1 min read खामोशी : काश इसे भी पढ़ लेता....! " बहुत पढ़ा-लिखा है मैंने... घर की दीवार पर... डिग्रियां बहुत सारे संजो रखा है मैंने...! घर-परिवार, रिश्ते-नातेदार, दोस्त-यार... आस-पास अपने, बहुत पूछ-परख है मेरे...! इसी अहंकार से... आलिशान महल... Poetry Writing Challenge-3 1 115 Share VEDANTA PATEL 25 May 2024 · 1 min read कल की भाग दौड़ में....! " वर्तमान... शायद गूंगा है... या फिर मौन है...! देखता है, सब कुछ... प्रतीत है उसे अतीत की बातें... मगर क्यों ख़ामोश है...? बातें कुछ पुरानी... यूं ही दुहराता रहा...!... Poetry Writing Challenge-3 1 88 Share VEDANTA PATEL 10 Mar 2024 · 1 min read *** लहरों के संग....! *** "" समुद्र के तट पर... लहरों के अजनबी शोर तरंग संग...! दुनिया से बेख़बर मीत उमंग...!! मतवाले नंद किशोर... कभी सुखी, कभी गीली रेत पर...! सांसों से बंधी ये बंधन... Hindi 1 109 Share VEDANTA PATEL 21 Feb 2024 · 1 min read *** कुछ पल अपनों के साथ....! *** "" चल चाचा जी... कुछ पल यहां गुजार लें.....! कदम-कदम पर उलझनों के फेरे हैं, ऊल-जलूल बातों से घिरे हम मिट्टी के ढेर हैं ; शायद..! ये कल,रहे या न... Poetry Writing Challenge-2 1 165 Share VEDANTA PATEL 21 Feb 2024 · 1 min read *** पुद्दुचेरी की सागर लहरें...! *** " पुद्दुचेरी के तट पर बैठा आवारा मन... देखता नजर नीला आसमान...! कानों में शोर मचाते हवाओं के जोर.. और विभिन्न विचारों के हिलोर...! फिर देखा मैंने, सागर के उन... Poetry Writing Challenge-2 490 Share VEDANTA PATEL 20 Feb 2024 · 1 min read *** अंकुर और अंकुरित मन.....!!! *** "" तुम उगना चाहते हो... और मैं बढ़ना चाहता हूँ...! तुम एक से अनेक... और मैं केवल संवरना चाहता हूँ...! तुम और मैं... हैं एक ओस-बूंद की तरह...! हम मिलेंगे,... Poetry Writing Challenge-2 1 134 Share VEDANTA PATEL 20 Feb 2024 · 1 min read *** अरमान....!!! *** "" चल फिर दो कदम चलते हैं... जिंदगी के किताब को फिर पढ़ते हैं...! कुछ दिन पहले का ये सफ़र... बस यूं ही कैसे गुजर गए, कोई अनुमान नहीं...! कुछ... Poetry Writing Challenge-2 151 Share VEDANTA PATEL 18 Feb 2024 · 1 min read *** कृष्ण रंग ही : प्रेम रंग....!!! *** "" प्रेम रंग ऐसा हो... राधे-माधव जैसा हो...! नयन दृष्टि से अगोचर... न किसी तृष्णा का असर...! आंखों पे, ना नजर हो... प्रेम में केवल कृष्ण ही रंग हो...! सूरत... Poetry Writing Challenge-2 219 Share VEDANTA PATEL 18 Feb 2024 · 1 min read *** बचपन : एक प्यारा पल....!!! *** "" बचपन भी...! कितना प्यारा पल है...!! वर्तमान के संदर्भ में कहें तो...! हर किसी का गुज़ारा हुआ कल है...!! न किसी से, अपनेपन का भाव...! न किसी से परायेपन... Poetry Writing Challenge-2 132 Share VEDANTA PATEL 18 Feb 2024 · 1 min read *** सैर आसमान की....! *** "" आ चल विज्ञान-परी से... आसमान की सैर करते हैं...! चल अपने अरमान को... नील गगन में गढ़ते हैं...! नई विकल्प से, नये संकल्प... चल आसमानी रंग में रंगते हैं....!... Poetry Writing Challenge-2 128 Share VEDANTA PATEL 18 Feb 2024 · 1 min read *** बिंदु और परिधि....!!! *** """ बिंदु.....! ( प्रेम प्रतिक ) , न कोई लंबाई, चौड़ाई, ऊंचाई... और न कोई माप...! न कोई आकार, आकृति, आयतन, क्षेत्रफल... और न कोई परिणाम...! एक "बिंदु" केंद्र बन...... Poetry Writing Challenge-2 193 Share VEDANTA PATEL 18 Feb 2024 · 1 min read *** हम दो राही....!!! *** "" कुछ साल पहले की ये सफ़र... न था पहले से, कुछ खबर...! न मुझे पता, न तुम्हें पता भी कुछ पता.. है ये कैसा डगर..! लेकिन...! चल पड़े, हम... Poetry Writing Challenge-2 1 162 Share VEDANTA PATEL 18 Feb 2024 · 1 min read *** मेरा पहरेदार......!!! *** """ न कोई रिश्ता... न कोई रिश्तेदार...! न कोई सगा-संबंध... न आस-पास-पड़ोस के मित्र-यार...! न जाने कहां से तू आया... हिलाता हुआ पूंछ, दोस्ती का अहसास दिलाया...! पल भर में... Poetry Writing Challenge-2 120 Share VEDANTA PATEL 17 Feb 2024 · 1 min read *** एक दौर....!!! *** " एक दौर गया... एक दौर