sushil sarna 637 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid sushil sarna 25 Jun 2024 · 1 min read दिल टूटा तो हो गया, दिल ही दिल से दूर । दिल टूटा तो हो गया, दिल ही दिल से दूर । अश्कों से फिर गुफ़्तगू, उल्फत का दस्तूर ।। सुशील सरना / 25-6-24 Quote Writer 1 10 Share sushil sarna 25 Jun 2024 · 1 min read जादू था या जलजला, या फिर कोई ख्वाब । जादू था या जलजला, या फिर कोई ख्वाब । घायल दिल को कर गया, कातिल शोख शबाब ।। सुशील सरना / 25-6-24 Quote Writer 1 11 Share sushil sarna 25 Jun 2024 · 1 min read नजरों के वो पास हैं, फिर भी दिल दूर । नजरों के वो पास हैं, फिर भी दिल दूर । दिल के सारे खेल हैं , दिल से ही मजबूर ।। सुशील सरना / 25-6-24 Quote Writer 1 9 Share sushil sarna 24 Jun 2024 · 1 min read पूर्ण विराम : पूर्ण विराम : ओल्ड हो जाता है जब इंसान ऐज हो जाती है लहूलुहान अपने ही खून के रिश्तों से होम में जल जाते हैं सारे कोख के रिश्ते बदल... 9 Share sushil sarna 24 Jun 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . . दोहा पंचक. . . . . मन से विस्मृत हो भला, कैसे पहला प्यार। मुदित नयन में वो करे, सदा स्वप्न शृंगार ।। हर मौसम का प्राण है , सुधियों... 10 Share sushil sarna 23 Jun 2024 · 1 min read दोहा त्रयी. . . . . दोहा त्रयी. . . . . जग की सारी बन्दिशें, चलो तोड़ दें आज । दे दें अपने प्यार को, प्यार भरी आवाज ।। सुर्ख कपोलों पर हुए, चित्रित कुछ... Quote Writer 10 Share sushil sarna 23 Jun 2024 · 1 min read दोहा त्रयी. . . . मत कर और सवाल दोहा त्रयी. . . . मत कर और सवाल चलने दे यह जिंदगी, मत कर और सवाल । जीवन के हर मोड़ पर, बिछा झूठ का जाल ।। मत कर... 11 Share sushil sarna 23 Jun 2024 · 1 min read मगर तुम न आए .... मगर तुम न आए .... मैं ठहरी रही एक मोड़ पर अपने मौसम के इंतज़ार में तड़पती आरज़ूओं के साथ भीगती हुई बरसात में मगर तुम न आए गिरती रही... 1 13 Share sushil sarna 22 Jun 2024 · 1 min read जग की सारी बन्दिशें, चलो तोड़ दें आज । जग की सारी बन्दिशें, चलो तोड़ दें आज । दे दें अपने प्यार को, प्यार भरी आवाज ।। सुशील सरना / 22-6-24 Quote Writer 16 Share sushil sarna 22 Jun 2024 · 1 min read दोहा पंचक . . . . दोहा पंचक . . . . सुधि कलश सदा रहा, जीवित बीता काल। सुधियों का हर पृष्ठ है, बीते कल का भाल।। सुधियों का हर पृष्ठ है, बीते कल का... 1 9 Share sushil sarna 21 Jun 2024 · 1 min read कुंडलिया - वर्षा कुंडलिया - वर्षा बरसे मेघा झूम कर, शीतल पड़ी फुहार । हर्षित हर मन हो गया, भीगी चली बयार । भीगी चली बयार, प्यार की होंगी बातें । बोलेगा अब... Quote Writer 14 Share sushil sarna 21 Jun 2024 · 1 min read एक दिवानी को हुआ, दीवाने से प्यार । एक दिवानी को हुआ, दीवाने से प्यार । पलकों में सजने लगा, सपनों का संसार । गुपचुप-गुपचुप फिर हुए, नैनों में संकेत - चरम पलों में हो गए, शर्मीले अभिसार... Quote Writer 16 Share