इंजी. संजय श्रीवास्तव Language: Hindi 132 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next इंजी. संजय श्रीवास्तव 21 May 2023 · 1 min read कभी तो इसको खत्म करो कभी तो इसको खत्म करो ++++++++++++++++ देश को मेरे नजर लग गई है ऐसा देश नहीं था मेरा। अपने लिए जीता हर इंसा ऐसा देश नहीं था मेरा। हे मानव... Poetry Writing Challenge 259 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 21 May 2023 · 1 min read याद तेरी आती है याद तेरी आती है रंग तेरी चाहत का कुछ इस कदर चढ़ा हुआ है ग़र साँस भी लेता हूं तो याद तेरी आती है जुनून तेरे प्यार का कुछ इस... Poetry Writing Challenge 100 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 21 May 2023 · 1 min read इंसानियत की बात इंसानियत की बात जल रहा है देश मेरा प्रेम का राग तो छेड़ो मिटाओ बैर का भाव अमन का राग तो छेड़ो नही संवरेगा कल अपना लड़ा करेंगे जो आपस... Poetry Writing Challenge 347 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 21 May 2023 · 1 min read बातें जहान की करते हैं बातें जहान की करते हैं तुम हो सबसे जुदा जुदा तुम हो सबसे अलग अलग फिर क्यों ना तुम पर मर बैठूं तुम हो सबसे सरल सरल गालों का तबस्सुम... Poetry Writing Challenge 189 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 21 May 2023 · 1 min read साथ छूट गया साथ छूट गया सब प्रेम की बातें करते हैं हृदय में किसी के प्रेम नहीं मिलते हैं सभी एक दूजे से पर दिल से दिल का मेल नहीं मिल जाए... Poetry Writing Challenge 244 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 21 May 2023 · 2 min read अपनों की राह अपनों की राह ----------------- एक छोटा सा नन्हा सा बालक मां के पहलू से निकल कर, इस धरती पर आता है वो नादान निश्चल सा बच्चा , जमाने के साथ... Poetry Writing Challenge 169 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 20 May 2023 · 1 min read एक होना चाहिए इतिहास की घटनाओं से हमें शिक्षा लेनी चाहिए हो गईं जो भूलें उनसे सीख लेनी चाहिए उलझने से आपस में हासिल कुछ भी नही होगा भुलाकर भेदभाव सारे हमें एक... Poetry Writing Challenge 1 225 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 20 May 2023 · 2 min read मेरी पहचान मेरी पहचान मुझसे मेरी पहचान ना छीनों मेरा भी अस्तित्व है अपना मुझसे मेरी जान ना छीनो, किसने दिया अधिकार ये तुमको मुझसे मेरी पहचान ना छीनो। जिस घर में... Poetry Writing Challenge 112 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 18 May 2023 · 1 min read तान तुम्हारी दिखती है हर दिशा में वो छवि तुम्हारी है छीना है चैन जिसने वो आंखे तुम्हारी हैं कर दिया है झंकृत मेरे हृदय के तारों को आती है हर दिशा... Hindi 51 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 14 May 2023 · 1 min read माँ भगवान की साक्षात प्रतिमूर्ति है माँ जीवन की पहली मार्गदर्शक है माँ भटका हूं जब भी अपने पथ से मैं जीवन की पथ प्रदर्शक बनी है माँ संजय श्रीवास्तव 14.5.2023 Hindi 371 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 12 May 2023 · 1 min read आहट हर सांझ तुम्हारे आने की मैं आहट सुना करता था हृदय की हर धड़कन में तुमको ही ढूंढा करता था आओगी तुम जीवन में विश्वास अटल था बचपन से जिंदगी... Hindi · मुक्तक 278 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 14 Apr 2023 · 1 min read प्रतिध्वनि गुंजायमान मेरे सृजन में प्रतिध्वनि तुम्हारी है प्रेरणा ने तुम्हारी ही मेरी लेखनी सुधारी है साथ पाकर ही तुम्हारा तो निखर रहा हूं मैं सम्मिलित हो सृजन तो यह रचना... Hindi 342 