surenderpal vaidya 525 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next surenderpal vaidya 5 Oct 2024 · 1 min read भारतवर्ष महान कुण्डलिया ~~ ऋषि मुनियों की भूमि यह, भारतवर्ष महान। पर्व और उत्सव यहां, खूब बढ़ाते शान। खूब बढ़ाते शान, समय नवरात्रि आ गया। नवदुर्गा का रूप, सभी मन खूब छा... Hindi · कुण्डलिया · नवरात्रि 1 1 41 Share surenderpal vaidya 4 Oct 2024 · 1 min read नवदुर्गा गीतिका ~~ सभी जगह में खूब सजा है, मैया का दरबार। नवरात्रि का पर्व है पावन, भक्त करें जयकार। प्रथम शैलपुत्री माता है, पिता धन्य हिमवान। वृषभारूढ़ा अर्धचंद्र धर, सुन्दर... Hindi · गीतिका · नवदुर्गा · नवरात्रि · सरसी छंद 1 1 34 Share surenderpal vaidya 3 Oct 2024 · 1 min read ** शैलपुत्री ** ** शैलपुत्री ** मां दुर्गा के नवरूपों में, प्रथम शैलपुत्री का ध्यान। पुत्री रूप में इनको पाकर, पर्वतराज धन्य हिमवान। कर में कमल त्रिशूल सुशोभित, अर्धचन्द्र विराजित भाल। करे सवारी... Quote Writer 1 1 41 Share surenderpal vaidya 2 Oct 2024 · 1 min read नवरात्रि कुण्डलिया ~~~ करवट बदली वक्त ने, सभी रहे हैं झूम। शारदीय नवरात्र की, खूब मची है धूम। खूब मची है धूम, भाव भक्ति हर मन में। लिए शक्ति नव रूप,... Hindi · कुण्डलिया · नवरात्रि 1 1 33 Share surenderpal vaidya 1 Oct 2024 · 1 min read गीतिका गीतिका ~ धीरे धीरे, कदम बढ़ाते जाएं। हारे जीतें, नयन मिलाते जाएं। माली ने ज्यों, कण कण को सींचा है। प्यारे प्यारे, कमल खिलाते जाएं। आंखों में हैं, प्रिय सपने... गीतिका · जलधरमाला छंद · पिंगल सूत्र- म भ स म ४-८ 1 40 Share surenderpal vaidya 1 Oct 2024 · 1 min read काला कौवा कुण्डलिया ~~ दर्शन दुर्लभ हो रहे, सूनी है मुंडेर। कौवे क्यों अब हर जगह, दिखते देर सवेर। दिखते देर सवेर, घटी है संख्या इनकी। संकट में अस्तित्व, विषय चिन्ता का... Hindi · कुण्डलिया 1 1 41 Share surenderpal vaidya 1 Oct 2024 · 1 min read श्राद्ध पक्ष मुक्तक ~~ श्राद्ध कर्म से हम करें, पितरों को संतुष्ट। भावभक्ति मन में रखें, कभी नहीं हो रुष्ट। कर्तव्य हमारा है यही, करें सतत निर्वाह। रीति नीति से कार्य सब,... Hindi · मुक्तक · श्राद्ध पक्ष 1 1 44 Share surenderpal vaidya 29 Sep 2024 · 1 min read यह जीवन * गीतिका * ~~ यह जीवन उत्सव बन जाये, ऐसे कर लें कर्म। और समझ लें भाव सत्य का, गहराई से मर्म। सही समय पर निर्णय लेना, कभी न करना... गीतिका · सरसी छंद 1 1 40 Share surenderpal vaidya 26 Sep 2024 · 1 min read हो जाता अहसास कुण्डलिया ~~~ कभी कभी जब प्यार का, हो जाता अहसास। और हृदय में सहज ही, जग जाती है आस। जग जाती है आस, प्रफुल्लित हो जाता मन। लिए मिलन की... Hindi · कुण्डलिया 2 3 42 Share surenderpal vaidya 26 Sep 2024 · 1 min read खिलते हरसिंगार मुक्तक ~~ भोर समय से पूर्व ही, खिलते हरसिंगार। वासंती ऋतुकाल में, आता खूब निखार। श्रीहरि को हैं प्रिय बहुत, पारिजात के पुष्प। घर आंगन में