Shyam Sundar Subramanian Tag: कविता 522 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next Shyam Sundar Subramanian 25 Jan 2024 · 1 min read कर्णधार उसकी आंखों में एक अजीब सी चमक मैंने देखी थी , जिंदगी में कुछ कर गुजरने की उमंग उसमें मैंने देखी थी , परिस्थिति का मारा वो बेचारा, सम्बलविहीन ,कटु... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 99 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Jan 2024 · 1 min read प्रतिशोध क्रोध , वैमनस्य, प्रतिस्पर्धा की उत्पत्ति , विवेक भंजन नकारात्मक संहारक शक्ति , अंतस अनल उत्सर्जित दहन भावना , घृणा प्रेरित विनाशक प्रतिकार कामना , ह्रदय कंटक बनी कष्ट कारक... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 133 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Jan 2024 · 1 min read प्रेम प्रेम एक लगन है , इसमें रहते प्रेमी मगन हैं , यह हृदय से हृदय का स्पंदन है , यह बुझाए ना बुझे वह अगन है , यह एक सतत... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 109 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Jan 2024 · 1 min read सत्याधार का अवसान सत्य क्यों इतना प्रतीत निष्ठुर है ? असत्य क्यों इतना प्रतीत मधुर है ? क्यों सत्य सबसे अलग इतना एकाकी पड़ गया है ? क्यों असत्य का साथ देने वालों... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 141 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Jan 2024 · 1 min read नारी अस्मिता मन उपवन की नन्ही कली, जो घर आंगन में पली-बढ़ी, फूल से चेहरे पर खिली उसकी मुस्कान, माता पिता, बंधु बांधव, मित्रों की जान, सदा निस्वार्थ सेवा, सहायता को तत्पर,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 91 Share Shyam Sundar Subramanian 24 Jan 2024 · 1 min read नारी वेदना के स्वर कल मुंहअंधेरे सवेरे मुझे पड़ोस से नारी क्रंदन स्वर सुनाई दिया , यह किसी घरेलू हिंसा प्रताड़ित गृहणी की वेदना का स्वर था , या किसी पुत्र एवं पुत्रवधू द्वारा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 117 Share Shyam Sundar Subramanian 24 Jan 2024 · 1 min read वर्तमान लोकतंत्र देश का वर्तमान लोकतंत्र , राजनीति की बिछाई शतरंज , लोकहित लुभावने वादों का प्रपंच , जाति , धर्म ,संप्रदाय ,आधारित षड्यंत्र , आम आदमी जिसका बना मोहरा , नेताओं... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 114 Share Shyam Sundar Subramanian 24 Jan 2024 · 1 min read समझ कुछ लोग कही बात समझ नहीं पाते हैं , कुछ समझ कर भी अनजान से बने रहते हैं , कुछ अपने आप को दूसरों से समझदार समझते हैं, कुछ अपनी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 88 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Jan 2024 · 1 min read ज़िंदगी के मर्म सुख-दु:ख की धूप छांव है ये ज़िंदगी , कभी सूरज सी प्रचंड , कभी चंद्रमा सी शांत है , ये ज़िंदगी , कभी हर्ष का उत्कर्ष , कभी कल्पित धारणा... Hindi · कविता · सार-तत्व 85 Share Shyam Sundar Subramanian 18 Jan 2024 · 1 min read वक्त लगता है चलते-चलते वक्त कुछ पीछे छूट गया , कुछ ऐसे गुजरा की कुछ पता ही नहीं चला , हम कहां थे ? कहां से कहां आ गए ? हम... Hindi · एहसास · कविता 1 90 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Jan 2024 · 1 min read डबूले वाली चाय डबूले वाली चाय का मज़ा तुम क्या जानो ? मिट्टी की सौंधी खुशबू के साथ भाप वाली कड़क चाय का मज़ा तुम क्या जानो ? कँपकपाती सर्दी में हर चुस्की... Hindi · कविता 125 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Jan 2024 · 1 min read संकल्प जीवन के इस पायदान में मैने यह संकल्प लिया है, इस माया- मोह के बंधन से स्वयं को मुक्त किया है, अतीत की स्मृतियों को छोड़ वर्तमान अपना लिया है,... Hindi · कविता 131 Share Shyam Sundar Subramanian 10 Jan 2024 · 1 min read नश्वर संसार इस नश्वर संसार में ये अनुप्रीति कैसी ? जब कुछ शाश्वत नहीं तो ये अनुभूति कैसी? जब सब कुछ यहीं छोड़ जाना है तो ये बंधन कैसा ? जो बिछड़... Hindi · कविता 142 Share Shyam Sundar Subramanian 7 Jan 2024 · 1 min read शु'आ - ए- उम्मीद कहीं कुछ अटका सा कुछ भटका सा बेचैन दिल लिए फिरता हूं, कुछ कहे कुछ अनकहे दर्द लिए रहता हूं , कुछ कह ना पाऊं के अपनों की फ़ितरत ने... Hindi · कविता 2 99 Share Shyam Sundar Subramanian 1 Jan 2024 · 1 min read प्रतीक्षा गत वर्ष जो बीत गया , कुछ खट्टी- मीठी ,कड़़वी यादें छोड़ गया , कुछ रिश्ते टूटे कुछ नए नातों को जोड़ गया , कुछ आशाएं धूमिल हुईंं , कुछ... Hindi · कविता 131 Share Shyam Sundar Subramanian 30 Dec 2023 · 1 min read प्रायश्चित क्यूँ भूला है अपनी राह पथिक ? मरीचिका के भ्रम में भटका हुआ , लालसा - वासना छद्म में अटका हुआ , तर्क को कुतर्क से नष्ट करता हुआ ,... Hindi · कविता · संदेश 171 Share Shyam Sundar Subramanian 28 Dec 2023 · 1 min read परिणति कुंठित भावना , निरर्थक कामना , शोषित मनुष्यत्व ,त्रस्त भंगुर अस्तित्व , छद्म लालसा, आभासी आशा, , कपटपूर्ण व्यवहार, विस्तृत अनाचार , सत्य कठोर , असत्य भावविभोर , मंतव्य कलुषित... Hindi · अनुभूति · कविता 109 Share Shyam Sundar Subramanian 27 Dec 2023 · 1 min read दहन ये धुआँ सा कहाँ से उठता है ? फ़िज़ा में ये सुगबुगाहट कैसी है ? लगता है कहीं कुछ जल रहा है , माहौल में ये चुप्पी कैसी तारी है... Hindi · एहसास · कविता 112 Share Shyam Sundar Subramanian 24 Dec 2023 · 1 min read वो बातें रात तो बीत गई पर कुछ कही , कुछ अनकही बातें रह गई , कुछ दिल को बेचैन कर गई , कुछ ज़ेहन को मुज़्महिल कर गई , श़ब -ओ-सहर... Hindi · एहसास · कविता 1 2 216 Share Shyam Sundar Subramanian 21 Dec 2023 · 1 min read आस ख़्वाहिशों के महल बनते रहते हैं , हालातो के झोंके इन्हें बिखराते रहते हैं , हसरतों की पतंगें ऊँची उड़़ाने लेती रहतीं हैं , हक़ीक़त के मांझे की धार डोर... Hindi · कविता 100 Share Shyam Sundar Subramanian 21 Dec 2023 · 1 min read रुख़्सत इस शहर की यादगारों को साथ ले चला हूं , बीते हुए लम्हों का हिसाब साथ ले चला हूं , रंजिशे, अदावतें छोड़, प्यार साथ ले चला हूं , सरगर्मी... Hindi · कविता 137 Share Shyam Sundar Subramanian 21 Dec 2023 · 1 min read ये ज़िंदगी सांसों के तार पर टिकी हुई है ये ज़िंदगी , कुछ हक़ीकत, कुछ ख्वाबों की बसर है ये जिंदगी , लम़्हा भर वक्त की दहलीज़ पर ठहरी है ये जिंदगी... Hindi · कविता 1 2 131 Share Shyam Sundar Subramanian 20 Dec 2023 · 1 min read हालातों का असर कुदरत की रा'नाईओं का भी असर होता है , तन्हा वीरानियों का भी सफ़र होता , ख़िज़ाँ में सूखे पत्तों का भी शजर होता है , बादलों में छुपा हुआ... Hindi · एहसास · कविता 163 Share Shyam Sundar Subramanian 18 Dec 2023 · 1 min read तेरी जुस्तुजू तुझे ढूंढता रहा मैं वादियों के नज़ारों में, तन्हा भटकता रहा मैं वीरान राहों में, पता ढूंढा तेरा दीनी तज़्किरो की मजलिसों में , खोजता रहा तुझे दानिश-मंदों की सोहबतों... Hindi · कविता 80 Share Shyam Sundar Subramanian 17 Dec 2023 · 1 min