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 11 Apr 2023 · 1 min read तुम सांझ ढलती रही दिन भी निकलता ही रहा स्पंदन भी हृदय में बरसों से बना ही रहा किरण बनके जबसे आई हो दिनकर की तुम अब तो हरदम प्रदीप्त मेरा... Hindi · मुक्तक 240 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 8 Mar 2023 · 2 min read मेरी पहचान मुझसे मेरी पहचान ना छीनों मेरा भी अस्तित्व है अपना मुझसे मेरी जान ना छीनो, किसने दिया अधिकार ये तुमको मुझसे मेरी पहचान ना छीनो। जिस घर में मैंने जनम... Hindi · कविता 187 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 6 Apr 2022 · 1 min read अब और क्या चाहिए तुम मिल गए हमदम जीने को अब और क्या चाहिए साथ तेरा काफी है जीने को अब और क्या चाहिए ये धन ये दौलत ये इज़्ज़त ये शोहरत सब गौण... Hindi · कविता 174 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 6 Apr 2022 · 1 min read जीवन संवार ले हर कोई देखो आज के दौर में उम्मीद का दामन थामे बैठा है स्वयं तो कुछ करना ही नहीं है आशाएं औरों से लगाए बैठा है जीवन जीना खुलकर जीना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 114 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 6 Apr 2022 · 1 min read आपस का प्रेम आपस का प्रेम मिलना जुलना यारी दोस्ती अब बीती बातें सी लगती हैं करते हैं छल अपने ही अब तो दोस्त भी छुरा घोंपने बैठा है भाई भाई का बैर... Hindi · कविता 1 231 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 27 Mar 2022 · 1 min read महादेवी वर्मा महादेवी वर्मा छायावाद का एक सशक्त स्तंभ है नाम महादेवी जिनका है वेदना और करुणा का छायांकन किया नाम महादेवी जिनका है भाषा, साहित्य और दर्शन में जिनकी पकड़ भी... Hindi · मुक्तक 167 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read डबल स्टैंडर्ड आजकल लोग पोलिटिकली करेक्ट बने रहना ज्यादा पसंद करते हैं, सच जानते हैं और समझते हैं पर चुप रहना ज्यादा पसंद करते हैं, कतराते हैं किसी विषय पर अपनी बेबाक... Hindi · मुक्तक 290 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read नेताजी छोड़कर नौकरशाही उसे तो आजादी का अलख जगाना था थामकर कमान आजाद हिन्द की देश को नई राह दिखाना था कैसे कर लेता समझौता वो तो दीवाना था आजादी का... Hindi · मुक्तक 284 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read तेरा दीदार इन आँखों को तेरा दीदार भाता है जैसे ऋतुओं में मधुमास भाता है जिंदगी तेरे बगैर तो अधूरी है मेरी सरल को बस एक तेरा साथ भाता है। संजय श्रीवास्तव... Hindi · मुक्तक 206 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read दो गज दूरी ना हो मायूस ए दिल अब तो साथ इसी के जीना है, इसी के साथ हंसना है और इसी के साथ रोना है, रखो तुम थोड़ी सी सावधानी थोड़ी मैं... Hindi · मुक्तक 164 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read कवि प्रदीप कवि प्रदीप फरवरी की छै को जन्मा वह गीतकार अलबेला था राष्ट्र प्रेम पर लिखने वाला वह गीतकार अलबेला था ए मेरे वतन के गवाकर लता को जिसने अमर कर... Hindi · मुक्तक 309 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read क्यूँ ना कुछ एसा किया जाये निकालें फिर समय क्यूँ ना कुछ ऐसा किया जाये मिलें सभी दोस्त क्यूँ ना कुछ ऐसा किया जाये जीने को दुनिया में यूँ तो जी ही रहें हैं हम सभी... Hindi · मुक्तक 215 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read वक़्त बीत चला है दीवारों से मिलकर रोते-रोते अब वक्त बीत चला है तन्हा जीवन जीते जीते अब वक्त बीत चला है आहट तेरे आने की अब नई बहारें लेकर आईं हैं पतझड़ सा... Hindi · मुक्तक 127 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read