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Tag: कविता
1348 posts
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प्रेम भेजा फ़्राई
प्रेम भेजा फ़्राई
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गुनगनी धूप सा बदन तेरा है
गुनगनी धूप सा बदन तेरा है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
तुम सा कोई महबूब नही है
तुम सा कोई महबूब नही है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कभी कभी मन रोता है
कभी कभी मन रोता है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मंजिल बहुत करीब है
मंजिल बहुत करीब है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दिल मे लगी आग है
दिल मे लगी आग है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
वो जो दिल के खास है
वो जो दिल के खास है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जिस्म के पैंतीस टुकड़े
जिस्म के पैंतीस टुकड़े
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शूरवीरों को प्रणाम
शूरवीरों को प्रणाम
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शिक्षा जगत का हीरा सतबीर गोयत
शिक्षा जगत का हीरा सतबीर गोयत
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
वो जो मेरे साथ है
वो जो मेरे साथ है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
नारी-अभिनंदन
नारी-अभिनंदन
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खिल गया मन का कोना-कोना
खिल गया मन का कोना-कोना
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दो दिलों का मेल है जिंदगी
दो दिलों का मेल है जिंदगी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खुश्बू भरी शाम
खुश्बू भरी शाम
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जिंदगी है दुखों से बरी
जिंदगी है दुखों से बरी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
माथे के8 बिंदिया
माथे के8 बिंदिया
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
भूकंप कंपन
भूकंप कंपन
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बहुत कुछ खो कर तुझ में खोया हूँ
बहुत कुछ खो कर तुझ में खोया हूँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
चाँद का टुकड़ा उतरा जमीं पर
चाँद का टुकड़ा उतरा जमीं पर
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कथावाचक मालामाल
कथावाचक मालामाल
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जीने की आस बाकी है
जीने की आस बाकी है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आ ही तक याद है
आ ही तक याद है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
चुनाव डयूटी
चुनाव डयूटी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जिंदगी में बहुत गम है
जिंदगी में बहुत गम है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पथ से भटकाया है
पथ से भटकाया है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जेब म नही पैसा पाई
जेब म नही पैसा पाई
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
प्यारी सी प्रेम बरसात हुई
प्यारी सी प्रेम बरसात हुई
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
वक्त का तराजू
वक्त का तराजू
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सरपंच और पंच की खोज
सरपंच और पंच की खोज
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गर लगे आग तुम बुझाना मत
गर लगे आग तुम बुझाना मत
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
नदी सा बहक जाऊं
नदी सा बहक जाऊं
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
करवाचौथ दिवस मनाना हो
करवाचौथ दिवस मनाना हो
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
फ़लक से उतरी नूर मेरी महबूबा
फ़लक से उतरी नूर मेरी महबूबा
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
चिराग योजना
चिराग योजना
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जमीं पर चाँद हो उतरा
जमीं पर चाँद हो उतरा
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ओस की बूंदें
ओस की बूंदें
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जगजीत की याद में
जगजीत की याद में
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
प्रभु लीला
प्रभु लीला
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गहरी नींद सुला दिया
गहरी नींद सुला दिया
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सरकारी स्कूलां दी
सरकारी स्कूलां दी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
धुंआ धीरे धीरे सुलगता है
धुंआ धीरे धीरे सुलगता है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
विजयदशमी दशहरा
विजयदशमी दशहरा
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
वक्त ही वक्त पर वक्त न था
वक्त ही वक्त पर वक्त न था
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पतझड़ से झड़ते अरमान
पतझड़ से झड़ते अरमान
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मिलकर हम कदम बढ़ाएंगे
मिलकर हम कदम बढ़ाएंगे
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सेवानिवृत्ति बीरभान
सेवानिवृत्ति बीरभान
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मन मे जो गहरी पीर है
मन मे जो गहरी पीर है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हर बात में तेरा जिक्र है
हर बात में तेरा जिक्र है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
परियों की रानी बिटिया रानी
परियों की रानी बिटिया रानी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
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