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तमाम उम्र अंधेरों ने मुझे अपनी जद में रखा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वो अदब-ओ-आदाब भी ज़रूरी है ज़िंदगी के सफ़र में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मेरी कविता, मेरे गीत, मेरी गज़ल बन चले आना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
क्या अपने और क्या पराए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
गर मुहब्बत करते हो तो बस इतना जान लेना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कभी अपने ही सपने ख़रीद लेना सौदागर बनके,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इश्क़ में तू चाल भी इस क़दर चलना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मुझे पाने इश्क़ में कोई चाल तो चलो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्रेम एक ऐसा मार्मिक स्पर्श है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तुमने जाम अपनी आँखों से जो पिलाई है मुझे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बन के देखा है मैंने गुलाब का फूल,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बन के देखा है मैंने गुलाब का फूल,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
शुक्रिया-ए-ज़िंदगी तेरी चाहतों में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चलो अब कुछ बेहतर ढूंढते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तुम्हारी चाहतों का दामन जो थामा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यकीनन तुम्हारे बिना जीना किसी दर्द से कम नहीं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
थोड़ी-थोड़ी बदमाशी करती रहनी चाहिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
असफ़लता का दामन थाम रखा था ताउम्र मैंने,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मुलाकातें
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
गांवों के इन घरों को खोकर क्या पाया हमने,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
गीत गाता है बचपन,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कोई काम जब मैं ऐसा करता हूं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कोई तुम्हें टूट के चाहे तो क्या कीजिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
किसी सिरहाने में सिमट जाएगी यादें तेरी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बस जला दिया जाता है मोहब्बत में दिल को भी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तन्हाई चुराने में पूरी ज़िंदगी निकाल दी गई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कितनी गौर से देखा करती हैं ये आँखें तुम्हारी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तुम्हारा ज़वाब सुनने में कितना भी वक्त लगे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
खूबसूरत सा लगा है वो अंदाज़ तुम्हारा हमें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
निंदिया रोज़ मुझसे मिलने आती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मेरे हिस्से का प्यार भी तुझे ही मिले,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पत्थर जैसे दिल से दिल लगाना पड़ता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मेरी सुख़न-गोई बन गई है कलाम मेरा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ख़ुश-कलाम जबां आज़ के दौर में टिक पाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
लोग कब पत्थर बन गए, पता नहीं चला,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वो तमन्नाएं भी ज़िद पे उतर आईं हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आशिक़ों को बेवफ़ाई मिली,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चराग़ों ने इन हवाओं को क्या समझ रखा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जिस तौर भी कट रही वो ज़िंदगी तेरे नाम पर
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वफ़ाओं ने मुझे लूट लिया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आँखें खोलूं तो सारा ज़माना नज़र आता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ये मत पूछो यारों, मेरी क्या कहानी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तू इतनी चुप जो हो गई है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वफ़ा के ख़ज़ाने खोजने निकला था एक बेवफ़ा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जो अपनी ग़म-ए-उल्फ़त से गिला करते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जब एक लौ एक उम्मीद जला करती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रोज़ दरवाज़े खटखटाती है मेरी तन्हाइयां,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यूं वक्त लगता है ज़िंदगी को तन्हा गुजरने में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कुछ ही देर लगती है, उम्र भर की यादें भुलाने में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्यार में पड़े किसी इंसान की दो प्रेमिकाएं होती हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"