जब खिलें, महके प्रिय... Hindi · दोहा मुक्तक · मुक्तक 1 1 33 Share surenderpal vaidya 11 Sep 2024 · 1 min read त्योहारों का देश कुण्डलिया ~~~ त्यौहारों का देश है, भारतवर्ष महान। जहां सनातन धर्म का, होता है गुणगान। होता है गुणगान, खूब हर्षित होते जन। प्रभु भक्ति में लीन, रहा करते सबके मन।... Hindi · कुण्डलिया · त्योहार · मुक्तक 1 1 46 Share surenderpal vaidya 2 Sep 2024 · 1 min read * मुक्तक * * मुक्तक * ~~ क्यों मगर तुम अधर सिल रही देखिए। जब हमारी नजर मिल रही देखिए। हो रहा है उजाला दिशा खिल उठी। सामने हर कली खिल रही देखिए।... Quote Writer 1 1 53 Share surenderpal vaidya 25 Aug 2024 · 1 min read जीवन पथ पर गीतिका ~~~ जीवन पथ पर , हर मुश्किल में, साथ रहें। सच्चे प्रेमी, कभी न कड़वी, बात कहें। भोर समय में, प्यारे पंछी, रहे चहक। देखो कितनी, जीवन की प्रिय,... Hindi · गीतिका · रास छंद 1 1 55 Share surenderpal vaidya 22 Aug 2024 · 1 min read नयी उमंगें गीतिका ~~~ नयी उमंगें मन में भर लें, कदम बढ़ाएं हम। बिना रुके अपने साथी का, साथ निभाएं हम। रिमझिम वर्षा लेकर देखो, आया है सावन। झूला झूलें और प्रीति... Hindi · गीतिका · छंद विष्णुपद 1 1 47 Share surenderpal vaidya 16 Aug 2024 · 1 min read स्वतंत्रता मुक्तक ~~~ प्रिय सभी को स्वतंत्रता, अपने मन की चाह। सभी चाहते विचरना, अपनी अपनी राह। सबको सब सुख चाहिए, बिना किसी प्रतिबंध। और चाहते हर समय, जीवन बेपरवाह। ~~~... Hindi · आजादी · मुक्तक · स्वतंत्रता 2 1 45 Share surenderpal vaidya 15 Aug 2024 · 1 min read हम सब एक हैं घनाक्षरी ~~ बढ़ता ही जा रहा है नित्य शक्तिशाली हिन्द, दीजिए आवाज आज हम सब एक हैं। प्रत्येक भारतीय का राष्ट्र भावना के संग, जान लीजिए महान जागृत विवेक है।... Hindi · घनाक्षरी छंद · स्वतंत्रता दिवस 1 1 72 Share surenderpal vaidya 14 Aug 2024 · 1 min read हर घर एक तिरंगे जैसी गीत ~~~ भारत मां का मस्तक ऊंचा, होता जायेगा। हर घर एक तिरंगे जैसी, शोभा पायेगा। केसरिया है रंग शौर्य का, शत्रु को दहलाये। श्वेत रंग है शांति विनय का,... Hindi · गीत · तिरंगा · विष्णुपद छंद · हर घर तिरंगा 55 Share surenderpal vaidya 13 Aug 2024 · 1 min read हिन्दी भाषा गीतिका ~~~ हिन्दी भारत की भाषा है, सब इसका सम्मान करें। सभी स्थान हर अवसर पर हम, इसका ही गुणगान करें। वेदों की वाणी संस्कृत है, हम सब की पहचान... Hindi · गीतिका · लावणी छंद · हिन्दी 1 1 76 Share surenderpal vaidya 13 Aug 2024 · 1 min read स्वयं को बचाकर गीतिका ~~ आफत न आती बताकर तुम्हें है। रखना स्वयं को बचाकर तुम्हें है। उनकी बहुत चाहतें हैं निराली। नखरे भी रखने उठाकर तुम्हें है। आसान होती नहीं मुश्किलें जब।... Hindi · गीतिका · विध्वंकमाला छंद 1 1 54 Share surenderpal vaidya 12 Aug 2024 · 1 min read दूर दूर रहते हो गीतिका ~~ आप क्यों दूर दूर रहते हो। बात मन की कभी न करते हो। दूरियों को हमें मिटाना है। व्यर्थ ही