Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
126 posts
Page 3
हमें दुख देकर खुश हुए थे आप
हमें दुख देकर खुश हुए थे आप
ruby kumari
हम इतने सभ्य है कि मत पूछो
हम इतने सभ्य है कि मत पूछो
ruby kumari
कोई इंसान अगर चेहरे से खूबसूरत है
कोई इंसान अगर चेहरे से खूबसूरत है
ruby kumari
मैं अपनी खूबसूरत दुनिया में
मैं अपनी खूबसूरत दुनिया में
ruby kumari
दोस्तों के साथ धोखेबाजी करके
दोस्तों के साथ धोखेबाजी करके
ruby kumari
हजारों लोग मिलेंगे तुम्हें
हजारों लोग मिलेंगे तुम्हें
ruby kumari
जमाने से सुनते आये
जमाने से सुनते आये
ruby kumari
इन टिमटिमाते तारों का भी अपना एक वजूद होता है
इन टिमटिमाते तारों का भी अपना एक वजूद होता है
ruby kumari
नाज़ुक सा दिल मेरा नाज़ुकी चाहता है
नाज़ुक सा दिल मेरा नाज़ुकी चाहता है
ruby kumari
जब कभी भी मुझे महसूस हुआ कि जाने अनजाने में मुझसे कोई गलती ह
जब कभी भी मुझे महसूस हुआ कि जाने अनजाने में मुझसे कोई गलती ह
ruby kumari
क़भी क़भी इंसान अपने अतीत से बाहर आ जाता है
क़भी क़भी इंसान अपने अतीत से बाहर आ जाता है
ruby kumari
मुझे लगता था
मुझे लगता था
ruby kumari
सुख के क्षणों में हम दिल खोलकर हँस लेते हैं, लोगों से जी भरक
सुख के क्षणों में हम दिल खोलकर हँस लेते हैं, लोगों से जी भरक
ruby kumari
जिंदगी जब जब हमें
जिंदगी जब जब हमें
ruby kumari
सबसे ज्यादा विश्वासघात
सबसे ज्यादा विश्वासघात
ruby kumari
मेरा तितलियों से डरना
मेरा तितलियों से डरना
ruby kumari
कोई उपहास उड़ाए ...उड़ाने दो
कोई उपहास उड़ाए ...उड़ाने दो
ruby kumari
हम उसी समाज में रहते हैं...जहाँ  लोग घंटों  घंटों राम, कृष्ण
हम उसी समाज में रहते हैं...जहाँ लोग घंटों घंटों राम, कृष्ण
ruby kumari
आज की जेनरेशन
आज की जेनरेशन
ruby kumari
जीवन में कम से कम एक ऐसा दोस्त जरूर होना चाहिए ,जिससे गर सप्
जीवन में कम से कम एक ऐसा दोस्त जरूर होना चाहिए ,जिससे गर सप्
ruby kumari
बड़ा अखरता है मुझे कभी कभी
बड़ा अखरता है मुझे कभी कभी
ruby kumari
तेरी सख़्तियों के पीछे
तेरी सख़्तियों के पीछे
ruby kumari
दुख से बचने का एक ही उपाय है
दुख से बचने का एक ही उपाय है
ruby kumari
मैं अचानक चुप हो जाती हूँ
मैं अचानक चुप हो जाती हूँ
ruby kumari
गुलाब के अलग हो जाने पर
गुलाब के अलग हो जाने पर
ruby kumari
नहीं हूँ मैं किसी भी नाराज़
नहीं हूँ मैं किसी भी नाराज़
ruby kumari
Page 3
Loading...