read कमबख़्त इश़्क जबसे हमने तुम्हें अपना बना लिया , कर खुद को तुम्हारे हवाले दर्द दिल में बसा लिया , बावफ़ा हो ता-'उम्र हमने वफ़ा का निबाह किया , फ़ितरत से मा'ज़ूर... Hindi · कविता 157 Share Shyam Sundar Subramanian 7 Dec 2023 · 1 min read ज़मीर क्यूँ ढूँढ़ता है ? अपने ज़ख़्मों का मुदावा जो इस ज़माने में ना मिलेगा , इस बेदर्द ज़माने में तेरे जख़्मों का चारा-गर कभी ना मिलेगा , इस ख़ुदगर्ज़ जहाँ... Hindi · कविता · सलाह 2 145 Share Shyam Sundar Subramanian 2 Dec 2023 · 1 min read तसव्वुर मसर्रत की ऐसी हवा चली है , माहौल की सरगर्मियां लुत्फ़-अंदोज़ हो रहीं हैं , लगता है अभी-अभी किसी ने मुझे प्यार से छूआ है , ज़ेहन में अजब सी... Hindi · एहसास · कविता 1 95 Share Shyam Sundar Subramanian 29 Nov 2023 · 1 min read असर निग़ाहे नाज़ का ये असर है जिससे तू बे-ख़बर है , दीवाना बना दे ज़माने को ऐसी तेरी नजर है , चश्मे साग़र से पिला मदहोश कर देती हो ,... Hindi · एहसास · कविता 1 170 Share Shyam Sundar Subramanian 27 Nov 2023 · 1 min read समझदार बेवकूफ़ एक गधे ने दूसरे गधे से कहा , लोग खामखां हमें बदनाम करते हैं , पर इंसान कुछ ऐसे काम करते हैं , जिन्हें देखकर कहते हमें शर्म आती है... Hindi · कविता · व्यंग्य 2 175 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Nov 2023 · 1 min read संकल्प क्या जीत ? क्या हार ? समय से बंधा सारा संसार , किसी दिन जीत है तो किसी दिन हार , सब नियति का चक्र है, कर मत अधिक विचार,... Hindi · कविता 1 156 Share Shyam Sundar Subramanian 9 Nov 2023 · 1 min read आगाह वहशी दरिन्दों पर हमदर्दी जताना छोड़ दो , सियासत को दहश़़तग़र्दी से मिलाना छोड़ दो , जो अपनो के ना हुए वो तुम्हारे किस- क़दर बनेंगे , ये ख़ुदगर्ज़ वक्त... Hindi · कविता 107 Share Shyam Sundar Subramanian 22 Oct 2023 · 1 min read आज का दौर आज के दौर में झूठ हक़ीक़त के जामे में इस क़दर पेश होती है के सच लगने लगती है , अवाम भी फ़ितरत के फ़रेबे जाल में जब फँसती है... Hindi · कविता 165 Share Shyam Sundar Subramanian 16 Oct 2023 · 1 min read मर्दुम-बेज़ारी बड़ी-बड़ी बातों का इल्म़ बांटना बहुत आसान है , उनका 'अमल उतना ही मुश्किल ना आसान है , हक़ीक़त में इंसानी फ़ितरत आड़े आती है , जो बनते काम को... Hindi · एहसास · कविता 229 Share Shyam Sundar Subramanian 20 Sep 2023 · 1 min read हक़ीक़त जो हम देखते हैं वो हमेशा सच नहीं होता , जो हम समझते हैं वो भी हमेशा सच नहीं होता , सच को जानने और समझने के लिए नज़रिए की... Hindi · कविता · सलाह 131 Share Shyam Sundar Subramanian 5 Sep 2023 · 1 min read राजनीति का नाटक क्या खूब है राजनीति का ये नाटक ! देश की जनता महंगाई से है त्रस्त ! शासन अपनी उपलब्धियों के बखान में है मस्त ! कभी राज्य, कभी केंद्र, मीडिया... Hindi · कविता 226 Share Shyam Sundar Subramanian 13 Aug 2023 · 1 min read ज़िंदगानी रिश्ते थे जो, वो टूटते चले गए , दोस्तों के साथ भी छूटते चले गए , वक्त के साथ एहसास भी बदलते गए , जब -तब हादसे , ज़ीस्त को... Hindi · एहसास · कविता 195 Share Shyam Sundar Subramanian 3 Aug 2023 · 1 min read उम्मीद -ए- दिल आलम -ए -बेताबी -ए- दिल का हुआ ये हाल, वो तस्वीर ज़ेहन से ना उतरती करती है बे-हाल , मुज़्तरिब सा बहका- बहका रहता हूँ , दीवाना सा भटका- भटका... Hindi · एहसास · कविता 1 232 Share Shyam Sundar Subramanian 24 Jul 2023 · 1 min read ए'लान - ए - जंग दिल पर पत्थर रखने को मजबूर हुआ , इंसानियत का ब -हमा-वजूद जब