खूब कष्ट सहते हो। कुछ कहा आपसे मुहब्बत... Hindi · गीतिका · पारिजात छंद 1 1 57 Share surenderpal vaidya 11 Aug 2024 · 1 min read * मुक्तक* * * मुक्तक* * ~~ शोर मचाते हैं बहुत, श्वेत कपासी मेघ। और किया करते सहज, दूर उदासी मेघ। रिमझिम हैं जब बरसते, हर्षित होते लोग। बन जाते हैं स्वयं तब,... Quote Writer 1 1 53 Share surenderpal vaidya 6 Aug 2024 · 1 min read मिटेगी नहीं गीतिका ~~ ये दूरियां क्या मिटेगी नहीं। दुनिया नयी क्या बसेगी नहीं। सच्चे हृदय में मुहब्बत लिए। क्यों आस मन में जगेगी नहीं। जब फूल खिलने लगेंगे बहुत। क्या डालियां... Hindi · २२१ २२१ २२१ २ · गीतिका · विध्वंकमालिका छंद 1 1 96 Share surenderpal vaidya 5 Aug 2024 · 1 min read नव रश्मियों में गीतिका ~~~ एक आकर्षण भरा है सूर्य की नव रश्मियों में। नव उमंगें जग रही हैं हर जगह सब बस्तियों में। पेड़ हरियाली भरे हैं चाहते आकाश छूना। गीत गाते... Hindi · गीतिका · माधव मालती छंद 1 1 64 Share surenderpal vaidya 4 Aug 2024 · 1 min read रूठ जाना गीतिका ~~~ अच्छा नहीं इस तरह रूठ जाना। अब किस तरह आपको है मनाना। कोशिश बहुत की मगर क्या करें हम। क्या आपको आज कर के दिखाना। सामान बस चाहिए... Hindi · २२१ २२१ २२१ २२ · गीतिका · विध्वंकमाला छंद 1 1 61 Share surenderpal vaidya 4 Aug 2024 · 1 min read राज़ हैं गीतिका ~~~ भागे सभी जा रहे आज हैं। मन में दफन हो गये राज़ हैं। करते प्रतीक्षा यहां कौन अब। खुलकर दिखाते सभी नाज़ हैं। मजबूर देखो कबूतर बहुत। उड़ते... Hindi · गीतिका · मापनी- २२१ २२१ २२१ २ · विध्वंकमालिका छंद 1 1 62 Share surenderpal vaidya 1 Aug 2024 · 1 min read अधीर होते हो गीतिका ~~` क्यों बहुत ही अधीर होते हो। और फिर चैन से न सोते हो। काम खुद ही तमाम हो जाते। और तुम व्यर्थ बोझ ढोते हो। छा रहे देखिए... Hindi · गीतिका · पारिजात छंद 1 1 58 Share surenderpal vaidya 31 Jul 2024 · 1 min read कांवड़िए कुण्डलिया ~~ गंगाजल लेकर चले, कांवड़िए शिवभक्त। ध्येय साधना में सदा, रहते हैं अनुरक्त। रहते हैं अनुरक्त, घोष जय के गुंजाते। भर भर कांवड़ खूब, शिवालय में पँहुचाते। कहते वैद्य... Hindi · उत्सव · कांवड़िए · कुण्डलिया 1 1 73 Share surenderpal vaidya 31 Jul 2024 · 1 min read गीतिका गीतिका ~~~ नाचने दो मयूर मनभावन। है धरा का खिला खिला आंगन। स्वप्न नव देखते नयन बोझिल। जोश में हैं बढ़ा हृदय स्पंदन। झूमता मोर पंख फैलाए। दृश्य है खूब... Hindi · गीतिका · पारिजात छंद 1 61 Share surenderpal vaidya 28 Jul 2024 · 1 min read चाहतें हैं गीतिका ~~ चाहतें हैं बहुत जग रही क्या करें। कुछ बताओ हमें धैर्य कैसे धरें। चांदनी रात का दृश्य है सामने। आह ठंडी अभी क्यों नहीं हम भरें। प्रेम की... Hindi · गीतिका · वाचिक सृग्विणी छंद 1 1 69 Share surenderpal vaidya 28 Jul 2024 · 1 min read भावना का कलश खूब भावना का कलश खूब छलक रहा है यहां। सुरमयी हर दिशा महक रही है यहां छोड़ कर दुविधा चलो चलें आगे