फिर आया...! तब क्या खोया... और अब क्या पाया...? कुछ हिसाब-किताब नहीं... बस मस्ती से हर दौर में मुस्कूराया...! राहें बनती रहीं... और मैं... Poetry Writing Challenge-2 102 Share VEDANTA PATEL 17 Feb 2024 · 1 min read *** नर्मदा : माँ तेरी तट पर.....!!! *** """ माँ...! तेरी रचना का ही... मैं एक आकार हूँ...! तेरी अतुल्य ममता में ही पल्लवित... मैं एक अलंकार हूँ...! तेरी अक्षुण्ण गोद में आकर, मन पुलकित और... तन चंचल... Poetry Writing Challenge-2 117 Share VEDANTA PATEL 16 Feb 2024 · 1 min read *** तस्वीर....!!! *** "" किसी न किसी जज़्बात की... एक निशानी होती है तस्वीर...! कितना कुछ जुड़ा होता है... अंतःकरण मन में उद्भव विचार...! और पांव पसारते... ये समय के अनवरत चाल, धुंधली... Poetry Writing Challenge-2 179 Share VEDANTA PATEL 16 Feb 2024 · 2 min read *** हमसफ़र....!!! *** "" आ साथ चलते हैं... प्रीत के रंग गढ़ते हैं, न जाने इस सफ़र का, है अंत कहाँ...? एक कदम तेरा होगा... एक कदम मेरा होगा, दम-खम कोशिश पुरजोर... कुछ... Poetry Writing Challenge-2 193 Share VEDANTA PATEL 10 Feb 2024 · 1 min read *** चल अकेला.....!!! *** "" न आयेगा कोई मदद करने इधर... बस कुछ रोशनी के इशारे होंगे...! पांवों में होंगे थकान... मन भी होगा कुछ परेशान...! नज़रों में उम्मीद के झलक भी... ओझल होने... Poetry Writing Challenge-2 156 Share VEDANTA PATEL 10 Feb 2024 · 1 min read *** लम्हा.....!!! *** "" कभी एक लम्हा ऐसा भी आता है... जिसमें बीता हुआ कल नजर आता है...! बस यादें ही रह जाती है, एक दृश्य बनकर... याद करने के लिए...! और... वक्त... Poetry Writing Challenge-2 1 134 Share VEDANTA PATEL 8 Feb 2024 · 1 min read *** आशा ही वो जहाज है....!!! *** """ सुनकर मेरी सपने... बस, दुनिया सारी हंसती है...! बिन पंखों वाली कहकर, मुझको... सब, ताने देने देती रहती है...! क्यों कहती है, ये सब दुनिया... शायद इसका न कोई... Poetry Writing Challenge-2 148 Share VEDANTA PATEL 8 Feb 2024 · 1 min read *** पल्लवी : मेरे सपने....!!! *** "" मैं पंछी बन उड़ना चाहती हूँ... उस अनंत आकाश को छूना चाहती हूँ...! जहां मेरे सपने को उड़ान मिले... मेरे शक्ति, मेरे हौसले की पंख को, एक पहिचान मिले...!... Poetry Writing Challenge-2 1 1 226 Share VEDANTA PATEL 4 Feb 2024 · 1 min read *** चंद्रयान-३ : चांद की सतह पर....! *** "" राहें पनघट की... आसान हो सकती है...! सैर पर्वतों की... आसान हो सकती है...! मगर ये सैर है... चांद की ध्रुवीय सतह पर..., इतना आसान नहीं, ये हो सकती... Poetry Writing Challenge-2 208 Share VEDANTA PATEL 4 Feb 2024 · 1 min read *** सफलता की चाह में......! *** "" सुबह के उजाले में... कुछ ख्वाब जग रहे थे...! चल पड़ा अकेले, साकार करने उसे... कदम, कुछ लड़खड़ाते बिखर रहे थे...! रास्ते पर अकेला सफ़र... कुछ कठिन और असंभव... Poetry Writing Challenge-2 138 Share VEDANTA PATEL 28 Jan 2024 · 1 min read *** अहसास...!!! *** "" अहसास हूँ मैं... दिखता नहीं, पर आस-पास हूँ...! मन में विचरण कर... वजूद पर छा जाता हूँ...!! मेरे पीछे कुछ कदम चल... मुझे या मेरे चाल को, कभी पकड़... Poetry Writing Challenge-2 153 Share VEDANTA PATEL 28 Jan 2024 · 1 min read *** कभी-कभी.....!!! *** "" कभी-कभी सोचा करती हूँ मैं... मेरा-तेरा साथ कब तक है, पता नहीं...! हम में विकास की नशा इतनी प्रबल है... कब कम होगा, कुछ पता नहीं...! यदि तुम न... Poetry Writing Challenge-2 166 Share VEDANTA PATEL 28 Jan 2024 · 1 min read *** मन बावरा है....! *** "" मन में, कुछ आस है... मन में न जाने क्यों...? कुछ और अधिक प्यास है...! हलचल सी झलक है कुछ... मेरे मन की चाह में...! आहट सी है कुछ...... Poetry Writing Challenge-2 132 Share VEDANTA PATEL 28 Jan 2024 · 1 min read *** सागर की लहरें....! *** "" न जाने वो कौन सी बात है , जो सागर की लहरें... मुझसे कुछ कह जाती है...! धीरे-धीरे कुछ पल में... मेरे पांव तल से रेत सरक जाती है...!... Poetry Writing Challenge-2 1 2 157 Share Page 1 Next