इंजी. संजय श्रीवास्तव 249 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next इंजी. संजय श्रीवास्तव 22 May 2023 · 1 min read बनवास बनवास ----- अक्सर मन जब बिन तेरे उदास हो जाया करता है यादें तेरी आकर उसको सहारा दे जाया करती हैं यादों के उस पसमंजर में जब याद मैं तुमको... Poetry Writing Challenge 211 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 22 May 2023 · 2 min read बदलाव बदलाव ______ मेरा देश जल रहा है कोई नहीं बुझाने वाला जिस पर भी किया भरोसा हमने उसने है हमको छल डाला है। जिसको देखो अपनी ही खातिर रोज नए... Poetry Writing Challenge 177 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 22 May 2023 · 1 min read सावन का मौसम ये रिमझिम बारिश का मौसम तिस पर तेरा वियोग व्याकुल मन है इस वियोग में मिलने को मजबूर। तेरी विरह वेदना लेकर मैं अपना हाल सुनाता किसको, कौन होता जो... Poetry Writing Challenge 298 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 22 May 2023 · 1 min read प्रीत की डोर प्रीत की डोर -------------- क्यूं तुमने मुझसे प्रीत लगाई, क्यूं जोड़ी मुझसे नेह की डोर । क्यूं प्रेम बंधन में मुझको बांधा क्यूं आलिंगन किया मेरा तुमने। क्यूं तुमने जोड़ा... Poetry Writing Challenge 80 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 22 May 2023 · 1 min read हंसी अंदाज हंसी अंदाज मेरी सांसो में बसती हो मेरे ख्वाबों में बसती हो तुम हो मेरी जिंदगी तुम तो मेरे दिल में बसती हो मेरे हृदय की धड़कन तुम मेरी सांसो... Poetry Writing Challenge 191 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 22 May 2023 · 1 min read जानता हूं घाव मिले फिर भी मुस्कुराना जानता हूं दर्द दिल का बखुबी छिपाना जानता हूं चाहत की राहों से कतई भी अंजान नही प्यार करता हूं प्यार निभाना जानता हूं इंजी.... Hindi · Quote Writer 375 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 21 May 2023 · 1 min read याद आती है तेरा चेहरा तेरी मुस्कान हरदम याद आती है, होता हूं जब भी उदास तेरी याद बहुत आती है, भुलाने की सारी कोशिशें नाकाम हो गई अब तो जब भी याद... Quote Writer 471 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 21 May 2023 · 1 min read अबीर ओ गुलाल में अब प्रेम की वो मस्ती नहीं मिलती, अबीर ओ गुलाल में अब प्रेम की वो मस्ती नहीं मिलती, चौके से आती पपड़ी और गुझिया की खुशबू नहीं मिलती, कहने को तो हमने कदम चांद तक बढ़ाया है... Quote Writer 416 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 21 May 2023 · 1 min read हर सांझ तुम्हारे आने की आहट सुना करता था हर सांझ तुम्हारे आने की आहट सुना करता था हृदय की हर धड़कन में तुमको ही ढूंढा करता था आओगी तुम जीवन में विश्वास अटल था बचपन से जिंदगी के... Quote Writer 437 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 21 May 2023 · 1 min read तुमसे ही से दिन निकलता है मेरा, तुमसे ही से दिन निकलता है मेरा, और तुम्हीं से तो रात होती है मेरी, तुम हो तो जिंदगी जिंदगी है वरना ये जिंदगी भी गहन अंधकार है मेरी। संजय... Quote Writer 164 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 21 May 2023 · 1 min read दिखती है हर दिशा में वो छवि तुम्हारी है दिखती है हर दिशा में वो छवि तुम्हारी है छीना है चैन जिसने वो आंखे तुम्हारी हैं कर दिया है झंकृत मेरे हृदय के तारों को आती है हर दिशा... Quote Writer 343 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 21 May 2023 · 1 min read बंधन बंधन ---- ये कैसा बंधन है प्रियवर? कैसा ये प्रेम भी होता है? दिखता जब मेहबूब नहीं, दिल सूना सूना रहता है। जब याद तुम्हारी आती है प्रेम प्रस्फुटित होता... Poetry