sushil sarna 21 Jun 2024 · 1 min read क्षणिका. . . क्षणिका. . . नंगा बदन पेट से जुड़े घुटने घोंट दिया गला अश्कों का बन्द पलकों में मुफलिसी ने पर छलक पड़ी नयन से चुपचाप आग पेट की सुशील सरना/ 13 Share sushil sarna 21 Jun 2024 · 1 min read मैं चाहता था तुम्हें मैं चाहता था तुम्हें चाँद तक पहुंचाना अपनी बाहों में घेरकर गिर गया स्वप्न फिसल कर आँखों के फलक से हकीकत के फ़र्श पर फ़ना होने को सुशील सरना /21-6-24 Quote Writer 15 Share sushil sarna 21 Jun 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . . वर्षा दोहा पंचक. . . . . वर्षा अम्बर में मेघा चले, ले सागर से नीर । धरती के हर ताप की,हरने आए पीर ।। कड़ - कड़ कड़के दामिनी, घन... 13 Share sushil sarna 20 Jun 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . . नेता दोहा पंचक. . . . . नेता नेताओं का हो गया, हो हल्ला अब शांत । मांज रहे आराम से, झूठ सने अब दाँत ।। जनता का धन लूटकर ,... 14 Share sushil sarna 19 Jun 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . . दोहा पंचक. . . . . आती- जाती साँस का, क्या करना विश्वास । पल भर में यह छीनती, जीवन का मधुमास ।। देख चिता शमशान में, कहने लगा मलंग... 19 Share sushil sarna 19 Jun 2024 · 1 min read किस दिल की दीवार पे… किस दिल की दीवार पे… लोग सिर्फ साँसों तक ही साथ देते हैं साँसों के बाद जिस्म ही जला देते हैं चंद दिनों तक ही जलते हैं यादों के दीप... 15 Share sushil sarna 19 Jun 2024 · 1 min read मिट जाए हर फ़र्क जब अज़ल और हयात में मिट जाए हर फ़र्क जब अज़ल और हयात में शायद जहाँ में इसे मोहब्बत की इंतहा कहते हैं सुशील सरना Quote Writer 16 Share sushil sarna 18 Jun 2024 · 1 min read दोहे सप्तक . . . . . सच-झूठ दोहे सप्तक . . . . . सच-झूठ अभिव्यक्ति सच की लगे, जैसे नंगा तार । सफल वही जो झूठ का, करता है व्यापार ।। झूठों के बाजार में, सत्य... 16 Share sushil sarna 17 Jun 2024 · 1 min read दोहा सप्तक. . . . . मन दोहा सप्तक. . . . . मन मन से मन मिल जाय तो, मन के मिटते भेद । आपस के हर बैर के, मिट जाते सब छेद ।। मन मन्दिर... 14 Share sushil sarna 16 Jun 2024 · 1 min read याद हाथ को आ गया, याद हाथ को आ गया, आज पिता का हाथ । दूर देश से चूमता, आकर मेरा माथ ।। सुशील सरना / 16-6-24 Quote Writer 17 Share sushil sarna 16 Jun 2024 · 1 min read कहाँ लिखूँ कैसे लिखूँ , कहाँ लिखूँ कैसे लिखूँ , पता नहीं है पास । छोड़ गए मुझको पिता , दे कर अनबुझ प्यास ।। सुशील सरना / 16-6-24 Quote Writer 18 Share sushil sarna 16 Jun 2024 · 1 min read आसमान ही खो गया, आसमान ही खो गया, पिता गए जो दूर । बिना छाँव के जिंदगी, हुई दर्द में चूर ।। सुशील सरना / 16-6-24 Quote Writer 20 Share sushil sarna 16 Jun 2024 · 1 min read पितृ दिवस पर दोहा सप्तक. . . . . पितृ दिवस पर दोहा सप्तक. . . . . छाया बन कर धूप में,आता जिसका हाथ। कठिन समय में वो पिता,सदा निभाता साथ।। बरगद है तो छाँव है, वरना तपती... 