लिए दीवानगी कोई बहक रहा है यहां। ~~~~~~~~~ -सुरेन्द्रपाल... Quote Writer 1 1 62 Share surenderpal vaidya 22 Jul 2024 · 1 min read नज़र नहीं आते गीतिका ~~~ आजकल क्यों नजर नहीं आते। हम नहीं आपको भुला पाते। बात मन की कही नहीं जाती। शब्द क्यों आज हैं ठिठक जाते। हो गयी लुप्त क्यों हँसी सुन्दर।... Hindi · गीतिका · पारिजात छंद 1 1 57 Share surenderpal vaidya 21 Jul 2024 · 1 min read नजदीकियां हैं गीतिका ~~~ कभी दूरी कभी नजदीकियां हैं। अजब हालात अपने दरमियां हैं। जमाने की बहुत परवाह की जब। मगर क्यों बंद सबकी खिड़कियां हैं। सभी को सिर्फ है चिन्ता स्वयं... Hindi · गीतिका · सुमेरु छंद 1 1 92 Share surenderpal vaidya 20 Jul 2024 · 1 min read ज़माने में गीतिका ~~~ जरूरी है सभी के साथ चलना है ज़माने में। बहुत आनन्द आता है किए वादे निभाने में। हमारे सामने तुम हो जरा सा मुस्कुरा भी दो। अधिक देरी... Hindi · गीतिका · विधाता छंद 1 1 56 Share surenderpal vaidya 20 Jul 2024 · 1 min read मुक्तक मुक्तक ~~ झिलमिलाती चान्दनी है यामिनी में। चाह है प्रिय से मिलन की कामिनी में। रौशनी ले बढ़ रही है प्रेम पथ पर। है बहुत विश्वास मन की स्वामिनी में।... Quote Writer 1 1 101 Share surenderpal vaidya 19 Jul 2024 · 1 min read लक्ष्य प्राप्त होता सदा गीतिका ~~~ लक्ष्य प्राप्त होता सदा, हो मन में अनुराग। सहज भाव से बढ़ चलें, छोड़ें भागम भाग। जीवन में आगे बढ़ें, लेकर निज छवि स्वच्छ। कभी न लगने दीजिए,... Hindi · दोहा · दोहा गीतिका 1 1 67 Share surenderpal vaidya 16 Jul 2024 · 1 min read निभाना आपको है गीतिका ~~~ किया वादा निभाना आपको है। समय पर नित्य आना आपको है। बहुत चाहा हमेशा आपको जब। हमें अपना बनाना आपको है। चलेंगे साथ मिलकर हर क़दम हम। मगर... Hindi · गीतिका · सुमेरु छंद 1 1 68 Share surenderpal vaidya 9 Jul 2024 · 1 min read क्यों नहीं आ रहे हो गीतिका ~~~ कहो सामने क्यों नहीं आ रहे हो। छुपाकर कहीं कुछ चले जा रहे हो। जगा स्नेह मन में छुपाना न अच्छा। स्वयं पर बहुत ज़ुल्म क्यों ढा रहे... Hindi · गीतिका · वाचिक भुजंग प्रयात छंद 2 1 59 Share surenderpal vaidya 7 Jul 2024 · 1 min read कथा कहानी मुक्तक ~~~ कथा कहानी किस्सों की है, दुनिया मस्त मलंग। और रहा करते हैं इसमें, भांति भांति के रंग। आपस में मिलजुल कर इनको, खूब सुनाते लोग। और सुनाने के... Hindi · मुक्तक · सरसी छंद 1 1 87 Share surenderpal vaidya 30 Jun 2024 · 1 min read छम-छम वर्षा कुण्डलिया ~~~ गहरी मीठी नींद में, स्वप्न देखिए खूब। और देखना सहज ही, मिट जाएगी ऊब। मिट जाएगी ऊब, प्रफुल्लित होगा तन-मन। लिए मधुर मुस्कान, खूब निखरेगा जीवन। कहते वैद्य... Hindi · कुण्डलिया · वर्षा ऋतु 1 1 98 Share surenderpal vaidya 29 Jun 2024 · 1 min read चाहतें मन में गीतिका ~~ परीक्षा दे चुके लेकिन सुखद से फल मिलेंगे कब। बहुत है चाहतें मन में सभी पूरी करेंगे कब। गरजते मेघ हैं नभ पर मगर वर्षा नहीं