Writing Challenge 131 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 21 May 2023 · 1 min read जीवन सफल हो जाए जीवन सफल हो जाए..... ============ एक चांद की तलाश में जाता था रोज छत पर, शुक्र है खुदा का आज दीदार ए चांद हो गया दीदार करने चमन में रोज... Poetry Writing Challenge 276 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 21 May 2023 · 1 min read जीना चाहता हूं जीना चाहता हूं जुल्फ के साए में तुम्हारे जीना चाहता हूं, इश्क करता हूं बस तुम्हें जताना चाहता हूं। अब तलक जो भी बसर की है जिंदगी मैंने, उस जिंदगी... Poetry Writing Challenge 1 185 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 21 May 2023 · 1 min read निगाहों ने तेरी जी भर के देखा न होता "निगाहों ने तेरी जी भर के देखा ना होता" ------------------------------------------------ दिल मेरा किसी पत्थर की मूरत ही होता गर इसमें तस्वीर ए यार ना होती तुम्हारी, गहरा मेरे दिल पे... Poetry Writing Challenge 204 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 21 May 2023 · 1 min read महकता जीवन महकता जीवन याद है मुझको तुम्हारी निगाहों का मेरी निगाहों से टकरा जाना लिखना कुछ मेज पर तुम्हारा और फिर उसको मिटा देना दबाकर दांत उंगली में ढक्कन पेन का... Poetry Writing Challenge 106 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 21 May 2023 · 1 min read कभी तो इसको खत्म करो कभी तो इसको खत्म करो ++++++++++++++++ देश को मेरे नजर लग गई है ऐसा देश नहीं था मेरा। अपने लिए जीता हर इंसा ऐसा देश नहीं था मेरा। हे मानव... Poetry Writing Challenge 269 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 21 May 2023 · 2 min read जो भूल तेरी बिसरा ना सके "जो भूल तेरी बिसरा ना सके...!!!" ********************** वो मां वो मेरी प्यारी सी मां साए में जिसके तू पला बढ़ा खेला कूदा और मजे किया आज जहां भी पहुंचा है... Poetry Writing Challenge 225 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 21 May 2023 · 1 min read याद तेरी आती है याद तेरी आती है रंग तेरी चाहत का कुछ इस कदर चढ़ा हुआ है ग़र साँस भी लेता हूं तो याद तेरी आती है जुनून तेरे प्यार का कुछ इस... Poetry Writing Challenge 102 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 21 May 2023 · 1 min read इंसानियत की बात इंसानियत की बात जल रहा है देश मेरा प्रेम का राग तो छेड़ो मिटाओ बैर का भाव अमन का राग तो छेड़ो नही संवरेगा कल अपना लड़ा करेंगे जो आपस... Poetry Writing Challenge 350 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 21 May 2023 · 1 min read बातें जहान की करते हैं बातें जहान की करते हैं तुम हो सबसे जुदा जुदा तुम हो सबसे अलग अलग फिर क्यों ना तुम पर मर बैठूं तुम हो सबसे सरल सरल गालों का तबस्सुम... Poetry Writing Challenge 191 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 21 May 2023 · 1 min read साथ छूट गया साथ छूट गया सब प्रेम की बातें करते हैं हृदय में किसी के प्रेम नहीं मिलते हैं सभी एक दूजे से पर दिल से दिल का मेल नहीं मिल जाए... Poetry Writing Challenge 249 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 21 May 2023 · 2 min read अपनों की राह अपनों की राह ----------------- एक छोटा सा नन्हा सा बालक मां के पहलू से निकल कर, इस धरती पर आता है वो नादान निश्चल सा बच्चा , जमाने के साथ... Poetry Writing Challenge 172 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 20 May 2023 · 1 min read एक होना चाहिए इतिहास की घटनाओं से हमें शिक्षा लेनी चाहिए हो गईं जो भूलें उनसे सीख लेनी चाहिए उलझने से आपस में हासिल कुछ भी नही होगा भुलाकर भेदभाव सारे हमें