16 Share sushil sarna 15 Jun 2024 · 1 min read थोड़ा सा आसमान .... थोड़ा सा आसमान .... चुरा लिया सपनों की चादर से थोड़ा सा आसमान पहना दिया उम्र को स्वप्निल परिधान लक्ष्य रहे चिंतित राह थी अनजान प्रश्नों के जंगल में उलझे... 21 Share sushil sarna 14 Jun 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . जीवन दोहा पंचक. . . . जीवन रहती है संसार में , कर्मों की बस गंध । इस जग में है जिंदगी, दो पल का अनुबंध ।। आभासी संसार के, आभासी... 12 Share sushil sarna 14 Jun 2024 · 1 min read कुंडलिया . . . कुंडलिया . . . कच्ची कैरी सा लगे, नयी उमर का प्यार । पलकों में हरदम सजे, सपनों का संसार । सपनों का संसार , करे दिल किस से बातें... Quote Writer 2 22 Share sushil sarna 13 Jun 2024 · 1 min read वातायन के खोलती, वातायन के खोलती, पट गौरी सौ बार । सूना आहट का हुआ, विरहन का संसार ।। सुशील सरना / 13-6-24 Quote Writer 15 Share sushil sarna 13 Jun 2024 · 1 min read छोड़ो भी यह बात अब , कैसे बीती रात । छोड़ो भी यह बात अब , कैसे बीती रात । आँखों में उलझी रही, दो लफ्जों की बात । दो लफ्जों की बात , रात भर रही उदासी । तड़पे... Quote Writer 17 Share sushil sarna 12 Jun 2024 · 1 min read अमर कलम ... अमर कलम ... चलो आओ अब सो जाएँ अश्रु के सीमित कणों में खो जाएँ घन सी वेदना के तिमिर को कोई आस किरण न भेद पाएगी पाषाणों से संवेदहीन... 16 Share sushil sarna 12 Jun 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . चिट्ठी दोहा पंचक. . . . चिट्ठी कहाँ गईं वो चिट्ठियाँ, कहाँ गया वो प्यार । शब्द -शब्द में वेदना, की बहती थी धार ।। पीली चिट्ठी प्यार की, जब आती... 17 Share sushil sarna 11 Jun 2024 · 1 min read दोहा त्रयी. . . दोहा त्रयी. . . रौद्र रूप तूफान का, दूर बहुत है तीर । बिना पाल की नाव, बैरी बना समीर । । तुंद हवा के वेग से, झड़े पीत सब... 17 Share sushil sarna 10 Jun 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . सागर दोहा पंचक. . . सागर उठते हैं जब गर्भ से, सागर के तूफान । मिट जाते हैं रेत में, लहरों के अरमान ।। लहर- लहर में रेत पर, मचलें सौ... 19 Share sushil sarna 9 Jun 2024 · 1 min read पत्नी से पंगा लिया, समझो बेड़ा गर्क । पत्नी से पंगा लिया, समझो बेड़ा गर्क । उल्टा लेगी अर्थ वो , जितने दोगे तर्क । जितने दोगे तर्क , बढ़ेंगी उतनी बातें । होगा वाद विवाद , कटेंगी... Quote Writer 1 21 Share sushil sarna 8 Jun 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . . पत्नी दोहा पंचक. . . . . पत्नी भार्या के अनुरोध का, घातक है प्रतिरोध । शीश झुका कर मानिए , उसका हर अनुरोध ।। पत्नी के लावण्य का, जो करता... 27 Share sushil sarna 7 Jun 2024 · 1 min read यथार्थ में … यथार्थ में … ज़िंदगी में .बड़े झमेले हैं । खुशी और दर्द के मेले हैं । भ्रम है कि .सब साथ हैं - यथार्थ में .