तार-तार हुआ , वहशी दरिंदों के हैवानियत की इंतिहा हो गई , जब बेबस मज़लूमों की 'इस्मत... Hindi · कविता 282 Share Shyam Sundar Subramanian 10 Jul 2023 · 1 min read निगाहें उनकी आंखों में उमड़ता सैलाब मैंने देखा था , उनकी आंखों में जन्नत का एहसास मैंने देखा था , लफ्ज़ों का इज़हार ग़ुम था , मगर बोलती निगाहों को मैंने... Hindi · एहसास · कविता 294 Share Shyam Sundar Subramanian 7 Jul 2023 · 1 min read वर्तमान छद्म का संसार प्रकट है , यथार्थ का अस्तित्व विलुप्त है , अनाचार , भ्रष्टाचार मे मानव लिप्त है , नीति, आदर्श , संस्कार , सब सुप्त हैं , आचार... Hindi · कविता 121 Share Shyam Sundar Subramanian 2 Jul 2023 · 1 min read मुक़्तज़ा-ए-फ़ितरत इश्क़ में तर्क- ए -वफ़ा का ; वो हमें मोरिद- ए- इल्ज़ाम किए जाते हैं , नादिम हैं वो अपनी फ़ितरत से ; जो इस कदर हमें रुसवा किए जाते... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · काव्य प्रतियोगिता 7 4 179 Share Shyam Sundar Subramanian 2 Jul 2023 · 1 min read चाहत किसी की चाहत में हम खुद को भुला बैठे , होश जब आए तब इल्म़ हुआ क्या कुछ गवां बैठे , खुद को दीवाना बना भटकते रहे सराबों में ,... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · काव्य प्रतियोगिता 5 3 312 Share Shyam Sundar Subramanian 29 Jun 2023 · 1 min read सोच सोच - सोच में फर्क होता है, कुछ अपनी सोच को सही समझते हैं , कुछ अपनी सोच दूसरों पर हावी करते हैं , कुछ अपनी सोच की गलतियों को... Hindi · कविता 184 Share Shyam Sundar Subramanian 18 Jun 2023 · 1 min read वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई - पुण्यतिथि - श्रृद्धासुमनांजलि नारी अस्मिता का इतिहास लिख गई, जो स्वतंत्र अस्तित्व के लिए प्राणों का उत्सर्ग कर गई, जीवन संघर्ष में अपनों द्वारा छली गई , वो निर्भीकता एवं शूरवीरता की निशानी... Hindi · कविता 1 139 Share Shyam Sundar Subramanian 17 Jun 2023 · 1 min read फ़ानी ज़िंदगी तो आनी-जानी है , यहां कोई ला-फ़ानी नहीं है , लम्हों की दहलीज़ पर ठहरे हुए हम तिनके हैं , वक्त का झोंका कब उड़ा ले जाए दिन गिनती... Hindi · कविता · यथार्थ 1 441 Share Shyam Sundar Subramanian 13 Jun 2023 · 1 min read ये नज़रें नज़र से नज़र का असर है , जो इन नज़रों से बेख़बर है , वो एहसास -ए- शु'ऊर से बेअसर है , किसी ने जन्नत देखी है नज़रों में ,... Hindi · एहसास · कविता 2 2 337 Share Shyam Sundar Subramanian 13 Jun 2023 · 1 min read अजनबी अपनों के शहर में हम अजनबी से हो गए हैं , बावफ़ा रहकर भी मोरिद- ए - इल्ज़ाम हो गए हैं , यादों के झरोखों से झाँकते है कुछ जाने-... Hindi · एहसास · कविता 452 Share Shyam Sundar Subramanian 13 Jun 2023 · 1 min read पत्थरवीर उस दिन मैंने कुछ लड़कों को पत्थर बीन -बीनकर इकट्ठे करते हुए देखा , मैंने उनसे पूछा , तुम लोग पत्थर इकट्ठाकर क्यों नाहक अपना समय बर्बाद कर रहे हो... Hindi · कविता · व्यँग 1 127 Share Shyam Sundar Subramanian 3 Jun 2023 · 1 min read एकाकीपन जैसे-जैसे यह समय गुजरता जाता , वैसे-वैसे ही कुछ घटता सा जाता , उमंग में भी कमी होने लगती , अच्छी- भली कही भी बुरी लगती , भीड़ से दूर... Hindi · एहसास · कविता 447 Share Shyam Sundar Subramanian 2 Jun 2023 · 1 min read व्यक्तिगत अभिव्यक्ति बहुत कुछ सोच समझकर कहना चाहूं तो ज़ुबान पर ताले पड़ जाते हैं , अव्यक्त भावनाओं के स्वर अंतःकरण में डोलते रहते व्यक्त नहीं हो पाते हैं , लगता है... Hindi · एहसास · कविता 348 Share Previous Page 4 Next