एक... Poetry Writing Challenge 1 226 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 20 May 2023 · 2 min read मेरी पहचान मेरी पहचान मुझसे मेरी पहचान ना छीनों मेरा भी अस्तित्व है अपना मुझसे मेरी जान ना छीनो, किसने दिया अधिकार ये तुमको मुझसे मेरी पहचान ना छीनो। जिस घर में... Poetry Writing Challenge 113 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 18 May 2023 · 1 min read तान तुम्हारी दिखती है हर दिशा में वो छवि तुम्हारी है छीना है चैन जिसने वो आंखे तुम्हारी हैं कर दिया है झंकृत मेरे हृदय के तारों को आती है हर दिशा... Hindi 53 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 14 May 2023 · 1 min read माँ भगवान की साक्षात प्रतिमूर्ति है माँ जीवन की पहली मार्गदर्शक है माँ भटका हूं जब भी अपने पथ से मैं जीवन की पथ प्रदर्शक बनी है माँ संजय श्रीवास्तव 14.5.2023 Hindi 373 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 12 May 2023 · 1 min read आहट हर सांझ तुम्हारे आने की मैं आहट सुना करता था हृदय की हर धड़कन में तुमको ही ढूंढा करता था आओगी तुम जीवन में विश्वास अटल था बचपन से जिंदगी... Hindi · मुक्तक 280 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 14 Apr 2023 · 1 min read प्रतिध्वनि गुंजायमान मेरे सृजन में प्रतिध्वनि तुम्हारी है प्रेरणा ने तुम्हारी ही मेरी लेखनी सुधारी है साथ पाकर ही तुम्हारा तो निखर रहा हूं मैं सम्मिलित हो सृजन तो यह रचना... Hindi 346 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 11 Apr 2023 · 1 min read तुम सांझ ढलती रही दिन भी निकलता ही रहा स्पंदन भी हृदय में बरसों से बना ही रहा किरण बनके जबसे आई हो दिनकर की तुम अब तो हरदम प्रदीप्त मेरा... Hindi · मुक्तक 241 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 8 Mar 2023 · 2 min read मेरी पहचान मुझसे मेरी पहचान ना छीनों मेरा भी अस्तित्व है अपना मुझसे मेरी जान ना छीनो, किसने दिया अधिकार ये तुमको मुझसे मेरी पहचान ना छीनो। जिस घर में मैंने जनम... Hindi · कविता 189 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 6 Apr 2022 · 1 min read अब और क्या चाहिए तुम मिल गए हमदम जीने को अब और क्या चाहिए साथ तेरा काफी है जीने को अब और क्या चाहिए ये धन ये दौलत ये इज़्ज़त ये शोहरत सब गौण... Hindi · कविता 175 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 6 Apr 2022 · 1 min read जीवन संवार ले हर कोई देखो आज के दौर में उम्मीद का दामन थामे बैठा है स्वयं तो कुछ करना ही नहीं है आशाएं औरों से लगाए बैठा है जीवन जीना खुलकर जीना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 116 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 6 Apr 2022 · 1 min read आपस का प्रेम आपस का प्रेम मिलना जुलना यारी दोस्ती अब बीती बातें सी लगती हैं करते हैं छल अपने ही अब तो दोस्त भी छुरा घोंपने बैठा है भाई भाई का बैर... Hindi · कविता 1 231 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 27 Mar 2022 · 1 min read महादेवी वर्मा महादेवी वर्मा छायावाद का एक सशक्त स्तंभ है नाम महादेवी जिनका है वेदना और करुणा का छायांकन किया नाम महादेवी जिनका है भाषा, साहित्य और दर्शन में जिनकी पकड़ भी... Hindi · मुक्तक 169 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read डबल स्टैंडर्ड आजकल लोग पोलिटिकली करेक्ट बने रहना ज्यादा पसंद करते हैं, सच जानते हैं और समझते हैं पर चुप रहना ज्यादा पसंद करते हैं, कतराते हैं किसी विषय पर अपनी बेबाक... Hindi · मुक्तक 292 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read नेताजी छोड़कर नौकरशाही उसे तो आजादी का अलख जगाना था थामकर कमान आजाद हिन्द की देश को नई राह दिखाना था कैसे