आजादी छल से नेता बनने को कैसे मैं आजादी कह दूँ साजिश से देश बाँटने को कैसे मैं आजादी कह दूँ कोई दस्तावेज नहीं हैं आजादी का पास हमारे सत्ता के... Hindi · मुक्तक 157 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read स्वामी जी *एक मुक्तक स्वामी जी को समर्पित* संस्कारों के उलटने से ही तो घनानंद बनते हैं, विचारों के संवरने से ही तो स्वामी दयानंद बनते हैं, मिल जाये जब गुरु कोई... Hindi · मुक्तक 410 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read जलता बंगाल जिस बंगाल से हुआ पुनर्जागरण इस समाज का जिस बंगाल से हुआ विकास ज्ञान और शिक्षा का सत्ता के लोलुप लोगों ने क्या हाल बना छोड़ा है जिस बंगाल से... Hindi · मुक्तक 219 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read मिलन फरवरी का *मिलन फरवरी का* पिरोकर बिखरे हुए मोतियों की उसने माला एक बनाई थी, कोई कहीं था कोई कहीं थी उसने पहचान बताई थी। वो कॉलेज के दिन थे अपने वो... Hindi · कविता 158 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read करार करार थमी हुई थी जिंदगी रोशनी का चिराग नहीं मिलता गर्दिशों से उबरने का कोई भी रास्ता नहीं मिलता गर तुम ना मिले होते तो ए मेरे रश्क ए कमर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 197 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read शून्य शून्य सा लगता है शून्य शून्य सा लगता है बिन तेरे मेरे हरदम सावन भी पतझड़ लगता है लोगों से मिलना जुलना भी बेमानी सा लगता है दो चार कदम आगे बढ़कर ना जाने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 150 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read इजाजत नहीं देता निगाहें तेरे चेहरे से मैं हटाता भला कैसे मासूम सा चेहरा मुझे इजाजत नहीं देता तब्बसुम तेरे होठों का मैं चुराता भला कैसे मुस्कराहट भरा चेहरा इजाजत नहीं देता जी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 148 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read मेरी जिंदगी मेरी नींदों में जब आप ही काबिज हैं मेरे हरदम फिर क्यूं दिल दुखाने वाले ख्वाब देखा करते हैं हम आपके हैं जब शुबा इस बात पर नहीं रहा कोई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 244 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read भोर भोर शीतल बयार और खिली खिली धूप की आहट! नीरवता भंग करती हुई पक्षियों की चहचहाट! निकल पड़े हैं सभी जब स्वच्छंद आकाश में! उठ प्राणी क्यों लीन है अभी... Hindi · कविता 152 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 2 min read मैं कविता हूँ मैं कविता हूँ... मैं कविता हूं मेरे अंदर सुख दुख का अदभुद संगम है मैं कविता हूं मेरे अंदर हर्ष विषाद का दुर्लभ विलयन है मैं कविता हूं मेरे अंदर... Hindi · कविता 271 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 1 Dec 2021 · 1 min read जी चाहता है तेरी जुल्फों के साए में सो जाने को जी चाहता है, तेरी नशीली आंखों में खो जाने को जी चाहता है, चाहत है मेरी अब ये साथ कभी नही छूटे... Hindi · मुक्तक 438 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 23 Nov 2021 · 1 min read राम राम कोहरे में डूबी हुई सुबह की राम राम आपको, आगमन के शीत ऋतु की भी राम राम आपको, शुभकामनाओं से बढ़कर और क्या करूं मैं अर्पण स्नेह और प्यार भरी... Hindi · मुक्तक 207 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 22 Nov 2021 · 1 min read तुम बहुत प्यारे हैं ये फूल बिलकुल तुम्हारी तरह, महकता है उपवन जिससे किसी खुशबु की तरह, आई हो तुम जीवन में जैसे हो कोई चिराग, रोशन किया है मधुबन किसी... Hindi · मुक्तक 234 