करते। सभी... Hindi · गीतिका · विधाता छंद 1 1 54 Share surenderpal vaidya 26 Jun 2024 · 1 min read भोर का दृश्य गीतिका ~~~ निखरता हुआ भोर का दृश्य सुन्दर। किरण स्वर्णमय रह न पाती सिमटकर। बहुत चाह आगोश में आज ले लूं। रुके बिन उसे देख लूं आज जी भर। पुकारूं... Hindi · गीतिका · भुजंग प्रयात छंद 1 1 79 Share surenderpal vaidya 25 Jun 2024 · 1 min read सोने के सुन्दर आभूषण गीतिका ~~~ सोने के सुन्दर आभूषण, जब चमकें हर ओर। इनके आकर्षण में दुनिया, होती भाव विभोर। कनक भवन की शान निराली, हर मन लेती मोह। मूल्यवान रत्नों से इसका,... Hindi · गीतिका · सरसी छंद 1 70 Share surenderpal vaidya 25 Jun 2024 · 1 min read कदम आगे बढ़ाना गीतिका ~~~ कदम आगे बढ़ाना अब न रुकना। मुसीबत से भरी हर बात सहना। चुभेंगे शूल तीखे से कभी जब। कभी परवाह मत करना न झुकना। कहेंगे लोग बातें व्यर्थ... Hindi · गीतिका · सुमेरु छंद 1 1 85 Share surenderpal vaidya 22 Jun 2024 · 1 min read हमेशा आगे गीतिका ~~~ करते अपनी लेकिन सबकी, सुनते अवश्य हैं। ऐसे लोग हमेशा आगे, रहते अवश्य हैं। अल्प समय के जीवन में भी, सबके मन भाते। फूल खिला करते हैं लेकिन,... Hindi · गीतिका · छंद विष्णुपद 2 1 80 Share surenderpal vaidya 21 Jun 2024 · 1 min read योग प्राणायाम घनाक्षरी ~~~ हर्षित बनायें मन चित्त कीजिए एकाग्र, स्वस्थ हम बनें रहें योग प्राणायाम से। भोर में जगा रही है रश्मि सूर्य की प्रथम, त्याग दीजिए शयन ईश को प्रणाम... Hindi · घनाक्षरी · योग दिवस 1 67 Share surenderpal vaidya 21 Jun 2024 · 1 min read हवा चल रही गीतिका ~~~ हवा चल रही मंद मंद तब, झूम रही हर डाली है। मन में नयी उमंग जगाती, मनहर छटा निराली है। सूरज बादल में छुप जाता, गर्मी से राहत... Hindi · गीतिका · लावणी छंद 1 65 Share surenderpal vaidya 13 Jun 2024 · 1 min read खिला है गीतिका ~~~ प्यार को आधार सच्चा जब मिला है। हर्ष से मुखड़ा कमल बनकर खिला है। घर पिया के जा रही नव यौवना। पूर्ण होता चाहतों का सिलसिला है। जिस... Hindi · गीतिका · सार्द्ध मनोरम छंद 1 70 Share surenderpal vaidya 13 Jun 2024 · 1 min read दिखा दो गीतिका ~~~ अभी तुम जरा पास आ कर दिखा दो। बहुत दूरियां हैं मिटा कर दिखा दो। कभी ना कभी तो सफलता मिलेगी। सभी दांव अब आज़मा कर दिखा दो।... Hindi · गीतिका · भुजंग प्रयात छंद 1 112 Share surenderpal vaidya 10 Jun 2024 · 1 min read घर आंगन गीतिका ~~~ बरसे प्रिय है ऋतु सावन। महके सबके घर आंगन। बरसे जल शीतल शीतल। लगती सब को मनभावन। मन खोकर है अति व्याकुल। जब सुन्दर भीग रहा तन। बढ़ती... Hindi · गीतिका · शील वर्णिक छंद 2 1 104 Share surenderpal vaidya 8 Jun 2024 · 1 min read ठाट-बाट मुक्तक ~~~ साथ अमीरी के आने से, ठाठ बाट बढ़ जाते। सुख सुविधा का लाभ उठाकर, फूले नहीं समाते। किन्तु संयमित जीवन सबसे, श्रेष्ठ हुआ करता है। तन मन स्वस्थ... Hindi · ठाट-बाट · मुक्तक · सार छंद 1 78 Share Previous Page 2 Next