सब अकेले हैं । सुशील... Quote Writer 1 23 Share sushil sarna 7 Jun 2024 · 1 min read खूंटी पर टंगी कमीज़ …. खूंटी पर टंगी कमीज़ …. जब जब मैं छूती हूँ खूंटी पर टंगी कमीज़ को मेरा समूचा अस्तित्व रेंगने लगता है उस स्पर्शबंध के आवरण में जहां मेरा शैशव निश्चिंत... 15 Share sushil sarna 7 Jun 2024 · 1 min read एक क्षणिका : एक क्षणिका : साँझ प्रीत अलबेली रैन साजन बिन अकेली नींद स्वप्न की सहेली सुशील सरना Quote Writer 19 Share sushil sarna 7 Jun 2024 · 1 min read संग सबा के संग सबा के सदा न आई दहकती रही दिल में तेरी बेवफाई सुशील सरना Quote Writer 20 Share sushil sarna 7 Jun 2024 · 1 min read वादा कर लो..... वादा कर लो..... चलो लौट चलो फिर उसी झील के किनारे जहां आज तक लहरों पे चाँद मुस्कुरता है किनारों की कंकरियां झील में सुप्त अहसासों को जगाने के लिए... 17 Share sushil sarna 7 Jun 2024 · 1 min read दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते रिश्ते नकली फूल से, देते नहीं सुगंध । अर्थ रार में खो गए, आपस के संबंध ।। रिश्तों के माधुर्य में, आने लगी... 1 21 Share sushil sarna 6 Jun 2024 · 1 min read उपसंहार …….. उपसंहार …….. हर सांस ज़िंदगी के लिए मौत से लड़ती है हर सांस मौत की आगोश से डरती है अपनी संतुष्टि के लिए वो अथक प्रयास करती है मगर कुछ... 16 Share sushil sarna 5 Jun 2024 · 1 min read दोहा त्रयी. . . . चित्रकार दोहा त्रयी. . . . चित्रकार चित्रकार से क्या छुपी, मौन चित्र की बात । रंगों के सैलाब में, धड़क रहे जज्बात ।। उसकी तूलिका ने भरा , इस जग... 18 Share sushil sarna 4 Jun 2024 · 2 min read काफी हाउस काफी हाउस जमघट था हर ओर वहां हर ओर अजब सा शोर था छल्ले धुऐं के थे कहीं और कहीं वाद विवाद का जोर था एक अजनबी से बने एक... 16 Share sushil sarna 4 Jun 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . . . ममता दोहा पंचक. . . . . . ममता ममता माँ की जानती, कैसा उसका लाल । वो रोया तो हो गए , गीले माँ के गाल ।। ममता तो संसार... 16 Share sushil sarna 3 Jun 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . . अर्थ दोहा पंचक. . . . . अर्थ बिना अर्थ के व्यर्थ है, धर्म- कर्म की बात । अर्थ बिना मिलता नहीं, कभी उदर को भात ।। अर्थ पिपासा कब मिटी,... 17 Share sushil sarna 2 Jun 2024 · 1 min read विश्राम ... विश्राम ... मैं क्या जानूँ राम कहाँ है। मेरा अंतिम धाम कहाँ है। पाप पुण्य की गठरी ढोती - साँसों का विश्राम कहाँ है। सुशील सरना Quote Writer 1 22 Share sushil sarna 2 Jun 2024 · 1 min read फ्रेम ..... फ्रेम ..... मरती रही ज़िंदगी ज़िंदा रही जब तक अमर हो गई फ्रेम में कैद होने के बाद सुशील सरना Quote Writer 29 Share sushil sarna 2 Jun 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . . दम्भ दोहा पंचक. . . . . दम्भ हर दम्भी के दम्भ का, सूरज होता अस्त । रावण जैसे सूरमा, होते देखे पस्त । । दम्भी को मिलता नहीं, जीवन में... 26 Share Page 1 Next