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 6 Nov 2021 · 1 min read मेरी दिवाली निश्छल पावन प्रेम की परिणिति है दीवाली सत्कर्मों की एक खूबसूरत अनुभूति है दीवाली क्या कुछ नही दिया तुमने इस मेरे सूने जीवन में तुम हो तो ही सब है... Hindi · कविता 194 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 22 Oct 2021 · 1 min read तुम्हारा प्यार डरता हूं इस खयाल से कहीं तू छोड़ कर चल न दे कभी जिंदगी बिन तेरे कुछ और नही बस खंडहर सी हो जाएगी दिन रात बस तेरा खयाल तेरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 217 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 21 Sep 2021 · 1 min read अपना साथ अपना साथ तेरी तस्वीर से बात करते करते हमने रात बिताई है आज ना जाने क्यों मुझे तेरी बहुत याद आई है यूं तो हरदम ही तुम मेरे हृदय में... Hindi · मुक्तक 1 176 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 15 Sep 2021 · 1 min read हिन्दी मन मेरा हिंदी तन मेरा हिंदी नाड़ी में दौड़ता रक्त भी हिंदी श्वांस मेरी हिंदी दृष्टि मेरी हिंदी हृदय के अंदर स्पंदन भी हिंदी भोर मेरी हिंदी संध्या मेरी हिंदी... Hindi · मुक्तक 385 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 5 Sep 2021 · 1 min read शिक्षक आज शिक्षक दिवस के अवसर पर सभी गुरूजनों को समर्पित चंद पन्क्तियाँ। आशा है पसंद करेंगें। ?????? ### शिक्षक ### ना जाने कैसे कैसे किरदारों को तुमने अपने दम पर... Hindi · मुक्तक 181 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 12 Aug 2021 · 1 min read बारिश का मौसम बारिश का मौसम ये रिमझिम बारिश का मौसम प्यारा तिस पर तेरा ये वियोग प्रिये, इस वियोग से हुआ जीना दूभर कब है मिलने का संयोग प्रिये। तेरी विरह वेदना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 389 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 8 Aug 2021 · 1 min read तुम हो तुम हो मेरी नींदों में तुम हो मेरे ख्वाबों में तुम हो कैसे कहूँ ये बात तुम्हे मैं मेरे मन के मंदिर में तुम हो भोर की लालिमा में तुम... Hindi · कविता 1 492 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 18 Jul 2021 · 1 min read दामन दोस्ती का दोस्ती के दामन पर क्यूँ एक दाग लगा गया कोई हंसते खेलते परिवार को क्यूँ नजर लगा गया कोई फूटेंगी क्या कोपलें भी कभी इन उजड़े दरख्तों में प्रेम की... Hindi · मुक्तक 2 303 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 2 Jul 2021 · 1 min read रिश्ते एक चेहरे पर दूजा चेहरा लोगों को हमने लगाए देखा, छल और कपट से रिश्ते हमने लोगों को निभाते देखा, चार दिनों की है जिंदगानी फिर भी अजब फरेब तो... Hindi · मुक्तक 372 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 26 Jun 2021 · 1 min read मिलन फरवरी का पिरोकर बिखरे मोतियों की उसने माला एक बनाई थी, कोई कहीं था कोई कहीं थी उसने पहचान बताई थी। वो कॉलेज के दिन थे अपने वो मस्ती का आलम था,... Hindi · कविता 1 578 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 13 Jun 2021 · 1 min read बारिश का मौसम बारिश का मौसम ये रिमझिम बारिश का मौसम प्यारा तिस पर तेरा ये वियोग प्रिये, इस वियोग से हुआ जीना दूभर कब है मिलने का संयोग प्रिये। तेरी विरह वेदना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 326 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 9 Jun 2021 · 1 min read आओ दीपावली कुछ एसे भी मनाएँ आओ दीपावली कुछ ऐसे भी मनाएं जलाएं दीप खुशियों के घर अपने जरूर लेकिन मेरे यार, बस एक दीपक किसी मुफलिस और मजलूम के घर भी जलाएं। आओ दीपावली कुछ... Hindi · गीत 223 Share Previous Page 2 Next