कर लेता समझौता वो तो दीवाना था आजादी का... Hindi · मुक्तक 285 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read तेरा दीदार इन आँखों को तेरा दीदार भाता है जैसे ऋतुओं में मधुमास भाता है जिंदगी तेरे बगैर तो अधूरी है मेरी सरल को बस एक तेरा साथ भाता है। संजय श्रीवास्तव... Hindi · मुक्तक 207 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read दो गज दूरी ना हो मायूस ए दिल अब तो साथ इसी के जीना है, इसी के साथ हंसना है और इसी के साथ रोना है, रखो तुम थोड़ी सी सावधानी थोड़ी मैं... Hindi · मुक्तक 167 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read कवि प्रदीप कवि प्रदीप फरवरी की छै को जन्मा वह गीतकार अलबेला था राष्ट्र प्रेम पर लिखने वाला वह गीतकार अलबेला था ए मेरे वतन के गवाकर लता को जिसने अमर कर... Hindi · मुक्तक 311 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read क्यूँ ना कुछ एसा किया जाये निकालें फिर समय क्यूँ ना कुछ ऐसा किया जाये मिलें सभी दोस्त क्यूँ ना कुछ ऐसा किया जाये जीने को दुनिया में यूँ तो जी ही रहें हैं हम सभी... Hindi · मुक्तक 216 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read वक़्त बीत चला है दीवारों से मिलकर रोते-रोते अब वक्त बीत चला है तन्हा जीवन जीते जीते अब वक्त बीत चला है आहट तेरे आने की अब नई बहारें लेकर आईं हैं पतझड़ सा... Hindi · मुक्तक 129 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read आजादी छल से नेता बनने को कैसे मैं आजादी कह दूँ साजिश से देश बाँटने को कैसे मैं आजादी कह दूँ कोई दस्तावेज नहीं हैं आजादी का पास हमारे सत्ता के... Hindi · मुक्तक 160 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read स्वामी जी *एक मुक्तक स्वामी जी को समर्पित* संस्कारों के उलटने से ही तो घनानंद बनते हैं, विचारों के संवरने से ही तो स्वामी दयानंद बनते हैं, मिल जाये जब गुरु कोई... Hindi · मुक्तक 411 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read जलता बंगाल जिस बंगाल से हुआ पुनर्जागरण इस समाज का जिस बंगाल से हुआ विकास ज्ञान और शिक्षा का सत्ता के लोलुप लोगों ने क्या हाल बना छोड़ा है जिस बंगाल से... Hindi · मुक्तक 220 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read मिलन फरवरी का *मिलन फरवरी का* पिरोकर बिखरे हुए मोतियों की उसने माला एक बनाई थी, कोई कहीं था कोई कहीं थी उसने पहचान बताई थी। वो कॉलेज के दिन थे अपने वो... Hindi · कविता 158 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read करार करार थमी हुई थी जिंदगी रोशनी का चिराग नहीं मिलता गर्दिशों से उबरने का कोई भी रास्ता नहीं मिलता गर तुम ना मिले होते तो ए मेरे रश्क ए कमर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 199 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read शून्य शून्य सा लगता है शून्य शून्य सा लगता है बिन तेरे मेरे हरदम सावन भी पतझड़ लगता है लोगों से मिलना जुलना भी बेमानी सा लगता है दो चार कदम आगे बढ़कर ना जाने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 152 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read इजाजत नहीं देता निगाहें तेरे चेहरे से मैं हटाता भला कैसे मासूम सा चेहरा मुझे इजाजत नहीं देता तब्बसुम तेरे होठों का मैं चुराता भला कैसे मुस्कराहट भरा चेहरा इजाजत नहीं देता जी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 150 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read मेरी जिंदगी मेरी नींदों में जब आप ही काबिज हैं मेरे हरदम फिर क्यूं दिल दुखाने वाले ख्वाब देखा करते हैं हम आपके हैं जब शुबा इस बात पर नहीं रहा कोई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 246 Share Previous Page 4 Next